Astro Gyaan

What is Pitradosh | पितृदोष शांति के उपाय

पितृदोष शांति


Pitradosh पितरों से अभिप्राय व्यक्ति के पूर्वजों से है। जो पित योनि को प्राप्त हो चुके है, ऐसे सभी पूर्वज जो आज हमारे बीच नहीं, परन्तु मोहवश या असमय मृ्त्यु को प्राप्त होने के कारण, आज भी मृ्त्यु लोक में भटक रहे है। अर्थात जिन्हें मोक्ष की प्राप्ति नहीं हुई है, उन सभी की शान्ति के लिये पितृदोष शांति उपाय किये जाते है। ये पूर्वज स्वयं पीडित होने के कारण तथा पितृ्योनि से मुक्त होना चाहते है, परन्तु जब आने वाली पीढी की ओर से उन्हें भूला दिया जाता है, तो पितृ दोष उत्पन्न होता है। पित्र दोष मुक्ति के लिए पितृ दोष यन्त्र बनाया गया है, इस यन्त्र को अपने पूजा कक्ष में विराजित कर इसकी नियमित पूजा कर निम्न मंत्र का उच्चारण करने से पित्र दोष का प्रभाव कम हो जाता है। यह मंत्र निम्न है :- “पित्र देवो नम : ॐ शांति” “सर्व पित्रदोष मोक्षार्थे ॐ शांति” इस मंत्र के जाप से पितरो को मोक्ष की प्राप्ति होती है। पितृ दोष बनने का कारण :- नवम पर जब सूर्य और राहू की युति हो रही हो तो पितृ दोष योग बनता है, पंडित एन. एम. श्रीमाली जी के अनुसार सूर्य तथा राहु जिस भी भाव में बैठते है, उस भाव के सभी फल नष्ट हो जाते है। व्यक्ति की कुण्डली में एक ऐसा दोष होता है, जो इन सब दु:खों को एक साथ देने की क्षमता रखता है, इस दोष को पितृ दोष कहा जाता है। पितृदोष, अर्थात हमारे अथवा हमारे पितरों या पूर्वजों द्वारा किए गए कुछ ऐसे कर्म जो हमारे लिए श्राप बन जाते हैं। पितृ दोष के अनेक कारण होते हैं। परिवार में किसी की अकाल मृत्यु होने से, अपने माता-पिता आदि सम्माननीय जनों का अपमान करने से, मरने के बाद माता-पिता का उचित ढंग से क्रियाकर्म और श्राद्ध न करने से पितरों का दोष लगता है। Pitradosh

गौ हत्या और भ्रूण हत्या से भी पितृदोष लगता है। पितृ दोष निवारण के उपाय :-

(1) पीपल के वृ्क्ष की पूजा करने से पितृ दोष की शान्ति होती है, इसके साथ ही सोमवती अमावस्या को दूध की खीर बनाकर, पितरों को अर्पित करने से भी यह दोष कम होता है या फिर प्रत्येक अमावस्या को एक ब्राह्मण को भोजन कराने व दक्षिणा वस्त्र भेंट करने से पितृ दोष कम होता है । Pitradosh

(2) प्रत्येक अमावस्या को कंडे की धूनी लगाकर उसमें खीर का भोग लगाकर दक्षिण दिशा में पितरों का आव्हान करने व उनसे अपने कर्मों के लिये क्षमायाचना करने से भी लाभ मिलता है।

(3) सूर्योदय के समय किसी आसन पर खड़े होकर सूर्य को निहारने, उससे शक्ति देने की प्रार्थना करने और गायत्री मंत्र का जाप करने से भी सूर्य मजबूत होता है।

(4) सूर्य को मजबूत करने के लिए माणिक भी पहना जाता है, मगर यह कुंडली में सूर्य की स्थिति पर निर्भर करता है।

(5) सोमवती अमावस्या के दिन पितृ दोष निवारण पूजा करने से भी पितृ दोष में लाभ मिलता है। Pitradosh

(6) कौओं और मछलियों को, चावल और घी मिलाकर बनाये गये लड्डू हर शनिवार को देना चाहिए।


पितृ दोष शांति की पूजा हमारे विद्वान पंडितो द्वारा करवाई जाती है| पूजा करवाने हेतु न्यौछावर राशि 8000/- 

Note: Daily, Weekly, Monthly and Annual Horoscope is being provided by Pandit N.M.Shrimali Ji, almost free. To know daily, weekly, monthly and annual horoscopes and end your problems related to your life click on  (Kundali Vishleshan) or contact Pandit NM Shrimali  Whatsapp No. 9929391753,E-Mail- [email protected]

Connect with us at Social Network:-

social network panditnmshrimali.com social network panditnmshrimali.com social network panditnmshrimali.com social network panditnmshrimali.com

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *