पारद लक्ष्मी-गणेश-सरस्वती
ईश्वर की साधना, आराधना में पारद से बनी मूर्तियों की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है, मान्यता है कि पारद शब्द में प-विष्णु , अ-अकार, र-शिव और द-ब्रह्मा का प्रतीक है | पारद एक विशिष्ठ तरल अवस्था में धातु और स्वयं सिद्ध पदार्थ है | पारद प्रतिमा की पूजा करने पर साधक की धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की कामना पूरी होती है. शास्त्रों में उल्लेख मिलता है, कि लंकापति रावण ने पारद शिवलिंग की पूजा से शिव को प्रसन्न कर अनेक दिव्य शक्तियों को प्राप्त किया था |
Parad Lakshmi-Ganesh-Saraswati – श्री का अर्थ है लक्ष्मी। दीपावली, लक्ष्मी पूजा, या किसी अन्य संबंधित पूजा के अवसर पर गुरु माँ निधि जी श्रीमाली कहती हैं कि ऋग्वेद में वर्णित श्री सूक्तम के माध्यम से लक्ष्मी जी की स्तुति की जाती है। लेकिन “श्री” केवल धन की देवी का प्रतीक नहीं है, इसका अर्थ ऐश्वर्या, वैभव, यश-कीर्ति, कांति, शुभ, सुंदर, योग्य आदि भी है। इसीलिए ज्ञान की देवी सरस्वती और भगवान गणेश, ज्ञान के देवता और देवी लक्ष्मी जी स्वयं भी “श्रीलक्ष्मी” हैं। दीपावली और अन्य पूजा में हम तीनों की पूजा करते हैं। संदेश यह है कि धन, ज्ञान और शुभता परस्पर विरोधी नहीं पूरक हैं। Parad Lakshmi-Ganesh-Saraswati
दीप पर्व पर जिस सुख-समृद्धि की कामना की जाती है, वह तभी संभव है, जब वह लक्ष्मी, सरस्वती और गणेश के साथ हो। हिन्दी के सन्दर्भ में दीपावली का पाठ यह है कि हमारी भाषा, हमारा लेखन शुभ हो, उसमें हमारा ज्ञान झलकता हो, उसी प्रकार बुद्धि और चातुर्य का भी प्रयोग हो। वह सुंदर और श्रेष्ठ हो। इसलिए यदि ज्ञान, अध्ययन, बुद्धि और सामाजिक हित मिल जाए तो भाषा (सरस्वती) के माध्यम से धन (लक्ष्मी) की प्राप्ति में कोई देरी नहीं है। Parad Lakshmi-Ganesh-Saraswati
इसलिए करते हैं देवी लक्ष्मी के साथ गणपति और सरस्वती की पूजा
- लक्ष्मी धन की देवी हैं, सरस्वती ज्ञान की तथा गणपति बुद्धि के देवता हैं। इससे अभिप्राय है कि हमें ऐसा ज्ञान प्राप्त करना चाहिए, जिससे हमारी बुद्धि निर्मल हो, साथ ही धन कमाने के काम भी आए।
- धन आएगा तो उसे संभालने का ज्ञान भी हमारे पास होना चाहिए और बुद्धि के उपयोग से उसे निवेश करना भी हमें आना चाहिए। इससे लक्ष्मी का स्थायी निवास हमारे घर में होगा।
- देवी सरस्वती का स्थान लक्ष्मी की दांई ओर तथा गणपति का बांई ओर होता है। इसके अभिप्राय है कि मनुष्य का दांई ओर का मस्तिष्क ज्ञान के लिए होता है। उस ओर हमारा ज्ञान एकत्र होता है और बांई ओर का मस्तिष्क रचनात्मक होता है। गणपति बुद्धि के देवता है, हमारी बुद्धि रचनात्मक होनी चाहिए। Parad Lakshmi-Ganesh-Saraswati
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