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जानिए सावन में पार्थिव शिवलिंग की पूजा का महत्व , पूजा विधि, नियम एवं लाभ Parthiv Shivling

जानिए सावन में पार्थिव शिवलिंग की पूजा का महत्व , पूजा विधि , नियम एवं लाभ – Parthiv Shivling

Parthiv Shivling गुरु माँ निधि जी श्रीमाली ने बताया है की सनातन परंपरा में भगवान शिव की पूजा कई प्रकार से की जाती है. कोई उनकी मूर्ति की पूजा करता है तो कोई शिवलिंग की पूजा करता है. शिवलिंग में भी उनकी पूजा कई तरह से की जाती है. जैसे कोई पत्थर का शिवलिंग पूजता है तो कोई स्फटिक के शिवलिंग की साधना करता है. कुछ ऐसे ही लोग सोने, चांदी, पीतल और पारद आदि के शिवलिंग की भी पूजा कर ते हैं, लेकिन इन सभी शिवलिंग में पार्थिव शिवलिंग की पूजा अत्यंत ही शुभ एवं भगवान शिव से मनचाहा वरदान दिलाने वाली मानी गई है Parthiv Shivling

सावन में  पार्थिव शिवलिंग की पूजा का महत्व  

गुरु माँ निधि जी श्रीमाली  के अनुसार सावन के महीने में पार्थिव शिवलिंग की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में समस्त कष्ट दूर होकर सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं. पार्थिव शिवलिंग की पूजा करने वाले शिवसाधक के जीवन से अकाल मृत्यु का भय दूर हो जाता है एवं भगवान शिव के आशीर्वाद से धन-धान्य,सुख-समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है. इनकी पूजा से अंत में मोक्ष को प्राप्त होता है.  Parthiv Shivling

शिव महापुराण में दिए गए श्लोक ‘अप मृत्युहरं कालमृत्योश्चापि विनाशनम। सध: कलत्र-पुत्रादि-धन-धान्य प्रदं द्विजा:।’ के अनुसार, पार्थिव शिवलिंग की पूजा से तुरंत ही जो कलत्र पुत्रादि यानी कि घर की पुत्रवधु होती है वो शिवशंभू की कृपा से घर में धन धान्य लेकर आती है. इनकी पूजा इस लोक में सभी मनोरथ को भी पूर्ण करती है. जो दम्पति संतान प्राप्ति के लिए कई वर्षों से तड़प रहे हैं, उन्हें पार्थिव लिंग का पूजन अवश्य करना चाहिए. Parthiv Shivling

पार्थिव शिवलिंग पूजा के नियम

  • पार्थिव शिवलिंग बनाने के लिए सिर्फ पवित्र नदी, तालाब या बेल के पेड़ की मिट्‌टी का ही उपयोग करें. मिट्‌टी में दूध मिलाकर उसे शोधित करें.
  • अब पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके मिट्‌टी में गाय का गोबर, गुड़, मक्खन और भस्म मिलाकर एक बड़ी सी पूजा की थाल में पार्थिव शिवलिंग बनाएं. इस दौरान शिव मंत्र का उच्चारण करें.
  • शिवलिंग का आकार 12 अंगुल से बड़ा न बनाएं. इससे ऊंचा होने पर पूजा का फल नहीं मिलता.
  • पूजा के समय जो प्रसाद पार्थिव शिवलिंग पर चढ़ाते हैं उसे ग्रहण नहीं करना चाहिए. Parthiv Shivling

पार्थिव शिवलिंग पूजा विधि

  • सावन सोमवार पर पार्थिव शिवलिंग पूजा से पूर्व भगवान गणेश, माता पार्वती, विष्णु जी और नवग्रह का आवह्रान करें.
  • अब पार्थिव शिवलिंग का षोडशोपचार विधि से पूजन करें. शिवलिंग पर जल, रोली, दूध, दही, घी, शहद, रोली, मौली, अक्षत, बेलपत्र, धतूरा, शिव के प्रिय पुष्प, भांग, भस्म,  इत्र, आदि अर्पित करें.
  • भोलेनाथ को भोग लगाकर ऊं नम: शिवाय मंत्र का 108 बार जाप करें. शिव चालीसा का पाठ भी उत्तम माना जाता है.
  • सावन सोमवार पूजा में परिवार सहित शिव जी की आरती करने से मानसिकर और शारीरिक रोगों का नाश होता है. Parthiv Shivling

सावन में  पार्थिव शिवलिंग पूजा के लाभ

  •  भगवान शिव की आराधना के लिए पार्थिव शिवलिंग को सबसे उत्तम माना गया है.
  • सावन सोमवार व्रत में घर पर मिट्‌टी से बने शिवलिंग की पूजा करने से अकाल मृत्यु का डर खत्म हो जाता है. आरोग्य का वरदान मिलता है.
  • आर्थिक तंगी से छुटकारा पाना चाहते हैं तो सावन के हर सोमवार पर पार्थिव शिवलिंग का निर्माण कर विधिवत पूजा करें और फिर अगले दिन इन्हें पवित्र नदी में प्रवाहित कर दें.
  • गुरु माँ निधि जी श्रीमाली के अनुसार  पार्थिव पूजन सभी दुःखों को का नाश होता है. भगवान शिव की कृपा से संतान सुख की प्राप्ति होती है. Parthiv Shivling

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