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Navaratri Me Kese Kare Pooja Jisse Ghar Me Ho Santi

Navaratri Me Kese Kare Pooja Jisse Ghar Me Ho Santi


   Navaratri Me Kese Kare Pooja Jisse Ghar Me Ho Santi   नवरात्री में नो दिनों तक देवी दुर्गा के नो रूपों की आराधना करने से न  सिर्फ शक्ति संचय किया जाता है वरन नव ग्रहों से जनित दोषों का समन भी किया जाता है| 
नवग्रह शांति पूजा विधि :- 
पंडित एन एम श्रीमाली  के अनुसार हर  प्राणी किसी न किसी ग्रह बाधाओ से पीड़ित रहता है यदि ये सोम्य गृह है तो तकलीफ का स्तर कुछ कम होता है और कूर ग्रहों द्वारा पीड़ित रहने पर बहोत जयादा परेशानियों का सामना करना पड़ता है ग्रहों की शांति हेतु यन्त्र ,तंत्र या मंत्र तीनो में से किसी एक को आधार बनाकर माँ दुर्गा के शक्ति पर्व नवरात्री में आराधना की जाय तो ग्रह जनित बाधाओ से मुक्ति प्राप्त होती है| Navaratri Me Kese Kare Pooja Jisse Ghar Me Ho Santi

आराधना की विधि:- सर्वप्रथम नवरात्री के प्रथम दिन शुभ मुहूर्त में माँ दुर्गा के सामने एक चोकी पर लाल वस्त्र बिछकर और उस पर चावल के नो खंड बनाकर उस पर कलश की स्थापना करे ये नो खंड नो ग्रह के प्रतिक होते है जहा पर माँ दुर्गा की कलश सहित स्थापना की गई  है उसी के पास इस यन्त्र की नव ग्रहों के मंत्रो से पूजा करे और माँ दुर्गा से ग्रह जनित बढाओ  से राहत प्रदान करने की प्राथना करे नवरात्री के प्रथम दिन मंगल ग्रह की इसी क्रम में राहु, गुरु ,शनि, बुध, केतु, शुक्र, सूर्य एवेम नवमी को चंद्र ग्रह की पूजा करे ग्रह से सम्बंदित मंत्र की एक माला पंचमुखी रुद्राक्ष से और ग्रह संबंदी अस्टोतर सत्नामावली का पाठ करे और दसवे दिन हवन करे और सभी ग्रहों के मंत्रो से ११ ११ आहूतिया दे इस नवग्रह यन्त्र को संभाल कर पूजा घर में रखे इससे ग्रह जनित समस्त बाधाओ का निदान होगा| Navaratri Me Kese Kare Pooja Jisse Ghar Me Ho Santi

पूजा विधि :- शुभ मुहूर्त में घट स्थापना करे घट स्थापना के लिए मिटटी अथवा धातु का कलश ले इसे गंगा जल एवेम शुद्ध जल से भर ले एवेम कुमकुम अक्षत रोली मोली फूल डालकर पूजा करे कलश के मुख पर लाल वस्त्र या चुनरी लपेट कर उस पर श्री फल (नारियल) रखे अशोक के पते नारियल के नीचे दबा दे और इसे पूजा घर में स्थापित कर दे 

जों बोना:-जो व्यक्ति  नवरात्री व्रत एवेम नव दुर्गा सप्तसती का पाठ करते है वे मिटटी के पात्र में जो बोइ ले  अंकुरित जो को बहूत ही शुभ माना जाता है| 

मूर्ति स्थापना:- माँ भगवती के चित्र या प्रतिमा को स्थापित करने के लिए चोकी ले उस पर लाल वस्त्र बिछा कर  प्रतिमा को स्थापित करे इस के पास दुर्गा यन्त्र को स्थापित करना अतिशुभ  एवेम लाभदायक माना जाता है अतः इसे भी माता की मूर्ति के पास स्थापित करे प्रतिमा को शुद्ध जल स्नान करवाकर चन्दन, रोली अक्षत, पुष्प दूप दीप एवं नवध्ये से परंपरा अनुसार पूजा प्रारंभ करे| 

आसन:- साधक को सफ़ेद या लाल रंग का गर्म आसन लेना शास्त्र  में  बताया गया है पूजा मंत्र जप हवन आदि आसन पर बैठकर करे| Navaratri Me Kese Kare Pooja Jisse Ghar Me Ho Santi

अखंड ज्योति :- नव साधना से सम्पूर्ण काल में नो दिनों तक सुद्ध गाय के घी का दीपक अखंड प्रजव्लित रखे| 

पाठ :- माँ दुर्गा की पूजा अर्चना  के लिए बागला कवच , तीलक , दुर्गा सप्तसती का पाठ किया जाता है सिंह कंगिका का पाठ  करने पर  ही दुर्गा सप्तसती का फल मिलाता है 

नेवेद्य प्रसाद :- प्रतिदिन माँ दुर्गा को सामर्थ्यानुसार नेवेद्य चढ़ाये, विसेस्त हलवे का भोग लगाये| नवरात्री में हर दिन अलग अलग प्रसाद का विधान है 

जो इस प्रकार से है| :-

प्रतिपदा:-  हलवा अर्पण करने से रोग मुक्ति होती है| 
द्वितीय :- चीनी अर्पण करने से दीर्धायु होती है | 
तृतीय :- दूध अर्पण से दुखो का अंत होता है | 
चतुर्थी :-मालपुआ अर्पण करने से विघ्न दूर होते है | 
पंचमी :- केले अर्पण करने से बुद्धि का विकास होता है | 
षष्ठी :- मधु अर्पण करने से सुन्दरता बढती है | 
सप्तमी :- गुड अर्पण करने से शोक मुक्ति होती है | 
अष्टमी :– नारियल का भोग लगाने से संताप दूर होते है | 
नवमी :- धान के हलवे का भोग लगाने से लोक परलोक में सुखी होता है | 
कुमारी पूजन :- अष्टमी नवमी के दिन दो से दस वर्ष की कन्याओ को अपने घर बुलाकर उनकी पूजा करे एवं उन्हें भोजन करवाए | 
विसर्जन :- विजयादशमी के दिन समस्त पूजा , हवंन  सामग्री को पवित्र जलाशय या जल में विसर्जन करे |Navaratri Me Kese Kare Pooja Jisse Ghar Me Ho Santi 

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