जानिए अजा एकादशी का महत्व , पूजा विधि ,नियम एवं उपाय –Aja Ekadashi

Aja Ekadashi गुरु माँ निधि जी श्रीमाली ने बताया है की सनातन धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है। इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की एकादशी को अजा एकादशी का व्रत रखा जाता है।  इस दिन साधक भगवान विष्णु के निमित्त व्रत उपवास भी रखते हैं। धार्मिक मान्यता है कि एकादशी तिथि पर व्रत उपवास रख भगवान श्रीहरि विष्णु और धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा करने से आय, आयु, सुख और सौभाग्य में मन मुताबिक वृद्धि होती है। साथ ही सभी प्रकार के शारीरिक और मानसिक कष्ट से मुक्ति मिलती है। अगर आप भी भगवान विष्णु की कृपा दृष्टि पाना चाहते हैं, तो अजा एकादशी के दिन विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा करें Aja Ekadashi

शुभ मुहूर्त

गुरु माँ निधि जी श्रीमाली के अनुसार, हर वर्ष भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को अजा एकादशी मनाई जाती है। इस प्रकार, साल 2023 में रविवार 10 सितंबर को अजा एकादशी है। एकादशी तिथि 09 सितंबर को रात 09 बजकर 17 मिनट पर शुरू होकर अगले दिन यानी  10 सितंबर को रात 09 बजकर 28 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि मान है। अतः 10 सितंबर को अजा एकादशी का व्रत रखा जाएगा। साधक 10 सितंबर को सुबह 07 बजकर 37 मिनट से लेकर प्रातः काल 10 बजकर 44 मिनट तक जगत के पालनहार की पूजा-उपासना कर सकते हैं Aja Ekadashi

अजा एकादशी का महत्व 

अजा एकादशी का व्रत भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए बेहद शुभ दिन माना जाता है. इस व्रत के प्रताप से मानसिक, शारीरिक और आर्थिक तीनों लाभ मिलते हैं. पुराणों में कहा गया है कि ग्रहों की अशुभता से मुक्ति पाने के लिए एकादशी व्रत पुण्यफलदायी माना गया है. इस दिन स्थान, दान और तप से हर समस्या का निवारण होता है. एकादशी व्रत का सीधा प्रभाव मन और शरीर दोनों पर पड़ता है. Aja Ekadashi

अजा एकादशी व्रत और पूजा विधि
1. प्रात: स्नान आदि से निवृत होकर पीले वस्त्र पहन लें. उसके बाद अजा एकादशी व्रत और पूजा का संकल्प करें. फिर भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर को एक चौकी पर स्थापित करें.

2. अब भगवान का पंचामृत से स्नान कराएं. फिर वस्त्र, चंदन, आभूषण, फूलों की माला आदि से उनको सुशोभित करें. इसके बाद पीले फूल, अक्षत्, सुपारी, पान का पत्ता, तुलसी के पत्ते, फल, मिठाई आदि उनको चढ़ाएं. इस दौरान पूजा मंत्र का जाप करते रहें.

3. धूप, दीप, गंध, नैवेद्य आदि अर्पित करें. फिर विष्णु सहस्रनाम, विष्णु चालीसा और अजा एकादशी व्रत की कथा का पाठ करें या व्रत कथा को सुनें. उसके पश्चात भगवान विष्णु की घी के दीपक से आरती करें.

4. इसके बाद प्रभु से पूजा में कमियों के लिए क्षमा मांग लें और अपनी मनोकामना पूर्ति की प्रार्थना करें. दिनभर फलाहार पर रहें, भगवत भजन करें. शाम को संध्या आरती करें.

5. रात्रि के समय में जागरण करें. फिर अगले दिन सुबह स्नान के बाद पूजन करें. दान दक्षिणा दें. फिर पारण करके व्रत को पूरा करें. Aja Ekadashi

अजा एकादशी व्रत नियम 

  • गुरु माँ निधि जी श्रीमाली के अनुसार एकादशी के पावन दिन चावल का सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इस दिन चावल का सेवन करने से मनुष्य का जन्म रेंगने वाले जीव की योनि में होता है। इस दिन जो लोग व्रत नहीं रखते हैं, उन्हें भी चावल का सेवन नहीं करना चाहिए
  • इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से विशेष लाभ की प्राप्ति होती है।
  • एकादशी का पावन दिन भगवान विष्णु की अराधना का होता है, इस दिन सिर्फ भगवान का गुणगान करना चाहिए। एकादशी के दिन गुस्सा नहीं करना चाहिए और वाद-विवाद से दूर रहना चाहिए। 
  • एकादशी के दिन महिलाओं का अपमान करने से व्रत का फल नहीं मिलता है। सिर्फ एकादशी के दिन ही नहीं व्यक्ति को किसी भी दिन महिलाओं का अपमान नहीं करना चाहिए। जो व्यक्ति महिलाओं का सम्मान नहीं करते हैं उन्हें जीवन में कई तरहों की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। Aja Ekadashi

अजा एकादशी पर करें ये उपाय

  1. अजा एकादशी पर पीले चंदन या फिर केसर में गुलाब जल मिला लें। इसके बाद इसे भगवान विष्णु को अर्पित करके अपने माथे पर टीका लगाएं। यह उपाय रोज करने से आपको सुख और समृद्धि की प्राप्ति होगी।
  2. भगवान विष्णु के मंदिर जाकर या फिर घर पर ही एक पान का पत्ता लें और उसमें रोली या कुमकुम से ‘श्री’ लिख कर भगवान के चरणों में अर्पित कर दें। श्रीहरि की विधिवत पूजा करने के बाद पान के पत्ते को तिजोरी में रख लीजिए। ऐसा करने से आपके कारोबार और आमदनी में दिन दूनी रात चौगुनी वृद्धि होगी।
  3. अजा एकादशी पर भगवान श्रीहरि को नारियल और बादाम चढ़ाएं। इसके बाद अगले 27 एकादशी तक ऐसा करने से व्यक्ति की हर एक कामना पूर्ण हो जाती है।
  4. अजा एकादशी के दिन राधारानी और श्रीकृष्ण को पीले रंग के फूल अर्पित करें। ऐसा करने से व्यक्ति को हर दुख दर्द से छुटकारा मिलेगा।
  5. अजा एकादशी पर पीपल के नीचे घी का दीपक जलाएं। ऐसा करने से भगवान विष्णु के साथ पीपल के पेड़ में वास करने वाले सभी देवी-देवता प्रसन्न होंगे।
  6. अजा एकादशी पर भगवान विष्णु को दक्षिणावर्ती शंख से गाय के दूध से अभिषेक करें। ऐसा करने से श्रीहरि जल्द प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति की हर कामना को पूर्ण कर देते हैं Aja Ekadashi

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