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जानिए रक्षाबंधन का महत्व , शुभ मुहूर्त , नियम एवं उपाय – Rakshabandhan 2023

जानिए रक्षाबंधन का महत्व , शुभ मुहूर्त , नियम एवं उपाय – Rakshabandhan 2023

Rakshabandhan 2023 गुरु माँ निधि जी  श्रीमाली के अनुसार  सनातन धर्म में रक्षाबंधन का पर्व विशेष महत्व रखता है। यह पर्व हर वर्ष श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है।  इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती हैं और उनके सफल जीवन की प्रार्थना करती हैं। वहीं, भाई अपनी बहनों की रक्षा का वचन देते हैं। इस वर्ष रक्षाबंधन के दिन पंचक और भद्रा काल का निर्माण हो रहा है। इसलिए रक्षाबंधन का पर्व दो दिन यानी 30 अगस्त और 31 अगस्त को मनाया जाएगा। Rakshabandhan 2023

रक्षाबंधन का  महत्व  

गुरु माँ निधि जी  श्रीमाली  ने बताया है की इस त्यौहार में भाई बहन के प्यार को एक परंपरा के तरह मनाया जाता है. रक्षा बंधन एक अनोखी हिंदू त्यौहार है जिसे की केवल भारत में ही नहीं बल्कि दुसरे देशों जैसे की Nepal में भी भाई बहन के प्यार का प्रतिक मानकर खूब हर्षउल्लाश से मनाया जाता है. इस पर्व रक्षाबंधन  को श्रावण माह के पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है. जो की अक्सर अगस्त के महीने में आता है. रक्षा बंधन का पर्व दो शब्दों के मिलने से बना हुआ है, “रक्षा” और “बंधन“. संस्कृत भाषा के अनुसार, इस पर्व का मतलब होता है की “एक ऐसा बंधन जो की रक्षा प्रदान करता हो”. यहाँ पर “रक्षा” का मतलब रक्षा प्रदान करना होता है उअर “बंधन” का मतलब होता है गुरु माँ निधि श्रीमाली जी ने बताया है की एक गांठ, एक डोर जो की रक्षा प्रदान करे. ये दोनों ही शब्द मिलकर एक भाई-बहन का प्रतिक होते हैं. यहाँ ये प्रतिक केवल खून के रिश्ते को ही नहीं समझाता बल्कि ये एक पवित्र रिश्ते को जताता है. यह त्यौहार खुशी प्रदान करने वाला होता है वहीँ ये भाइयों को ये याद दिलाता है की उन्हें अपने बहनों की हमेशा रक्षा करनी है। रक्षा बंधन भाई-बहन का प्रतीक माना जाता है। रक्षा बंधन भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को जताता है और घर में खुशिया लेकर आता है। इसके अलावा यह त्योहार भाईयों को याद दिलाता है कि उन्हें अपनी बहनों की रक्षा करनी चाहिए।  Rakshabandhan 2023  Rakshabandhan 2023

क्यों मनाया जाता है यह रक्षा बंधन ?

 कहा जाता है कि देवराज इंद्र बार-बार राक्षसों से परास्त होते रहे। वह हर बार राक्षसों के हाथों देवताओं की हार से निराश हो गए। इसके बाद इन्द्राणी ने कठिन तपस्या की और अपने तपोबल से एक रक्षासूत्र तैयार किया। यह रक्षासूत्र इन्द्राणी ने देवराज इन्द्र की कलाई पर बांधा। तपोबल से युक्त इस रक्षासूत्र के प्रभाव से देवराज इन्द्र राक्षसों को परास्त करने में सफल हुए। तब से रक्षाबंधन पर्व की शुरुआत हुई।

एक उल्लेख यह भी है कि भगवान विष्णु ने वामन अवतार लेने के बाद ब्राह्मण का वेश धारण कर अपनी दानशील प्रवृत्ति के लिए तीनों लोकों में प्रसिद्ध राजा बलि से तीन पग भूमि दान में मांगी। बलि के मांग स्वीकार कर लिए जाने पर भगवान वामन ने अपने पग से सम्पूर्ण पृथ्वी को नापते हुए बलि को पाताल लोक भेज दिया। कहा जाता है कि उसी की याद में रक्षाबंधन पर्व मनाया गया। Rakshabandhan 2023

कब है रक्षाबंधन 

गुरु माँ निधि जी  श्रीमाली  के अनुसार, प्रत्येक वर्ष श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है। इस बार श्रावण पूर्णिमा तिथि दो दिन यानी 30 और 31 अगस्त को पड़ रही है, साथ ही श्रावण पूर्णिमा तिथि पर भद्रा का साया भी रहेगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कभी भी रक्षाबंधन का त्योहार भद्रा का साया रहने पर नहीं मनाया जाता है। भद्रा काल में बहनों को भाई की कलाई में राखी बांधना वर्जित होता है। भद्रा काल के समय को बहुत ही अशुभ माना गया है और इस दौरान किसी भी तरह के शुभ कार्य नहीं किया जाता है। आइए जानते हैं रक्षाबंधन के त्योहार पर कब तक रहेगा Rakshabandhan 2023

कब से कब तक रहेगा रक्षाबंधन पर भद्रा का साया ?

इस साल रक्षाबंधन पर भद्रा का साया रहेगा। गुरु माँ निधि जी  श्रीमाली  के अनुसार 30 अगस्त को सुबह 10 बजकर 58 मिनट से भद्रा लग जाएगी। जो रात को 09 बजकर 01 मिनट तक रहेगी। इस साल भद्रा रक्षाबंधन के दिन पृथ्वी पर वास करेंगी जिस कारण से भद्रा में राखी बांधना शुभ नहीं रहेगा। वहीं दूसरी तरफ श्रावण पूर्णिमा 31 अगस्त को सुबह 07 बजकर 07 मिनट पर खत्म हो जाएगी। इस तरह से 30 अगस्त को सुबह भद्रा के लगने से पहले राखी बांधी जा सकती है और 31 अगस्त को सुबह 07 बजकर 07 मिनट से पहले राखी बांध सकते हैं। 
रक्षाबंधन भद्रा पूंछ: 30 अगस्त 2023 की शाम 05:30 बजे से शाम 06:31 बजे तक
रक्षाबंधन भद्रा मुख: 30 अगस्त 2023 की शाम 06:31 बजे से रात 08:11 बजे तक
रक्षाबंधन भद्रा समाप्ति समय: 30 अगस्त 2023 की रात 09 बजकर 03 मिनट पर Rakshabandhan 2023

रक्षाबंधन 2023 राखी बांधने का शुभ मुहूर्त 

शुभ मुहूर्त गुरु माँ निधि जी  श्रीमाली  के अनुसार रक्षाबंधन का त्योहार श्रावण माह की पूर्णिमा तिथि और अपराह्र काल यानी दोपहर के समय भद्रा रहित काल में मनाना शुभ होता है। लेकिन इस वर्ष 30 अगस्त को पूरे दिन भद्रा रहेगी। भद्रा में राखी बांधना अशुभ होता है। ऐसे में 30 अगस्त 2023 को रात 09 बजकर 03 मिनट के बाद राखी बांधी जा सकती है। वहीं 31 अगस्त को सुबह 07 बजकर 7 मिनट से पहले राखी बांध सकते हैं।  Rakshabandhan 2023

क्या होता है भद्रा काल

 भद्रा भगवान सूर्यदेव की पुत्री और राजा शनि की बहन है। स्वभाव में भद्रा भी अपने भाई शनि देव की तरह ही कठोर मानी गई हैं। उनके स्वभाव को नियंत्रित करने के लिए ही भगवान ब्रह्मा ने उन्हें कालगणना या पंचांग के एक प्रमुख अंग विष्टि करण में स्थान दिया था। भद्रा की स्थिति में कुछ शुभ कार्यों, यात्रा और उत्पादन आदि कार्यों को निषेध माना गया किंतु भद्रा काल को तंत्र कार्य, अदालती और रातिनीतिक चुनावों के लिए इस समय को अच्छा माना जाता हैं। Rakshabandhan 2023

 राखी बांधने की सही विधि

भगवान का आशीर्वाद लेने के बाद अपने भाई को राखी बांधने की प्रक्रिया शुरू करें. इसके लिए भाई को पूर्व दिशा की तरफ मुख करके बिठाएं. ध्यान रखें राखी बांधते समय भाई के सिर पर एक रुमाल होना चाहिए. फिर बहन अपने भाई के माथे पर टीका लगाएं और उस कुछ अक्षत लगाएं. फिर दीया जलाकर भाई की आरती उतारें. इसके बाद बहन भाई की दायीं कलाई पर राखी बांधते हुए इस मंत्र को बोलें. ‘ॐ येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबलः। तेन त्वामपि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल।।’ अब भाई-बहन एक दूसरे का मुंह मीठा करें. अगर बहन बड़ी है तो भाई उसके चरण स्पर्श करे और अगर बहन छोटी है तो वो भाई के पैर छुए और उनका आशीर्वाद प्राप्त करे. अंत में भाई बहन को कुछ न कुछ उपहार देने की परंपरा निभाएं. Rakshabandhan 2023

रक्षाबंधन के दिन इन बातों का रखें ख्याल  

1. रक्षा बंधन के दिन भाइयों को राखी बांधते समय मुहूर्त का खास ख्याल रखें. 

 2. राखी बांधते समय इस बात का ख्याल रखें कि भाई या बहन का मुख दक्षिण दिशा की तरफ नहीं होना चाहिए. दक्षिण दिशा को यम यानी मृत्यु की दिशा मानी जाती है. इस दिशा में मुख करके काम करने से आयु कम होती है. 

3.  राखी के दिन भाई को तिलक लगाने के लिए चंदन या फिर रोली का इस्तेमाल कर सकते हैं. इस दौरान सिंदूर का इस्तेमाल ना करें क्योंकि सिंदूर सुहाग की निशानी माना जाता है.  

4. राखी से पहले भाइयों की पूजा करते समय इस बात का ख्याल रखें कि अक्षत के दाने टूटे हुए ना हो.  5. भाई की आरती करते समय एक बात का ख्याल रखें कि आरती की थाली में रखा गया दीपक टूटा-फूटा ना हो

 6. इस दिन भाई की आरती उतारते समय घी के दीपक का इस्तेमाल करें. घी का दीपक जलाने से नकारात्मकता दूर होती है.   Rakshabandhan 2023

गुरु माँ निधि जी  श्रीमाली के अनुसार रक्षाबंधन पर ये उपाय करना होगा शुभ

चांदी का सिक्का

राखी के दिन भाई अपनी बहन के हाथ से गुलाबी रंग के कपड़े में अक्षत, सुपारी और एक चांदी का सिक्का डालकर गांठ लगा दें। इसके बाद इसे तिजोरी या जिस जगह पैसे रखते हो उस स्थान में रख दें। मां लक्ष्मी की कृपा से घर में कभी भी धन की समस्या नहीं होगी।

मां दुर्गा को चढ़ाएं राखी

 माता लक्ष्मी को लाल या फिर गुलाबी रंग काफी प्रिय है। इसलिए रक्षाबंधन के दिन बहनें देवी मां को इस रंग की राखी चढ़ाएं। ऐसा करने से आपके भाई की आर्थिक परेशानियां दूर होगी। Rakshabandhan 2023

गणेश जी को बांधें राखी

रक्षाबंधन के दिन भगवान गणेश को राखी बांधना चाहिए। ऐसा करने से भाई-बहन के बीच के मनमुटाव दूर होते हैं और दोनों के बीच प्रेम बढ़ता है।

नारियल चढ़ाएं

रक्षाबंधन पर एक नारियल लें और इसे लाल मिट्टी के एक छोटे से बर्तन में रखें और फिर घड़े को लाल कपड़े से ढककर बहते पानी में प्रवाहित करें। कुछ ही दिनों में धन संबंधी समस्या खत्म हो जाएगी। Rakshabandhan 2023

पंचमेवा खीर से लगाए भोग

रक्षाबंधन के दिन मां लक्ष्मी की विधिवत पूजा करें इसके साथ ही भोग में पंचमेवा खीर बनाकर खिला दें। इसके बाद बचे हुए प्रसाद को बच्चों या फिर लड़कियों को बांट दें। ऐसा करने से भाई के नौकरी-व्यवसाय में प्रगति होगी। Rakshabandhan 2023

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इस साल अधिकमास होने के कारण श्रावण मास 2 महीने तक रहेगा अर्थात भगवान् शिव की भक्ति के लिए अधिक समय मिलेगा 19 साल बाद ऐसा संयोग बनने से श्रावण मास का महत्व ओर अधिक बढ़ गया हर साल की तरह इस साल भी हमारे संस्थान में महारुद्राभिषेक का आयोजन किया जा रहा है अगर आप भी भगवान् शिव की कृपा पाना चाहते है तो इस महारुद्राभिषेक में हिस्सा लेकर अपने नाम से रुद्राभिषेक करवाए यह रुद्राभिषेक गुरु माँ निधि जी श्रीमाली एवं हमारे अनुभवी पंडितो द्वारा विधि विधान से एवं उचित मंत्रो उच्चारण के साथ सम्पन्न होगा आज ही रुद्राभिषेक में हिस्सा लेकर भगवान् शिव का विशेष आशीर्वाद प्राप्त करे एवं किसी भी अन्य दिन किसी भी प्रकार की पूजा , जाप एवं भगवान् शिव के महामृत्युंजय का जाप करवाना चाहते है तो हमारे संस्थान में संपर्क करे
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