Shukra Ka Rashi Parivartan
मेष राशि – आपकी राशि के लिए शुक्र द्वितीय और सप्तम भाव के स्वामी हैं और शुक्र षस्टम भाव में जाकर विराजमान हो रहे हैं। इन दोनों भावों के हिसाब से शुक्र के रिजल्ट इतने अच्छे आपको नहीं मिलेंगे क्योंकि ये जो समय है ये आपके लिए इतना अच्छा नहीं है। इसमें कुण्डली में पोजीशन कई तरीके से देखी जाएगी। सबसे पहले तो बात कर लेते हैं आपकी धनभाव की यानी उसके सेकंड हाउस की अगर हम बात करें तो शुक्र के रिजल्ट आपको सबसे अच्छे नहीं मिलेंगे। इस समय मान सम्मान की हानि हो सकती है। कुटुम्ब में किसी रिश्तेदार से मतभेद हो सकता है। वही वर्क प्लेस पर भी छोटी छोटी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। घर के बुजुर्गों के स्वास्थ को लेकर चिंता हो सकती है। वहीं पैतृक संपत्ति का विवाद अटक सकता है। उसका फैसला आपके लिए नेगेटिव जा सकता है। वहीं अगर सप्तम भाव के हिसाब से देखें तो व्यापारी वर्ग जो कि शुक्र से रिलेटेड काम करें उनके लिए यह समय बहुत ज्यादा संभलकर चलने का है। अब आप सोचेंगे शुक्र के काम से तो शुक्र के सारे सौन्दर्य प्रसाधन से संबंधित कपड़ों से संबंधित शुक्र का काम होता है। होटल मैनेजमेंट से संबंधित शुक्र का काम होता है। रेस्टोरेंट का काम शुक्र का होता है। इंटीरियर डेकोरेशन, डेकोरेटिव, पीस, ट्रैवल बिजनस या फिर डांसिंग फिल्म उद्योग ये सभी काम सिनेमैटोग्राफी ये सभी काम शुक्र के अधिकार क्षेत्र में आते हैं तो आपको बहुत ज्यादा संभलकर रहना है क्योंकि अगर आप शुक्र से संबंधित कोई बिजनेस कर रहे हैं तो उस बिजनेस में नुकसान की स्थितियां बढ़ सकती है। गलत डिसीजन सोच सकते हैं। उस वजह से आपका वो व्यापार उतार चढ़ाव की स्थितियों से गुजर सकता है। इसलिए बेहतर आपके लिए यही रहेगा कि इस टाइम पीरियड के दौरान आप अपने व्यापार में बहुत ज्यादा सावधानी से और सतर्क होकर चलें। कोई भी बड़ा डिसीजन रिस्की डिसीजन आपको नहीं लेना चाहिए। कोई बड़ा इन्वेस्टमेंट आपको नहीं करना चाहिए। इस समय और अगर आप इन्वेस्टमेंट करना चाहते, आप रुक नहीं सकते हैं तो उस इन्वेस्टमेंट में बहुत ज्यादा सावधानी रखें। पूरी जांच पड़ताल करने के बाद ही वो इन्वेस्टमेंट आपको इस समय करना चाहिए। यही बात दाम्पत्य जीवन की है। वैसे भी सप्तम भाव का स्वामी अपने से बाहर नीच का होकर बैठा है तो विवाह में दिक्कत आ सकती है। शादीशुदा जिंदगी थोड़ी सी गड़बड़ हो सकती है। यानी मिसअंडरस्टैंडिंग हो सकती है या अगर आप अविवाहित हैं तो विवाह से संबंधित आपके कार्य अटक सकते हैं। विवाह होने में परेशानी आ सकती है। शुक्र रोग भाव में बैठकर आपको मूत्राशय से संबंधित जो लेडीज में पीरियड प्रॉब्लम होती है, उससे संबंधित बाल झड़ना। पैरों पैरों में दर्द होना, अंगूठे से संबंधित कोई प्रॉब्लम हो जाना। इस तरह की प्रॉब्लम आपको फेस करनी पड़ सकती है। अब आपको उपाय करने चाहिए तो शुक्र के गोचर के दौरान शुक्रवार को आपको देवी सरस्वती की पूजा आराधना करनी चाहिए और सफेद फूल उन्हें जरूर अर्पित करें। इससे शुक्र के बेहतर रिजल्ट आपको मिलेंगे और जीवन में कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़ेगा। Shukra Ka Rashi Parivartan
वृषभ राशि – आपकी राशि के लिए शुक्र आपकी राशि स्वामी है और सप्तम भाव के स्वामी हैं, जो अपने से स्वामी होकर पंचम में नीच के बैठें हैं और सिस्टम के स्वामी अपने से 12वें बैठे हैं, लेकिन गुरु की दृष्टि पड़ रही है। शुक्र नीच का है तो गुरु की दृष्टि अगर शुक्र पर पड़ रही है तो फिर भी इतना नुकसान शुक्र नहीं करेगा। गुरु की दृष्टियां अच्छी होती है पर चूंकि नीच के वो अच्छे परिणाम आपको नहीं देंगे। अब लग्नेश तो राशि स्वामी है तो इस समय आपको बहुत ज्यादा सतर्क रहकर चलना है। सबसे पहले तो आपको आलस्य को त्यागने आलस इसमें आप पर हावी रहेगा। काम करने की प्रवृत्ति कम रहेगी। विपरीत लिंग के प्रति आकर्षण रहेगा। इस समय एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर भी हो सकते हैं। जिस वजह से आपका दाम्पत्य जीवन बिगड़ सकता है। सामाजिक छवि धूमिल होने की तरफ आगे बढ़ेगी, इसलिए हमें बहुत सोच समझकर अपने कर्म को करना है। वाणी से शब्द निकाल लें, जिससे किसी का भी मन आहत ना हो। शुक्र चूंकि आपके रोग भाव के स्वामी हैं और अपने से बाहरवें बैठे हैं। द्वादश में जाके तो आपको श्वास संबंधी समस्याओं में भी संभलकर रहना पड़ेगा। खासकर लेडीज के लिए समय बहुत क्रिटिकल हो सकता है। और अगर आप पीरियड की प्रॉब्लम से इन दोनों की प्रॉब्लम से गुजरी है तो समस्या बढ़ सकती है। वहीं प्रजनन से संबंधित प्रॉब्लम होना गुप्तांग से संबंधित प्रॉब्लम होना, बाल झड़ जाना, पैरों से संबंधित कुछ पैरों में बहुत ज्यादा दर्द होना, अंगूठे की कोई प्रॉब्लम हो जाना। इसतरह की प्रॉब्लम आपको फेस करनी पड़ सकती है। वहीं विरोधी भी आपकी कमजोरी का लाभ उठा देगें, इसलिए आपको उनको किसी भी प्रकार की अपनी कमजोरी व्यक्त करने नहीं। आप कोई काम नहीं है, जिससे विरोधियों को मौका मिल जाये। तो वृषभ राशिवालों को थोड़ा सा संभलकर रहना ही इस समय आपके लिए होना चाहिए। हां, एक और बात जो स्टूडेंट्स के पंचम में बैठे नीच के होकर बैठे हैं तो जो आर्ट्स के स्टूडेंट कला वर्ग के छात्र हैं। छात्राएं हैं उन सभी को संभलकर रहना है। आप जितनी मेहनत करेंगे उतने परिणाम नहीं मिलेंगे। इसलिए अपनी मेहनत को दुगुना कर लीजिए। अगर आपको अपने लिए जो लक्ष्य आपको प्राप्त करना है। अगर आपने वो निर्धारित कर रखा है तो अपने कर्मों को आपको डबल करना पड़ेगा। कोशिशों को और ज्यादा बढ़ाना पड़ेगा। अब आपको शुक्र को सही करने के कुछ उपाय करने चाहिए। क्या उपाय? आप करें तो शुक्र के गोचर के दौरान आपको शुक्रवार को जो छोटी छोटी कन्याएं होती है, उनको सफेद वस्त्र का दान करना चाहिए।
मिथुन राशि – आपके लिए शुक्र, 12वें और पंचम भाव के स्वामी है और इस स्थान में नीच के हो रहे हैं । अब वो 12वें भाव का यानी खर्च भाव का स्वामी अगर नीच का होकर बैठ जाए। केन्द्र में तो वो आपके खर्चों को बहुत बढ़ाएगा अनर्गल खर्च करवाएगा जो जरूरत नहीं है वो चीजें आप खरीद लेंगे या फिर घर के रखरखाव पर इंटीरियर पर आप पैसा लगा देगें और वहां ज्यादा अपने बजट से ओर जाकर आप पैसा लगा देगें। कोई इलेक्ट्रोनिक आइटम खराब हो गया या घर में कोई सौंदर्य को बढाने की चीजें आपकी गड़बड़ हो गई। अचानक से खर्चे आ गए। ऐसी परिस्थितियां आपको देखनी पड़ सकती है। इन परिस्थितियों के लिए मेंटली प्रिपेयर और एक बजट देखकर चलें। करना तो सब करना पड़ता है। घर के अंदर अगर कोई चीज गड़बड़ हो जाती तो उसकी मरम्मत तो करवानी पड़ेगी। घर का इंटीरियर हम करवाना चाहते हैं तो हमें करवाना तो पड़ेगा ही पर इसमें और बजट जाकर क्यूंकि इसमें बहुत ज्यादा वैराइटी आती है और हम कई बार भावुकता में बड़े बड़े गलत डिसीजन ले लेते हैं। नहीं निकलने का मन नहीं रहता तो आपको संभलकर चलना है। हो सके तो थोड़े टाइम के लिए इसे टाल सकते हैं तो आप जरूर टालें। अब शुक्र चूंकि आपके पंचम भाव के स्वामी अपने से 12वें नीच के होकर बैठे हैं। विद्यार्थी वर्ग के लिए समय अच्छा नहीं हैं। पढ़ाई में मन नहीं लगेगा। कलाकारों के लिए विशेष रूप से यह समय इतना अच्छा नहीं है। आप अच्छा भी करने जाएंगे तो आपके विपरीत पड़ जाएगा। यह समय थोड़ा स्ट्रगल का है, परंतु आपको निराश नहीं होना है। हताश नहीं होना है और जो अपने जीवन में निराशा को स्थान नहीं देते। वो व्यक्ति हमेशा आगे बढ़ता है। इसलिए आपको नेगेटिव सोचना नहीं अपने जीवन में निराश होना है। व्यक्ति को कर्मप्रधान होना चाहिए जो व्यक्ति कर्म करता है वो अपने भाग्य को भी बदलने का सामर्थ्य रखता है। ग्रहों को भी बदल सकता है। ग्रहों की चाल उसके व्यक्ति के अनुसार चलना प्रारंभ हो जाती है। इसीलिए इस बात पर विचार करते हुए अपने कर्म को और बढ़ाएं। एनीथिंग पॉजिटिव और पॉजिटिव शुक्र के गोचर के दौरान आपको प्रतिदिन अपने माथे पर सफेद चंदन का तिलक लगाना चाहिए। ये आपको रोजाना करना है और घर से जब भी बाहर निकले तो निश्चित रूप से करें। इससे आपका कॉन्फिडेंस लेवल बढ़ेगा। शुक्र के रिजल्ट पॉजिटिव मिलेंगे।
कर्क राशि -आपकी राशि के लिए शुक्र 11वें और चतुर्थ भाव के स्वामी है। लाभेश, शुक्र और सुखेश शुक्र पराक्रम भाव में स्वग्रही होकर नीच के होकर विराजमान है। स्वामी अपने पंचम पर नीच का होकर बैठा है। हालांकि गुरु की दृष्टि उस पर और अपने से पंचम में तो रिजल्ट आपको मिलेंगे। इस समय सर्कल में कुछ नए लोग जुड़ेंगे जो कि आपके साथ टाईअप करना चाहेंगे। काम करना चाहेंगे। पर आपको लोगों का चयन करना पड़ेगा कि आपको अपने जीवन में कितना स्थान देना है। क्या आपको उस व्यक्ति को अपने जीवन में इंट्री देनी है या नहीं देनी है? यह डिसीजन केवल और केवल आपका रहेगा। इसलिए गलत डिसीजन से आपको बचना है। व्यापारी वर्ग सामान्य तरीके से अपना काम करता है। वो उसके लिए बहुत बेटर रहेगा। आर्थिक स्थिति थोड़ी फ्लक्चुएशन से भरी होगी परंतु अगर आपने फाइनेंशियली सिक्योरिटी के कुछ काम कर लिए यानी कुछ ऐसे निवेश किए जो आपको सिक्योर रख सके तो बहुत ज्यादा दिक्कत नहीं आएगी। अब सुकेश अपने से बाहरवें में निश्चित सुख फ्लक्चुएट होंगे। घर के रखरखाव पर खर्चा करना पड़ गया। इंटीरियर पर खर्चा करना पड़ गया। अचानक से कोई खर्चा अपने जीवन में आ गया। ऐसी दिक्कतें परेशानियां अचानक से खर्चे आ सकते हैं जो आपके बजट को बिगाड़ दें। इसीलिए आपको थोड़ा सा संभलकर रहना। कोई आपको घर दिखाता है कि आप घर खरीद लीजिए। अगर आपके घर का सपना है तो पहले उसके पेपर पूरे देखें जांच पड़ताल करें। उसके बाद आगे बढ़ें। भाई बहनों में मतभेद करने की अपेक्षा अपनी वाणी पर संयम और क्रोध पर नियंत्रण रखें क्योंकि रिश्तों में हम एक दूसरे के साथ चलें तो ज्यादा बेहतर है। शुक्र के गोचर भ्रमण के दौरान सोमवार और शुक्रवार को दूध का दान जरूर करें और शिवजी पर दूध चढ़ाएं। Shukra Ka Rashi Parivartan
सिंह राशि – आपकी राशि के लिए शुक्र दशम, तृतीय भाव के स्वामी है और द्वितीय भाव में नीच के होकर विराजमान हैं। अब कर्मेश शुक्र है तो काम में दिक्कत परेशानियां आ सकती है। आपको थोड़ा सतर्क होकर चलना है। हालांकि मैंने आपको बताया कि गुरु की दृष्टि है और कर्मेश अपने से पंचम जाकर बैठें है। पर नीच के है। इसीलिए थोड़ा सा काम सावधानी रखनी आवश्यक है। दिक्क़तें कठिनाइयां जरूर आएगी और मार्ग में रोड़े भी आएंगे। यानी ऐसे समय भी आपके पास आपके सामने आएंगे जो कि आपको थोड़ा सा निराश कर दे पर आपको इस समय हिम्मत नहीं हारनी है। अधिकारियों से अच्छी ट्यूनिंग बनाकर चलें क्योंकि सही तालमेल होगा तो दिक्कतें कम आएगी और आप उन समस्याओं से आगे बाहर निकल जाएंगे। उन समस्याओं को मैनेज कर पाएंगे। पराक्रम अपनों से बार बार ट्यूनिंग खराब हो सकती है। पारिवारिक कलह का वातावरण हो सकता है। रिश्तों में मतभेद आ सकते हैं, इसलिए आपको बहुत संभलकर रहना है। राजनीति में आपके काम अटक सकते हैं। आप जहां काम करते हैं, वहां पॉलिटिक्स हो सकती। आपके खिलाफ तो थोड़ा सा इस मामले में आप संभलकर रहें। शुक्र चूंकि नीच का है तो थोड़ा सा आप सावधानी से आगे बढ़ेंगे तो आपके लिए बेहतर रहेगा। अब आपको क्या उपाय करने चाहिए। शुक्र को ठीक करने तो शुक्र के गोचर के दौरान आप नियमित रूप से गायों को चारा जरूर खिलाएं।
कन्या राशि -आपकी राशि के लिए शुक्र नवम् और द्वितीय भाव के स्वामी हैं। यानि योगकारक ग्रह नीच का है और आपकी राशि में नीच के हो रहा है। इस समय आपको बहुत आलसी बनाएगा। भोग विलास जैसे कार्यक्रमों में आप व्यस्त रहेंगे। विपरीत लिंगी के प्रति आकर्षण होना जायज है। इसमें एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर्स भी हो सकते हैं, जिसके प्रति आपको बहुत ज्यादा सतर्क रहना। गलत लोगों की संगति से आपको बचना पड़ेगा। गलत मित्रों की संगति से और गलत आदतों की तरफ आपको नहीं आना है। यह आपको विशेष रूप से ध्यान रखना है कि यह समय थोड़ा सा विपरीत है। इन चीजों के प्रति आपको आकर्षित करेगा। अब भाग्येश शुक्र लग्न में बैठे अपने से पंचम पर नीच के होकर बैठे। इसमें के कामों में इनवेस्टमेंट ना करें तो आपके लिए बेहतर है। शेयर मार्केट, लॉटरी क्रिप्टो ऐसी चीजों में आप इन्वेस्टमेंट से बचें। जो युवक युवतियां नौकरी की तलाश कर रहे हैं, उनको बहुत सोच समझकर आगे बढ़ना है। जल्दबाजी में कोई भी डिसीजन न लें। हायर एजुकेशन से जुड़े हुए छात्रों के मार्ग में कुछ कठिनाइयां जरूर आएगी, पर अपने लक्ष्य प्रधान बनाएं। अब चूंकि धनेश भी है। इसीलिए लाइफ के रोज मर्रा की लाइफ के बजट को बिगाड़ेंगे। लाख से भरी रहेगी। इसलिए आपको थोड़ा सा सतर्क होकर चलना पड़ेगा। आपको क्या उपाय। शुक्र के गोचर के दौरान आप चंदन का इत्र लगाएं और कन्याओं को भोजन कराएं।
तुला राशि – आपकी राशि के लिए शुक्र अष्टमेश है और आपकी राशि स्वामी भी है। और अपने और शुक्र आपके द्वादश भाव में जाकर विराजमान हो रहा है। नीच के हो रहे है। अब राशि स्वामी अपने से नीच का तो द्वादस स्थान में शुक्र के रिजल्ट अच्छे मिलते हैं। अपवाद स्वरूप शुक्र ग्रह पर फिर भी अगर बैठा हो तो बढ़िया रिजल्ट देता है पर चूंकि नीच के हैं इसलिए विदेशों से कोई भी काम अटक सकता है। आपकी फाइनेंशियल कंडीशन उतार चढ़ाव से भरी हो सकती है। इससे आपके सामाजिक मान सम्मान में कमी हो सकती हैं। ददिहाल से रिलेशन बिगड़ सकते हैं। यानी रिश्तेदारों के साथ एक अच्छा तालमेल और सामंजस्य बनाकर आपको चलना पड़ेगा। अष्टमेश द्वादश जाकर नीच के ऊपर बैठें है। यात्राओं में बहुत सावधानी रखें। वाहन चलाते समय सावधानी रखें। अपने सामान का विशेष रूप से ध्यान रखें। सामान चोरी हो सकता है और थोड़ा सा जानवरों से भी सावधान रहें क्योंकि जानवरों से चोट लग सकती है। शुक्र के गोचर के दौरान आपको शुक्रवार के दिन 10 अंधे लोगों को भोजन जरूर कराएं। Shukra Ka Rashi Parivartan
वृश्चिक राशि – आपकी राशि के लिए शुक्र सप्तम और द्वादश भाव के स्वामी हैं और लाभ भाव में जाकर बैठे हैं। शुक्र नीच के हैं। पर गुरु की दृष्टि और लाभ भाव में कोई भी ग्रह नीच का उच्च का रिजल्ट ठीक देता है। पर द्वादश भाव के स्वामी अपने बाहरवें में बैठे हैं तो थोड़ा सा आपको संभलकर चलना है। खासकर जो आपकी कैलकुलेशन है जो आपकी गणनाएं जो आपके खर्चे हैं उसमें बहुत ज्यादा सावधान रहें। अतिरिक्त खर्च से बचें। रिश्तों में भी मतभेद हो सकते हैं, इसलिए संभलकर रहें। महिलाओं से संबंधित कोई भी कार्य हैं तो वो भी अटक सकते हैं। उसमें सावधानी रखें। शुक्र सप्तमेश अपने से पंचम जाकर बैठें है, परंतु शुक्र नीच के होकर बैठें है। तो वैवाहिक संबंधों में सावधानी रखनी है। योग की प्रोबलम मिसअंडरस्टैंडिंग हो सकती है। एक दूसरे के बीच में किसी भी प्रकार की दीवार न रखें। कोई भी बातचीत के दौरान हर बात का हल निकाला जा सकता है। अगर आप विवाह योग्य हो चुके हैं तो वैवाहिक संबंध आपको जरूर मिलेंगे पर चुनाव आपको करना है। इसीलिए सोच समझकर चुनाव करें। शुक्र के गोचर के दौरान सोमवार और शुक्रवार के दिन माता पार्वती को दूध, अक्षत और शक्कर का भोग जरूर लगाएं।
धनु राशि – आपकी राशि के लिए शुक्र और एकादश भाव के स्वामी हैं और कर्मभाव में जाकर नीच के हो रहे। ये समय आपके रोगों में वृद्धि कर सकता है। श्वास संबंधी समस्याओं को बढ़ा सकता है इसलिए सावधान रहें। गुप्तांगों से संबंधित प्रॉब्लम होना इंटरनल पार्ट्स में इचिंग होना, पीरियड की प्रॉब्लम होना, बाल झड़ना, पैरों से संबंधित समस्याएं होना इसतरह की समस्याएं हो सकती है। फोड़े फुंसी हो जाना आपके सौन्दर्य में कमी आना किसी न किसी प्रकार से मानसिक तनाव बढ़ सकता है। इसलिए संभलकर रहें। मीन विरोधी भी कहीं न कहीं आप को नीचा दिखाने का प्रयास करेंगे। आपकी कमजोरियां समाज के सामने उजागर हो सकती है। कमजोरी हर व्यक्ति की होती पर उजागर नहीं होनी चाहिए और आप अपनी कमजोरियों को सुधारने का निरंतर प्रयास करते रहें। आपके अंदर हमेशा आगे बढ़ने और सुधार का जज्बा होना चाहिए। इस समय गलत मित्रों की संगति से भी आपको बचना है क्योंकि गलत मित्र आपको भ्रमित कर सकते है। शुक्र चूंकि लाभेश का स्वामी अपने से 12वें स्ट्रगल का मामला आपको देखने को मिल सकता है। इसमें अपनी आर्थिक स्थिति को देखते हुए अपने जीवन में आगे बढ़ें। रिश्तों में तनाव से बचने के लिए आपको मौन रहकर अपने रिश्तों के साथ आगे बढ़ना या जरूरत नहीं हो, अतिरिक्त बोलने की आवश्यकता नहीं। शुक्र के गोचर के दौरान कन्याओं को सफेद मिठाई आपको जरूर खिलानी चाहिए।
मकर राशि – मकर राशि वालों के लिए शुक्र, पंचम और दशम भाव के स्वामी है। और शुक्र बाकी स्थान में नीच के हो रहे हैं। स्वामी अपने बाहरवें बैठें और पंचमेश हैं पंचम बैठें हैं। तो ये समय आपके लिए करियर में बहुत संभल कर आगे बढ़ने का है। डिसिज़न गलत लेने से बचें। अगर अपना खुद का भी कोई काम शुरू करना चाह रहे हैं तो पहले उस काम की पूरी स्टडी करेंगे। आप इस काम में सक्सेसफुल हो सकते हैं। क्या जन्मकुण्डली से ग्रह नक्षत्र की स्थिति है जो आपको काम की तरफ ले जा रही। तो थोड़ा सा संभल कर चलेंगे या तो आप खुद थोड़ा सा ऑब्जर्व करें। अपने ग्रहों को जन्मकुंडली में या फिर किसी अच्छे ज्योतिषी से सलाह लें। तभी अपने करियर के बारे में आगे बढ़ें और थोड़ा सा सीरियस डिसीजन लें क्योंकि जल्दबाजी में काम आपको नुकसान पहुंचा सकता है। धार्मिक प्रवृत्ति से आप ओत प्रोत हैं। पर इस समय आपका मन नास्तिकता की तरफ अधिक बढ़ेगा। गलत प्रवृत्तियों से आपको बचना पड़ेगा बहुत सावधान रहना पड़ेगा। खासकर जो विद्यार्थी हैं उन्हें पढ़ाई में बहुत ध्यान देकर आगे बढ़ने की आवश्यकता है। शुक्र के गोचर के दौरान अपने हाथ व गले में गुलाबी रंग का स्फटिक जरूर धारण करें |
कुंभ राशि – आपकी राशि से शुक्र, चतुर्थ और नवम भाव के स्वामी हैं। यानि योगकारक ग्रह और अष्टम भाव में नीच के हो रहे हैं | शुक्र उसमें नीच का होकर बैठ जाए तो थोड़ा सा ये उतार चढ़ाव आपको इस समय देखने को मिल सकती है। आर्थिक स्थिति शून्य से भरी होना पारिवारिक कलह का वातावरण उलझाना मां से मतभेद हो जाना। भूमि संबंधी वाहन संबंधी कामों में अटकाव की स्थितियां बार बार खर्चे आ जाना प्रॉपर्टी से संबंधित कार्य अटक जाना। नए घर का सपना अधूरा रह जाना ऐसी परिस्थितियां आपको देखने को मिल सकती है। चूंकि शुक्र भाग्य से अपने से बाहर है तो भाग्य भी समय से भरा है। कोई भी पुलिस के काम में बिल्कुल भी ना करें। शेयर मार्केट या ट्रेडिंग से संबंधित अगर आप कोई काम करना चाहें या फिर आप लॉटरी से संबंधित कोई काम करना चाहें या फिर आप क्रिप्टो में पैसा डालना चाहे ऐसे कोई भी रिस्की काम से परहेज करें। सामान्य तरीके से अपने कार्यों को करते चले जाएं, तभी आप शुक्र के बेहतर परिणाम पाएंगे वरना कर्ज की समस्या बढ़ सकती है। रूटीन की थोड़ी सी बेतरतीबी दिखाई देगी और जो अब तक आपके रिश्ते रूठे हुए थे या फिर विरोधियों से आपको हमेशा कुछ न कुछ नुकसान देखने को मिल रहा था, वो नुकसान जरूर खत्म हो जाएगा। शुक्र के गोचर के दौरान गुलाबी हकीक माला से लक्ष्मी के बीज मंत्र का जाप आपको लगातार करना चाहिए।
मीन राशि – आपकी राशि के लिए शुक्र तृतीय और अष्टम भाव के स्वामी हैं और सप्तम भाव में जाकर बैठा है। पराक्रम में वृद्धि होगी परंतु इस समय जो पराक्रम आप का है वो विपरीत दिशा में लग सकता है। आपको ये ध्यान देना एनर्जी को कहां लगाना है। पॉजिटिव वे की तरफ ले जाना या नेगेटिव की तरफ ले जाना ये आपका डिसीजन है। भाई बहनों के साथ भी ट्यूनिंग खराब हो सकती है। कोई मतभेद हो सकता है चाहे वो पैतृक व्यवसाय को लेकर हो या फिर पैतृक संपत्ति को लेकर हो। तो जितना हो सके ऐसी चीजों से दूर रहें क्योंकि उनके फैसले आपके पक्ष में नहीं जाएंगे। नेगेटिव हो सकते हैं। अब शुक्र सप्तम भाव में बैठें उच्च के होकर बैठें हैं और नीच के भी हो तो दांपत्य जीवन में भी बहुत संभलकर रहना पड़ेगा। आपसी मतभेदों की वजह से आपकी प्रोफेशनल लाइफ भी इससे डिस्टर्ब हो सकती है। मतभेदों को आप दूर करने का प्रयास करें। वाणी पर संयम रखें। क्रोध पर नियंत्रण रखें और ईगो नहीं आना चाहिए। अभिमान नहीं घमंड नहीं और किसी भी चीज में मैं नहीं होना चाहिए। मैं व्यक्ति को हमेशा खत्म कर देता है और उससे संबंधित रिश्तों को भी खत्म कर देता है। चाहे वह कोई भी रिश्ता हो। शुक्र अष्टमेश में अपने से 12वें नीच के ऊपर बैठा है। इसलिए इस समय यात्रा करते समय सावधानी रखें। वाहन चलाते समय सावधानी रखें। कोई भी दूरगामी यात्रा अगर हो सके तो आप अच्छे। और अगर जाने वाले तो बहुत ज्यादा केयरफुल रहें। विरोधी नुकसान पहुंचा सकते हैं और ऐसे विरोधी जिनको आप पहचानेंगे भी नहीं। यानी आपके आसपास के ही लोग ऐसे विरोधियों से सावधान रहें। अतिरिक्त भावुक ना हों और भावुकता में अपने मन की बातों को किसी के साथ शेयर न करें। अपनी गोपनीय बातों को किसी के साथ शेयर न करें। खुद खड़े रहकर अपने कार्यों को करें। समय एक आलस्य भी व्यक्ति के अंदर है कि किसी और को सौंप दो वो कर लेगा तो भरोसा करके किसी को भी अपना काम न सौंपे। खुद खड़े रहकर अपने कार्यों को करें तभी आप सफलता प्राप्त करेंगे। शुक्र के गोचर के दौरान आप नकारात्मक प्रभावों से बचने के लिए शुक्रवार का व्रत आपको जरूर करना चाहिए और बिना नमक का भोजन आपको शुक्रवार के दिन करना चाहिए। जब भी आप अपने व्रत का परायण करें तो बिना नमक का भोजन करें। । Shukra Ka Rashi Parivartan
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