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Vastu Gyan वास्तुशास्त्र एवं दिशाएं

वास्तुशास्त्र एवं दिशाएं


Vastu Gyan

श्रीमाली जी के अनुसार उत्तर, दक्षिण, पूरब और पश्चिम ये चार मूल दिशाएं हैं। वास्तु विज्ञान में इन चार दिशाओं के अलावा 4 विदिशाएं हैं। आकाश और पाताल को भी इसमें दिशा स्वरूप शामिल किया गया है। इस प्रकार चार दिशा, चार विदिशा और आकाश पाताल को जोड़कर इस विज्ञान में दिशाओं की संख्या कुल दस माना गया है। मूल दिशाओं के मध्य की दिशा ईशान, आग्नेय, नैऋत्य और वायव्य को विदिशा कहा गया है।

वास्तुशास्त्र में पूर्व दिशा

वास्तुशास्त्र में यह दिशा बहुत ही महत्वपूर्ण मानी गई है क्योंकि यह सूर्य के उदय होने की दिशा है। इस दिशा के स्वामी देवता इन्द्र हैं। भवन बनाते समय इस दिशा को सबसे अधिक खुला रखना चाहिए। यह सुख और समृद्धि कारक होता है। इस दिशा में वास्तुदोष होने पर घर भवन में रहने वाले लोग बीमार रहते हैं। परेशानी और चिन्ता बनी रहती हैं। उन्नति के मार्ग में भी बाधा आति है। Vastu Gyan

वास्तुशास्त्र में आग्नेय दिशा

पंडित एन एम श्रीमाली जी के अनुसार पूर्व और दक्षिण के मध्य की दिशा को आग्नेश दिशा कहते हैं। अग्निदेव इस दिशा के स्वामी हैं। इस दिशा में वास्तुदोष होने पर घर का वातावरण अशांत और तनावपूर्ण रहता है। धन की हानि होती है। मानसिक परेशानी और चिन्ता बनी रहती है। यह दिशा शुभ होने पर भवन में रहने वाले उर्जावान और स्वास्थ रहते हैं। इस दिशा में रसोईघर का निर्माण वास्तु की दृष्टि से श्रेष्ठ होता है। अग्नि से सम्बन्धित सभी कार्य के लिए यह दिशा शुभ होता है। Vastu Gyan

वास्तुशास्त्र में दक्षिण दिशा

इस दिशा के स्वामी यम देव हैं। यह दिशा वास्तुशास्त्र में सुख और समृद्धि का प्रतीक होता है। इस दिशा को खाली नहीं रखना चाहिए। दक्षिण दिशा में वास्तु दोष होने पर मान सम्मान में कमी एवं रोजी रोजगार में परेशानी का सामना करना होता है। गृहस्वामी के निवास के लिए यह दिशा सर्वाधिक उपयुक्त होता है। Vastu Gyan

वास्तुशास्त्र में नैऋत्य दिशा

दक्षिण और पश्चिक के मध्य की दिशा को नैऋत्य दिशा कहते हैं। इस दिशा का वास्तुदोष दुर्घटना, रोग एवं मानसिक अशांति देता है। यह आचरण एवं व्यवहार को भी दूषित करता है। भवन निर्माण करते समय इस दिशा को भारी रखना चाहिए। इस दिशा का स्वामी राक्षस है। यह दिशा वास्तु दोष से मुक्त होने पर भवन में रहने वाला व्यक्ति सेहतमंद रहता है एवं उसके मान सम्मान में भी वृद्धि होती है। Vastu Gyan

वास्तुशास्त्र में इशान दिशा

पंडित एन एम श्रीमाली जी के अनुसार इशान दिशा के स्वमी शिव होते है, इस दिशा में कभी भी शोचालय कभी नहीं बनना चाहिये!नलकुप, कुआ आदि इस दिशा में बनाने से जल प्रचुर मात्रा में प्राप्त होत है Vastu Gyan

वास्तु शास्त्र
वास्तु शास्त्र और फेंगशुई दोनों में ही कछुए को बहुत शुभ माना जाता है। कछुए में नेगेटिव एनर्जी को खत्म करके पॉजिटीव एनर्जी बढ़ाने की अद्भुत ताकत मानी जाती है। हर दिशा का संबंध एक किसी न किसी खास धातु से माना जाता है, यदि वास्तु के इसी सिद्धांत को ध्यान में रखते हुए अपनी मनोकामना के अनुसार अलग-अलग दिशा में धातु के बने कछुए रखे जाएं तो यह घर-परिवार की सारी परेशानी खत्म कर सकता है। Vastu Gyan
कौन-सी इच्छा पूरी करने के लिए रखें किस धातु का कछुआ, जरूर मिलेगा फल
विभिन्न धातु से बने कछुए
आज-कल कई अलग-अलग धातुओ, आकर और रंग के कछुए आने लगे हैं ।ऐसे में इस बात को समझना और उसका पालन करना बहुत ही जरुरी है कि कौन-सी इच्छा को पूरा करने के लिए किस धातु का बना कछुआ घर-दुकान या ऑफिस में रखना चाहिए।वास्तु और फेंगशुई के अनुसार अलग-अलग धातु से बने कछुए, विभिन्न परिणाम देते हैं। Vastu Gyan
संतान प्राप्ति के लिए
एक खास प्रकार का कछुआ जिसकी पीठ पर बच्चे कछुए भी हो, उसे संतान प्राप्ति के लिए खास माना जाता है।जिस घर में संतान ना हो या जो दंपति संतान सुख से वंचित हो, उन्हें इस प्रकार का कछुआ अपने घर में रखना चाहिए।
धन प्राप्ति के लिए
इसके अलावा कछुआ धन प्राप्ति का भी सूचक माना गया है।यदि किसी को धन संबंधी परेशानी हो, तो उसे क्रिस्टल वाला कछुआ लाना चाहिए। इसे वह अपने कार्यस्थल या तिजोरी में भी रख सकते हैं।
बिजनेस में तरक्की के लिए
बिजनेस या ऑफिस में लगातार हो रहे नुकसान को रोक, तरक्की के अवसर पाने के लिए मेटल का बना कछुआ रखना चाहिए।इसे दुकान-ऑफिस के अलावा अपने बेडरूम में भी रखा जा सकता है। Vastu Gyan
बीमारियों से बचने के लिए
अगर घर में आए दिन किसी न किसी तरह की बीमारियां होती है तो इससे बचने के लिए घर में मिट्टी का बना कछुआ रखना सबसे अच्छा माना जाता है।
नया व्यापारा शुरू करने पर
यदि आपने नया व्यापारा शुरू किया है या करना चाहते हैं तो नई दुकान में चाँदी का बना कछुआ रखना बहुत ही शुभ माना जाता है।ऐसा करने से व्यापार को किसी की बुरी नजर नहीं लगती। Vastu Gyan
परीक्षा में सफलता के लिए
आजकल बच्चों के साथ-साथ बड़े भी अपनी नौकरी में प्रमोशन पाने के लिए आए दिन परीक्षा की तैयारी करते रहते हैं, ऐसे में पीतल का बना कछुआ आपको सफलता पाने में मदद करेगा।
क्लेश खत्म करने के लिए  यदि घर के सदस्यों में आए दिन लड़ाई-झगड़े होते रहते हैं तो घर में 2 कछुओं का जोड़ा रखना चाहिए। ऐसे करने से घर के सदस्यों के बीच चल रही अन-बन खत्म हो जाएगी और प्यार बढ़ेगा। Vastu Gyan

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