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Meen Rashi October 2023 HIndi blog | मीन राशि अक्टूबर 2023 राशिफल | Pisces October Horoscope Nidhi Shrimali

Meen Rashi October 2023 HIndi blog

नमस्कार स्वागतम वेलकम आज हम आपके सामने अक्टूबर माह का मीन राशि वालो को मासिक राशिफल लेकर उपस्थित हुए है  और इस माह में आने वाले कुछ विशेष व्रत और त्योहारों के बारे में जान लेते हैं। 2 अक्टूबर को गांधी जयंती का पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जाएगा। 14 अक्टूबर को सर्वपितृ अमावस्या आ रही है। 15 अक्टूबर को शारदीय नवरात्र प्रारंभ हो जाएंगे। 22 अक्टूबर को ओमास्थ्मी  का पर्व मनाया जाएगा। 24 अक्टूबर को विजयादशमी का पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जाएगा और 28 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा आ रही है और इस पूर्णिमा का अपना विशेष महत्व रहता है। 29 अक्टूबर को कार्तिक मास प्रारंभ हो जाएगा। तो ये है इस माह में आने वाले कुछ विशेष व्रत और त्योहार।

अब ग्रहों की स्थिति के हिसाब से ये माह किस प्रकार से विशेष रहेगा उसके बारे में जान लेते हैं। सबसे पहले बात करते हैं ग्रहों के राजा सूर्य की जो कि वर्तमान में अपनी मित्र राशि कन्या में विराजमान है और 18 अक्टूबर को वह अपनी नीच की राशि तुला में प्रवेश कर जाएंगे। सूर्य का नीच का होना सभी राशियों पर विशेष प्रभाव भी डालेगा क्योंकि यहां पर सूर्य बैठेगें मंगल के साथ चूंकि मंगल अभी अपनी सम राशि कन्या में विराजमान है और 3 अक्टूबर को अपनी मित्र राशि तुला में प्रवेश कर जाएंगे तो सूर्य और मंगल की युति आपके लिए क्या लेकर आएगी उसके बारे में आगे बताएंगे । बुध ग्रह की बात करें तो वह वर्तमान में अपनी अति मित्र राशि सिंह में विराजमान है और 1 अक्टूबर को उच्च के होकर अपनी खुद की राशि कन्या में प्रवेश कर जाएंगे। 19 अक्टूबर को पुनः बुध का राशि परिवर्तन होगा और वह अपनी अति मित्र राशि तुला में प्रवेश करेंगे तो ओवर आल बुध के रिजल्ट इस माह आपको बहुत अच्छे देखने को मिलेंगे। शुक्र ग्रह की बात करें तो वह वर्तमान में अपनी सम राशि कर्क में विराजमान हैं और 2 अक्टूबर को यानि गांधी जयंती के दिन वे अपनी सम राशि  सिंह में प्रवेश कर जाएंगे। गुरु ग्रह की बात करें तो वे इस पूरे माह अपनी अति मित्र राशि मेष में विराजमान रहेंगे। शनि ग्रह अपनी मूल त्रिकोण की राशि कुंभ में विराजमान रहेंगे। राहू और केतु इस पूरे माह अपनी सम राशियाँ मेष और तुला में रहेंगे। परन्तु राहू और केतु का राशि परिवर्तन 30 अक्टूबर को होने जा रहा है। यानि इस माह के लास्ट में राहू और केतु राशि परिवर्तन करेंगे जो कि बहुत ही इम्पोर्टेन्ट राशि परिवर्तन है  क्योंकि राहू और केतु लगभग 18 माह तक एक राशि में गोचर भ्रमण करते हैं। इसीलिए ये बहुत बड़ा राशि परिवर्तन माना जाएगा।  राहू जायेंगे मीन राशि में और केतु जायेंगे कन्या राशि में क्यूंकि राहू और केतु छाया ग्रह और उल्टी चाल चलते हैं इसीलिए उल्टा गोचर ये करते हुए दिखाई देंगे। तो ये तो हुई ग्रह गोचर की स्थिति की बात।

शुरू करते हैं मीन राशि वालो का अक्टूबर माह का मासिक राशिफल। अब सबसे पहले हम आपको बता दे कि ये जो हम आपको राशिफल दे रहे है ये चंद्र गणनाओं पर आधारित है और आपकी राशि और लग्न दोनों के हिसाब से समान रूप से प्रभावशाली है। सबसे पहले आपके राशि स्वामी गुरु की ही बात करते हैं। गुरु आपके राशि स्वामी यानि लग्नेश भी है और आपके कर्मेश भी है। गुरू अभी वर्तमान में राहू के साथ मैं चाण्डाल योग का निर्माण करके आपके धन स्थान में जाकर विराजमान हो रहे हैं और यहां पर गुरु के प्रभाव थोड़े से दबते हुए दिखाई दे रहे हैं। क्योंकि एक तो चांडाल योग और दूसरा शनि की दृष्टि। इसका प्रभाव गुरु पर पड़ रहा है जिससे गुरु वो रिजल्ट नहीं दे पा रहे जो रिजल्ट आपको मिलने चाहिए। परन्तु राहू जैसे ही राशि परिवर्तन करेंगे और 30 अक्टूबर को वे आपकी राशि में आ जाएंगे तब गुरु वक्री हो जाएंगे तो राशि स्वामी के रिजल्ट आपको बहुत अच्छे मिलेंगे। आने की आपकी राशि पे राहू का प्रभाव बहुत अधिक रहेगा क्योंकि वे आपकी ही राशि में आ रहे मीन राशि में आ रहे हैं। इसीलिए आपको थोड़ा सा संभलकर रहने की आवश्यकता रहेगी। उसका क्या प्रभाव आपको देखने को मिलेगा? क्या सावधानियां आपको रखनी चाहिए उसके मैं अलग से विडियो आपकी राशि के लिए राशि राहु के राशि परिवर्तन के देंगे उसके लिए आपको थोड़ा सा इन्तजार करना पड़ेगा और मेरे चैनल पर बने रहना है। अब राशि स्वामी की अगर बात करें तो गुरु हो जायेंगे फ्री यानि कि शनि की तीसरी दृष्टि उस समय भी गुरु पर रहेगी पर उसके बावजूद गुरु के रिजल्ट थोड़े से बेहतर होते हुए दिखाई देंगे। शनि की दृष्टि के प्रभाव के कारण आपको सावधानी तो उस समय भी रखनी है पर चूंकि गुरु थोड़े से फ्री हो जायेंगे तो गुरु के रिजल्ट को और अच्छा करने के लिए मेहनत और सावधानी के साथ आगे बढ़ते चले जाइये। इस समय आपको सावधानी के साथ इस माह में आगे बढ़ना है क्योंकि इस पूरे माह तो राहु और गुरु का चांडाल योग बना हुआ है। इसीलिए वर्क प्लेस पर अपने काम से काम रखें। किसी के मुद्दों में झांकने का या किसी के मुददों में बीच में पड़ने का प्रयास ना करें। सामाजिक मान सम्मान को ठेस न पहुंचे इसीलिए आपको शांत रह कर अपने कार्यों को करना होगा। यात्रा आपके लिए सुखद और मंगलमय रहेगी। आपकी डिसीजन मेकिंग इस समय भी रहेगी और मैच्योरिटी से आप अपने कार्यों को करेंगे तो आपको अपने कार्यों में अच्छा लाभ भी प्राप्त होगा। तो ये हैं गुरु के रिजल्ट जो कि 30 अक्टूबर के बाद खुल कर आपके सामने आएंगे। तब तक थोड़ा सा सब्र और विनम्रता के साथ आगे बढ़ते चले जाइए।

अब बढ़ते हैं हम भी आगे और आते हैं द्वितीय स्थान पर यानि धन भाव की बात कर लेते हैं। धन भाव के स्वामी हैं मंगल जो कि आपके लिए भाग्य स्थान के स्वामी, धनेश और भाग्य से हैं। मंगल और मंगल आपके अष्टम भाव में जाकर विराजमान हो रहे हैं। अष्टम भाव के लिए मंगल का सप्तम भाव में बैठना बहुत ही बढ़िया पर मंगल चूंकि आपके धनेश और अपने घर को देख रहे हैं इसीलिए धन भाव के हिसाब से भी मंगल के रिजल्ट आपको बेहतर मिलेंगे। यहां पर गुरु राहु का चंडाल योग भी धन भाव में बन रहा है। इसीलिए सावधानी के साथ ही आगे बढ़ना है। आपको किसी से भ्रमित होने की आवश्यकता नहीं है। अपनी ऊपर कॉन्फिडेंस रखें। अपने सेल्फ कॉन्फिडेंस से ही आप अपनी सफलता को सुनिश्चित कर पाएंगे। इस समय कुटुंब में मान सम्मान प्राप्त होगा। आपके काम बनते चले जाएंगे। कामों में सारी दिक्कतें और परेशानियां भी खत्म होती हुई दिखाई देगी। इस समय आप अपनी वाणी से सबको मोहित करते हुए नजर आएंगे। टेक्निकल फील्ड से जुड़े हुए लोगों को विशेष लाभ की परिस्थितियां देखने को मिलेगी। इंजिनियर्स के लिए यह समय इन्क्रीमेंट तो प्रमोशन का रहेगा, बड़े पद का रहेगा, बड़ी अपॉर्चुनिटी का रहेगा तो मंगल के रिजल्ट आपको बहुत ही अच्छे मिलेंगे। धन स्थान के हिसाब से |

अब आते हैं आपके भाग्य स्थान पर भाग्य स्थान के स्वामी भी मंगल है और अपने से बारवे बैठे हैं। मंगल का अपने से बाहर बैठना आपके भाग्य को थोड़ा सा वेट करता हुआ दिखाई देगा। थोड़ा सा आपको कर्म प्रधान भी इस समय बनना होगा। भाग्य के भरोसे न बैठें और कर्मप्रधान बनेंगे तभी आप अपने कार्यों को सुचारू रूप से कर पाएंगे। आपके कार्यों में आई दिक्क़तें और परेशानियां भी तभी समाप्त होगी जब आपकी डिसीजन मेकिंग स्ट्रॉन्ग होगी। इस समय रिस्की कामों में इनवेस्टमेंट से आपको बचना चाहिए। नवीन कार्यों की शुरुआत से भी आप बचें। जो रूटीन में कार्य कर रहे हैं, उन्हीं कार्यों को करने का प्रयास करें और पहले जो पेंडिंग वर्क हैं, उनको आप कंप्लीट कर लें। उसके बाद नए कार्य की शुरुआत करें। इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखना ही होगा। तब मंगल के रिजल्ट आपको बेहतर मिलेंगे। तो ये हैं आपके भाग्य स्थान के हिसाब से मंगल के रिजल्ट।

अब आते हैं आपके पराक्रम भाव पर अब पराक्रम भाव की अगर बात करें तो पराक्रमेश और अष्टमेश आपके शुक्र हैं और शुक्र जाकर बैठे आपके रोग भाव में यानि सप्तम भाव में या पर रोग भाव में। शुक्र के रिजल्ट भी इतने अच्छे आपको नहीं मिलेंगे क्योंकि शुक्र 100 में ग्रह और रोग भाव में शुक्र के रिजल्ट इतने बेस्ट नहीं हैं पर पराक्रमेश अपने से चतुर्थ बैठे हैं इसलिए पराक्रम में वृद्धि जरूर होगी। छोटे भाई बहनों के साथ में छोटी मोटी नोक झोक जरूर होगी परन्तु फाइनली बातचीत के द्वारा रास्ते निकाल लिए जाएंगे। इसीलिए इस समय अपने रिश्तों में भी बातचीत का रास्ता रखें। विनम्रता के साथ आगे बढने का प्रयास करें। रिश्तों को संभाल कर आगे बढने का प्रयास करें। आपकी छह मनोकामनाएं जरूर पूर्ण होगी। हालांकि आपको प्रयास अधिक करने पड़ेंगे पर प्रयासों से आपके काम जरूर बनेंगे। इस समय आप वर्क प्लेस पर भी कोई बड़ी अपॉर्च्युनिटी हासिल कर सकते हैं क्योंकि आपकी मेहनत आपके अधिकारियों को दिखाई देगी कि आप कितनी मेहनत करें और आपको अपनी मेहनत का ये फल उनके माध्यम से प्राप्त जरुर होगा। तो पराक्रम भाव के हिसाब से शुक्र के रिजल्ट आपके लिए ठीक रहेंगे।

अब आते हैं अष्टम भाव के हिसाब से अष्टम भाव के साथ शुक्र के रिजल्ट बढ़िया रहेंगे। अष्टमेश सिस्टम में बैठा है। अपने से 11 है इसीलिए अष्टम भाव थोड़ा ठीक होता हुआ दिखाई देगा। थोड़ा सा जो काम इस महीने जो रहे आप कर ही नहीं पा रहे हैं। आपके कभी कोई चीज गुम रही है, कभी कोई चीज व्यवस्थित नहीं रखी जा रही है। छोटे छोटे कामों के मिस मैनेजमेंट होने की वजह से आपकी लाइफ में बहुत ज्यादा हर्डल आ रहे हैं। यानी ज्यादा दिक्कतें और परेशानियां आ रही है। वो सारी परेशानियां अब खत्म हो जाएगी और थोड़ा सा बैलेंस हो जाएगी। आपकी लाइफ को आप बहुत बैलेंस्ड तरीके से अपने कार्यों को करने का प्रयास करेंगे तो शुक्र के रिजल्ट आपको अष्टम भाव के हिसाब से ठीक देखने को मिलेंगे। पर इस समय आपको भावुक नहीं होना है। अपने गुप्त शत्रुओं से सावधान रहना है। यात्रायें करते समय अपने सामान का विशेष रूप से ध्यान रखना है। बस इन सावधानियों के साथ आगे बढ़ेंगे तो शुक्र के रिजल्ट हमेशा आपको बेहतर ही देखने को मिलेंगे।

अब आते हैं आपके सुख स्थान पर आपके सुखेश और आपके सप्तमेश हैं बुध और बुध इस माह दो बार राशि परिवर्तन कर रहे हैं। 19 अक्टूबर तक बुध बैठनेवाले कन्या राशि में जो कि उनकी खुद की राशि है और यहां पर बुध आपके लिए बद्र नामक महापुरुष योग का निर्माण करेंगे। बुध का ये जो योग आपके लिए, आपकी राशि के लिए बन रहा है, शानदार परिस्थितियां उत्पन्न करने वाला है, सुखों में वृद्धि करेगा। मां के साथ संबंधों को और अधिक प्रगाढ़ करेगा। फाइनेंशियली आपको सिक्योर करता हुआ दिखाई देगा। आपकी डिसीजन मेकिंग को और स्ट्रांग करेगा किसान पशुपालन से संबंधित जो लोग काम करते हैं उनके लिए भी यह समय बहुत शानदार रहेगा और खासकर व्यापारी वर्ग जिसके लिए यह समय अभूतपूर्व सफलता से भरा रह सकता है। अगर आपके कोई काम अटके हुए हैं तो आप फटाफट से उन कार्यों को कीजिए। ये समय बहुत शुभ है। आपने जितनी भी मेहनत की, जो भी कर्म किया उसका आपको फल जरूर प्राप्त होगा। यहां पर आपकी इच्छाएं पूर्ण होंगी। जीवनसाथी से भी आपको अच्छा लाभ प्राप्त होगा। फाइनेंशियली आप बहुत सिक्योर हो जाएंगे। डिसीजन मेकिंग स्ट्रांग होगी। आप अपने व्यापार को नए ब्रैंड लेवल पर ले जाने का प्रयास करेंगे। अब 19 अक्टूबर को जब बुध चेंज हो जाएंगे और वे आ जाएंगे आपके अष्टम भाव में तो समभाव में बुध मेरे लिए वैसे भी अच्छा नहीं और दूसरा नीच का सूर्य, मंगल और केतु ये तीनों क्रूर ग्रह इनके बीच में बुध से जाएंगे तो उनके रिजल्ट उस समय थोड़े से प्रभावित हो सकते हैं। आपको जो पहले कार्य किया है उसको रूटीन में चलाये जाना है। अगर नए कार्य किया या कोई रिस्क लेने का प्रयास किया तो उस समय जो पहले आपने कमाया है, जो सफलता पाई है, जो पैसा कमाया है वो सारा आपका खर्च हो जाएगा। आपकी सफलता भी जस की तस हो जाएगी और जहां खड़े थे वहीं खड़े दिखाई देंगे। अगर आप ऐसा नहीं चाहते हैं तो 19 अक्टूबर से आपको बहुत ज्यादा अवेयर रहना पड़ेगा। बहुत ज्यादा संभल कर रहना पड़ेगा। सावधानी के साथ आगे बढना पड़ेगा और रूटीन में जो काम कर रहे केवल उन्हीं को आपको आगे बढ़ाना है। यानि आपके जीवन की गाड़ी जो पहले रफ्तार पकड़ चुकी थी बस उस रफ्तार से आपको आगे बढ़ते चले जाना है। स्पीड और तेज करने का प्रयास ना करें। बस तो बुध के रिजल्ट आपके लिए इस माह बहुत ही शानदार रहेंगे क्योंकि बुध बद्र नामक महापुरुष योग बना रहे उच्च के हैं और सूर्य बुध का बुधादित्य योग भी बन रहे हैं। ये तीनों योग आपके लिए बहुत ही अच्छे जीवन में सफलताओं से भरे रहेंगे। ये सब जीवन में बहुत अच्छा समय लेकर आएंगे और आप इस समय जो भी करेंगे उसमें आप सफलता जरूर पाएंगे।

अब आते हैं आपके करियर के भाव पर करियर के भाव के स्वामी हैं चंद्रमा और चंद्रमा। थोड़ा सा फ्लक्चुएशन जरूर देते हैं। भावुकता में ना आएं। अपने मन को भटकाए नहीं। बस एक कॉन्सन्ट्रेशन से आप अपने लक्ष्य को पाने का प्रयास करें। चाहे वो विद्यार्थी वर्ग हो, चाहे आपका बिज़नस हो, चाहे आपका करियर हो, चाहे आपके रिस्ते वो सब। मैं आपको एक टारगेट बनाकर चलना पड़ेगा कि मुझे इस टारगेट को अचीव करना है। अगर रिश्ते रूठे हैं तो आपको टारगेट अचीव करना। अगर कला के क्षेत्र में हैं तो भी एक अपना टारगेट बनाएं। अगर आप एक एम बनाकर चलेंगे तो वो एम आपका पूरा होगा। आपका सेल्फ कॉन्फिडेंस बढ़ेगा। इससे आपको सफलता भी मिलेगी और आपके कदम आगे बढ़ते चले जाएंगे। तो इस तरह से कदम से कदम आगे बढ़ाइए तो किसी भी प्रकार की समस्या नहीं आएगी। डिस्ट्रक्शन की तरफ विशेष रूप से ध्यान देना है कि कोई भी चीज आपको डिस्ट्रक्ट न करें। फोकस होकर काम करें। बस अगर ये ध्यान में रखा तो किसी प्रकार की दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा।

अब आते हैं आपके रोग भाव पर रोग के स्वामी हैं सूर्य जो कि अपने से एक घर आगे बैठे सप्तम भाव में बुध के साथ बैठे हैं, 18 ऑक्टोबर तक बैठे हैं और ये समय बहुत ही अच्छा रहेगा। श्वास संबंधी समस्याओं से मुक्ति मिलेगी। नित्य ह्रदय और त्वचा संबंधी रोगों से अगर आप ग्रसित हैं तो उसमें भी आराम आएगा। शत्रु कम हो जाएंगे। आप अपनी बुद्धिमत्ता और चातुर्य से अपने काम बनाने में सफल होंगे। रुपए पैसों से संबंधित मिसमैनेजमेंट के काम भी मैनेज होते दिखाई देंगे। ननिहाल से आपको बहुत अच्छा सपोर्ट मिलेगा। पर 18 अक्टूबर को जब सूर्य चेंज हो जाएंगे और आपके अष्टम भाव में जाकर बैठेंगे तो नीच के होकर बैठेंगे तो वो आपके रोग भाव के लिए अच्छा नहीं है। स्वास्थ संबंधी समस्याओं के प्रति थोड़ा सा सावधान होकर चलना है। अपने स्वास्थ के प्रति लापरवाह ना हों। अपने शत्रुओं से सावधान होकर चलें और कोई भी कार्य जल्दबाजी में करने से भी बचें। तो आपको सोरी के रिजल्ट ठीक रहेंगे।

अब आते हैं आपके लाभ और खर्च भाव पर। लाभ और खर्च भाव के स्वामी हैं शनि जो कि दोनों ही स्थानों के हिसाब से बहुत अच्छे रिजल्ट देने वाले हैं क्योंकि खर्च भाव में स्वग्रही होकर बैठा है या स्वग्रही होकर बेटा आपके खर्चों को बैलेंस करेगा, लाभ की स्थितियों को बढ़ाएगा। निवेश करते समय आपको सावधानी रखनी होगी। इस समय आपका सर्कल और लेवल भी बढ़ता हुआ दिखाई देगा। मित्रों की संख्या में वृद्धि होगी। इस समय डिसीजन मेकिंग स्ट्रॉन्ग होगी और अचानक धनलाभ के योग भी बनेंगे। तो मीन राशि वालों के लिए ये रहेगा अक्टूबर माह।

शुभ तारीखे :- 1 से 3 तारीख , 5 तारीख , 7 तारीख , 16 तारीख , 17 तारीख , 23 और 25 तारीख ।

अशुभ तारीखे :-  4 तारीख , 8 से 15 तारीख , 18 से 22 तारीख , 24 से 24 तारीख , 26 से 31 तारीख ।

शुभ रंग :- पिस्ता ग्रीन

उपाय

  • मीन राशि के जातकों को श्राद्ध पक्ष के किसी भी दिन गरीबों में दूध और मेवे से बनी हुई खाने की वस्तुएं या मिठाई आपको भेंट करनी चाहिए।
  •  गाय जिसका हाल ही में बच्चा हो वो उसे चारा खिलाएं और गौ दान भी सर्वोत्तम उपाय रहेगा।
  • सर्व पितृ अमावस्या की शाम को पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक दक्षिण दिशा की तरफ रख दें। संभव हो तो कोशिश करें कि ये दीपक अमावस्या की पूरी रात चलता रहे।
  • नवरात्रि के दौरान देवी के मंत्रों का जाप नवरात्रि में करें और भोग के स्वरूप केसर की मिठाई मां को जरूर चढ़ाएं।
  •  उत्तम गुणवत्ता वाला नीलम रत्न भी आप धारण कर सकते हैं।
  • विजय दशमी के दिन आप शुरू करें और लगातार 43 दिन तक बेसन के लड्डू कुत्ते को जरुर खिलाएं। इससे धनलाभ के योग बनेंगे और घर में बरकत आएगी।