वामन द्वादशी का महत्व , मुहूर्त , पूजन विधि एवं उपाय – Vaman Dwadashi
Vaman Dwadashi गुरु माँ निधि जी श्रीमाली ने बताया है की वामन जयंती या वामन द्वादशी व्रत हिन्दू धर्म में महत्वपूर्ण है. भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष की बारहवीं तिथि को वामन द्वादशी कहते हैं. इस दिन भगवान विष्णु ने वामन अवतार के रूप में जन्म लिया था. हर साल भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को वामन जयंती मनाई जाती है. इस दिन भगवान विष्णु के पूर्णावतार वामन भगवान की जयंती के रूप में मनाई जाती है Vaman Dwadashi
वामन द्वादशी की तिथि
द्वादशी तिथि का प्रारम्भ 26 सितम्बर 2023, मंगलवार के दिन सुबह 05 बजे से हो रहा है जिसका समापन 27 सितंबर, बुधवार के दिन सुबह 01 बजकर 45 मिनट पर हो रहा है। ऐसे में वामन द्वादशी 26 सितंबर को मनाई जाएगी Vaman Dwadashi
वामन द्वादशी का महत्व
गुरु माँ निधि जी श्रीमाली के अनुसार भगवान विष्णु के दसवें अवतार में से एक हैं. मान्यता है कि वामन जयंती को भगवान विष्णु के वामन रूप की पूजा से समस्त बुरे कर्मों से छुटकारा मिल सकता है. यहां जानते हैं कि वामन जयंती कब मनाई जाएगी वामन द्वादशी के दिन भगवान विष्णु का पूजन करने से मनुष्य के अंदर से अहंकार की भावना खत्म हो जाती है. यह भी मान्यता है कि वामन द्वादशी के दिन भगवान के वामन रूप की पूजा करने से बुरे कर्मों से छुटकारा मिलता है Vaman Dwadashi
वामन द्वादशी कथा
गुरु माँ निधि जी श्रीमाली के अनुसार अत्यंत बलशाली दैत्य राजा बलि ने इंद्रदेव से देवलोक छीन लिया था। तब इंद्रदेव सभी देवताओं के साथ भगवान विष्णु से मदद मांगने पहुंचे क्योंकि उन्हें डर था कि राजा महाबली परम शासक बन सकते हैं। भगवान विष्णु ने सबको विश्वास दिलाया कि वो जल्द ही इस समस्या का समाधान ढूढेंगे और उनको देवलोक वापस दिलवाएंगे। इसके बाद भगवान विष्णु ने वामन के रूप में धरती पर पांचवां अवतार लिया। असुर राज बलि प्रह्लाद के पौत्र भी हैं इसलिए वो दयालु असुर के नाम से भी जाने जाते हैं। वामन देव बौने ब्राह्मण के वेश में बली के पास गये और उससे रहने के लिए तीन कदम भूमि मांगी। राजा बलि के द्वार पर जो कोई भी जाता था वो उसे कभी खाली नहीं भेजते थे। बलि ने गुरु शुक्राचार्य की चेतावनी के बावजूद वामन देव को वचन दे डाला। वामन देव ने अपना आकार इतना बड़ा कर लिया कि पहले ही कदम में पूरा भूलोक (पृथ्वी) नाप लिया। दूसरे कदम में सारा देव लोक ले लिया। जब तीसरे कदम की बारी आई तो भूमि समाप्त हो गई थी लेकिन वचन के पक्के राजा बलि ने अपना वादा पूरा करने के लिए अपना सिर प्रस्तुत कर दिया। ये देखकर वामन देव बहुत खुश हुए और बलि को पाताल लोक देने का निश्चय किया। वामन देव ने बलि के सिर पर अपना पैर रखा, जिससे राजा बलि पाताल लोक में पहुंच गए।. Vaman Dwadashi
वामन जयंती की पूजा विधि
वामन जयंती के दिन सुबह जल्दी उठें और स्नान आदि के बाद पूजा करें.चौकी पर पीला कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु के वामन अवतार की तस्वीर स्थापित करें. इस दिन श्रवण नक्षत्र में पूजा करना सबसे श्रेष्ठ माना जाता है. उन्हें रोली, पीले फूल, नैवेद्य आदि अर्पित करें. इसके साथ ही भगवान को दही और मिश्री का भोग लगाएं. पूजा करने के बाद वामन अवतार की कथा जरूर पढ़ें. आरती करें और अन्त में प्रसाद बांटे. इस दिन श्रवण नक्षत्र में पूजा को सर्वश्रेष्ठ माना जाता है.
वामन द्वादशी पर क्या करें दान
वामन द्वादशी का व्रत रखने और पूजा-पाठ करने के बाद एक बर्तन में एक कटोरी चीनी, एक कटोरी चाव और एक कटोरी दही रखकर ब्राह्मण को दान करें। इस दिन सफेद चीज़ों का दान शुभ होता है। इसके आलावा आप ब्राह्मणों को माला, आसन, कपड़े, फल और गीता भी दान कर सकते हैं। ऐसा करने से भगवान विष्णु काफी प्रसन्न होते हैं। Vaman Dwadashi
गुरु माँ निधि जी श्रीमाली के अनुसार बताये गए वामन द्वादशी उपाय
- दही और मिश्री का भोग
इस दिन वामन देव को दही और मिश्री का भोग लगाना चाहिए. भगवान विष्णु को पीला रंग विशेष रूप से प्रिय है इसलिए दही मिश्री में थोड़ी से केसर मिला देना चाहिए. - भोग के लिए लड्डू
वामन द्वादशी के दिन भगवान वामन की पूजा के समय भोग के लिए 52 पेड़े या लड्डू रखें. इससे भगवान वामन प्रसन्न होंगे. इससे मन को शांति मिलती है. - कांसे के बर्तन में दीपक जलाएं
वामन द्वादशी के दिन भगवान वामन की कृपा पाने के लिए इस दिन कांसे के बर्तन में घी का दीया जलाएं. ऐसा करने से गृह क्लेश से मुक्ति मिलती है. - उन्नति के लिए उपाय
वामन द्वादशी के दिन कारोबार में उन्नति और नौकरी में प्रमोशन के लिए भगवान वामन को नारियल पर यज्ञोपवीत लपेटकर चढ़ाएं. - दही का दान
आर्थिक उन्नति के लिए वामन द्वादशी के दिन पूजा करने के बाद दही का दान दें. ऐसा करना शुभ माना जाता है, इससे आर्थिक उन्नति होती है. Vaman Dwadashi - वामन का अभिषेक
वामन द्वादशी पूजा के दिन भगवान वामन की मूर्ति पर दक्षिणावर्ती शंख में दूध डालकर भगवान वामन का अभिषेक करें. अगर आप इस दिन ऐसा करेंगे तो आपको भगवान का मनोवांछित फल मिलता है. - स्वस्थ और निरोगी काया
स्वस्थ और निरोगी रहने के लिए वामन द्वादशी के दिन भगवान को शहद चढ़ाकर उसका नित्य सेवन करना चाहिए. इसके अलावा शारीरिक कष्टों से भी मुक्ति मिलती है. - पयोव्रत अनुष्ठान
अगर आपको बेटे की चाह है तो इस दिन पुत्र प्राप्ति के लिए इस दिन पयोव्रत अनुष्ठान कर सकते हैं. Vaman Dwadashi
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