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Pirta dosh Nivaran Pooja | पितृ दोष उपाय | पितृ दोष से पाए छुटकारा | Pitra Dosh Pooja | Nidhi Shrimali

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Pirta dosh Nivaran Pooja


आज हम आपको बताएंगे कि पितृदोष क्या है और इसका निवारण कैसे किया जाता है। सबसे पहले पितृ दोष के बारे में जानते हैं। यदि आपकी कुंडली में पितृ दोष की स्थिति बनी हुई है तो उसके बहुत सारे भयंकर परिणाम उस व्यक्ति को देखने को मिलते हैं। Pirta dosh Nivaran Pooja

सबसे पहले पितृ दोष के बारे में जानते हैं। यदि आपकी कुंडली में पितृ दोष की स्थिति बनी हुई है तो उसके बहुत सारे भयंकर परिणाम उस व्यक्ति को देखने को मिलते हैं। Pirta dosh Nivaran Pooja

परिणाम

  • जीवन में वह पैसा कमाता है पर उसके जीवन में पैसा बचता नहीं है। घर में रोगों का वास, घर में कलह का वातावरण, पारिवारिक सदस्यों में से कोई भी व्यक्ति ग्रोथ नहीं कर पाता। उस परिवार की पूरी ग्रोथ रुक जाती है।
  • यदि एक व्यक्ति की कुंडली में पितृदोष है तो उससे जुड़ा हुआ उसका परिवार पूरा उस पितृ दोष से प्रभावित होता है और पूरे परिवार की ग्रोथ रुक जाती है। उन्नति रुक जाती है और बहुत स्ट्रगलिंग लाइफ उस व्यक्ति को देखने को मिलती है। Pirta dosh Nivaran Pooja

निवारण

  • तो अब इस पितृ दोष का निवारण कैसे किया जाए।
  • सबसे प्रभावशाली तरीका है पूजा। पूजा के माध्यम से पितृ दोष का निवारण करना। क्योंकि पूजा एक ऐसी विधि है जिससे हम सीधे तौर पर देवी देवताओं से जुड़ते हैं उनका आव्हान करते हैं और पूजा से सबसे पहले रिजल्ट सबसे प्रभावशाली रिजल्ट में उस दोष से मुक्त होने के लिए मिलते हैं।
  • पूजा बहुत प्रभावशाली है और हमारे संस्थान में पितृदोष से लेकर हर प्रकार की पूजा हमारे प्रकाण्ड पंडितों के द्वारा की जाती है।
  • शुभ मुहूर्त में उस व्यक्ति के नाम से तिथि समय मुहूर्त समय ये सभी देखकर दिन निश्चित करके और उस व्यक्ति के दोष के हिसाब से यदि आपको पितृदोष है तो पितृदोष की पूजा कालसर्प दोष है तो कालसर्प दोष पूजा और भी किसी भी प्रकार का अगर आपकी कुंडली में दोष है तो उसके हिसाब से दिन तिथि और मुहूर्त देखकर पूजा करवाई जाती है | Pirta dosh Nivaran Pooja

अब ये पूजन दो प्रकार से हो सकती है –

  • चाहे तो यजमान हमारे यहां आएं और हमारे पंडितों के द्वारा इस पूजा का लाभ प्राप्त करें और आजकल दूरी का महत्व बहुत अधिक हो गया है | हर व्यक्ति अपने समय को बचाना चाहता है क्योंकि बहुत ज्यादा दूरी की वजह से कई बार वह आ नहीं सकता। पूजा करवा नहीं सकता | वैसे भी अभी कोरोना काल चल रहा है हर व्यक्ति अपने घर में कोई पूजा करवाना चाहता है कोई अपने दोष का निवारण करवाना चाहता है तो वो कैसे करे? तो उसके लिए ऑनलाइन पूजा की व्यवस्था हमारे द्वारा की गई है। Pirta dosh Nivaran Pooja

  • अब पितृदोष की पूजा या कोई भी पूजा ऑनलाइन करने पर भी उतनी ही सार्थक सिद्ध होती है जितना कि आप खुद बैठकर करें क्योंकि पूजा आप तो करते नहीं पंडितों के द्वारा की जाती है। सबसे पहले पूजा में हम संकल्प दिलवाते हैं तो यजमान जो होता है उसके नाम से संकल्प लिया जाता है तो अगर आप बैठे भी हैं तो भी आपसे संकल्प दिलवाया जाएगा | आप ऑनलाइन आकर पूजा करवाएंगे तो भी वो संकल्प दिलवाया जाएगा और संकल्प दिलवाने के बाद में उस पूजा का पूरा फल उस यजमान को प्राप्त होता है क्योंकि जो भी पूजा करवाई जाती है उस यजमान को समर्पित होती है संकल्प के माध्यम से उस पूजा का पूरा फल मान को जाता है। तो ऑनलाइन पूजा हमारे द्वारा विशेष रूप से करवाई जाती है आप आकर लाइव पूजा भी कर सकते है और ऑनलाइन भी करवाई जाती है | Pirta dosh Nivaran Pooja

पूजा विधि 

  • सबसे पहले आपको अपना नाम पिता का नाम और गोत्र ध्यान में रखना है और संकल्प लेते समय पंडित जी के द्वारा जो भी संकल्प बोला जाता है उसे आप दोहराकर और उस संकल्प की प्रक्रिया को संपन्न करें|
  • तो यजमान के नाम से संकल्प लेकर सबसे पहले पूजा की शुरुआत की जाती है और आप जानते हैं हर पूजा में सबसे पहले गणेश जी का आह्वान किया जाता है | क्योंकि प्रथम पूज्य गणेश जी के बिना हर पूजा अधूरी मानी जाती है तो सबसे पहले गणेशजी सावधान करते हैं।

षोडस मातृका पूजन

  • उसके बाद में षोडस मातृका बनाई जाती है और षोडस मातृका का पूजन किया जाता है।
  • षोडस मातृका में सोलह देवियां होती है उसमें आपकी यानि यजमान की कुल देवी भी शामिल होती है। षोडश मातृका और कुलदेवी पूजन किया जाता है।

नवग्रह पूजन

  • उसके बाद में नवग्रह बनाए जाते हैं।
  • चावल के द्वारा नौ ग्रहों की स्थापना की जाती है और नौ ग्रहों का आह्वान किया जाता है |
  • नवग्रह के आह्वान के पश्चात सभी देवी देवताओं का आह्वान किया जाता है और ये प्रक्रिया हर पूजा में दोहराई जाती है।
  • क्योंकि हम सभी देवी देवताओं का आह्वान कर देते हैं तब हमारा पूजन संपन्न होता है और वो देवी देवता हम पर प्रसन्न होकर हमारी पूजा में सम्मिलित होते हैं तभी उस पूजा का फल हमें प्राप्त होता है तो नव ग्रह और सभी देवी देवताओं का आह्वान किया जाता है।
  • उसके बाद में पूजा में जो हम यंत्र पेंडेंट जो भी पूजन सामग्री रखते है उस पूजन सामग्री का आह्वान किया जाता है | उन्हें अभिमंत्रित करने के लिए उस पूजा में उनका पूजन किया जाता है और उन्हें वहा स्थापित किया जाता है।
  • ये यंत्र रखने का पूजा में रखने का यही उद्देश्य रहता है कि पूजा के बाद में हम वो यंत्र उन यजमान के यहां भिजवाते हैं और इस पूजा से वो अभिमंत्रित होने के बाद में उसका प्रभाव और अधिक बढ़ जाता है और जब वो अपने पूजा कक्ष में उसके दर्शन करते है उसे स्थापित करते हैं तो उसका प्रभाव उस व्यक्ति के जीवन में बहुत गहरा और सकारात्मक देखने को मिलता है।
  • उसके बाद में 10 दिग्पाल, आदि देवता, प्रत्याशी देवता, नाग देवता इन सभी का पूजन किया जाता है।
  • उसके बाद में हमारे पितृ स्वरों का जो कि तीन पीढ़ी के जो हमारे पितृ पूर्वज होते हैं उनका मंत्रों के द्वारा आह्वान किया जाता है और उन्हें पूजन में सम्मिलित करने के लिए हम उनसे आग्रह करते हैं कि हमारी शान्ति करें जो पितृदोष है हम पर कृपादृष्टि करें और हमारी इस पूजा को सफल करें | ताकि हमारे जीवन में उन्नति कर पाएं उनका आशीर्वाद लेने के लिए उनका आह्वान किया जाता है।
  • साथ में सूर्य देव और चंद्र देव का भी आव्हान किया जाता है।
  • उसके बाद में राहु काल का पूजन किया जाता है और पितृ देव पूजन करते हैं | Pirta dosh Nivaran Pooja

हवन की प्रक्रिया

  • उसके बाद हवन की प्रक्रिया शुरू होती है। हवन के अंदर राहू और केतु के मंत्र, ग्रह शांति मंत्र, पितृेश्वरो के शान्ति के मंत्र इनके द्वारा आहुतियां उस हवन में दी जाती है।
  • उसके बाद पितृेश्वरो का तर्पण किया जाता है और उसके पश्चात पूजा का समापन करने के लिए क्षमा याचना करते हैं। कि इस पूजा में यदि ब्राह्मण के द्वारा या यजमान के द्वारा किसी भी प्रकार की कोई त्रुटि हो गई कोई पूजा में मंत्र गलत बोल गए हो या कोई शब्द अधूरा रह गया हो या पूजा में कुछ भी कमी हो तो सभी देवी देवता हमें माफ करें और उस पूजा का फल उस यजमान को प्रदान करें।
  • उसके बाद ब्राह्मणों के द्वारा आशीर्वाद देकर इस पूजा का समापन किया जाता है और जब ब्राह्मणों का आशीर्वाद मिल गया तो आप समझिए उस यजमान की पूजा संपन्न हो गई।
  • उस यजमान को उस पूजा का यथेष्ट फल जरूर प्राप्त होगा | Pirta dosh Nivaran Pooja

तो इस प्रकार से पितृ दोष की पूजा हमारे संस्थान में संपन्न की जाती है। यदि आप इस पूजा से जुड़ना चाहते हैं पितृदोष की स्थिति यदि आपकी कुंडली में बनी हुई है तो आप हमे संपर्क करे |  श्री राधे कृष्णा।[/vc_column_text][/vc_column][/vc_row][vc_row][vc_column][/vc_column][/vc_row][vc_row][vc_column][vc_column_text text_larger=”no”]Note: Daily, Weekly, Monthly, and Annual Horoscope is being provided by Pandit N.M.Shrimali Ji, almost free. To know daily, weekly, monthly and annual horoscopes and end your problems related to your life click on (Kundali Vishleshan) or contact Pandit NM Srimali  Whatsapp No. 9929391753,E-Mail- [email protected]

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