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Kanya Rashi September 2023 Hindi blog | कन्या राशि सितंबर 2023 राशिफल |Virgo September Horoscope Nidhi Shrimali

Kanya Rashi September 2023 Hindi blog

नमस्कार, स्वागतम वेलकम  आज हम आपके सामने सितम्बर माह का कन्या राशि वालो का मासिक राशिफल लेकर उपस्थित हुवे है ओर ये माह बहुत ही विशेष है क्योंकि ये व्रत और त्योहारों से भरा हुआ माह है। दो सितम्बर को जहाँ कजली तीज जोकि राजस्थान का प्रमुख सुहागिनों का पर्व है इसे करवा चौथ के लिए आप राजस्थान में मान सकते हैं कि राजस्थान में महिलाएं कजली तीज का बड़े ही धूमधाम से मनाती है। सात सितम्बर को कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व बहुत ही धूमधाम से पूरा देश मनाएगा। 10 सितम्बर को अजा एकादशी का पर्व आ रहा है। वहीं 18 सितम्बर को हरतालिका तीज का पर्व सुहागिनें बड़े ही धूमधाम से मनाएंगी। 19 सितंबर को गणेश चतुर्थी का पर्व आ रहा है और ये गणपति बप्पा का सबसे विषेश पर्व माना जाता है। 20 सितम्बर को ऋषि पंचमी का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जाएगा। 23 सितम्बर को राधाष्टमी आ रही है। कृष्ण भगवान के जन्म के बाद राधा जी का जन्म हुआ था और राधाष्टमी का पर्व बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। 25 सितम्बर को बाबा रामदेव जयंती मनाई जाएगी और 28 सितंबर को अनंत चतुर्दशी का पर्व बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाएगा। तो ये है विशेष रूप से सितम्बर माह में आने वाले विशेष और बहुत सारे व्रत और त्योहार जो की इस महीने को और भी अधिक विशेष बना रहे हैं।

अब ग्रहों की स्थिति के हिसाब से ये महीना किस प्रकार से रहेगा, क्या ग्रहों की पोजीशन रहेगी उसके बारे में जान लेते हैं। सबसे पहले ग्रहों के राजा सूर्य की बात करते हैं जो की वर्तमान में स्वग्रही होकर सिंह राशि में विराजमान हैं और 17 सितंबर को वे अपनी मित्र राशि कन्या में प्रवेश कर जाएंगे। उसके अलावा बुध ग्रह की बात करें तो वे इस पूरे माह अपनी अति मित्र राशि सिंह में विराजमान रहेंगे। मंगल ग्रह की बात करें तो वे अपनी सम राशि कन्या में विराजमान रहेंगे। वहीं शुक्र ग्रह की बात करें तो वे अपनी सम राशि कर्क में इस पूरे माह विराजमान रहने वाले हैं। गुरु ग्रह की स्थिति मेष राशि में रहेगी जो कि उनकी अति मित्र राशि है। शनि ग्रह अपनी खुद की मूल त्रिकोण की राशि कुम्भ स्वग्रही होकर विराजमान रहेंगे और राहू और केतु दोनों ही मेष और तुला जो कि उनकी सम राशियाँ है उसमें विराजमान रहने वाले हैं। तो ये है सितम्बर माह के ग्रहों की स्थिति का हाल जिसमें केवल एक यानि सूर्य ग्रह का ही राशि परिवर्तन होने जा रहा है। अब इन ग्रहों की स्थितियों का क्या इफेक्ट। आपको इस माह में अपनी राशि यानि कन्या राशि पर देखने को मिलेगा। उसके बारे में जान लेते हैं

शुरुआत करते हैं कन्या राशि वालो का सितम्बर माह का मासिक राशिफल की। सबसे पहले हम आपको बता दे कि ये जो हम आपको राशिफल दे रहे है  ये चंद्र गणनाओं पर आधारित है और आपकी राशि और लग्न दोनों के हिसाब से समान रूप से प्रभावशाली भी है। तो सबसे पहले आपके राशि स्वामी यानि लग्नेश की बात करते हैं। आपकी राशि स्वामी और लग्नेश दोनों ही है। बुध और बुध जाकर बैठे हैं सूर्य के साथ में यानि खर्च भाव के स्वामी के साथ में बुध की युति हो रही है। यहां पर सूर्य बुध के बुधादित्य योग का इतना अधिक लाभ नहीं मिलेगा क्योंकि बुध खुद गलत घर में बैठे हैं। यानी खर्च बहुत है और कर्ज मामा बुध के रिजल्ट। चूंकि बुध एक सौम्य ग्रह है तो अच्छे नहीं मिलेंगे। यहां पर थोड़ा सा आपको संभलकर रहने की आवश्यकता रहेगी। कोई भी व्यक्ति आपको भ्रमित कर सकता है। अपनी बातों के भ्रमजाल में फसा सकता है। ऐसे लोगों से थोड़ा सा दूर रहें। अपने बुद्धि और विवेक का इस्तमाल करें। अग्रेशन और गुस्से को साइड में रखकर सोचें और युक्ति से ही अपने कार्यों को बनाने का प्रयास करें। ददिहाल वालों से विशेष रूप से आपको संबंधों में ध्यान देने की आवश्यकता रहेगी वरना उनसे संबंध थोड़े से खराब होने की संभावना बनी हुई है। इस समय चीज़ों को याद रखने के लिए आपको उन्हें लिख लेना या फिर फोन में सेव कर लेना आपके लिए ज्यादा सही रहेगा। तभी आप चीजों को याद रख सकेंगे और सही समय पर अपने कार्यों को पूर्ण कर पाएंगे। वरना आपके कार्य लेट होते चले जाएंगे और इससे भी नुकसान की स्थितियां बढ़ सकती हैं। वो चूंकि आपके कर्मेश भी है और कर्मेश अपने से तृतीय जाकर जरूर बैठे हैं पर उसमें बुध के रिजल्ट इतने अच्छे नहीं हैं। इसीलिए इस समय आपको कर्म प्रधान बनना होगा। इस समय अपने काम को कॉन्सन्ट्रेशन से आप कम्प्लीट करें, तभी आपके काम निर्विघ्न संपन्न हो पाएंगे। सोच समझकर डिसीजन लेना होगा। अधिकारियों से अच्छा तालमेल बनाकर चलना होगा तभी आप के काम बन पाएंगे और अधिकारी भी आपसे प्रसन्नचित नजर आएंगे। कुल मिलाकर अगर हम कहे कि बुध के रिजल्ट इतने अच्छे आपको इस माह नहीं मिलेंगे तो इसमें गलत नहीं होगा। इसीलिए आपको संभलकर चलने की आवश्यकता है। झूठे आरोपों से विशेष रूप से सावधान रहें और कॉन्ट्रोवर्सी से बचकर रहने का प्रयास करें।

अब आते हैं आपके द्वितीय भाव पर आपके द्वितीय भाव के स्वामी हैं शुक्र जो कि आपके भाग्येश भी हैं यानि धनेश और भाग्येश दोनों ही शुक्र है शुक्र जाकर बैठे आपके लाभ भाव में द्वितीय भाव का स्वामी अपने से दशम जाकर बैठा है। यहां पर शुक्र का अपने से दशम जाकर बैठना बहुत ही अच्छा आपके। सम्बंदित कोई भी कार्य मैं आपको सफलता दिलवाएगा। इस समय आप जो भी काम करेंगे, जो भी मेहनत करेगे उसका यथेष्ट फल भी आपको प्राप्त होगा। आपके काम बनते चले जायेंगे। कामों में अच्छी सफलता आप इस समय प्राप्त करेंगे। परन्तु इस समय किसी भी कॉन्ट्रोवर्सी से आपको बचना होगा। कुटुम्ब में किसी भी रिश्तेदार से तनातनी या फिर पारिवारिक सदस्यों से झगडा ना करें। इस समय सोच समझ कर निर्णय लें। किसी के कान की किसी के बातों में यानि कान के कच्चे नहीं हों। किसी की बातों में आने की अपेक्षा आपको उसके बारे में पूरी गहराई से सोच कर आगे बढना है। यानि की कोई आपको कह जाए कि भई ये बात किसी के खिलाफ भर दे आपके कान और आप उसकी बातों में आकर उस व्यक्ति के विरुद्ध हो जायें ऐसा काम आपको नहीं करना है। बहुत सोच समझ कर डिसीजन लीजिएगा। इस समय आपके डिसीजन बहुत मायने रखेंगे। आपके निर्णय पर ही आपका भविष्य टिका रहेगा। तो थोडा सा संभल कर चलेंगे तो शुक्र के रिजल्ट आपको बहुत ही अच्छे और बेहतरीन देखने को मिलेंगे। इस समय यात्रायें आपके लिए सुखद और मंगलमय रहेगी और प्रोफेशनल लाइफ में आप अच्छी सफलता हासिल करेंगे। अब शुक्र जो की आपके भाग्येश भी है भाग्य अपने से तृतिय जाकर बैठा है या भाग्य का अपने इतराते जाकर बैठना आपके भाग्य को बढ़ाएगा। इस समय लक फैक्टर आपका साथ देगा। यानि इसमें अगर आप छोटे मोटे कोई रिस्की कामों में हाथ भी डालते हैं तो आपको लक सपोर्ट करेगा। अगर प्रोफेशनल लाइफ में लक की आवश्यकता है तो इस समय आप अपने लक को आजमा सकते हैं। लक आपका पूरा साथ देगा। इस समय भक्ति भावना से आप भरे रहेंगे। परिवार का आपको पूरा सपोर्ट मिलेगा और ऑटो पे जाकर लोगों की सहायता से भी आपको मानसिक शांति की अनुभूति होगी। यात्रा आपके लिए सुखद और मंगलमय रहेगी। तो शुक्र के रिजल्ट आपको बहुत ही अच्छे और बेहतरीन इस माह देखने को मिलेंगे।

अब आते हैं आपके पराक्रम भाव पर पराक्रम भाव के स्वामी है मंगल जो आपके अष्टम भाव के स्वामी है तो अष्टमेश और पराक्रमेश का लग्न में जाकर बैठना आपकी पर्सनैलिटी को बहुत ही अच्छा और पावरफुल बना सकता है। आपके बल और पराक्रम में वृद्धि होगी। इस समय थोडा सा अग्रेशन, गुस्सा आपमें जरुर आ सकता है। थोड़ा ईगो जरुर आ सकता है इसीलिए आपको इन विकारों को भी ध्यान में रखते हुए अपने जीवन में आगे बढना है। यानि इनको इतनी इम्पोर्टेंस नहीं देनी। अपने गुस्से पर थोड़ा सा काबू रखें, अग्रेशन पर नियंत्रण रखें और ईगो को साइड में रखकर चलेंगे तो आप सफलता को दुगना पाएंगे। आपके पॉलिटिकल लाइफ के अंदर आपको बहुत अच्छी सफलता मिल सकती। जो भी पॉलिटिक्स से जुड़े हुए उन लोगों के लिए यह समय बहुत ही अच्छा रहेगा। छोटे भाई बहनों के साथ मैं आपके सम्बन्ध और अधिक प्रगाढ़ और मजबूत होंगे और उनके साथ अगर प्रोपर्टी से सम्बंधित कोई विवाद चल रहे हैं तो वो भी सॉल्व होते हुए दिखाई देंगे। अब मंगल चूंकि आपके अष्टम भाव के स्वामी है और अष्टमेश अपने से सिस्टम जाकर बैठा है परन्तु लग्न में मंगल बैठे हैं इसीलिए इस समय यात्रायें करते समय सावधानी रखें। सीटबेल्ट हेलमेट का प्रयोग करें, ट्रैफिक नियमों का पालन करें और लम्बी दूरी की यात्रा को ड्राइव करके कहीं पर भी ना जायें। इस समय यातायात के संसाधनों का उपयोग करना ही आपके लिए ज्यादा बेहतर और उचित रहेगा। यात्रा आपके लिए सुखद और मंगलमय रहेंगी पर इस समय अजनबियों पर भरोसा बिल्कुल भी ना करें। रिस्की कामों में इन्वेस्टमेंट करने से आपको बचना होगा। इस समय आपको अपने कॉलीग्स का आपको अपने अपनों का पूरा साथ और सहयोग मिलेगा। परन्तु जानवरों से भी थोड़ा सावधान रहें क्योंकि जानवरों से चोट लग सकती है। अपने काम किसी और पर ना डालकर खुद करें। खुद करेंगे तो आपके लिए ज्यादा बेहतर परिस्थितियां आप उत्पन्न कर पाएंगे। तो मंगल के रिजल्ट आपको इस माह मिलने वाले हैं। सावधानी के साथ आगे बढ़ेंगे तो मंगल आपकी पावर को बढ़ाएंगे। आपकी स्ट्रेंथ को आपकी ताकत को बढ़ाएंगे।

अब आते हैं आपके सुख स्थान पर आपके सुकेश और सप्तमेश गुरु जो कि जाकर बैठे हैं। अष्टम भाव में। पहले तो गुरु का अष्टम भाव में बैठना अच्छा नहीं। फिर राहु के साथ चांडाल योग और बना रहे तो सप्तमेश और सुखेश दोनों के हिसाब से ये टाइम पीरियड आपके लिए इतना अच्छा नहीं है। थोडा सा अपने खर्चों को बैलेंस करके चलने का प्रयास करें। छोटे छोटे खर्चों से परेशान ना हों और एक थोडा सा बजट बनाकर चलेंगे तो आप अपने खर्चों को सही तरीके से मैनेज कर पाएंगे। किसान वर्ग के लिए ये समय इतना चने खेती बाडी में थोड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। मई जीवन साथी और मदर के बीच में आपको थोडा सा तालमेल बनाकर चलना होगा वरना घर में भी वातावरण अच्छा नहीं रहेगा जिससे आप थोड़े से परेशान दिखाई देंगे और जो हमारी पर्सनल लाइफ में परेशान होते हैं तो प्रोफेशनल लाइफ में भी हम उतना कॉन्सनट्रेशन से काम नहीं कर पाते हैं और हम थोडा सा डिस्टर्ब रहते हैं तो हम सफलता को भी नहीं छू पाते हैं। इसीलिए इस समय आपको अपनी दोनों लाइफ के बीच में बैलेंस बनाकर चलना है। इस समय आप। बहुत ज्यादा समझदारी से अपने रिश्तों को और अपनी प्रोफेशनल लाइफ को निभाना होगा, तभी आप सफलता को अर्जित कर पाएंगे। गुरु के रिजल्ट अच्छे नहीं हैं इसीलिए आपको संभलकर रहने की सख्त आवश्यकता है। गुरूवार के दिन अगर हो सके तो पीली चीजों का दान जरूर करें और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ भी जरूर करें। इससे आप अपने सुख स्थान को मजबूत कर पाएंगे। वहीं सप्तम भाव को भी मजबूत कर पाएंगे। व्यापारी वर्ग के लिए इस समय सोच समझ कर आगे बढ़ने का रहेगा। डिसिजन मेकिंग स्ट्रॉंग रखेगा।

अब बढ़ते हैं आगे और जान लेते हैं आपके पंचम और सप्तम भाव के बारे में। क्योंकि इन दोनों के स्वामी शनि और रोग स्वामी शनि स्वग्रही होकर बैठे हैं। हड्डियों से संबंधित मसल्स से संबंधित प्रॉब्लम हो सकती है। थोड़ा सा संभलकर रहें पर बड़े बड़े असाध्य रोग आपके जीवन में हैं या फिर आपके पारिवारिक सदस्यों को किसी को है तो उससे आपको मुक्ति इस माह मिलती हुई दिखाई देगी। इस समय संतान से संबंधित शुभ समाचारों की प्राप्ति होगी। वहीं मेहनत के दम पर आप अपनी सफलता को सुनिश्चित करेंगे। छात्रों के लिए यह समय पढ़ाई में अच्छी सफलता का रहेगा। अगर आप कोई भी गवर्नमेंट जॉब की तैयारी कर रहे हैं तो उसमें भी आपको अच्छी सफलता के योग रहेंगे। पर अगर न्यायिक से संबंधित न्यायिक प्रणाली से संबंधित आप कोई भी काम में संलग्न हैं तो डेफिनेटली यह समय उत्तम सफलता से भरा रहेगा। शत्रु भयभीत रहेंगे और आप अपने प्रत्येक कार्य में सफलता जरूर अर्जित करेंगे पर मेहनत आपको करणीय प्रमाणित नहीं होना है और डिसीजन मेकिंग स्ट्रॉंग करनी है। अब आप के लाभ भाव पर लाभ भाव की अगर मैं बात करूं तो लाभेश चंद्रमा और लाभ भाव में बैठे हैं। शुक्र जो कि बहुत ही अच्छे परिणाम देने वाला है। इस समय आपके लाभ की स्थितियां उत्तरोत्तर बढ़ती हुई दिखाई देगी। आपका सर्कल लेवल बढ़ता हुआ दिखाई देगा पर अति भावुकता वश किसी को भी अपना बिना सोचे समझे मित्र ना बनाएं इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखें। इस समय कोई अजनबी आपके जीवन में एंट्री ले सकता है जो कि आगे चलकर आपको मार्ग दर्शन प्रदान करेगा। तो ये समय आपके लिए बहुत ही अच्छा रहेगा पर भावुकता को थोड़ा सा बैलेंस करके चलें।

अब आते हैं आपके खर्च भाव पर।खर्च भाव के स्वामी सूर्य जो कि 17 सितंबर तक आपके खर्च भाव में बैठने वाले हैं और उसके बाद में वे आपके राशि में आ जाएंगे। तो सूर्य चूंकि खर्च भाव के स्वामी हैं तो दोनों ही परिस्थितियों में आपके खर्चों को डाउन करेंगे। आपके सेल्फ कॉन्फिडेंस को इनक्रीस करेंगे। आपकी फाइनेंशियल कंडीशन को और इम्प्रूव करते हुए दिखाई देंगे। अगर आप बिजली से संबंधित, गोल्ड से संबंधित या फिर इलेक्ट्रॉनिक्स से संबंधित कोई भी काम करते हैं तो आपको उसमें बहुत अच्छी सफलता प्राप्त होगी। अगर आप सरकारी कार्यों में संलग्न हैं या ऑफिसर गवर्मेंट जॉब कर रहे हैं तो डेफिनेटली इस समय आपको अपने सहकर्मियों के साथ तालमेल बनाकर रखना है। आपको ओवर कॉन्फिडेंस नहीं होना है और एक टीमवर्क की तरह अगर आप काम करेंगे तो जल्द ही अपने टारगेट को पूरा कर लेंगे। अचीव कर लेंगे और इससे आपको सरकारी कार्यों में भी बड़ी सफलता प्राप्त होगी और आपके बॉस आपसे प्रसन्नचित नजर आएंगे। पर इस समय रिश्वत लेने का प्रयास बिल्कुल भी न करें वरना आप बुरी तरह से फंस सकते हैं और नौकरी भी जा सकती है तो थोड़ा सा संभल कर रहने की आवश्यकता है। तो ये था कन्या राशि वालों का सितंबर माह का मासिक राशिफल।

शुभ तरिखे :- 1 से 3 तारीख , 7 तारीख , 9 से 12 तारीख, 16 तारीख, 18 तारीख, 20 तारीख, 21 तारीख, 25 तारीख, 27 तारीख, 29 और 30 तारीख।

अशुभ तारीखे :-  4 से 6 तारीख, 8 तारीख, 13 से 15 तारीख, 17 तारीख, 19 तारीख, 22 से 24 तारीख, 26 और 28 तारीख।

शुभ रंग :- सिल्वर और वाइट कलर

उपाय

  •  कजली तीज के दिन राधा कृष्ण के मंदिर में इलाइची अर्पित करें। फिर इस इलायची को अपने घर में ले आएं। जब भी आपके जीवन साथी किसी भी कार्य को पूर्ण करने के लिए निकले तब उन्हें ये इलायची जरुर दे दें।
  •  सुख और समृद्धि के लिए जन्माष्टमी के दिन बालगोपाल की पूजा करते समय आपको एक पान का पत्ता उन्हें जरूर अर्पित करना है। फिर इस पत्ते पर सिंदूर से श्री लिखकर उसे अपने पैसे वाले स्थान यानि तिजोरी में रख दें।
  •  गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश के पूजन में घी और गुड़ का भोग लगाएं और गणेश अथर्वशीर्ष का पाठ जरुर करें।
  • हरतालिका तीज के दिन महिलाओं को भोलेनाथ और माता पार्वती की पूजा आराधना करनी चाहिए। साथ ही उनकी कथा जरुर पढ़ें और सुनें।
  •  अपने घर परिवार की खुशहाली चाहते हैं तो अनंत चतुर्दशी के दिन शाम के समय लाल चंदन को कपूर के साथ जला कर इस धुएं को पूरे घर में घुमाएं।