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Meen Rashi Pisces October 2022 Horoscope | मीन राशि अक्टूबर राशिफल

meen rashifal october 2022

Meen Rashi Pisces October 2022 Horoscope

जय मां लक्ष्मी


आज हम आपके सामने मीन राशि वालों का अक्टूबर माह का मासिक राशिफल लेकर उपस्थित हूं। सबसे पहले जान लेते हैं। इस माह में आने वाले कुछ विशेष व्रत और त्योहारों के बारे में क्योंकि ये महान भी बहुत विशेष हैं। हमारे हिन्दू धर्म का सबसे प्रमुख पर्व दीपावली। इस माह में ये पाँच दिवसीय पर्व हमारे हिन्दू धर्म का सबसे बड़ा पर्व माना गया है |


2 अक्टूबर को महात्मा गाँधी और लाल बहादुर शास्त्री की जयंती मनाई जाएगी। 3 अक्टूबर को दुर्गाष्टमी का परिवार है। 4 अक्टूबर को महानवमी और विजय दशमी का पर्व एकसाथ बड़ी धूमधाम से मनाया जाएगा। 9 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा का पर्व मनाया जाएगा। 13 अक्टूबर को सुहागिनों का पर्व करवाचौथ है। 23 अक्टूबर को दीपावली का पंच दिवसीय पर प्रारंभ होने जा रहा है। यानी इस दिन धन त्रयोदशी का पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जाएगा। 24 अक्टूबर को नरक चतुर्दशी और दीपावली एक साथ आ रहे हैं | 25 अक्टूबर को कार्तिक अमावस्या और 7 में सूर्य आंशिक सूर्य ग्रहण भी देखा जाएगा। 26 अक्टूबर को भाई दूज और गोवर्धन पूजा की जाएगी। 29 अक्टूबर को लाभ पंचमी का पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जाएगा तो ये तो कुछ विशेष व्रत और त्योहार हैं जो कि इस माह को बना रहे विशेष अब ग्रहों की स्थिति के अनुसार ये माह किस प्रकार से विशेष है, उसके बारे में जान लेते हैं |


सबसे पहले बात करते हैं। ग्रहों के राजा सूर्य की जो कि वर्तमान में कन्या राशि जो उनकी शत्रु राशि में विराजमान है और 17 अक्टूबर को वे अपनी नीच की राशि तुला में प्रवेश कर जाएंगे। बुध ग्रह की अगर बात करें तो वर्तमान में अपनी उच्च की राशि कन्या में विराजमान हैं और 26 अक्टूबर को वे अपनी राशि तुला में प्रवेश करेंगे। मंगल ग्रह की अगर बात करें तो वर्तमान में अपनी मित्र राशि वृषभ में विराजमान है और 16 अक्टूबर को वे अपनी अति शत्रु राशि मिथुन में प्रवेश कर जाएंगे। गुरु ग्रह की अगर बात करें तो वे इस पूरे माह अपनी ही राशि मीन में स्वग्रही होकर विराजमान रहेंगे। शुक्र ग्रह की बात करें तो वर्तमान में कन्या राशि जो कि उनकी नीच की राशि है उसमें विराजमान है और 18 अक्टूबर को वे स्वग्रही होकर तुला राशि में प्रवेश कर जाएंगे। वहीं शनि इस पूरे माह वक्री अवस्था में अपनी ही राशि मकर में स्वगृही होकर विराजमान रहेंगे। राहू अपनी सम राशि मेष में और केतु अपनी सम राशि तुला में इस पूरे माह विराजमान रहने वाले हैं तो ये है इस माह के ग्रह गोचर की इस स्थिति का हाल अब बढ़ते और शुरू करते है। इस माह का मासिक राशिफल। यानी मीन राशि का अक्टूबर माह का मासिक राशिफल। सबसे पहले आपको बता दें कि ये जो राशिफल हम आपको दे रही हैं ये चन्द्र गणनाओं पर आधारित है और आपकी राशि और लग्न दोनों के हिसाब से समान रूप से प्रभावशाली भी है।


सबसे पहले आपकी राशि स्वामी यानि गुरु की अगर बात करें तो देखें पहले तो आपको बता दें कि आपकी कुण्डली भी केन्द्र दीप्ति योग की कुण्डली है, जिसमें आपके लग्नेश और कर्मेश गुरू हैं और सूखे और सप्तमेश बुध हैं और गुरू और बुध दोनों ही बहुत शानदार पोजीशन में बैठे हैं। गुरू अपने ही राशि में यानी अपनी ही लग्न के अन्दर स्वग्रही होकर हंस नामक महापुरुष योग बना रहे हैं। वहीं बुध अपने ही घर यानी कन्या राशि के अन्दर उच्च के होकर बदल नामक महापुरुष योग का निर्माण कर रहे हैं। ये दोनों एक दूसरे को देखते रहे यानि ग्रहों की दृष्टि एक दूसरे के ऊपर पड़ रही है। दृष्टि संबंध होने के कारण गुरु की स्थिति बहुत शानदार रहने वाली है। इस समय आपको मान सम्मान प्रसिद्धि की प्राप्ति होगी। आपके कार्य द्रुतगति से संपन्न होंगे। जिन कार्यों में टकराव की स्थितियां अभी तक बनी हुई थी, वे कार्य भी द्रुत गति से संपन्न होते चले जाएंगे। इस समय सामाजिक मान सम्मान के साथ साथ कुछ विशेष शुभ कार्यों में आपका योगदान सराहनीय रहेगा। वहीं आपकी मैच्योरिटी के समझदारी के चर्चे चारों तरफ होंगे। कई लोग आपसे सलाह लेकर अपने कार्यों को करने का प्रयास करेंगे। कोई भी कार्य अधूरा नहीं छोड़ेगा। मन ही मन सभी कार्यों को पूर्ण करने की तरफ अग्रसर रहेंगे।

वहीं गुरू आपके कर्मेश में है तो कर्मभाव के स्वामी लग्न के अन्दर स्वग्रही होकर हंस नामक महापुरुष योग बना रहे हैं। इस समय आपकी ख्याति दूर दूर तक फैल सकती है। प्रसिद्धि बढ़ सकती है। काम को एक ब्रैंड लेवल पर ले जाके आप खड़ा कर देंगे। अपनी एक अलग पहचान बनायेंगे जो भी जो नौकरी पेशा लोग हैं उनके लिए समय इंक्रिमेंट प्रमोशन का रहेगा। वहीं जो लोग व्यापार कर रहे हैं, उनके व्यापार में वो उत्तरोत्तर उन्नति और प्रगति करते हुए दिखाई। यानी गुरू के शानदार परिणाम आपको इस समय देखने को मिलेंगे। खासकर जो टीचिंग लाइन से जुड़े हुए हैं जो मैनेजमेंट के फील्ड से जुड़े हुए हैं या फिर जो साइंटिस्ट और रिसर्च से संबंधित किसी भी प्रकार का कोई काम करते हैं, उनके लिए यह समय शानदार परिस्थितियां दिखाएगा और यह समय आपके लिए गोल्डन अपॉर्च्युनिटीज लेकर आएगा।


अब आ जातें हैं द्वितीय भाव पर, द्वितीय भाव के स्वामी हैं। मंगल जो कि आपके भाग्य स्थान के स्वामी है। द्वितीयेश की बात करें तो द्वितीय भाव में राहू विराजमान है जो कि कहीं न कहीं थोड़ी सी कुटुम्ब से मदभेद उत्पन्न करता है। वहीं द्वितीय भाव के स्वामी अपने से एक घर आगे जाकर 16 अक्टूबर तक वे आपके तृतीय स्थान में बैठेंगे। उसके बाद मंगल राशि परिवर्तन करते हुए आपके सुख स्थान में आकर विराजमान होंगे। भूमि पुत्र का भूमि के भाव में आकर बैठना आपके बैंकिंग सेक्टर या फिर आपके प्रोपर्टी से संबंधित कार्यों में आपको सफलता दिलवाएगा। वहीं आपके बुजुर्गों का आशीर्वाद आप पर पूरा रहेगा। कभी भी हो सकती है या फिर आपको कन्फ्यूजन हो सकता है। अंदर हो सकता है कि डिसीजन क्या लें, क्या न लें। ऐसी परिस्थितियां जरूर आपको देखने को मिल सकती है परन्तु ओवरऑल रिजल्ट आपको अपने लिए सकारात्मक ही देखने को मिलेगा। घर के बड़े आपके साथ खड़े रहेंगे। आपको हर जगह मार्गदर्शन प्रदान करेंगे।


जब मंगल आपके सुख स्थान में आ जाएंगे तो प्रॉपर्टी से संबंधित कार्यों में थोड़े सजग रहने की आवश्यकता रहेगी। हालांकि ऐसे कार्य फटाफट से पूर्ण होंगे परंतु कोई भी पेपर साइन करने जा रहे हैं तो पहले उन पेपर्स को पढ़ के उसके बाद उस पर साइन करें। मां के साथ संबंध अच्छे और मधुर बने रहेंगे। अब मंगल आपके भाग्येश में है और भाग्यस्थान के स्वामी का अपने से सप्तम में जाकर बैठना जो की अपने ही घर को देख रहे हैं तो इस समय आपका भाग्य भी आपका पूर्ण रूपेण साथ देगा। जो लोग टेक्निकल फील्ड से जुड़े हुए हैं या फिर कोई गवर्मेंट जॉब में उच्च प्रशासनिक पदों की तैयारी कर रहे हैं। पुलिस सेना, नेवी जैसे क्षेत्रों में जाना चाहते हैं या फिर इंजिनियरिंग की तैयारी करें। उन स्टूडेंट्स के लिए यह समय शानदार परिस्थितयां उत्पन्न करेगा, परंतु यह समय आपका 16 अक्टूबर तक ही शानदार रहने वाला है। उसके बाद आपको केयरफुल हो जाना पड़ेगा। चूंकि मंगल अपने से अष्टम चले जाएंगे। भाग्येश का अपने षस्टम जाकर बैठना इतना अच्छा रिजल्ट नहीं देगा। इसीलिए जो भी काम है कोई अगर एग्जाम है तो उसकी तैयारी प्रोपर रखें। अपने मन में कॉन्फिडेंस बनाकर रखें। ग्रह, नक्षत्र और भाग्य भी उसी का ही साथ देता है, जो व्यक्ति कर्म प्रधान होता है। इसीलिए अपने आपको कर्मप्रधान बनाएं। काम में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं होगी तो भाग्य को भी आपके सामने झुकना ही पड़ेगा। ग्रह भी आपके सामने झुकेंगे, इसीलिए अपने कर्म में किसी भी प्रकार की लापरवाही न करें। मेहनत करते चले जाएं। आपको अवश्य अपनी लाइफ में देखने को मिल जाएगा |

अब आ जातें हैं आपके तृतीय स्थान पर | तृतीय स्थान की अगर बात करें तो तृतीय भाव के स्वामी हैं शुक्र जोकि सप्तम भाव में नीच के होकर विराजमान हो रहे हैं तो शुक्र को भाव करते हैं। वहीं सप्तम भाव में नीच के और हो रहे हैं तो इस समय आपको अपने भाई बहनों के साथ में तालमेल बनाकर चलना पड़ेगा। पराक्रम भी विपरीत दिशा में न लगे या कन्फ्यूजन में कोई गलत आप अपना इन्वेस्टमेंट करने या फिर मेहनत गलत दिशा में है। ऐसा नहीं होना चाहिए। इस समय आपको अपना विज़न पूरा क्लियर रखना पड़ेगा। तभी आप अपने उद्देश्य में सफल होते हुए दिखाई देंगे। ऐसे समय आपको अपने भाई बहनों के अग्रेशन का सामना भी करना पड़ सकता है। कुछ कटू वचन आपको अपने पारिवारिक सदस्यों से भी सुनने पड़ सकते हैं। परंतु ये वचन आपको सब आपको सफलता दिलवा सकते हैं और आपके फैमिली मेंबर कभी भी आपके लिए गलत नहीं बोलेंगे व आपका बुरा नहीं चाहेंगे। इसीलिए एक पॉजिटिविटी के साथ आपको अपने जीवन में आगे बढ़ना चाहिए और डिसिजन आप जितने भी हैं, सोच समझ कर लें। 18 अक्टूबर को शुक्र अष्टम भाव में स्वग्रही हो जाएंगे और अष्टमेश का अपने ही घर में स्वग्रही होकर बैठना और विशेष रूप से पराक्रम भाव का स्वामी अपने षस्टम तो पर अपने ही घर में बैठकर नीरसता खत्म कर लेगा तो उसके बाद ही स्थितियां आपको अपने लिए अनुकूल महसूस होगी।


अब शुक्र चूंकि अष्टम भाव के स्वामी अपने से बाहरवें और नीच के होकर बैठे हैं तो यह समय अष्टम भाव के हिसाब से भी अच्छा नहीं है। यानी 18 अक्टूबर तक आपको संभलकर रहना है। वाहन चलाते समय सावधानी रखें। गलत और मिथ्या आरोपों में न आएं। किसी के बहकावे में न आएं और झूठे आरोप आप पर लग सकते हैं। इसलिए बहुत ज्यादा सतर्क रहें और भ्रम की स्थितियां अगर आपके मित्र आपके आसपास के लोग फैलाने का प्रयास करें तो आपको उसमें नहीं फंसना हैं | बहुत सोच समझ के समझ अब कोई समय निकालना पड़ेगा। समझदारी से आपको इस समय को निकालना पड़ेगा, इसलिए समझदारी के साथ अपने कार्यों को पूर्ण करने का प्रयास करें। यात्राएं जरूर होगी, परंतु यात्रा आपके लिए सुखद और मंगलमय होगी। 18 अक्टूबर के बाद का समय आपके लिए बहुत शानदार रहने वाला है क्योंकि शुक्र अपने ही घर में आकर स्वगृही हो जाएंगे। अष्टम भाव के स्वामी का अपने ही घर में स्वग्रही होकर बैठना आपकी रोजमर्रा की स्थितियों को थोड़ा सा नियंत्रित करेगा। इस समय आप अपने सपनों की उड़ान भरते हुए यात्रा करेंगे और जो आपको अच्छा लगता है उस भ्रमण के स्थलों की यात्राएं आपकी जरूर और ज्यादा तय होगी तो शुक्र के बेहतरीन रिजल्ट आपको इस माह जरूर देखने को मिलेंगे। परंतु ये मिक्स रिजल्ट है इसलिए संभलकर रहें।


अब बढ़ते हैं आगे और आ जाते हैं। आपके सुख स्थान पर सुख स्थान की बात करें तो सुखेश बुध है और बुध सप्तम भाव में उच्च के हो रहे है। वह शानदार पोजीशन बुध की इस समय बनी हुई है। शुक्र के साथ में नीच भंग योग का भी निर्माण कर है, परंतु फिर भी शुक्र सप्तम भाव में हैं और नीच के होकर दाम्पत्य जीवन में आपको बहुत सावधानी से आगे बढ़ना पड़ेगा। सुखों में फ्लक्चुएशन नहीं आएगा। फाइनैंशली आप अपने आपको स्टेबल महसूस करेंगे, परंतु फिर भी अपना बजट देखकर चले अनर्गल खर्च से बचें। इन्वेस्टमेंट करने की जरूरत नहीं है। अगर आप इन्वेस्टमेंट से बचेंगे तो वो आपके लिए ज्यादा बेटर रहेगा। इस समय किसान वर्ग को और अच्छा लाभ प्राप्त होगा जो किराणे के व्यापारी हैं उनको बहुत अच्छा लाभ देखने को मिलेगा। जो सब्जी, फल, फ्रूट से संबंधित कार्य करते हैं। दूध डेरी से संबंधित पशुपालन से संबंधित काम करते हैं।

उन लोगों के लिए भी ये समय बहुत ही बेहतरीन परिणामदायक रहने वाला है और शुक्र चूंकि व्यापार के भाव का स्वामी भी है, इसीलिए व्यापार में भी आप उत्तरोत्तर उन्नति प्राप्त करते हुए आगे बढ़ने का प्रयास करेंगे। जो दिक्कतें परेशानियां आपको अपने बिजनेस में आ रही है, उन दिक्कत और परेशानियों से आपको मुक्ति यह समय दिलवा देगा। इस समय आप अपने काम में बहुत ज्यादा तटस्थ और डेडीकेट नजर आएंगे और उस वजह से आपके कार्यों में सारी बाधाएं दूर होती हुई समाप्त होती हुई दिखाई देंगी। बड़ी बड़ी योजनाएं बड़ी बड़ी कंपनियों के साथ आपका इस समय गायब हो सकता है। इसलिए अपनी योजनाओं के प्रति थोड़ी सी गंभीरता दिखाते हुए अपने कर्मपथ पर आगे बढ़ते चले जाएं। रिजल्ट आपको अपने आप ही मिल जाएंगे।


अब बात करते हैं पंचम भाव की। पंचम भाव के स्वामी हैं। चंद्रमा जो कि फ्लक्चुएट होते रहते हैं और थोड़ा सा डिस्टर्ब करते हैं तो विद्यार्थी वर्ग के लिए थोड़ा सा समय डिस्टरबेंस वाला हो सकता है। थोड़ा सा गैजेट्स की तरफ आकर्षित होना लड़कियों की तरफ या लड़को की तरफ आकर्षित होना और थोड़ा सा मित्रों की संगति अधिक पाना, टीवी सिनेमा सजना संवरना ये सब चीजें अपने जीवन में जरुरी है। परंतु सबसे जरुरी है आपका कर्तव्य, आपकी पढ़ाई, इसीलिए सबसे पहले अपनी पढ़ाई को पूरा करें। उसके बाद आपको जो करना है वो आप करें। उसके लिए आप बाध्य नहीं हैं। परंतु पहले आपकी ड्यूटी है कि आप अपनी पढ़ाई कंप्लीट करने के बाद ही कोई भी दूसरे तीसरे काम में हाथ डाले। इस समय विद्यार्थी वर्ग के साथ साथ संतान की तरफ से भी आपको शुभ समाचारों की प्राप्ति होगी, परंतु उसके भविष्य को लेकर थोड़ी सी टेंशन में आप नजर आएंगे। परंतु यदि आप उसे सही मार्गदर्शन प्रदान करेंगे तो निश्चित रूप से उसके भविष्य की समस्याएं खत्म होती हुई दिखाई देगी और उसका मार्ग प्रशस्त जरूर होगा। वह उस मार्ग की तरफ भी आगे बढ़ेगा।


अब आते है सप्तम भाव पर, सप्तम भाव की अगर बात करें तो उसके लॉर्डे हैं सूर्य जो कि अपने से एक घर आगे जाकर बैठे हैं। सप्तम भाव में जाकर बैठें है और यह समय बहुत शानदार है क्योंकि बुध के साथ में उच्च के बुध के साथ में बुधादित्य योग का निर्माण कर रहा है तो इस समय शत्रुपक्ष समाप्त हो जाएगा। विरोधी आपके कार्यों में किसी भी प्रकार का खलल नहीं डाल पाएंगे। आप जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में विजय की प्राप्ति करेंगे। गलत मित्रों की संगति गलत आदत आपके जीवन से खत्म हो जाएगी। ननिहाल से आपको आर्थिक सहयोग प्राप्त होगा। इस समय जो भी यात्राएं होगी वो आपके लिए कुशल और मंगलमय रहेगी। इस समय आप जो भी काम हाथ में लेंगे उसे पूरा करके ही दम लेंगे। ऋण से आपको मुक्ति मिल जाएगी। अगर कोई लोन या किसी को उधार आप चुकाना है। बहुत लंबे टाइम से तो अब उससे आपको मुक्ति मिलती हुई दिखाई देगी और स्वास्थ के प्रति अगर आपको कुछ समस्याएं चल रही थी तो वो समस्याएं भी अब खत्म होती हुई दिखाई देगी तो रोज सूर्य के रिजल्ट बहुत अच्छे मिलेगें। उसके बाद 17 अक्टूबर को सूर्य चेंज हो रहा है और आपके अष्टम भाव में है। नीच के होकर बैठें है पर देखिए सप्तम भाव का स्वामी अगर नीच का होकर अष्टम भाव में बैठता है तो भी सूर्य के रिजल्ट इतने खराब नहीं होंगे हालांकि बहुत अच्छे भी नहीं होंगे, परंतु खराब परिणाम सूर्य नहीं दिखायेंगे। इसीलिए थोडा सा अवेयर हो सावधानी से बस अपने काम को करते चले जाएं। आपको रिजल्ट अपने आप ही मिल जाएगा।

अब आते हैं आपके सीधा लाभ भाव पर, लाभ भाव की अगर बात करें तो लाभेश हैं शनि , अपने ही घर में स्वग्रही होकर वक्री अवस्था में बैठे हैं। इससे आपकी स्थिति आपको उत्तरोत्तर देखने को मिलेगी। आकस्मिक धन लाभ की परिस्थितियां भी आपको बहुत ही अच्छी और सकारात्मक देखने को मिलेगी। घर में मेहमानों के आवागमन से रिश्तेदारों के आवागमन से घर का माहौल हेल्दी होता हुआ दिखाई देगा। सामाजिक मान सम्मान में बढ़ोतरी होगी। सर्कल लेवल भी आपका बढ़ता हुआ दिखाई देगा। जो योजनाएं आपने सोच रखी हैं वो तय समय पर शुरू हो जाएगी और उन योजनाओं से आपको अच्छा खासा लाभ भी आने वाले समय में देखने को मिलेगा।


अब चूंकि शनि आपके हाउस की भी लार्ड है तो अगर आपको शनि की महादशा चल रही है तो इस समय विदेश यात्रा के प्रबल योग बनते हुए दिखाई देंगे। इस समय जो काम हाथ में लेंगे उसमें आप अच्छी सफलता हासिल करेंगे। विदेशी कंपनियों से आपको पैसा आ सकता है। विदेशी कंपनियों के साथ आप टायअप करते हुए दिखाई देंगे। खर्च की स्थितियों में आप थोड़ा सा संभल कर रहेंगे और जितनी जरूरत हो उतना ही आप खर्च करें। इस बात का आपको विशेष रूप से ध्यान रखना है। निवेश करते समय सावधानी रखनी है। शेयर मार्केट लॉटरी जैसे कार्यों में निवेश करने से आपको बचना हैं |

शुभ तिथियों – 1 से 5, 8 से 14,18 से 24 और 27 से 31 |


अशुभ तारीखों – 4, 6, 7, 15, 17, 25 और 26 |


शुभ रंग – यलो, ओरेंज लाल।

उपाय


झूट आपको बोलने से परहेज करना है।
पिता दादा और गुरु का अपमान न करें।
धर्म स्थान धर्मग्रंथ और देवी देवताओं का अपमान बिल्कुल भी न करें |
आटे में हल्दी मिलाकर उसमें गरम रोटी के साथ गाय को जरूर खिलाएं।
केले के वृक्ष की आप को गुरूवार के दिन पूजा आराधना करनी चाहिए।
सत्यनारायण की कथा गुरुवार के दिन जरुर करें और अगर हो सके तो आपको पुखराज की अंगूठी अपनी अंगुली में जरूर धारण करें।

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