जानिए शिव चालीसा का महत्व , चालीसा पढ़ने के नियम एवं लाभ – Shiv Chalisa
Shiv Chalisa गुरु माँ निधि जी श्रीमाली ने बताया है की भगवान शिव अपने भक्तों पर जल्द प्रसन्न हो जाते हैं. भोलेनाथ को उनकी सौम्य आकृति के साथ उनके रौद्ररूप के लिए पहचाना जाता है. वेदों के अनुसार भक्त शिव भगवान शिव अपने भक्तों पर जल्द प्रसन्न हो जाते हैं. भोलेनाथ को उनकी सौम्य आकृति के साथ उनके रौद्ररूप के लिए पहचाना जाता है. गुरु माँ निधि जी श्रीमाली के अनुसार भक्त शिव चालीसा का बहुत महत्व है. शिव चालीसा के सरल शब्दों से भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है. शिव चालीसा के पाठ से कठिन से कठिन कार्य को बहुत ही आसानी से किया जा सकता है. Shiv Chalisa
शिव चालीसा क्या है
शिव चालीसा भगवान् शिव की स्तुति में लिखी गयी 40 चौपाइयों का संग्रह है जिसकी रचना संत अयोध्यादास ने की थी। शिव चालीसा की 40 पंक्तियां सरल शब्दों में विद्यमान है जिनकी महिमा बहुत ही ज्यादा है. भगवान शिव भोले स्वभाव के होने के कारण भगवान भोलेनाथ कहलाते हैं. उनकी शिव चालीसा का पाठ करने से वो अपने किसी भी भक्त से आसानी से मान जाते हैं और उन्हें मनचाहा वरदान दे देते हैं. शिव चालीसा के माध्यम से आप अपने आराध्य भगवान् शंकर को बड़े हीं आसानी से प्रसन्न कर सकते हैं। शास्त्रों के अनुसार, शिव चालीसा के नित्य पाठ से व्यक्ति समस्त प्रकार के भय, रोग और दुःख से मुक्त हो जाता है। Shiv Chalisa
शिव चालीसा पढ़ने के नियम और विधि
- शिव चालीसा के पाठ के लिए सबसे उत्तम समय ब्रह्म मुहूर्त को माना गया है, अतः कोशिश करें की आप सूर्योदय से पहले जाग जाएँ।
- स्नान-आदि से निवृत होने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें, भगवान् शिव के किसी भी पूजा में हमेशा हलके रंग के वस्त्रों का चुनाव करें। इस दिन गहरे रंग के कपड़े बिलकुल ना पहने।
- शिव चालीसा के पाठ के लिए सफेद रंग के साफ सुथरे आसन या फिर कुश के आसन का प्रयोग करें।
- शिव चालीसा पढ़ने के लिए ये उत्तम होगा की आपका मुख पूर्व दिशा या उत्तर दिशा या फिर उत्तर-पूर्व दिशा में हो।
- शिव चालीसा के पाठ के पहले अक्षत, धुप, दीपक, सफेद चन्दन, माला और सफेद आक के 5 फूल रखें।
- भगवान् शिव को भोग लगाने के लिए मिश्री या बतासे का प्रयोग करें। ध्यान रहे भगवान् को सफेद चीनी का भोग ना लगाएं। पत्थर वाली मिश्री में किसी भी प्रकार की अशुद्धता नहीं होती है अतः इसे उत्तम माना गया है।
- शिव चालीसा का पाठ करने के पहले गाय के घी का दीपक जलाएं।
पाठ करने के स्थान पर शिवजी के सम्मुख एक लोटे में शुद्ध जल भरकर रख लें। - अब हाथ में थोड़ा अक्षत, फूल और जल ले कर अपना नाम और गोत्र बोल कर संकल्प लें की आप इस मनोकामना से शिव चालीसा का पाठ इतने दिनों तक करने जा रहें हैं।
- अब सर्वप्रथम श्री गणेश को नमन करें तत्पश्चात यदि आपके घर में शिवलिंग हो तो शिवलिंग का जल से अभिषेक करें और यदि घर में शिवलिंग ना हो तो शिवजी के चित्र को तिलक लगाएं।
- शिव चालीसा का पाठ विषम संख्या जैसे 3, 5, 11 बार करें। कम से कम 3 बार पाठ करना उत्तम है।
- चालीसा का पाठ सही उच्चारण के साथ मध्यम या उच्च स्वर में बोल बोल करें। ऐसा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।
- पाठ पूरा करने के बाद शिवजी के सम्मुख त्रुटियों के लिए क्षमा-याचना जरूर करें तथा किये गए पाठ को भगवान् को समर्पित कर दें।
- शिव चालीसा का पाठ करते समय किसी भी प्रकार की जल्दबाजी नहीं करें।
- शिव चालीसा को कंठस्त कर इसका पाठ उत्तम माना गया है,
- पाठ पूर्ण करने के बाद उठने के पहले एक बूंद जल आसन के पास गिराएं और उसका तिलक करें। ऐसा करने से आपको पाठ का पूर्ण फल मिलता है।
- शिव चालीसा के पाठ को करने के बाद लोटे में रखे जल को किसी फूल या पत्ते या अपने अंजुली से पूरे घर में छींट दें, तथा बचे हुए जल को पी लें। इस जल को अपने घर के सदस्यों को भी पीने के लिए दे सकतें हैं।
- अब भगवान् को चढ़े हुए प्रसाद को स्वयं और दूसरों को दें। Shiv Chalisa
श्री शिव चालीसा पढ़ने के फायदे
- गुरु माँ निधि जी श्रीमाली के अनुसार संसार में ऐसा कोई भी कार्य नहीं है जिसे शिव चालीसा के मदद से ना किया जा सके। शिव चालीसा के पाठ से कठिन से कठिन और असंभव प्रतीत हो रहे कार्यों को भी बड़ी आसानी से पूर्ण किया जा सकता हैं।
- भगवान् शिव का एक नाम भोले भंडारी भी है अर्थात भगवान् शिव देवों के देव महादेव तो हैं हीं साथ हीं साथ वे अत्यंत भोले स्वभाव के भी हैं। अयोध्यादास रचित शिव चालीसा के नित्य पाठ से भगवान् शिव अति शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं और अपने भक्तों के कष्टों को दूर कर देते हैं।
- जो भी मनुष्य प्रातः काल नित्य रूप से शिव चालीसा का पाठ करता है, उसके जीवन की कठिनाइयां और बाधाएं स्वतः हीं दूर हो जाती हैं।
- नित्य प्रतिदिन शिव चालीसा का पाठ व्यक्ति के मन में साहस और शक्ति का संचार करता है जिससे वो हर प्रकार के भय से मुक्त हो जाता है।
- संसार में कोई भी ऐसा नहीं है जिसे कोई दुःख या परेशानी ना हो, परन्तु यदि ये दुःख और परेशानी आपका पीछा नहीं छोड़ रही हो तो शीघ्रता अति शीघ्र शिव चालीसा का पाठ करना शुरू कर दें। जीवन की परेशानियां खत्म होने लगेंगीं। Shiv Chalisa
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इस साल अधिकमास होने के कारण श्रावण मास 2 महीने तक रहेगा अर्थात भगवान् शिव की भक्ति के लिए अधिक समय मिलेगा 19 साल बाद ऐसा संयोग बनने से श्रावण मास का महत्व ओर अधिक बढ़ गया हर साल की तरह इस साल भी हमारे संस्थान में महारुद्राभिषेक का आयोजन किया जा रहा है अगर आप भी भगवान् शिव की कृपा पाना चाहते है तो इस महारुद्राभिषेक में हिस्सा लेकर अपने नाम से रुद्राभिषेक करवाए यह रुद्राभिषेक गुरु माँ निधि जी श्रीमाली एवं हमारे अनुभवी पंडितो द्वारा विधि विधान से एवं उचित मंत्रो उच्चारण के साथ सम्पन्न होगा आज ही रुद्राभिषेक में हिस्सा लेकर भगवान् शिव का विशेष आशीर्वाद प्राप्त करे एवं किसी भी अन्य दिन किसी भी प्रकार की पूजा , जाप एवं भगवान् शिव के महामृत्युंजय का जाप करवाना चाहते है तो हमारे संस्थान में संपर्क करे
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