जानिए हरियाली तीज का महत्व , व्रत कथा ,विधि एवं उपाय –Hariyali Teej
Hariyali Teej गुरु माँ निधि जी श्रीमाली ने बताया है की सावन का महीना है और हर तरफ हरियाली है. इसी हरियाली और सावन से जुड़ा है एक खास पर्व- तीज. प्रकृति के हरे रंग में ढके होने की वजह से ही सावन महीने में आने वाली इस तीज को हरियाली तीज कहा जाता है. तीज का ही एक और व्रत होता है हरियाली तीज में विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र की कामना के साथ व्रत रखकर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं हरियाली तीज सावन शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाते हैं. इस बार हरियाली तीज 19 अगस्त 2023 को मनाई जाएगी. सावन का महीना हरियाली का प्रतीक है. इसलिए महिलाएं हरे रंग के वस्त्र व चूड़ियां पहनकर व्रत रखती हैं. साथ ही भगवान शंकर और माता पार्वती की पूजा-अर्चना करती हैं. Hariyali Teej
हरियाली तीज का महत्व
गुरु माँ निधि जी श्रीमाली के अनुसार माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए बहुत कठिन तपस्या की थी. कठिन तपस्या और 108 जन्म की लंबी प्रतीक्षा के पश्चात माता पार्वती ने भोलेनाथ को पति के रूप में प्राप्त किया था. तभी से ऐसा माना जाता है कि जो भी सुहागन स्त्रियां इस दिन व्रत करती हैं उन्हें सौभाग्य का वरदान प्राप्त होता है. नव विवाहित स्त्रियों के लिए विवाह के पश्चात पड़ने वाले श्रावण के पहले पर्व का विशेष महत्व होता है. हरियाली तीज के अवसर पर लड़कियों को ससुराल से मायके बुला लिया जाता है. इस दिन सभी सुहागन स्त्रियां अपनी सास के पैर छूकर उन्हें सुहाग देती हैं. Hariyali Teej
हरियाली तीज व्रत कथा
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए 107 बार पृथ्वी पर जन्म लिया, पर एक बार भी वह भोलेनाथ को पति के रूप में प्राप्त नहीं कर सकी. 107 बार जन्म लेने के पश्चात जब माता पार्वती ने 108 वीं बार पर्वतराज हिमालय के घर जन्म लिया तब उन्होंने भोलेनाथ को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए बहुत कठिन तपस्या की. इस कठिन तपस्या में माता पार्वती ने अन्न जल का त्याग कर दिया और सूखे पत्तों का सेवन करके भोलेनाथ की तपस्या की. माता पार्वती के पिता उनकी ऐसी स्थिति देखकर बहुत ही नाराज थे. माता पार्वती ने एक गुफा के अंदर भोलेनाथ की कठिन तपस्या की. भाद्रपद मास में तृतीय शुक्ल पक्ष तिथि के दिन माता पार्वती ने बालू से शिवलिंग बनाकर भोलेनाथ की तपस्या की. माता पार्वती की कठिन तपस्या से प्रसन्न होकर भोलेनाथ ने उन्हें मनोकामना पूरी होने का वरदान दिया. तभी से ऐसा माना जाता है कि जो भी स्त्री इस दिन पूरी श्रद्धा और आस्था के साथ व्रत और पूजन करती है उसे अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है. कुंवारी कन्या भी अच्छा जीवन साथी प्राप्त करने के लिए यह व्रत कर सकती हैं. Hariyali Teej
हरियाली तीज व्रत पूजा विधि
- गुरु माँ निधि जी श्रीमाली ने बताया कि हरियाली तीज के दिन साफ-सफाई करके घर को तोरण और मंडप से सजाएं.
- एक चौकी पर मिट्टी में गंगाजल मिलाकर शिवलिंग, श्री गणेश, माँ पार्वती और उनकी सखियों की प्रतिमा का निर्माण करें.
- सभी देवी-देवताओं की मिट्टी की प्रतिमा बनाने के उपरांत सुहाग की समस्त सामग्री को एक थाली में एकत्रित करें और माता पार्वती को अर्पित करें.
- माँ पार्वती के बाद भगवान शंकर को वस्त्र अर्पण करें, इसके बाद देवताओं का ध्यान करते हुए षोडशोपचार पूजन करें.
- अंत में हरियाली तीज की कथा सुननी या पढ़नी चाहिए. हरियाली तीज व्रत की पूजा पूरी रात चलती है. इस दौरान महिलाओं द्वारा जागरण और कीर्तन भी किये जाते है. Hariyali Teej
हरियाली तीज व्रत के नियम
- हरियाली तीज का व्रत निर्जला व्रत होता है, इसलिए यदि आप यह व्रत रख रही हैं तो ध्यान रहे कि व्रत की शुरुआत से लेकर पारण तक पानी ग्रहण न करें। ऐसा करने से माता पार्वती की कृपा प्राप्त होती है।
- हरियाली तीज पर हरे रंग का विशेष महत्व है। इसलिए इस दिन हरे रंग के वस्त्र ही धारण करने चाहिए। जितना हो सके अपने श्रृंगार में हरे रंग को शामिल करें जैसे- रंग की चूड़ी, बिंदी, हरी साड़ी आदि।
- हरियाली तीज का पर्व माता पार्वती को समर्पित है। साथ ही इस दिन 16 श्रृंगार का भी विशेष महत्व है। इसलिए इस दिन माता पार्वती को 16 श्रृंगार अर्पित करें। साथ ही अपने श्रृंगार 16 श्रृंगार की वस्तुएं जैसे- मेहदी, महावर, कुमकुम, सिंदूर, चूड़ी, आभूष्ण, आदि शामिल करें।
- हरियाली तीज का व्रत महिलाएं अपने पति के सुखी जीवन के लिए रखती हैं। ऐसे में कोशिश करें कि व्रत के दिन पति-पत्नी किसी भी बात को लेकर आपस में वाद-विवाद न करें। इस दिन किसी का बड़े-बुजुर्ग का अपमान नहीं करना चाहिए। ऐसा करने पर व्रत का पूरा फल प्राप्त नहीं होता। Hariyali Teej
गुरु माँ निधि जी श्रीमाली द्वारा बताये गए हरियाली तीज के कुछ विशेष उपाय
- विवाह में किसी कारण देरी हो रही है या शादी के बंधन में बंधते-बंधते रिश्ता टूट जाता है, तो हरियाली तीज के दिन माता पार्वती की चरणों में हल्दी की 11 गांठ चढ़ा दें। इस बात का ध्यान रखें कि शिवजी को हल्दी न चढ़ाएं।
- हरियाली तीज के दिन किसी गरीब बच्चे को भोजन कराएं। उस बच्चे को खिलौने दान करें। इससे संतान प्राप्ति की बाधा दूर होगी।
- हरियाली तीज के दिन माता पार्वती (माता पार्वती के मंत्र) को केसर वाला दूध चढ़ाएं।
- हरियाली तीज पर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें। मंदिर में मनवांछित वर का स्मरण कर 11 दीपक जलाएं।
- हरियाली तीज के दिन संध्या काल में पीपल वृक्ष के नीचे सरसों तेल का चौमुखी दिया जलाएं.
- वैवाहिक जीवन में किसी भी प्रकार की समस्या उत्पन्न हो रही है, तो हरियाली तीज से दिन माता पार्वती को सोलह श्रृंगार अर्पित करें। इससे लाभ मिलेगा।
- हरियाली तीज के दिन पति-पत्नी दोनों मिलकर भगवान शिव का जलाभिषेक करें। ऐसा करने से मां पार्वती की भी कृपा प्राप्त होगी। Hariyali Teej
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इस साल अधिकमास होने के कारण श्रावण मास 2 महीने तक रहेगा अर्थात भगवान् शिव की भक्ति के लिए अधिक समय मिलेगा 19 साल बाद ऐसा संयोग बनने से श्रावण मास का महत्व ओर अधिक बढ़ गया हर साल की तरह इस साल भी हमारे संस्थान में महारुद्राभिषेक का आयोजन किया जा रहा है अगर आप भी भगवान् शिव की कृपा पाना चाहते है तो इस महारुद्राभिषेक में हिस्सा लेकर अपने नाम से रुद्राभिषेक करवाए यह रुद्राभिषेक गुरु माँ निधि जी श्रीमाली एवं हमारे अनुभवी पंडितो द्वारा विधि विधान से एवं उचित मंत्रो उच्चारण के साथ सम्पन्न होगा आज ही रुद्राभिषेक में हिस्सा लेकर भगवान् शिव का विशेष आशीर्वाद प्राप्त करे एवं किसी भी अन्य दिन किसी भी प्रकार की पूजा , जाप एवं भगवान् शिव के महामृत्युंजय का जाप करवाना चाहते है तो हमारे संस्थान में संपर्क करे
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