जानिए कौन है अशोक सुंदरी , कैसे हुआ उनका जन्म तथा अशोक सुंदरी की पूजा का महत्व – who is Ashok Sundari
who is Ashok Sundari गुरु माँ निधि जी श्रीमाली ने बताया है की कार्तिकेय और गणेश के अलावा भगवान शिव और माता पार्वती की एक पुत्री भी थी। जी हाँ, हर कोई शिव पुत्रों के विषय में जानता है किन्तु बहुत कम लोग यह जानते है कि कार्तिकेय और गणेश की एक बहन भी थी, जिसका नाम अशोक सुंदरी था और इस बात का उल्लेख पद्मपुराण में भी किया गया है who is Ashok Sundari
कैसे हुआ अशोक सुंदरी का जन्म
गुरु माँ निधि जी श्रीमाली के अनुसार एक बार की बात है, माता पार्वती ने भगवान शिव से इच्छा जाहिर की कि उन्हें दुनिया का सबसे खूबसूरत बगीचा देखना है. माता पार्वती की यह इच्छा पूरी करने के लिए भगवान भोलेनाथ उन्हें नंदनवन ले गए. जहां जाकर माता पार्वती को एक कल्पवृक्ष से मोह हो गया. कहते हैं यह वृक्ष मनोकामना पूर्ति करने वाला वृक्ष था. माता पार्वती चाहती थीं कि उनका अकेलापन दूर हो जाए. इसलिए उन्होंने उस कल्पवृक्ष से एक बेटी की इच्छा जाहिर की. माता पार्वती की इच्छा पूर्ति के लिए उस कल्पवृक्ष ने अशोक सुंदरी को जन्म दिया. who is Ashok Sundari
शिवलिंग में अशोक सुंदरी का स्थान कहां है
जहाँ से हम शिवलिंग के ऊपर वाले हिस्से से जल अर्पित करते है. वहा से जल नीचे की तरफ आता हैं. नीचे की तरफ आने के बाद रास्ता बनाते हुए जल जहाँ से निकलता हैं. उसी जगह पर बीच वाले स्थान पर अशोक सुंदरी का स्थान होता हैं. who is Ashok Sundari
अशोक सुंदरी की पूजा का महत्व
देवी अशोक सुंदरी की पूजा व्यापारिक तरक्की और धन से जुड़े कार्यों में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए सोमवार के दिन देवी अशोक सुंदरी की पूजा करना श्रेष्ठ होता है। धनवृद्धि के लिए सोमवार के दिन शिवलिंग की पूजा करते समय अशोक सुंदरी के ऊपर भी दूध और जल अर्पित करें। बेलपत्र, चंदन, शहद और फल फूल आदि से देवी अशोक सुंदरी की पूजा करें। देवी अशोक सुंदरी के नाम से एक दीपक शिवलिंग के पास जलाएं। किसी दूसरे व्यक्ति को पैसे उधार देने से पहले देवी अशोक सुंदरी के नाम से एक लौंग खा लेना चाहिए। ऐसा करने से उधार लिए हुए पैसे व्यक्ति समय से हमें वापस लौटा देता है। अगर कोई व्यक्ति किसी तरह के चर्म रोग से पीड़ित हैं तो उन्हें शिवलिंग में देवी अशोक सुंदरी के स्थान पर दूध और जल अर्पित करना चाहिए और उसी अर्पित किए हुए दूध और जल को नहाने वाले पानी में डालकर नहाना चाहिए। ऐसा करने से सभी तरह के चर्म रोग मिट जाते हैं। who is Ashok Sundari
अशोक सुंदरी की पूजा कैसे की जाती है
- अशोक सुंदरी की पूजा के साथ-साथ भगवान शिव तथा माता पार्वती की भी पूजा की जाती हैं.
- अशोक सुंदरी का स्थान शिवलिंग के पास माना जाता हैं. ऐसा माना जाता है की शिवलिंग पर जल अर्पित करते समय जहाँ से जल नीचे की तरफ से गुजरते हुए निकलता हैं. उस जगह पर अशोक सुंदरी का स्थान माना जाता हैं.
- अशोक सुंदरी की पूजा करने के लिए सोमवार के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद भगवान शिव, माता पार्वती तथा शिवलिंग की स्थापना करनी हैं.
- इसके पश्चात शुद्ध घी का दीपक जलाए. और पुष्प आदि अर्पित करे.
- साथ-साथ शिवलिंग पर भी पुष्प आदि अर्पित करे. क्योंकि अशोक सुंदरी का स्थान शिवलिंग में होता हैं.
- इतना हो जाने के बाद बेलपत्र, सूखे मेवे, इलायची, जल, रोली, मौली, चंदन आदि से विधिवत पूजा करे.
- इस आसान तरीके से आप अशोक सुंदरी की पूजा कर सकते हैं.
- पूजा पूर्ण हो जाने के बाद शिव परिवार से मनोकामना पूर्ति की प्रार्थना करे. who is Ashok Sundari
गुरु माँ निधि जी श्रीमाली के अनुसार अशोक सुंदरी के उपाय
- अगर आप किसी व्यक्ति को पैसा उधार पर दे रहे हैं. और आपको उस व्यक्ति पर भरोषा नहीं हैं. की आपका पैसा वापस आयेगा या नहीं आयेगा. तो ऐसे व्यक्ति को पैसा देने से पहले अशोक सुंदरी के नाम का एक लौंग खा ले. उसके पश्चात उस व्यक्ति को पैसा देने से आपका पैसा अवश्य ही वापस आयेगा.
- जिन लोगो को काया, त्वचा संबंधी कोई भी समस्या हैं. उन लोगो को सोमवार के दिन शिव मंदिर जाकर शिवलिंग पर जहाँ अशोक सुंदरी का निवास होता हैं. वहा जल और दूध अर्पित करना हैं. उसमें से थोडा जल और दूध अपने घर पर लेकर आना हैं. और नहाने वाले पानी में डालकर उस पानी से स्नान करना हैं. ऐसा करने से त्वचा से संबंधित कोई भी रोग मिट जाएगा. who is Ashok Sundari
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इस साल अधिकमास होने के कारण श्रावण मास 2 महीने तक रहेगा अर्थात भगवान् शिव की भक्ति के लिए अधिक समय मिलेगा 19 साल बाद ऐसा संयोग बनने से श्रावण मास का महत्व ओर अधिक बढ़ गया हर साल की तरह इस साल भी हमारे संस्थान में महारुद्राभिषेक का आयोजन किया जा रहा है अगर आप भी भगवान् शिव की कृपा पाना चाहते है तो इस महारुद्राभिषेक में हिस्सा लेकर अपने नाम से रुद्राभिषेक करवाए यह रुद्राभिषेक गुरु माँ निधि जी श्रीमाली एवं हमारे अनुभवी पंडितो द्वारा विधि विधान से एवं उचित मंत्रो उच्चारण के साथ सम्पन्न होगा आज ही रुद्राभिषेक में हिस्सा लेकर भगवान् शिव का विशेष आशीर्वाद प्राप्त करे एवं किसी भी अन्य दिन किसी भी प्रकार की पूजा , जाप एवं भगवान् शिव के महामृत्युंजय का जाप करवाना चाहते है तो हमारे संस्थान में संपर्क करे
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