जानिए अधिकमास की अमावस्या का महत्व ,शुभ मुहूर्त एवं उपाय – Amavasya of Adhikamas
Amavasya of Adhikamas गुरु माँ निधि जी श्रीमाली ने बताया है कि इस समय सावन का पवित्र महीना चल रहा है और इस बार अधिक मास होने के चलते पूरे 59 दिनों के लिए सावन है. अधिक मास के दौरान जब अमावस्या पड़ती है, तो ये दिन बहुत ही खास होता है. कहते हैं इस दिन भगवान भोलेनाथ पर सिर्फ एक छोटा सा कनेर का फूल ही चढ़ा दिया जाए तो आपको अपनी जिंदगी में अपार सफलता और सुख समृद्धि मिलती है. Amavasya of Adhikamas
अधिकमास की अमावस्या का महत्व
हिन्दू धर्म में अमावस्या का दिन बेहद खास होता है. अमावस्या के दिन स्नान-दान, पूजा-पाठ और तर्पण इत्यादि कर्म करने से साधकों को विशेष लाभ प्राप्त होता है. इस साल अधिक मास में पड़ने वाली अमावस्या तिथि बेहाद खास माना जा रहा है. क्योंकि अधिक मास में पड़ने वाली अमावस्या तिथि तीन साल के अंतराल के बाद आती है. अधिक मास अमावस्या के दिन विशेष संयोग का निर्माण हो रहा है. अधिकमास अमावस्या पर जो व्यक्ति श्राद्ध कर्म करता है उनके पूर्वजों की आत्मा तृप्त रहती है और परिवार के सारे दुख दूर हो जाते हैं. Amavasya of Adhikamas
अधिक मास अमावस्या 2023 तिथि और शुभ मुहूर्त
गुरु माँ निधि जी श्रीमाली के अनुसार, श्रावन कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि का शुभारंभ 15 अगस्त दोपहर 12 बजकर 42 मिनट पर होगा और इस तिथि का समापन 16 अगस्त दोपहर 03 बजकर 07 मिनट पर हो जाएगा। बता दें कि अधिक अमावस्या 15 अगस्त 2023, मंगलवार के दिन पड़ रहा है। बता दें कि इस विशेष दिन पर सावन अधिक मास का पंचम मंगला गौरी व्रत रखा जाएगा। मंगलवार के दिन पड़ने के कारण इसे दर्शन अमावस्या के नाम से जाना जाएगा। Amavasya of Adhikamas
अधिकमास अमावस्या के फायदे
- अधिक मास की पूर्णिमा बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है।
- इस दिन पितृ तर्पण करने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है।
- इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा होती है।
- साथ ही, भगवान विष्णु का भी सानिध्य प्राप्त होता है।
- अधिक मास अमावस्या की पूजा से नकारात्मकता दूर होती है।
- कैसा भी बुरा प्रभाव खत्म हो जाता है और राहु भी शांत होता है।
- अधिक मास अमावस्या के दिन पूजा करने से फल भी अधिक मिलता है। Amavasya of Adhikamas
अमावस्या इन बातों का रखें खास ध्यान
1. अमावस्या की रात सुनसान जगह पर नहीं जाना चाहिए। क्योंकि इस रात नकारात्मक शक्तियां हावी होती हैं।
2. सुबह देर तक सोने से बचना चाहिए और सुबह उठ कर सूर्य को जल चढ़ाने के बाद भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए।
3. विवाद और झगड़े इस दिन बिना बात ही होने लगते हैं, इसलिए कोशिश करें इस परिस्थिति से बचें। यदि घर में या घर से बाहर वाद-विवाद होता है तो इसका मतलब होता है कि पितरों की आपसे नाराजगी है।
4. मांस-मदिरा का सेवन बिलकुल भी न करें।
5. अमावस्या के दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। इस दिन के संबंध से उत्पन्न संतान जीवन में कभी भी सुखी नहीं रह पाती है। Amavasya of Adhikamas
गुरु माँ निधि जी श्रीमाली द्वारा बताए गए अधिकमास अमावस्या के उपाय Amavasya of Adhikamas
- जब विराम दिवस होगा तब आप भगवान भोलेनाथ की शिवलिंग पर एक कनेर का फूल और दो लोटा जल अवश्य चढ़ाएं. ऐसा करने से ना सिर्फ भगवान भोलेनाथ बल्कि 33 कोटि के देव अपना आशीर्वाद भक्तों पर न्योछावर करते हैं. कहते हैं विराम दिवस पर अगर भगवान भोलेनाथ को कनेर का फूल चढ़ाया जाए तो जन्मों-जन्मों के पाप उतर जाते हैं और पिंडदान करने जितना पुण्य मिलता है.
- अधिक मास अमावस्या के दिन आप स्नान के बाद पीपल के पेड़ की पूजा करें. इसमें भगवान विष्णु, महादेव, ब्रह्मा जी समेत कई देवताओं का वास होता है. अमावस्या को पीपल के पेड़ की जड़ को जल से सींचने और शाम के समय पेड़ के नीचे दीपक जलाले से इनकी कृपा प्राप्त होती है. इससे पितर भी प्रसन्न होते हैं. इस दिन पीपल की परिक्रमा भी करते हैं.
- अधिक मास अमावस्या के दिन प्रात:काल में स्नान करने के बाद सूर्य देव को जल से अर्घ्य दें. उस जल में लाल पुष्प, लाल चंदन और गुड़ डाल लें. अर्घ्य के समय सूर्य मंत्र का जाप करें. ऐसा करने से दरिद्रता दूर होती है और घर धन-धान्य से भर जाता है.
- अधिक मास अमावस्या पर आप तुलसी की पूजा करें और 108 बार उनकी परिक्रमा करें. शाम के समय घी का दीपक जलाएं. आपके घर में सुख और शांति का वास होगा.
- अधिक मास के प्रतिनिधि देव भगवान विष्णु हैं. अधिक मास का हर दिन विष्णु पूजा के लिए समर्पित है. ऐसे में आप अधिक मास अमावस्या पर श्री हरि विष्णु की पूजा करें. उनके आशीर्वाद से आपके सभी कष्ट दूर होंगे.
- यदि आपकी कुंडली में चंद्रमा कमजोर है या चंद्र दोष है तो आमवस्या के दिन गाय को चावल और दही खिलाएं. इससे ग्रह दोष दूर होगा, मन स्थिर होगा और मानसिक शांति की प्राप्ति होगी.
- अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने के बाद दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. यह दान आप अपने पितरों के निमित्त करते हैं तो वे तृप्त होते हैं. खुश होकर उन्नति का आशीर्वाद देते हैं. परेशानियों का अंत होता है. Amavasya of Adhikamas
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इस साल अधिकमास होने के कारण श्रावण मास 2 महीने तक रहेगा अर्थात भगवान् शिव की भक्ति के लिए अधिक समय मिलेगा 19 साल बाद ऐसा संयोग बनने से श्रावण मास का महत्व ओर अधिक बढ़ गया हर साल की तरह इस साल भी हमारे संस्थान में महारुद्राभिषेक का आयोजन किया जा रहा है अगर आप भी भगवान् शिव की कृपा पाना चाहते है तो इस महारुद्राभिषेक में हिस्सा लेकर अपने नाम से रुद्राभिषेक करवाए यह रुद्राभिषेक गुरु माँ निधि जी श्रीमाली एवं हमारे अनुभवी पंडितो द्वारा विधि विधान से एवं उचित मंत्रो उच्चारण के साथ सम्पन्न होगा आज ही रुद्राभिषेक में हिस्सा लेकर भगवान् शिव का विशेष आशीर्वाद प्राप्त करे एवं किसी भी अन्य दिन किसी भी प्रकार की पूजा , जाप एवं भगवान् शिव के महामृत्युंजय का जाप करवाना चाहते है तो हमारे संस्थान में संपर्क करे
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