Pearl Stone (मोती रत्न)
Pearl Stone (मोती रत्न) को अंग्रजी में पर्ल कहते हैं। यह चंद्रमा का रत्न है इसलिए इसे चंद्रमा संबंधी दोषों के निवारण के लिए पहनते हैं। प्राचीनकाल से ही मोती का उपयोग विभिन्न प्रयोजनों में किया जाता होगा इसलिए इसका वर्णन ऋगवेद में भी मिलता है।
Pearl Stone (मोती रत्न) की प्राकृतिक उपलब्धता:
वर्तमान में मोतियों का कल्चर भी शुरू हो गया है। समुद्र से सीपियों को पालकर उन्हें ऐसी अवस्था में रखते हैं कि उनमें मोतियों का प्रोडक्शन हो सके। इस प्रक्रिया को ‘पर्ल कल्चर’ कहते हैं। इस प्रकार तैयार मोती असली मोतियों की श्रेणियों में ही आते हैं। सभी रत्नों में मोती ऐसा रत्न है जिसका फैशन इंडस्ट्री में बहुत इस्तेमाल किया जाता है।
विज्ञान और मोती रत्न:
कृत्रिम मोती
मोती रत्न के गुण:
ज्योतिष और मोती रत्न के लाभ
मोती चंद्रमा का रत्न है इसलिए जिसकी जन्मकुंडली में चंद्रमा क्षीण, दुर्बल या पीडि़त हो उन्हें मोती अवश्य धारण करना चाहिए। निम्न परिस्थितियों में इसे ग्रहण करें:
- यदि जन्मकुंडली में सूर्य के साथ चंद्रमा उपस्थित हो तो वह क्षीण होता है। इसके अलावा सूर्य से अगली पांच राशियों के पहले स्थित होने पर भी चंद्रमा क्षीण होता है। ऐसी स्थिति में मोती धारण करना चाहिए।
- केंद्र में चंद्रमा हो तो उसे कम प्रभाव वाला या अप्रभावी मानते हैं। ऐसे में केंद्र में चंद्रमा होने पर भी मोती पहनना चाहिए।
- दूसरे भाव अर्थात धन भाव का स्वामी यदि चंद्रमा हो तो यह कुंडली मिथुन लग्न में होगी। ऐसे में अगर चंद्रमा छठे भाव में बैठा हो तो मोती धारण करना बहुत उत्तम होता है।
- जन्मकुंडली में अगर चंद्रमा पंचमेश होतर बारहवें भाव में हो या सप्तमेश होकर दूसरे भाव में हो, नवमेश होकर चतुर्थ भाव में हो, दशमेश होकर पंचम भाव में हो तथा एकादशेश होकर षष्ठम भाव में स्थित हो तो ऐसे व्यक्ति को यथाशीघ्र मोती धारण कर लेना चाहिए।
- किसी भी कुंडली में अगर चंद्रमा वृश्चिक राशि का हो तो इससे कोई प्रभाव नहीं पड़ता कि वो किस भाव में है। ऐसे जातक को बिना विलंब मोती धारण करना चाहिए।
- इसी प्रकार चंद्रमा छठें, आठवें और बारहवें भाव में हो तो भी मोती धारण कर लेना चाहिए।
- यदि चंद्रमा राहू, केतु, शनि और मंगल के साथ बैठा हो या इनकी दृष्टि चंद्रमा पर हो तो भी मोती धारण करना चंद्रमा के अच्छे फल देता है।
- चंद्रमा जिस भाव का स्वामी हो उससे छठे या आठवें स्थान में अगर वह स्थित हो तो भी मोती धारण करना चाहिए।
- अगर चंद्रमा नीच का हो, वक्री हो या अस्तगत हो, इसके अलावा चंद्रमा के साथ राहू के ग्रहण योग बना रहा हो तो भी मोती धारण कर लेना चाहिए।
- यदि विंशोत्तरी पद्धति से चंद्रमा की महादशा या अंतर्दशा चल रही हो तो ऐसे व्यक्ति को भी मोती पहन लेना चाहिए।
Note: Daily, Weekly, Monthly, Annual Horoscope, and Festival Videos are being provided by Astrologer Nidhi JI Shrimali on her YouTube Channel, almost free.
Click Here To See Daily, Monthly, Annual, And Festivals Video For Free:
????(Astrologer Nidhi Shrimali )????
Click On Kundli Vishleshan To Know And End Your Problems Related to Your Life:
????(Kundli Vishleshan)????
Click Here For Visit Our Social Media Profiles:
????(Click Here)????
rajesh –
Thank you sir
You have given me a great product. This has given me a lot of benefits