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जानिए भगवान् गणेश को प्रथम पूज्य क्यों कहा जाता है – Lord Ganesha

Lord Ganesha

जानिए भगवान् गणेश को प्रथम पूज्य क्यों कहा जाता है – Lord Ganesha

  Lord Ganesha गुरु माँ निधि जी श्रीमाली ने बताया है की हिन्दू धर्म में कोई भी मांगलिक अथवा शुभ कार्य आरंभ करने से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है। शादी-विवाह का अवसर हो या गृह प्रवेश, किसी त्योहार की पूजा हो या माता की चौकी अथवा मुंडन संस्कार, ऐसे हर अच्छे और शुभ कार्य से पहले गणेश जी की पूजा करने का प्रावधान है। दरअसल इसके पीछे मान्यता है कि गणेश हर प्रकार के विघ्न-बाधाओं को हर लेते हैं। भगवान गणेश को विघ्नहर्ता तथा ऋद्धि-सिद्धि का स्वामी कहा जाता है और मान्यता है कि इनके स्मरण, ध्यान, जप, आराधना से कामनाओं की पूर्ति होने के साथ-साथ हर प्रकार के विघ्नों का भी विनाश होता है।  Lord Ganesha

गणेश जी का प्रथम पूजन का महत्व

 गुरु माँ निधि जी श्रीमाली के अनुसार सभी देवी-देवताओं से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है और कोई भी अच्छा काम गणेश का नाम लेकर या गणपति वंदना करके ही शुरू किया जाता है। दरअसल ऐसी मान्यता है कि पूजा, आराधना, अनुष्ठान तथा अन्य किसी भी कार्य में कोई विघ्न-बाधा नहीं आए, इसीलिए सर्वप्रथम गणेश पूजा की जाती है। किसी भी कार्य के शुभारंभ से पहले बेहतर योजना, दूरदर्शी निर्णय तथा कुशल नेतृत्व की आवश्यकता होती है यानी किसी भी बड़े काम को शुरू करने से पहले बुद्धि का उपयोग आवश्यक है और गणेश को बुद्धि, समृद्धि एवं सौभाग्य का देवता माना गया है। उनकी पूजा करने से कोई भी कार्य बिना किसी विघ्न-बाधा के पूर्ण होता है।  भगवान् गणेश को प्रथम पूज्य माने जाने के पीछे दो पौराणिक मान्यता प्रचलित है  Lord Ganesha

क्यों कहा गया है गणपति को प्रथम पूज्य 

 गुरु माँ निधि जी श्रीमाली के अनुसार, एक समय समस्त देवताओं में सर्वप्रथम पूजे जाने को लेकर क विवाद शुरू हो गया. इस बीच सभी देवता खुद को सर्वश्रेष्ठ बताने लगे, इस विवाद की स्थिति को देख नारद जी ने सभी को भगवान शिव जी से इस विवाद को हल करने और इसका उत्तर जानने की सलाह दी. नारद जी की बात को सुनकर सभी देवता भगवान शिव के पास पहुंचे. उन्होंने शिव जी इस विवाद को हल करने की प्रार्थना की. देवताओं की प्रार्थना सुन भगवान शिव ने एक योजना बनाई. भगवान शिव ने एक प्रतियोगिता आयोजित की, जिसमें सभी देवताओं ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया. प्रतियोगिता के मुताबिक, सभी देवगणों को अपने वाहन पर बैठकर पूरे ब्रह्माण्ड का चक्कर लगाना था. इस प्रतियोगिता में जो भी सर्वप्रथम ब्रह्माण्ड की परिक्रमा लगाकर भगवान शिव के पास पहुंचेगा वहीं सर्वप्रथम पूजनीय माना जाएगा.सभी देवगण तत्काल अपने वाहनों पर सवार हुए और ब्रह्माण्ड की परिक्रमा करने निकल पड़े. इस प्रतियोगिता में भगवान श्री गणेश ने भी भाग लिया था, लेकिन वे ब्रह्माण्ड का चक्कर लगाने नहीं निकले, बल्कि उन्होंने अपने माता-पिता भगवान शिव और माता पार्वती की सात परिक्रमा लगाई और उनके सम्मुख हाथ जोड़कर स्मरण किया. गौरी गणेश के ऐसा करने से भगवान शिव उनसे प्रसन्न हो गए और सभी देवताओं के आने के बाद शिव जी ने गणेश जी को प्रतियोगिता में विजयी घोषित कर दिया. इससे अचंभित होकर सभी देवताओं ने भगवान शिव से ऐसा करने के पीछे की वजह पूछी, जिस पर भगवान शिव ने कहा, पूरे ब्रह्माण्ड व समस्त लोक में सर्वोच्च स्थान माता-पिता को दिया गया है, जो देवगणों व सृष्टि में सबसे उच्च माने गए हैं. शिव जी की इस बात को सुनकर सभी देवगण सहमत हो गए, जिसके बाद से भगवान श्री गणेश को सर्वप्रथम पूज्यनीय माना जाने लगा. तब से आज तक प्रत्येक शुभ कार्य व उत्सव से पूर्व गणेश वंदन को शुभकारी माना जाता है. मान्यता है कि भगवान गणेश जी का पूजन सभी कष्टों को दूर कर खुशहाली लाता है. Lord Ganesha

भगवान् गणेश को मिला था प्रथम पूज्य का वरदान 

गुरु माँ निधि जी श्रीमाली के अनुसार एक बार भगवान शिव और गणेश के बीच युद्ध हुआ और उस युद्ध के दौरान गणेश जी का सिर धड़ से अलग हो गया। जब देवी पार्वती ने शिव को बताया कि गणेश उन्हीं का पुत्र है तो पार्वती के आग्रह पर भगवान शिव ने गणेश जी के शरीर पर हाथी का सिर जोड़ दिया। धड़ पर हाथी का सिर जोड़े जाने पर देवी पार्वती ने भगवान शिव से पूछा कि मेरे पुत्र की इस रूप में सृष्टि में भला कौन पूजा करेगा, तब भगवान शिव ने गणेश को वरदान दिया कि सभी देवी-देवताओं की पूजा तथा प्रत्येक मांगलिक कार्य से पहले गणेश की पूजा की जाएगी और इसके बिना प्रत्येक पूजा अथवा कोई भी कार्य अधूरा माना जाएगा। Lord Ganesha

भगवान गणेश को दूर्वा काफी प्रिय है. ऐसे में बुधवार के दिन भगवान गणेश को 21 दूर्वा अर्पित करें. इससे आपकी सभी समस्याएं दूर हो जाएंगी. Lord Ganesha

भगवान् गणेश के कुछ उपाय 

  1.  गाय को हरी घास खिलाना काफी शुभ माना जाता है. साथ ही इस दिन भगवान गणेश के माथे पर सिंदूर का तिलक लगाएं. इससे आपको हर कार्य में सफलता प्राप्त होती है.  
  1.  भगवान गणेश को शमी के पत्ते अर्पित करना काफी शुभ माना जाता है. ऐसा करने से तनाव और मानसिक संकट दूर होते हैं. 
  1.  भगवान गणेश के बीज मंत्र ॐ गं गणपतये नमः का जाप करें. इससे आपको ज्ञान की प्राप्ति होती है और शिक्षा में सफलता प्राप्त होती है. 
  2. अगर आपकी कुंडली में बुध कमजोर है तो बुधवार के दिन आपको हरे रंग के कपड़े पहनने चाहिए. 
  3.  किसी जरुरतमंद को हरी मूंग की दाल और हरे रंग का कपड़ा दान करना काफी शुभ माना जाता है.  Lord Ganesha

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हर साल की भाँति इस साल भी 23 सितम्बर से 7 अक्टूबर तक लक्ष्मी अनुष्ठान का आयोजन किया जा रहा है लक्ष्मी अनुष्ठान से सदैव माँ लक्ष्मी की कृपा रहती है तथा घर में सुख समृद्धि का वास होगा अगर आप भी माता लक्ष्मी की कृपा पाना चाहते है तो इस लक्ष्मी अनुष्ठान में हिस्सा लेकर अपने नाम से पूजा करवाए यह अनुष्ठान गुरु माँ निधि जी श्रीमाली एवं हमारे अनुभवी पंडितो द्वारा विधि विधान से एवं उचित मंत्रो उच्चारण के साथ सम्पन्न होगा आज ही अनुष्ठान में हिस्सा लेकर माता लक्ष्मी का विशेष आशीर्वाद प्राप्त करे एवं किसी भी अन्य दिन किसी भी प्रकार की पूजा , जाप करवाना चाहते है तो हमारे संस्थान में संपर्क करे
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