सिंह राशिफल 2023
सबके लिए हो मंगलमय नववर्ष का एक एक पल,
भविष्य स्वर्णिम और सुखद हो सबके लिए हो उज्जवल।
आप सभी को नववर्ष की हार्दिक शुभकामनायें। आज हम आपके सामने वर्ष 2023 सिंह राशि वालो का वार्षिक राशिफल लेकर उपस्थित हुए हैं। सिंह राशि के स्वामी सूर्य हैं सिंह राशि वालो को हमने अपने आसपास हमेशा देखा है। वहां डेरिंग होते हैं। थोड़े से डोमिनेटिंग भी होते। सुनते सबकी हैं और करते अपने मन की है। जैसे जंगल में शेर कैसे रहता है कि वो सभी जानवरों की सुनता है। अपनी मदमस्त चाल में चलता है और जो उसे अच्छा लगता है वो करता है किंग जैसे आप लोग जीते हैं। सूर्य जो कि प्रकाशमान ग्रह पृथ्वी को प्रकाश प्रदान करता है परन्तु सूर्य से हमें ये सीखना चाहिए। सिंह राशि वाले लोग ऐसे होते हैं कि मेहनती होते हैं तपकर वो भी जगत में प्रकाश फैलाते हैं। उनका प्रभाव क्षेत्र बहुत बड़ा होता है और लोग उनसे बहुत ज्यादा और जल्दी प्रभावित हो जाते हैं। उनके सामाजिक मान सम्मान में किसी भी प्रकार की कमी नहीं होती। सूर्य मेष राशि में उच्च के और तुला राशि में नीच के प्रभाव दिखाते हैं तो अब बढ़ते हैं। आगे और जान लेते हैं कि सिंह राशि वालों के लिए ये वर्ष 2 हज़ार 23 क्या लेकर आ रहा है।
सबसे पहले तो हम आपकी राशि स्वामी पर ही चर्चा करना चाहेंगे क्योंकि राशि स्वामी पर हमारी राशि डिपेंड होती है। काफी हद तक हमारा जीवन भी उन पर डिपेंड होता है तो वर्ष फल में आपकी राशि स्वामी सूर्य धनु से धनु राशि में गोचर भ्रमण करेंगे और सूर्य जब भी गोचर भ्रमण करते हैं उसे संक्रांति कहा जाता है। यानि वर्ष में वैसे भी 12 सक्रांति आती है और सूर्य धनु से धनु राशि में वर्ष 2023 में रहेंगे। सूर्य 14 अप्रैल से लेकर 15 मई तक अपनी उच्च की राशि मेष में विराजमान रहेंगे। वहीं 17 अगस्त से 17 सितंबर तक आपकी खुद की राशि सिंह राशि में स्वगृही होकर विराजमान रहेंगे तो सूर्य जब उच्च के होंगे तो जो प्रशासनिक सेवाओं की तैयारी कर रहे हैं, उन युवक युवतियों के लिए वो समय बहुत ही अच्छा और सफलता दायक रहेगा। सूर्य के रिजल्ट उस समय आपको बैस्ट देखने को मिलेंगे। वैसे भी आपके भाग्य स्थान में उच्च के होकर विराजमान होंगे तो आपके भाग्य में बढोतरी करेंगे। आपके अधूरे पड़े हुए कार्यों को पूर्ण करेंगे। कोई विशेष कार्य में आपको सफलता इस टाइम पीरियड के दौरान जरुर मिलेगी। जो युवक युवतियां गवर्नमेंट जॉब की तैयारी कर रहे हैं, उनका वो सपना भी इस समय पूरा होता हुआ दिखाई देगा। वही 17 अगस्त से 17 सितम्बर तक जब सूर्य स्वगृही रहेंगे तो वो आपके तेज में वृद्धि करेंगे। आपके सामाजिक मान सम्मान में वृद्धि करेंगे। आपके प्रभाव क्षेत्र को बढ़ाएंगे। इस समय आप जो भी डिसीजंस लेंगे वो आपके लिए बहुत ही सटीक और सफलतादायक निकलेंगे। कई लोग आपको आइडियल मानेंगे। कई लोग आपसे प्रेरणा लेकर और अपने कार्यों को करने का प्रयास करेंगे। यानि आपका सामाजिक मान सम्मान यश, कीर्ति चारो तरफ फैलती हुई और बढ़ती हुई दिखाई देगी। वहीँ सूर्य 18 अक्टूबर से लेकर 17 नवम्बर तक नीच के होकर आपके पराक्रम भाव थर्ड हाउस उसमें जाकर विराजमान होंगे। यानि तुला राशि में नीच के होंगे और इस समय सूर्य के रिजल्ट इतने अच्छे नहीं मिलेंगे। इस समय आपके अंदर जो क्रोध और आवेश है उसमें वृद्धि होगी और इससे अच्छे काम जो बन रहें हैं आपके काम और लगभग पूर्ण होने वाले हैं वो काम भी अधूरे रह सकते हैं।
वहां ज्यादा शान्ति और संयम बनाये रखने की आवश्यकता है। यानि ये जो टाइम पीरियड आपका एक महीने का रहेगा। इस समय आप बहुत संयमित होकर अपने कार्यों को करें। अगर आपमें एक पावर आपको नजर आती है तो उस पावर को नेगेटिव वे में ना ले जाइए। उसको पॉजिटिव दिशा की तरफ मोड़ें अच्छे कार्यों में लगाएं ताकि इस पावर का आप सद उपयोग कर पाएं। भाई बहनों के साथ भी इस समय किसी न किसी बात को लेकर वाद विवाद की स्थिति उत्पन हो सकती है। अगर आपके घर परिवार में पैतृक संपत्ति संबंधी कोई विवाद चल रहा है तो वो विवाद भी अभी उभर सकता है। यानि ये जो टाइम पीरियड रहेगा। इस समय आपको बहुत ज्यादा केयरफुल होकर चलना पड़ेगा। वैसे सूर्य वर्ष पर्यंत तो आपको बढ़िया रिजल्ट देगा ही पर यह जो अक्टूबर से नवंबर तक का जो टाइम पीरियड है इस समय आप थोडा सा केयरफुल होकर चलें। अब तीन महत्वपूर्ण ग्रहों पर जो कि हमारे जीवन पर बहुत गहरा प्रभाव डालते हैं क्योंकि ये ग्रह बहुत लंबे समय तक एक ही स्थान पर विराजमान रहते हैं। ये तीन ग्रह हैं गुरु शनि और राहु।
शनि का राशि परिवर्तन
सबसे पहले साल की शुरुआत में शनि राशि परिवर्तन करने जा रहा है। 17 जनवरी को शनि आपके सप्तम भाव में आ जाएंगे। अब तक वे आपके षष्ठम भाव में यानि रोग भाव में वे स्वगृही होकर वक्री अवस्था में विराजमान थे और 17 जनवरी को वे आपके सप्तम भाव में जो कि उनकी मूल त्रिकोण की राशि है, उसमें आकर स्वग्रही होकर विराजमान होंगे और यहां पर वे शष नामक महापुरुष योग का भी निर्माण करेंगे। ये समय शानदार शनि के रिजल्ट आपको दिलवाएगा। इन दोनों स्थानों के रिजल्ट आपको बहुत ही अच्छे देखने को मिलेंगे क्योंकि षष्टम भाव का स्वामी अपने से एक घर आगे बैठा और सप्तम भाव का स्वामी तो अपने घर में शष नामक महापुरुष योग बना रहा है। केन्द्र में स्वग्रही होकर बैठा है और सप्तम भाव में बैठ रहें है तो ये जो शनि की पोजीशन रहेगी। पूरे वर्ष पर्यंत आपको बहुत शानदार परिणाम देगी। आप सभी जानते हैं शनि ढाई साल तक एक ही राशि के अन्दर विराजमान रहते है तो कुम्भ राशि में आने पर सिंह राशि वालो को शनि के रिजल्ट देखने को मिलेंगे। व्यापारी वर्ग व्यापार में उत्तरोत्तर उन्नति करेंगे। आपकी मेहनत लगन से आप अपने व्यापार के विस्तार की कई योजनाएं बनाएंगे। बड़ी बड़ी कंपनियों के साथ आपका इस समय टाईअप होता हुआ दिखाई देगा। शनि से सम्बंधित अगर आप कोई भी काम करते हैं चाहे आपको भूमि से सम्बंधित कोई भी काम कर रहें है या फिर पेट्रोलियम पदार्थों से सम्बंधित कोई काम करना है या फिर आपको खेती बाड़ी से सम्बंधित कोई काम कर रहे | किसान वर्ग के लिए ये वर्ष बहुत ही अच्छा रहने वाला है। सिंह राशि वाले जितने भी किसान हैं वो प्रसन्नचित हो जाइए। आपको अपनी फसल से ज्यादा अच्छा फसल का मुल्यांकन प्राप्त होगा तो शनि के बेहतरीन रिजल्ट सप्तम भाव के हिसाब से तो देखने को मिलेंगे। रोग ऋण रिपु का ये स्थान षष्टम भाव होता है और सप्तम भाव के स्वामी भी अपने से घर आगे जा रहे हैं। इस समय आपके ऋण से आपको मुक्ति मिल जाएगी। बहुत लम्बे टाइम से लोन ले रखा है। उसे चुकाते चुकाते परेशान हो चुके हैं। वो चुकता नहीं हो रहा है। ऋण की स्थिति आपके जीवन में बढ़ती चली जा रही है तो अब आपके जीवन से ऋण समाप्त हो जाएगा। यानि ऋण की स्थितियों से आपको मुक्ति मिल जाएगी। आप रिलैक्स हो जाएंगे विरोधी जो कहीं न कहीं आपके कार्यों में व्यवधान डालने का प्रयास करते हैं। आप कुछ भी कोशिश कर उन्हें रोक नहीं पा रहे हैं तो अब विरोधी अपने आप शांत हो जाएंगे और स्वास्थ संबंधी समस्याएँ जो भी आपके जीवन में अब तक चल रही थी, उनसे आपको मुक्ति मिल जाएगी। एकदम तो चुस्त दुरुस्त और तंदरुस्त आप अपने आप को महसूस करेंगे और जब व्यक्ति स्वस्थ होता है तो वो और अधिक मेहनत करता है और अधिक जोश से अपने कार्यों को करने का प्रयास करता है। यही परिस्थिति आपको इस वर्ष शनि की सप्तम भाव और षष्टम भाव के हिसाब से देखने को मिलेगी।
शनि की दृष्टियों की बात कर लेते हैं तो शनि की तीसरी दृष्टि आपके भाग्य स्थान पर और राहु पर पड़ रही है। वहीं शनि की सप्तम दृष्टि आपके लग्न पर पड़ेगी और शनि की दशम दृष्टि आपके सुख स्थान पर पड़ती हुई दिखाई देगी। ये तीनों स्थान इस वर्ष प्रभावित होने वाले हैं। शनि की दृष्टियाँ मैंने आपको बताया कि अच्छी नहीं होती है। सभी को पता है तो भाग्य स्थान पर राहू पर भी शनि की दृष्टि और भाग्य स्थान पर भी शनि की दृष्टि जो कि राहु की तीव्रता को और अधिक बढ़ाएगी। इस समय थोड़ा सा भय थोड़ा सा काम में दिक्कतें कन्फ्यूजन, एक अनायास डर और लेक ऑफ़ कॉन्फिडेंस आपको कभी कभी देखने को मिलेगा। हालाँकि आगे हम आपको बताएंगे की गुरु की दृष्टियों की वजह से कौन से स्थान आपके लिए बैलेन्स हो जायेंगे। शनि और गुरु की दृष्टियों के हिसाब से तो फिलहाल राहू के ऊपर और भाग्यस्थान स्थान पर पड़ेगी तो कोई भी जोखिम भरे कार्य करने से पहले या रिस्की इन्वेस्टमेंट करने से पहले आपको उस कार्य के बारे में भली भांति जानकारी बेहद आवश्यक रहेगी। जल्दबाजी में कोई भी निर्णय नहीं लेना बहुत शांति से अपने मुद्दों को सुलझाने का प्रयास करें। इस समय अजनबी लोगों से थोडा सावधान रहें जो लोग आपको भ्रमित करने का प्रयास कर सकते हैं, इसलिए ऐसे लोगों से जितना दूर रहेंगे जितना सावधान रहेंगे। आप अपने जीवन में नुकसान की स्थितियाँ उतनी ही कम पाएंगे, निवेश अधिक न करें और रिस्की इन्वेस्टमेंट में आपको थोडा सा संभल कर रहने की आवश्यकता हो सके तो टालने का प्रयास करें।
शनि की सप्तम दृष्टि आपके लग्न पर पड़ेगी जो कि आपकी स्ट्रेट फॉरवर्ड नेस को बढ़ा सकती है। सूर्य आपकी राशि स्वामी तो वैसे भी बहुत तेजवान व्यक्ति को बनाता है। बहुत अग्रेसिव बनाता है और ऊपर से शनि की दृष्टि सूर्य पर आपकी राशि पर पड़ रही है तो इसमें पिता से कुछ मतभेद भी होने की संभावना रहेगी। पर इस समय सामाजिक मान सम्मान थोडा सा अग्रेशन गुस्सा आपके ऊपर एक क्रोध आवेश ये बन सकता है कोई भी काम है तो आप एक डोमिनेटिंग हो जाएंगे। जिद्दी प्रवर्ति के हो जाएंगे कि मुझे काम करवाने ही है। मुझे यह काम करना ही है। सब कहेंगे आप इस काम को मत कीजिए। परन्तु आपको वो काम करना है | तो ऐसी प्रवर्ति आपके अन्दर आ सकती है जिससे बेस्ट रिजल्ट आपको देखने को मिल रहे हैं वो भी नेगेटिव हो सकता है। इसीलिए इन चीजों पर आपको वर्क इस साल करना ही पड़ेगा |
शनि की दशम दृस्टि की बात करें तो वो आपके सुख स्थान पर पड़ेगी जो कि सुखों में थोडा सा फ्लक्चुएशन ला सकती है। माँ के साथ संबंधो को भी थोडा सा ऊपर नीचे कर सकती है यानि डावाडोल कर सकती है तो इस समय आपको थोडा सा माँ के साथ तालमेल बना कर रखना है। इस समय बेफिजूल का कोई भी खर्चा आपके जीवन में आए तो उसके लिए आपको एक लिक्विडिटी निकाल कर रखनी है। कुछ पैसे आपको हमेशा ऐसे कामों के लिए रखने चाहिए जो अनायास खर्चे तो आपका बजट ना बिगड़े तो ऐसा सुव्यवस्थित ढंग अगर आपका काम का रहा तो दिक्कतें परेशानियां को नहीं देखने को मिलेगी तो शनि के रिजल्ट आपको इस साल मिक्स देखने को मिलेंगे। वैसे शनि जहां बैठे हैं बहुत शानदार परिणाम आपको देने वाले हैं।
गुरु का राशि परिवर्तन
अब दूसरा राशि परिवर्तन होने जा रहा है। गुरु का और गुरू जो कि आध्यात्मिक ज्ञान के देवता है, गुरू मैनेजमेंट के काम से जुडे रहते हैं। आपकी राशि के अन्दर गुरू पंचमेश हैं और अष्टम भाव के स्वामी है। गुरू 21 तारीख को आपके अष्टम भाव से आपके भाग्य स्थान में प्रवेश कर जायेंगे। 21 अप्रैल का ये जो टाइम पीरियड है ये आपके लिये बहुत अच्छा जाने वाला है क्योंकि देखिए अष्टम में बैठे थे, स्वग्रही होकर बैठे थे, परन्तु बैठे तो अष्टम में थे गुरू एक सौम्य ग्रह है। अष्टम भाव में कितना भी करो, खुद का स्थान है, खराब नहीं करेंगे। अच्छे रिजल्ट देगें पर हम रिजल्ट को बेस्ट नहीं कह सकते हैं। की बहुत अच्छे रिजल्ट देंगे क्योंकि गुरू एक सौम्य में ग्रह और पाप स्थान में जाकर बैठे हैं। ये स्थान अच्छा नहीं माना जाता तो अष्टम भाव में गुरू के रिजल्ट इतने अच्छे नहीं मिल रहें थे। जितने आपको अब भाग्य स्थान में देखने को मिलेंगे पर यहां भी कुछ समस्या है। दिक्कतें हैं | जो गुरू के साथ रहेगी क्योंकि शनि की तीसरी दृष्टि गुरू पर पड़ेगी और गुरु राहु का चांडाल योग भाग्य स्थान में बनता हुआ दिखाई देगा। तो इस समय भी आपको केयरफुल होकर चलना। हालांकि गुरू यहां पर भाग्य स्थान में आकर आपको अष्टम भाव के हिसाब से भी अच्छे रिजल्ट देगें क्योंकि अपने से एक घर आगे जाकर और पंचम भाव के साथ भी बढ़िया रिजल्ट मिलेगा। पंचम भाव का स्वामी से पंचम जाकर बैठा है। यानि त्रिकोण का स्वामी त्रिकोण में जाकर बैठा है। ये बहुत बढ़िया रिजल्ट विद्यार्थी वर्ग को इस साल मिलने वाला है। यानि आपने जो भी लक्ष्य बनाया है जो भी टारगेट आपने निर्धारित अपने लिए किया है। हर स्टूडेंट अपने लिए एक एम बनाकर चलता है कि मुझे आज इस साल में मुझे ये अचीव करना है और इसमें को बहुत अच्छे नंबर लेकर आना बहुत अच्छी पढ़ाई करनी है तो उन सभी विद्यार्थियों के लिए इस साल बेहतरीन परिणाम आपके सपनों को पूरा करने वाला रहेगा। वहीं करियर में भी ये आपको बहुत अच्छे रिजल्ट प्रदान करता हुआ दिखाई देगा। मैनेजमेंट की जो स्टडी कर रहे हैं, एमबीए और एमसीए कर रहे हैं जो मैनेजमेंट से संबंधित कार्यों में संलग्न हैं, उनके लिए भी ये समय बहुत ही बढ़िया है। तो जो भी स्टूडेंट है उनको और ज्यादा अपने लिए लक्ष्य प्रधान बन जाना है | कि मुझे तो इस साल लक्ष्य को एचीव करना है। जब हमारे जीवन में अच्छा समय आए तब हमें उस अच्छे समय को कैप्चर करना यानि उसका सदुपयोग करना आना चाहिए। तभी हम उसका सही ढंग से लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
अब देखिए पंचम भाव का स्वामी है। अपने से पंचम जाकर बैठें है और गुरू की नवम दृष्टि भी पंचम भाव पर पड़ रही है तो सोने पे सुहागा वाली स्थिति हो गयी। जो दंपत्ति संतान प्राप्ति की इच्छा रखते है। इस साल आपका वो सपना पूरा हो जाएगा। आप को एक स्वस्थ और अच्छी संतान की प्राप्ति हो जाएगी। आपके संतान भाव के स्वामी गुरू है और गुरू बहुत अच्छी पोजीशन में हैं अपने से पंचम जाकर बैठे हैं गुरू की दृष्टि भी पंचम भाव पर पड़ रही है तो संतान से संबंधित समस्याएं खत्म होंगी। संतान प्राप्ति की अभिलाषा पूर्ण होगी। लव रिलेशनशिप वालों के लिए यह समय बहुत ही अच्छा और शुभ समाचारों से भरा रहेगा क्योंकि देखिए आपके प्यार को विवाह की स्वीकृति आपके पारिवारिक सदस्यों से मिल जाएगी और आपको अपना प्रेम जरूर प्राप्त होगा। अगर आप किसी को मन ही मन चाहते हैं तो इस साल आप उसे प्रपोज कर सकते हैं। आप को स्वीकृति प्रदान करते हुए अपने जीवन में आगे बढ़ेगा और दोनों एक दूसरे को सपोर्ट करेंगे। कॅरिअर में भी आप एक दूसरे को सपोर्ट करते हुए आप एक दूसरे को आगे बढ़ाने का प्रयास करेंगे तो ये वर्ष गुरू के हिसाब से आपको बेहतरीन परिणाम दिलवाएगा।
अब गुरू की दृष्टियों की बात कर लेते हैं तो गुरू की पंचम दृष्टि आपके लग्न पर पड़ रही है। हमने आपको बताया था शनि की दृष्टियों के टाइम पे के गुरू की दृष्टियां कहां पड़ेगी, फिर उस हिसाब से बैलेंस होगा तो ये वर्ष आपके लिए बहुत अच्छा है क्योंकि शनि की दृष्टि लग्न पर पड़ रही है और गुरू की पंचम दृष्टि भी लग्न पर पड़ेगी जो कि शनि की दृष्टि को बैलेंस कर देगी। यानि बहुत ज्यादा नुकसान दायक परिणाम आपको नहीं मिलेंगे। परिस्थितियां तो देखिये जीवन कठिनाईयों से भरा हुआ है और जब चुनौतियां नहीं आयेगी तो जीवन बहुत नीरस हो जाएगा। आगे बढने का हौसला नहीं मिलेगा तो शनि तो चुनौतियां लाएं पर गुरू उन चुनौतियों को फटाफट सॉल्व कर रहें है। यानि ये साल आपके लिए बहुत अच्छा है। चुनौतियां भी प्राप्त होगी और चुनौतियों से आपको आगे बढ़ने का हौसला भी गुरू प्रदान करते हुए दिखाई देंगे तो गुरू की पंचम दृष्टि आपके लग्न पर पड़ेगी जो कि जिससे ददिहाल से अगर आपके रिश्ते बिगाड़ रहे है तो गुरू उन रिश्तों को वापस सवार देगा। सामाजिक मान सम्मान कहीं कहीं आपकी वाणी से बिगड़ रहा है तो गुरू वापस उन परिस्थितियों को भी ठीक करता हुआ दिखाई देगा तो इस तरीके से शनि और गुरू की दृष्टि बैलेंस हो जाएगी। अब गुरु की सप्तम दृष्टि आपके तृतीय भाव पर पड़ेगी जो कि आपके पराक्रम में वृद्धि करेगी। केतु यहां पर तृतीय स्थान में बैठा है। आपको बता दें की केतु तृतीय स्थान में बहुत अच्छे रिजल्ट देते हैं और फिर गुरू की तृतीय केतु पर | तो केतु के और भी अच्छे रिजल्ट मिलेंगे। राजनेताओं के लिए यह समय बहुत अच्छा रहने वाला है।
अगर आप राजनीति में इंटरेस्ट रखते हैं या फिर आपके कोई काम राजनीति में अटके हुए हैं तो इस समय आपके काम व्यवस्थित ढंग से पूरे हो जाएंगे। राजनीतिक कॉन्टैक्ट्स बनेंगे आपके जिसका फायदा आप अपने कार्य क्षेत्र में अपने जीवन में आगे चलकर उठाते हुए दिखाई देंगे। यानी यह वर्ष आपके लिए बहुत शानदार और स्वर्णिम अवसर लेकर आएगा। वहीं आध्यात्मिकता से आप जुड़ेंगे। थोड़ा सा केतु मोक्ष प्रदाता माने गए हैं और केतु थर्ड हॉउस उसमें बैठ के आपके कामों में जो दिक्क़तें आ रही थी। थोड़ा सा आपका डिस्ट्रक्शन कहीं दूसरी जगह जा रहा था तो वो आध्यात्मिकता से आपको और जोड़ेंगे। कहते हैं ना कि इह लोक और परलोक को सुधारने का काम भी हमे इह लोक में ही करना है तो हम कर्म तो कर रहे हैं पर हम आध्यात्मिक कार्यों में भी जुड़े रहेंगे। भगवान से भी जुड़े रहेंगे तो ये जो हमारे पुण्य कर्म हैं। यही हमें मोक्ष की प्राप्ति करवा सकते हैं। तो यह वर्ष आपको ऐसे कार्यों से भी जोड़ेगा।
अब गुरु के नवम दृष्टि की हमने आपसे पहले ही बात कर ली कि गुरु की नवम दृष्टि सोने पे सुहागा कर रहीं हैं अपने ही घर का स्वामी अपने से पंचम जाकर बैठ रहे हैं। त्रिकोण का स्वामी त्रिकोण में, त्रिकोण के स्वामी की दृष्टि अपने ही घर पर पड़ रही है तो गुरु की दृष्टियाँ पंचम भाव वाले लोगों को तो बहुत शानदार परिणाम देगी। एक बात और बता दें जो साहित्य और कला से जुड़े हुए हैं जो लेखनी से जुड़े हैं उन लोगों के लिए भी ये समय बहुत शानदार रहने वाला है तो ओवर आल गुरु के परिणाम आपको 21 अप्रैल के बाद बहुत ही अच्छे देखने को मिलेंगे। हालांकि गुरु राहु का चांडाल योग शनि की तीसरी दृष्टि है। इसीलिए सतर्क होकर ही आपको अपने कार्यों को करना चाहिए। 30 अक्टूबर को आप रिलैक्स हो जाएंगे क्योंकि जो थोड़ा सा कहीं कहीं आपको कभी अटकाव गुरु के रिजल्ट में मिल रहा था वो अटकाव भी खत्म हो जाएगा। राहु 30 अक्टूबर को चेंज हो जाएंगे और राहु अब तक गुरु के साथ आपके भाग्य भाव में बैठे थे। भाग्य स्थान में बैठें थें और अपने अष्टम भाव में आ जाएंगे। लेकिन राहू अभी तक भाग्य स्थान में आपको अच्छे रिजल्ट नहीं दे रहे थे। कहीं न कहीं भाग्य को फ्लक्चुएट कर रहे थे | गुरु को भी डाउन करने की कोशिश कर रहे थे। पर अब वो अष्टम भाव में आएंगे तो वो उस घर को ठीक करेंगे। कैसे आप सोचेंगे अष्टम भाव तो ठीक नहीं हैं। पर राहु खुद एक क्रूर ग्रह है और अगर किसी ऐसे स्थान पर बैठ जाएँ जो खुद पाप घर माना जाता है तो कोई डाकू अगर डाकू के घर में बैठेंगे तो वो तो वहां पर अच्छा ही करेगा ठीक ही करेगा तो राहू अष्टम में बैठकर आपको यात्राएं करवाएंगे। पर वो यात्रा आपके लिए सुखद और मंगलमय रहेगी। धार्मिक कार्यों से आप जुड़ेंगे इस समय आपके गुप्त धन की प्राप्ति के स्त्रोत खुलेंगे। गुप्त धन की प्राप्ति के स्रोत यानि अचानक से आपने कोई निवेश किया। भूल गए उस निवेश को अचानक उसमें लाभ प्राप्त हो गया। कोई काम आपका बहुत लंबे टाइम से अटका हुआ था। वो काम अचानक से आपका पूर्ण हो गया। ऐसे आकस्मिक धनलाभ की परिस्थितियां राहू आपके जीवन में लेकर आएंगे। यानि ओवर आल अगर इस वर्ष की बात करें तो सिंह राशि वालों के लिए ये वर्ष स्वर्णिम वर्ष से कम नहीं है | क्यूंकि सूर्य के भी रिजल्ट बेटर शनि के रिजल्ट भी बहुत अच्छे और गुरु के रिजल्ट उससे भी अच्छे मिल रहे और राहु के रिजल्ट भी आपको बहुत अच्छे मिल रहे हैं तो ओर यह साल आपके लिए बहुत अच्छा रहेगा।
अब इस साल को बेहतर से बेहतरीन बनाने के लिए आपके लिए विशेष उपाय लेकर आये हैं जो कि आपके इस वर्ष को और भी अधिक मंगल मय बना सकता है।
- सबसे पहले तो शनि का दान करें क्योंकि शनि की दृष्टि अच्छी नहीं होती तो शनि का दान बेहद आवश्यक है तो शनिवार के दिन आपको काली चीजों का दान जरूर करना चाहिए। अगर हो सके और अगर आप तुलादान कर सकें तो और भी अच्छा। इससे आपको वर्ष पर्यंत शनि की दृष्टियों के प्रकोप का सामना नहीं करना पड़ेगा |
- आपको गुरु चूंकि आध्यात्मिक देवता हैं, इसीलिए आपको बृहस्पतिवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा आराधना करनी चाहिए।
- केले के वृक्ष के नीचे घी का दीपक आपको जरूर जलाना है और सत्यनारायण की कथा हर गुरुवार को आप केले के वृक्ष के पास घी का दीपक जलाकर और करें।
- राहू और गुरु का जो चांडाल योग है उसके लिए आपको गुरु राहु चांडाल योग निवारण यंत्र अपने पूजा कक्ष में स्थापित करना चाहिए और नित्य उसके दर्शन करने चाहिए। हो सके तो गुरु राहु के जाप भी आप ज़रूर करें।
- आपको राहु के बीज मंत्र का जाप सूर्यास्त के बाद जरूर करना चाहिए। इससे राहु प्रकोप से आपको मुक्ति मिलेगी |
- राहु के दोष को बुध दूर करते हैं तो बुधवार के दिन गणेश जी को मोदक का प्रसाद जरूर चढ़ाएं।
- अब आपके राशि स्वामी को भी प्रबल करना चाहिए तो सूर्यदेव को आपको रोजाना अर्घ्य देना है।
- आदित्य ह्रदय स्त्रोत का आप हो सके तो पाठ करें।
- रविवार के दिन अगर हो सके तो आप गेहूं से बनी रोटी गाय को जरुर खिलाएं या फिर गेहूं का आपको किसी जरूरतमंद ब्राह्मण को मंदिर में या जरुरतमंद व्यक्ति को दान कर सकते हैं |
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