नाग पंचमी का महत्व ,पूजा विधि एवं उपाय – Nag Panchami
Nag Panchami सावन का पवित्र महीना चल रहा है। यह महीना भगवान शिव की पूजा-पाठ और आराधना के लिए सबसे शुभ और मंगलकारी माना गया है। इसी सावन के महीने में नाग पंचमी का त्योहार भी मनाया जाता है। गुरु माँ निधि जी श्रीमाली के अनुसार सावन शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर नाग पंचमी का पर्व आता है। इसमें नाग देवता की विशेष रूप से पूजा-आराधना की जाती है। नाग देवता भगवान शिव के गले की शोभा को बढ़ाते हैं। हिंदू धर्म में नाग पंचमी का विशेष महत्व होता है। ऐसी मान्यता है इस दिन नाग देवत की पूजा करने पर घर में सुख और समृद्धि का वास होता है Nag Panchami
नाग पंचमी का महत्व
गुरु माँ निधि जी श्रीमाली ने बताया है की हिंदू त्योहारों में नाग पंचमी का खास महत्व है. नाग शिव भगवान के गले का आभूषण है. नाग पंचमी पर जीवन में सुख-समृद्धि, खेतों में फसलों की रक्षा के लिए नाग देवता की पूजा की जाती है. नाग पंचमी के त्योहार पर नाग देवता के साथ भगवान भोलेनाथ की पूजा व रुद्राभिषेक करने से जीवन में कालसर्प दोष खत्म होता है. इस दिन नागों को अभिषेक कराने और उन्हें दूध चढ़ाने से पुण्य की प्राप्ति होती है. शास्त्रों के अनुसार, नाग पंचमी पर अगर घर के बाहर सांप का चित्र बनाया जाता है तो इससे नाग देवता की कृपा परिवार पर बनी रहती है. Nag Panchami
नाग पंचमी की कथा
गुरु माँ निधि जी श्रीमाली के अनुसार श्रीकृष्ण के मामा कंस ने उन्हें मारने के लिए कालिया नाग को भेजा था। एक दिन जब कन्हैया अपने दोस्तों के साथ खेल रहे थे तो उनकी गेंद नदी में गिर गई था। इसके बाद वह उसे लाने के लिए नदी में उतरे तो कालिया ने उन पर आक्रमण कर दिया। लेकिन श्रीकृष्ण ने उसके अभिमान को चूर-चूर कर दिया। उसे भी अपनी गलती का अहसास हुआ और उसने कन्हैया से माफी मांगी। साथ ही कृष्ण जी को वचन दिया कि वह अब कभी भी गांववालों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाएगा और वहां से हमेशा-हमेशा के लिए चला जाएगा। कालिया नाग पर श्रीकृष्ण की विजय को भी नाग पंचमी के रूप में मनाया जाता है। Nag Panchami
नाग पंचमी पूजा विधि
- सूर्योदय से पूर्व स्नान के बाद भगवान भोलेनाथ का स्मरण करें. मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से सर्प भय से मुक्ति मिलती है.
- भगवान शिव का जलाभिषेक कर, षोडोपचार से उनकी विधि वत पूजा करें. बेलपत्र, धतूरा पुष्प आदि अर्पित करें.
- अब शिव जी के गले में विराजमान नाग देवता को तांबे के लोटे से जल और पीतल के लोटे से दूध चढ़ाएं. अगर संभव हो तो चांदी के नाग-नागिन का जोड़ा मंदिर में रखकर इनका पूजन-अभिषेक करें. मान्यता है इससे नाग देवता और शिव जी दोनों प्रसन्न होते हैं.
- घर के द्वार पर गोबर से नाग देवता की आठ आकृतियां बनाएं और फिर इनकी रोली, हल्दी, अक्षत, फूल, फल, मिठाई अर्पित करें.
- नाग देवता की पूजा में ऊं कुरू कुल्ले फट स्वाहा मंत्र का जाप करें. गुड़ में घी मिलाकर नाग देवता को अर्पित करें. Nag Panchami
नाग पंचमी के दिन ना करें ये काम
– नाग पंचमी के दिन खेत-खलियान पर कामन नहीं करना चाहिए। इसके अलावा नाग पंचमी के दिन पेड़ पौधों की कटाई भी नहीं करनी चाहिए।
– नाग पंचमी के दिन सांप को परेशान नहीं करना चाहिए और अगर इस दिन घर सांप दिखाई पड़ जाए तो उसे सुरक्षित जगह पर छोड़ देना चाहिए।
– नाग पंचमी के दिन सूई धागे का उपयोग न करें।
– नाग पंचमी के दिन भूलकर भी नुकीली या धारदार वस्तुओं का उपयोग भी न करें। Nag Panchami
गुरु माँ निधि जी श्रीमाली के अनुसार नागपंचमी के उपाय
- यदि आप आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं तो धन लाभ के लिए नाग पंचमी के दिन अपने घर के मुख्य द्वार पर सर्प की आकृति बनाएं और इसकी विधिवत पूजा अर्चना करें। ऐसा करने से आपको आर्थिक लाभ मिलेगा।
- यदि आप आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं तो धन लाभ के लिए नाग पंचमी के दिन अपने घर के मुख्य द्वार पर सर्प की आकृति बनाएं और इसकी विधिवत पूजा अर्चना करें। ऐसा करने से आपको आर्थिक लाभ मिलेगा।
- अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु और केतु का प्रभाव है। तो ऐसे लोगों को भी नागपंचमी के दिन नाग देवता की विशेष पूजा अर्चना करनी चाहिए। ऐसा करने से आपको राहु और केतु दोष से मुक्ति मिलेगी
- यदि आपकी कोई मनोकामना है तो नाग पंचमी के दिन नीचे दिए गए मंत्रों का जप कम से कम 108 बार करना चाहिए।
‘नागेन्द्रहाराय ओम नम: शिवाय’
‘ओम नागदेवतायै नम:’ या नाग पंचमी मंत्र ‘ओम नागकुलाय विद्महे विषदन्ताय धीमहि तन्नो सर्प प्रचोदयात्.’
- भगवान शिव की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए नाग पंचमी के दिन शिवलिंग का रुद्राभिषेक कराएं। साथ ही भगवान शिव पर अर्क, पुष्प, धतूरा, बेलपत्र जरूर अर्पित करें। ऐसा करने से महादेव की कृपा प्राप्त होगी। Nag Panchami
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