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Kanya Rashifal 2023 | कन्या राशिफल 2023 | Kanya Rashi – Virgo Horoscope 2023 – Nidhi Shrimali

Virgo Horoscope 2023 - Nidhi Shrimali

Kanya Rashifal 2023

सबके लिए हो मंगलमय नववर्ष का एक एक पल,
भविष्य स्वर्णिम और सुखद हो सबके लिए हो उज्जवल।

आज हम आप सभी के सामने कन्या राशि वालो का वर्ष 2023 का वार्षिक राशिफल लेकर उपस्थित हुए हैं। सबसे पहले आपके राशि स्वामी की बात करते हैं जो कि है बुध, बुद्धि के दाता गणपति जी इनके आराध्य देव माने गए हैं और बुध संस्कृति से, लेखनी से, बुद्धि से, टेक्निकल फील्ड से हमें जोड़ता है। यदि आप आईटी फील्ड में हैं तो निश्चित रूप से आपकी कुण्डली में बहुत अच्छी पोजीशन में बुध बैठे होंगे या फिर एकाउंटिंग फायनेंस बैंकिंग, सेक्टर या फिर गणितज्ञ अगर आप हैं तो निश्चित रूप से बुध के परिणाम आपको बहुत ही अच्छे देखने को मिलेंगे। बुध अपनी ही राशि कन्या में उच्च के होते हैं और मीन राशि में वे नीच के प्रभाव दिखाते हैं और आप सभी जानते हैं। बुध, मिथुन और कन्या राशि के स्वामी ग्रह माने गए हैं। आपके राशि स्वामी बुध, बहुत जीवन में अच्छी घटनाओं से हमें जोड़ते हैं। बुद्धि के दाता हैं। अगर किसी का बुध मजबूत हो तो वो व्यक्ति बहुत अच्छे आईक्यू लेवल का होता है। उसका सिक्स्थ सेंस बहुत मजबूत होता है तो अब आगे और जान लेते हैं कि इस वर्ष पर्यंत बुध की स्थिति आपको कैसी देखने को मिलेगी। चूंकि आपकी राशि स्वामी है |


सबसे पहले हम आपके राशि स्वामी पर ही आते हैं और उन्ही की पूरे वर्ष पर्यंत की बात करेंगे तो पूरे वर्ष पर्यंत बुध दोनों से वृश्चिक राशि तक गोचर भ्रमण करेंगे। बुध 16 मार्च से 31 मार्च तक अपनी नीच की राशि मीन में गोचर भ्रमण करेंगे। यानि आपके सप्तम भाव में नीच के होकर विराजमान होंगे। सप्तम भाव में बुध का नीच का होकर बैठना थोड़ा सा कहीं न कहीं मिसअंडरस्टैंडिंग ला सकता है। आपको ये चीजें भूलने की आदत प्रिय चीजों का खो जाना या फिर लाइफ में छोटी छोटी मिसमैनेजमेंट होना ऐसी प्रवर्ति को उत्पन्न कर सकता है। वहीं जो एकाउंटिंग सीए, सीए बैंकिंग सेक्टर से जुड़े हुए काम हैं वो भी अटक सकते हैं। इन क्षेत्रों में कार्यरत लोगों को कुछ कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। ये 16 से 31 मार्च तक का ही टाइम पीरियड है तो इस टाइम पीरियड के दौरान थोड़े सावधान और सतर्क रहें। 24 जून से लेकर 8 जुलाई तक बुध मिथुन राशि में स्वग्रही होकर विराजमान रहेंगे। आपके कर्म भाव में जाकर विराजमान होंगे। बुध का आपके कर्म भाव में जाकर स्वग्रही होकर बैठना, केन्द्र में भद्र नामक महापुरुष योग का निर्माण करेगा तो 24 जून से लेकर 8 जुलाई तक आप अपने सभी कार्यों में सफलता हासिल कर सकते हैं। इस समय अगर आपके कोर बैंकिंग सेक्टर से जुड़े हुए अटके हुए काम हैं तो आपको इन कार्यों पर विशेष रूप से ध्यान देना चाहिए। इस टाइम पीरियड के दौरान आपके वो कार्य शीघ्रता पूर्वक संपन्न हो जाएंगे। वहीं बुध 1 अक्टूबर से लेकर 19 अक्टूबर तक अपनी उच्च की राशि कन्या में गोचर भ्रमण करेंगे। आपकी राशि में उच्च के होकर विराजमान बुध का होना आपको बहुत ही शानदार परिणाम दिलवाएगा। इस समय भी भद्र नामक महापुरुष योग बनेगा। आपका आईक्यू लेवल बुद्धिमत्ता के चर्चे चारो तरफ होंगे। सामाजिक मान सम्मान यश कीर्ति में वृद्धि होगी। कोई बड़े बड़े गणित के कार्य और रिसर्च के कार्य में आपको सफलता इस समय प्राप्त हो सकती है। वहीं जो लोग लेखन के क्षेत्र से जुड़े हुए हैं उनको भी ये समय बहुत ही अच्छे और बेहतरीन रिजल्ट दिलवाएगा। ये तो हुई आपके राशि स्वामी के बात | अब आ जाते हैं। महत्वपूर्ण तीन ग्रहों पर जो कि इस साल आपके जीवन में बहुत बड़े परिवर्तन करने जा रहे हैं। बहुत बड़े परिवर्तन इनकी वजह से होते हैं क्यूंकि इन ग्रहों का प्रभाव आपके जीवन पर बहुत गहरा और अधिक देखने को मिलता है क्योंकि ये एक स्थान पर बहुत लम्बे समय तक रहते हैं।


शनि का राशि परिवर्तन


सबसे पहला और सबसे बड़ा राशि परिवर्तन साल की शुरुआत में ही हो रहा है। शनि ग्रह जिसे आज के टाइम में हर व्यक्ति भयभीत और प्रभावित रहता है। शनि ग्रह कर्मफलदाता है तो 17 जनवरी को शनि का राशि परिवर्तन हो रहा है। शनि अब तक आपके पंचम भाव में स्वग्रही होकर और वक्री अवस्था में बैठे थे, लेकिन जब भी राशि से पंचम शनि जाते हैं तब हमने ये ऑब्जर्व किया। हमारा पर्सनल प्रेडिक्शन है कि शनि इतने अच्छे परिणाम नहीं देते हैं। हालाँकि ये परिणाम इतने खराब भी नहीं होंगे कि स्वग्रही होकर बैठे थे पर फिर भी कहीं न कहीं दिक्कतें परेशानियां ,स्ट्रगल वाली लाइफ आपको जरूर देखने को मिली होगी। पर 17 जनवरी को आप सभी रिलैक्स हो जाएंगे। कन्या। राशिवालों को अच्छे परिणाम मिलेंगे। शनि अपने से एक घर आगे जाकर बैठेंगे और अपनी मूल त्रिकोण की राशि कुम्भ में जाकर विराजमान हो जाएंगे। आपके षस्टम भाव में स्वग्रही होकर बैठेंगे जो कि शनि का कारक भाव कहलाता है तो अपने ही कारक धर्म भाव में शनि बहुत ही अच्छे रिजल्ट देंगे। इस समय अगर आपको हड्डियों से संबंधित मांस पेशियों से संबंधित कोई समस्या थी तो उस समस्या से मुक्ति मिल जाएगी। कोई असाध्य रोग जैसे कैंसर, एड्स या कोई भी बहुत बड़ा और बहुत लंबा रोग अगर आपको चल रहा था उसमें अब आपको आराम मिलेगा। उस रोग से आपको मुक्ति भी मिल सकती है और उस रोग से आप बहुत रिलैक्स महसूस करेंगे। अपने आपको फिट महसूस करेंगे यानि ये साल आपको अपने रोगों से मुक्ति दिलवा देगा तो श्वास संबंधी समस्याओं से भी मुक्ति मिलेगी। ननिहाल पक्ष से आपको विशेष लाभ की स्थितियां देखने को मिलेगी। आर्थिक मदद आपको ननिहाल वालों से मिल सकती है नाना नानी का आशीर्वाद उनका प्रेम उनका लाड़ दुलार आपको भरपूर देखने को मिलेगा। वहीं रुपए पैसे से संबंधित कोई भी अटके हुए मामले, कोई भी कर्ज की स्थिति अगर आपके जीवन में बनी हुई है तो उससे भी अब आपको मुक्ति मिलती हुई दिखाई देगी। विरोधियों से आप एकदम सावधान और रिलैक्स्ड रहें। विरोधी अपने आप ही खत्म हो जाएंगे तो जीवन के पथ पर शनि के रिजल्ट आपको बहुत ही अच्छे और बेहतर मिलेंगे। अब तक जो समस्याएं आपके जीवन में शनि की वजह से चल रही थी वो समस्याएं अब खत्म हो जाएगी। यहां पर अब शनि की दृष्टियों की बात करेंगे कि शनि की दृष्टिया इतनी अच्छी नहीं होती। तो शनि की तृतीय दृष्टि अष्टम भाव पर पड़ रही है जो कि अष्टम भाव को ठीक कर रही है।

क्योंकि शनि का ये जो अष्टम भाव है ये भी शनि का कारक स्थान माना जाता है और यहां पर शनि की दृष्टि इतना नुकसान नहीं पहुंचाती। तो इस समय आपकी जो रूटीन की लाइफ थोड़े से बिगड़े हुए काम अटके हुए काम थे वो अब सिस्टमैटिक ढंग से होना शुरू हो जाएंगे। आपके शत्रु परास्त हो जाएंगे। अगर आपने किसी पर भरोसा किया और उसने आपके साथ विश्वासघात किया तो अब वो पछताएगा वो खुद आपसे आकर माफी मांगेगा। ऐसी परिस्थितियां आपको जरुर देखने को मिलेगी। यात्रायें अच्छी होंगी। यात्रायें सुखद और मंगलमय रहेंगी। अच्छे उद्देश्यों के लिए यात्राएं होंगी। शुभ कार्य बहुत अधिक होंगे और शुभ कार्यों से संबंधित अगर आपको यात्राएं करनी भी पड़े तो वो आपके लिए नुकसानदायक नहीं होती। वो हमें खुशी और प्रसन्नता ही प्रदान करती है। तो शनि की तीसरी दृस्टि आपके लिए बहुत अच्छी रहेगी।

अब शनि की सप्तम दृष्टि की बात करते हैं। शनि की सप्तम दृष्टि आपके खर्च स्थान पर पड़ रही है। अब ये भी शनि का कारक स्थान माना गया है। यहां पर भी शनि की दृष्टि अगर पड़ रही है तो वो आपके खर्चों को कम करेगी जो अब तक बजट की समस्या की पैसा आ रहे खर्चो में कहीं नहीं बच रहे और पता ही नहीं चल रहा कि कैसा पैसा कब आया और कब हाथ से चला गया तो अब इन्हीं स्थितियों से आपको मुक्ति मिल जाएगी। बचत आपकी हो पाएगी सेविंग्स की वजह से आप फाइनेंशियली स्ट्रॉन्ग हो जाएंगे जो काम आपके अटक रहे हैं जो सहकर्मियों के साथ वर्कप्लेस पर वाद विवाद की स्थितियां रहती थीं, उनसे भी मुक्ति मिल जाएगी। यानि एक एकता के सूत्र में बनते हुए एकता का परिचय देते हुए आप एक टीमवर्क की तरह काम करेंगे और सफलता के झंडे गाड़ेगे। इस समय व्यापारी वर्ग को बहुत अच्छे लाभ की संभावनाएं विदेशों से देखने को मिलेगी। यानि जिनका इम्पोर्ट एक्सपोर्ट हैंडीक्राफ्ट से संबंधित व्यापार है उनको इस समय विदेशों से फायदा हो सकता है।


अब शनि की दशम दृष्टि की बात करते हैं तो शनि की दशम दृष्टि आपके पराक्रम भाव पर पड़ेगी जो कि कहीं न कहीं आपके पराक्रम को प्रभावित कर सकती है। थोड़ा सा भाइयों के साथ बहनों के साथ में मतभेद की स्थितियां उत्पन्न कर सकती हैं। पैतृक संपत्ति संबंधी विवादों को खड़ा कर सकती है। कुटुम्ब में एक परिवार में छोटी सी कहीं न कहीं दरार कुछ पेच जैसा महसूस करेंगे तो इस मामले में आपको बहुत सावधान रहना है। ऐसे कार्यों के अंदर बातचीत के द्वारा भी हल निकाला जा सकता है। जरुरी नहीं है कि आप हमेशा अग्रेशन और गुस्से से ही अपने कार्यों को बनाएं या फिर झगड़ा विवाद में ही फंसे हैं तो शांति पूर्वक अपने इन कार्यों को आप संपन्न करने का प्रयास करें तो शनि आपको ओवर ऑल इस साल बहुत शानदार रिजल्ट देगा जो कि पिछले साल आप शनि की परिस्थिति से पोजीशन से आप परेशान थे। अब आप बहुत रिलैक्स फील करेंगे।


गुरु का राशि परिवर्तन


अब दूसरे राशि परिवर्तन पर आते हैं जो कि 21 अप्रैल को होने जा रहा है। 21 अप्रेल को गुरु राशि परिवर्तन कर है। गुरू आपके सुख स्थान और सप्तम भाव के स्वामी हैं। आपके चार केन्द्रीय स्थानों के स्वामी दो ही हैं | एक बुध और एक गुरू बुध की पोजीशन में और और आपको पूरे साल अच्छी देखने को मिलेगी और गुरु की पोजीशन आपको। बेहतर देखने को मिलेगी। यानि सुख के स्थान सप्तम भाव के हिसाब से गुरु के रिजल्ट ठीक है। हालांकि गुरु अष्टम में जाकर बैठ रहें है वो इतना अच्छा नहीं माना जाता क्यूंकि गुरु 100 में ग्रह है और अष्टम भाव अच्छा नहीं माना जाता। तो जब एक संत को किसी डाकू के घर में बैठा दे तो वो अपने रिजल्ट इतने अच्छे नहीं दे पाता है तो थोडा सा आपको प्रयास अधिक करने पड़ेंगे। हालाँकि सुखेश अपने से पंचम जाकर बैठ रहें है जो की आपको बहुत अच्छे रिजल्ट सुखों में दिलवाएंगे। भूमि भवन, वाहन जैसे विवाद इस समय सॉल्व होते हुए दिखाई देंगे। हालांकि उसमें पेच और कठिनाइयों का सामना आपको जरूर करना पड़ेगा। इतनी आसानी से ऐसे मामलों में आपको सकारात्मक परिणाम नहीं मिलेंगे पर आपकी कोशिशों से आपके काम ज़रूर बनेंगे। माता के साथ कभी कभी वाद विवाद में वैचारिक मतभेद जैसी परिस्थितियां उत्पन्न हो सकती है। परंतु आप जल्दी ही अपने रिश्तों को वापस सामान्य भी कर लेंगे। यानि ये परिस्थितियां इतनी गंभीर रूप धारण नहीं करेगी।


गुरु सप्तम भाव के स्वामी अपने से एक घर आगे जाकर बैठे है। जीवन जीवनसाथी से अच्छा लाभ रहेगा। हालाँकि कभी कभी विवाह से संबंधित मामलों में आपको परेशानी देखने को मिलेगी। जो युवक युवतियां विवाह योग्य हो चुके हैं, उनके विवाह में कभी आपको इतनी आसानी से अपना लाइफ पार्टनर नहीं मिलेगा। यानि आप संतुष्ट नहीं होंगे। बहुत सारे सम्बन्ध आपको मिलेंगे पर आपके प्रयासों से ही काम बनते चले जाएंगे पर काम जरुर बनेंगे। व्यापारी वर्ग के लिए जो मैनेजमेंट का काम करते हैं, उनके लिए भी यह समय चुनौतीपूर्ण जरूर रहेगा पर सफलता दायक रहेगा। अब गुरु की दृष्टियों पर आते हैं गुरु की दृष्टियों की अगर बात करें तो गुरु की पंचम दृष्टि आपके खर्च भाव पर पड़ रही है। शनि की दृष्टि भी पड़ रही पर शनि की दृष्टि भी अच्छी और गुरु की दृष्टि तो सर्वत्रा अच्छी होती है तो वो आपको विदेशों से बहुत शानदार लाभ दिलवाएगी। इसमें विदेशी या विदेश यात्रा का सपना आपका पूर्ण होता हुआ दिखाई देगा। जो युवक युवतियां बाहर जाकर नौकरी करना चाहते यानी अब्रॉड में जॉब ढूंढ रहे हैं। अब्रॉड में सेटल होना चाहते हैं। उनका भी सपना इस साल पूर्ण होता हुआ दिखाई देगा। इस समय आपके कठिन से कठिन फैसलों में भी आपको सफलता प्राप्त होगी। कर्ज की स्थितियों से आपको मुक्ति मिलेगी कोई झूठे आरोप आप पर लगे हुए या फिर कोई लीगल कोई कार्रवाई आपकी कार्यालय की कोई और जॉब में और कोई कार्रवाई आप पर चल रही है तो उसमें भी आपको क्लीन चिट इस साल मिलती हुई दिखाई देगी। पुनः आप अपने पद पर स्थापित होंगे। अपने पुराने मान सम्मान को आप पुनः प्राप्त कर पाएंगे। गुरु की सप्तम दृष्टि आपके द्वितीय स्थान पर पड़ रही है। केतु पर भी पड़ रही है तो ये समय आपके कुटुम्ब से आप को बहुत अच्छा लाभ दिलवाएगा। सामाजिक मान सम्मान में बढोतरी होगी। रोजमर्रा के लाभ में भी इस समय वृद्धि होती हुई दिखाई देगी। धनागमन की कई योजनाओं पर आप काम करेंगे और वो योजनाएं सफलता पूर्वक संपन्न होगी।

इस समय आप के साथ आप किसी भी काम में हाथ डाल दें। उस काम में आप निश्चित रूप से सफलता ही प्राप्त करेंगे। गुरु की नवम दृष्टि की बात करें तो वो अपने ही घर पर पड़ रही है। सुख स्थान पर पड़ रही है तो इस समय सुखों में फ्लक्चुएशन जरूर आएगा। पर आप अंततः अपनी मंजिल को अपने लक्ष्य को प्राप्त जरूर कर लेंगे। यानि समस्याएं खत्म हो जाएगी और पुनः जीवन सामान्य हो जाएगा। प्रोपर्टी से संबंधित कार्यों में आपको सफलता मिलेगी। नए घर का सपना आपका पूरा होता हुआ दिखाई देगा। जो लोग घर को अपग्रेड करना चाहते हैं यानि पुराने घर से नए घर में शिफ्ट होना चाहते हैं। उनके लिए भी ये समय बहुत ही अनुकूल परिस्थितियां उत्पन्न करेगा तो ओर अगर हम देख्ने गुरु की बात करें तो गुरु आपको इस साल अच्छे रिजल्ट दे रहे हैं। परंतु आप सभी जानते हैं कि जैसे ही गुरु 21 अप्रैल को आपके अष्टम भाव में जाकर बैठेंगे तब राहु के साथ चांडाल योग का निर्माण होगा और शनि की तीसरी दृष्टि गुरु और राहू पर पड़ेगी जो की इतनी अच्छी नहीं मानी जाती तो प्रयासों से आपको अपने कार्यों को बनाना पड़ेगा।


राहु का राशि परिवर्तन


अब आते हैं 30 अक्टूबर पर जब राहू राशि परिवर्तन करें और गुरु राहु का ये जो चांडाल योग है ये खत्म हो रहा है। राहु आपके सप्तम भाव में आकर विराजमान होंगे। यह समय राहू के बेस्ट रिजल्ट आपको नहीं देगा। यानि 30 अक्टूबर के बाद आपको अपने वैवाहिक संबंधों में बहुत ज्यादा सावधानी रखनी है। अगर रिश्ता बिगड़ा हुआ है तो वो टूट सकता है। अगर रिस्ते में मदभेद आप नहीं चाहते हैं तो अपने बीच में किसी भी बात की मिसअंडरस्टैंडिंग क्रिएट ना होने दें। ईगो की प्रॉब्लम एक दूसरे के बीच में ना लाएं। व्यापारी वर्ग अगर पार्टनरशिप में काम कर रहे हैं तो उनको नवंबर और दिसंबर के माह में यानि राहु जब 30 अक्टूबर को आ जाएंगे उसके बाद आपको बहुत ज्यादा संभलकर रहना है। लेकिन कई बार पार्टनरशिप में बहुत अच्छा व्यापार चल रहा होता है। पर पार्टनर से खींचतान की वजह से वो व्यापार खराब हो जाता है और अलग हो गए तो निश्चित रूप से उस व्यापार पर दुष्प्रभाव जरूर पड़ेगा तो अपने पार्टनर की भावनाओं का सम्मान करें। कोई भी बात छुपके ना करें। पार्टनरशिप में कोई भी बात छुपी नहीं जा सकती है तो एक दूसरे को सलाह लेकर एक दूसरे के साथ आगे बढ़ते हुए आप आगे बढने का प्रयास जरुर करें। राहु गलतफहमियां पैदा करता है राहू डराता है, राहू भ्रमित करता है तो इस समय आपके लिए अच्छा यही रहेगा कि रिश्तों में और प्रोफेशनल लाइफ में किसी भी प्रकार की गलतफहमी कुछ भी भ्रम की स्थितियां आपको न देखनी पड़े। इसके लिए आपको अपने आँख, नाक, कान खुले रखने अपने विवेक और बुद्धि का इस्तमाल करते हुए डिसीजंस लेना है। तो अगर हम कन्या राशि वालों के लिए ये वर्ष तो थोडा सा कभी कभी गुरु के हिसाब से और विशेष रूप से अक्टूबर माह के बाद का समय जो रहेगा वो थोड़ा सा संभलकर रहने वाला है। तो थोडा सा आपको अपने कार्यों में भ्रमित नहीं होना है । कभी कभी कन्फ्यूजन की स्थिति अगर हो तो आप कुछ उपाय लेकर चल सकते हैं जिससे राहू की स्थिति को आप मजबूत कर सकें। ठीक कर सकें जिससे राहु के दुष्परिणाम आपको ना भोगने पड़े।


वर्ष 2023 के कुछ विशेष उपाय

  • सबसे पहले राहु के बीज मंत्र का और ॐ रां राहवे नम का आपको जाप जरूर करना चाहिए।
  • अमावस्या के दिन आपको दान पुण्य जरूर करना चाहिए। अमावस्या के दिन एक काम और करें। आप अपने पितरों को प्रसन्न करने का प्रयास करें। पितरों को तर्पण जरूर करें। किसी भी पवित्र नदी या सरोवर के किनारे आपको पितरों को तर्पण जरूर करना चाहिए। इससे राहु के दोष से आपको मुक्ति मिलेगी।
  • साथ ही मछलियों को आपको दाना जरूर खिलाना चाहिए। अगर हो सके तो काले चने आपको अमावस्या के दिन नदी किनारे जाकर मछलियों को खिलाना चाहिए
    एक काले कलर के कपड़े की पोटली के अंदर आप काले चने लाएं और कील लें उसको आप मछलियों के मल तालाब में डाल दें। मछलियां अपने आप उस दाने को खा लेगी तो ये भी राहु का बहुत अच्छा उपाय है। इसे आपको जरुर अपनाना चाहिए।
  • अब राहू के दोष को बुध दूर करते हैं और आपकी राशि स्वामी बुध है। इसलिए गणेश जी का ऋण हर्ता गणेश स्त्रोत का पाठ करें।
  • रोजाना गणेश गणेश अथर्वशीर्ष का पाठ भी आपके लिए बहुत लाभदायक रह सकता है।
  • इसके साथ ही गणेश जी के विशेष अवसरों पर यानि गणेश चतुर्थी के दिन आप गणेश जी के मंदिर जाये, गणेशजी को मोदक चढ़ाएं। उनको दुर्वा चढ़ाते हुए आपको गणेश जी का अभिषेक करना चाहिए। इससे गणेशजी बहुत जल्दी आप पर प्रसन्न होंगे और राहू के दोष से भी आपको मुक्ति मिलेगी।
  • आपके राशि स्वामी और लग्न स्ट्रांग होता हुआ दिखाई देगा तो ही बुध के उपाय आपको
  • एक अच्छी क्वॉलिटी का पन्ना भी धारण कर सकते हैं।
  • मरगज गणेश को अपने घर के उत्तर पूर्व दिशा में रखें। साथ ही आप एक मूंगा गणेश पेंडेंट को भी अपने गले में धारण कर सकते हैं या फिर गणेश रुद्राक्ष आप पहन सकते हैं
  • शनि के दान भी आपको करने चाहिए क्योंकि शनि की दृष्टि अच्छी नहीं होती। इसीलिए शनि का दान बेहद आवश्यक है तो शनिवार के दिन काली चीजों का आप दान जरूर करें। अगर हो सके तो पैरों की चप्पलों का दान आप शनिवार के दिन किसी जरूरतमंद व्यक्ति को जरूर करें।

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