जानिए कजरी तीज का महत्व , पूजा विधि , लाभ एवं उपाय – Kajri Teej
Kajri Teej गुरु माँ निधि जी श्रीमाली ने बताया है की भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को कजरी तीज व्रत रखा जाता है, इसे कजलिया तीज और सातुड़ी तीज के नाम से भी जाना जाता है. ये साल की बड़ी तीज में से एक है. कजरी तीज रक्षा बंधन के तीन दिन बाद आती है. इस दिन सुहागिन महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए दिन भर निर्जला व्रत रखती हैं और करवाचौथ की तरह शाम के समय चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद व्रत का पारण करती हैं। सुहागिनें पति की दीर्धायु, संतान की खुशहाली और परिवार के सुख के लिए इस दिन मान्यता है कि कजरी तीज के दिन विधि पूर्वक पूजा करने से भगवान शिव और माता पार्वती प्रसन्न होते हैं इस व्रत में शिव जी और माता पार्वती की पूजा का विधान है. व्रत रखकर शंकर-पार्वती की पूजा करती हैं Kajri Teej
कजरी तीज 2023 तिथि
गुरु माँ निधि जी श्रीमाली के अनुसार भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि की शुरुआत 01 सितंबर 2023 को रात 11 बजकर 50 मिनट पर हो रही है। अगले दिन 02 सितंबर 2023 को रात 08 बजकर 49 मिनट पर यह तिथि समाप्त होगी। उदया तिथि के अनुसार इस साल कजरी तीज 2 सितंबर 2023 को मनाई जाएगी। Kajri Teej
कजरी तीज का महत्व
दुसरे तीज त्यौहार की तरह इस तीज का भी अलग महत्त्व है. तीज एक ऐसा त्यौहार है जो शादीशुदा लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है. हमारे देश में शादी का बंधन सबसे अटूट माना जाता है. पति पत्नी के रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए तीज का व्रत रखा जाता है. दूसरी तीज की तरह यह भी हर सुहागन के लिए महत्वपूर्ण है. इस दिन भी पत्नी अपने पति की लम्बी उम्र के लिए व्रत रखती है, व कुआरी लड़की अच्छा वर पाने के लिए यह व्रत रखती है. Kajri Teej
कजली तीज नाम क्यों पड़ा?
गुरु माँ निधि जी श्रीमाली के अनुसार मध्य भारत में कजली नाम का एक वन था. इस जगह का राजा दादुरै था. इस जगह में रहने वाले लोग अपने स्थान कजली के नाम पर गीत गाते थे जिससे उनकी इस जगह का नाम चारों और फैले और सब इसे जाने. कुछ समय बाद राजा की म्रत्यु हो गई और उनकी रानी नागमती सती हो गई. जिससे वहां के लोग बहुत दुखी हुए और इसके बाद से कजली के गाने पति – पत्नी के जनम – जनम के साथ के लिए गाये जाने लगे. इसके अलावा एक और कथा इस तीज से जुडी है. माता पार्वती शिव से शादी करना चाहती थी लेकिन शिव ने उनके सामने शर्त रख दी व बोला की अपनी भक्ति और प्यार को सिद्ध कर के दिखाओ. तब पार्वती ने 108 साल तक कठिन तपस्या की और शिव को प्रसन्न किया. शिव ने पार्वती से खुश होकर इसी तीज को उन्हें अपनी पत्नी के रूप में स्वीकारा था. इसलिए इसे कजरी तीज कहते है. कहते है बड़ी तीज को सभी देवी देवता शिव पार्वती की पूजा करते है. Kajri Teej
कजरी तीज 2023 की पूजा विधि
- कजरी तीज व्रत वाले दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं।
- इसके बाद पूजा स्थल को साफ करके वहां एक चौकी पर लाल रंग या पीले रंग का वस्त्र बिछाएं।
- माता पार्वती और भगवान शिव की मूर्ति स्थापित करें। यह मूर्ति वह मिट्टी से स्वयं बना सकती हैं या फिर बाजार से लाकर स्थापित कर सकती हैं।
- इसके बाद वे शिव-गौरी का विधि विधान से पूजन करें, जिसमें वह माता गौरी को सुहाग के 16 सामग्री अर्पित करें।
- भगवान शिव को बेलपत्र, गाय का दूध, गंगा जल और धतूरा अर्पित करें।
- इसके बाद शिव-गौरी के विवाह की कथा सुनें।
- रात्रि में चंद्रोदय होने पर पूजा करें और हाथ में चांदी की अंगूठी और गेहूं के दाने लेकर चंद्रदेव को जल का अर्घ्य दें।
- पूजा समाप्त होने के बाद किसी सौभाग्यवती स्त्री को सुहाग की वस्तुएं दान करके उनका आशीर्वाद लें और व्रत खोलें। Kajri Teej
तीज पर व्रत रखने से मिलते है ये लाभ
कजरी तीज व्रत करने से अनेक लाभ होते हैं:
- सुखी विवाह जीवन: कजरी तीज पर व्रत करने से जातक को सुखी वैवाहिक जीवन का लाभ मिलता है।
- संतान की प्राप्ति: कजरी तीज व्रत करने से जातक को संतान की प्राप्ति होती हैं।
- समृद्धि और सफलता: कजरी तीज व्रत करने से जातक के जीवन में समृद्धि और सफलता में वृद्धि होती है।
- स्वस्थ जीवन: कजरी तीज व्रत करने से व्यक्ति का शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है।
- नवग्रहों के प्रभाव को कम करना: कजरी तीज व्रत करने से व्यक्ति के नवग्रहों के प्रभाव को कम किया जा सकता है।
- अधिक धन की प्राप्ति: कजरी तीज व्रत करने से धन की प्राप्ति में वृद्धि होती है।
- दुःखों से मुक्ति: कजरी तीज व्रत करने से व्यक्ति अपने सभी दुःखों से मुक्ति पा सकता है। Kajri Teej
गुरु माँ निधि जी श्रीमाली के अनुसार कजरी तीज पर करे ये उपाय
- जीवनसाथी को निरोगी बनाने के लिए उपाय
अगर आपके जीवनसाथी बीमार रहते हैं, जिस वजह से दांपत्य सुख बरकरार नहीं हैं। तो, कजरी तीज पर दंपत्ति राधा-कृष्ण मंदिर में मिश्री अर्पित करें। तथा प्रसाद के रूप में दोनों एकसाथ सेवन करें। इस उपाय से आपके जीवनसाथी सदा स्वस्थ रहेंगे।
2. जीवनसाथी के कार्य में सफलता के लिए उपाय
यदि अनेक प्रयास करने पर भी आपके जीवनसाथी को किसी कार्य में सफलता नहीं मिल रही है। तो, कजरी तीज पर राधा-कृष्ण मंदिर में इलायची अर्पित करें। फिर इस इलायची को अपने घर लें आएं। जब भी आपके जीवनसाथी किसी भी कार्य को पूर्ण करने के लिए निकलें, तब यह इलायची उनको दे दें।
3. वैवाहिक जीवन को सुखी बनाने के लिए उपाय
अगर आपको अपने जीवनसाथी से मनचाहा प्यार नहीं मिल रहा है तो, इस दिन माता पार्वती को श्रृंगार की वस्तुएं अर्पित करें तथा उनके मांग में लगा सिंदूर अपने मांग में लगा लें।
4. दांपत्य जीवन से आर्थिक तंगी दूर करने के लिए उपाय
यदि कड़ी मेहनत करने के बाद भी आपके जीवनसाथी आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं तो, कजरी तीज पर काले कपड़े गरीबों में दान करें। इससे आपके जीवनसाथी को आर्थिक तंगी के मुक्ति मिलेगी।
5. जीवनसाथी की नौकरी के लिए उपाय
नौकरी की तलाश करते-करते अगर आपके जीवनसाथी थक गए हैं तो कजरी तीज की शाम सरसों के तेल का दीपक शनि मंदिर में जलाएं। इस उपाय से बेरोजगारी की समस्या दूर होगी।
6. घर की बरकत के लिए उपाय
अगर आपके घर में बरकत रुक गई है तो, कजरी तीज पर यथा शक्ति का दान किसी गरीब या असहाय व्यक्ति को करें। इस उपाय से आपके घर में धन, संपत्ति और सुख की कमी नहीं रहेगी। Kajri Teej
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इस साल अधिकमास होने के कारण श्रावण मास 2 महीने तक रहेगा अर्थात भगवान् शिव की भक्ति के लिए अधिक समय मिलेगा 19 साल बाद ऐसा संयोग बनने से श्रावण मास का महत्व ओर अधिक बढ़ गया हर साल की तरह इस साल भी हमारे संस्थान में महारुद्राभिषेक का आयोजन किया जा रहा है अगर आप भी भगवान् शिव की कृपा पाना चाहते है तो इस महारुद्राभिषेक में हिस्सा लेकर अपने नाम से रुद्राभिषेक करवाए यह रुद्राभिषेक गुरु माँ निधि जी श्रीमाली एवं हमारे अनुभवी पंडितो द्वारा विधि विधान से एवं उचित मंत्रो उच्चारण के साथ सम्पन्न होगा आज ही रुद्राभिषेक में हिस्सा लेकर भगवान् शिव का विशेष आशीर्वाद प्राप्त करे एवं किसी भी अन्य दिन किसी भी प्रकार की पूजा , जाप एवं भगवान् शिव के महामृत्युंजय का जाप करवाना चाहते है तो हमारे संस्थान में संपर्क करे
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