अत्यंत दुर्लभ मणि मच्छमणि – मकरध्वज
Machh Mani
पंडित एन एम श्रीमाली जी अपने इस लेख में आपको मच्छ मणि (अत्यंत दुर्लभ मणि) के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दे रहे है। की मच्छ मणि रत्न एक प्राचीन रत्न है लेकिन प्रकाशित न होने के कारण यह प्रचलन में नहीं आ सका। इस रत्न की कहानी रामायण से प्रत्यक्ष जुड़ी है। रामायण में हनुमानजी के एक पुत्र का वृतांत आता है।
पंडित जी बताते है की उनका नाम है – मकरधवज। मकरध्वज ने एक मछली के गर्भ से जन्म लिया था और वो मछली ही नहीं वो एक मां भी थी। उन्होंने अपने बेटे की रक्षा करने के लिए अपने सिर का पत्थर निकाल कर अपने बेटे (मकरध्वज) के हाथ में दी थी। ऐसा वृतांत आता है कि मकरधवज का जन्म राहु काल में हुआ था। ये मछ मणि कलयुग में राहु की दशा के बुरे प्रभावों और लोगो कि बिमारीयो से बचाने के काम आएगी। Machh Mani
मणि किसी भी जीव मे ऑक्सलेट, कैल्शियम आदि तत्वों क़ी प्रकिया से बनती है। जैसे सर्प के मस्तक मे सर्प मणि, हाथी के मस्तक मे गज मणि, इंसान के शरीर मे स्टोन व मछली के मस्तक मे मच्छ मणि। मच्छ मणि का प्रभाव कुछ ही सेकंडो मे औरा स्कैनर से मापा जाता है।
कहा जाता है कि यह मणि श्रीलंका के समुद्र में बहोत घहरे पानी में रहने वाली मछली के पेट मे बनता है। पूणिमा के रात्रि को यह मछली समुद्र के तट पर तेरती है, मछवारे मछली को टोकरी में पकडते है, अपने अनुभव से ऊनको पता चलजाता है कि कौनसी मछली के पेट में मणि है,पेट को दबाते हि मछली मणि ऊगल देति है,और मछली को पानी में छोड़ देते है। Machh Mani
मछली राहु गृह कारक व कुछ मछली के मस्तक मे मच्छ मणि होती है। जिसे वह अपने मरने से कुछ देर पहिले उगल देती है।
मच्छमणि कोई साधारण मणि नहीं है, यह बड़ी ही दुर्लभ मणि है। इसे धारण करने वाला व्यक्ति सभी प्रकार के कामकाज तनाव से बाहर आकर एक खुशहाल जीवन व्यतीत करता है। राहु ग्रह बाधा निवारण के लिए यह अचूक मणि है। हार गए है या थक गए है तो एक बार मणि को जरूर धारण करें, आपके लफ्ज न बदल जाये तो बताना। Machh Mani
आप गजमणि (GAJ MANI) के जगह मच्छमणि भी उपयोग में ले सकते है
मच्छमणि का प्रयोग कैसे करें-
(1) राहु कि महा दशा/आंतर दशा चल रही हौं तो रात को एक कटोरे में मणि रख कर ऊस पर समुद्री नमक से भरें सुबह मणि को कच्चे दुध एवं गंगा जल से धो कर कलाई पर बांध लें, गायमाता को गुड एवं रोटी खिलायें, यदि हो सके तो मछली को खिलायें। Machh Mani
(2) कुंडली मे राहु गृह जन्मपत्री मे राहु गृह गोचर या दशा मे पीड़ित होने पर व्यक्ति की मतिभ्रम, छल-कपट, झूठ बोलना, चोरी, तामसिक भोजन, ज्यादा नशा करना, षड्यंत्र, छिपे शत्रु, अनैतिक कर्म, आलस्य, नकारात्मक सोच व टोने टोटका, तंत्र मंत्र से पीड़ित होता है। ऐसे व्यक्ति को मच्छ मणि हाथो या गले मे बुधवार को मंत्र जाप कर धारण करनी चाहिए।
(3) काला जादू (ब्लैक मेजिक) जन्मपत्री में अशुभ योग, नजर दोष,व्यापार में रूकावट ईत्यादि के लिए रात को गंगा जल में रखे,सुबह को कच्चा दूध, शहद,घी और दहि के मिश्रण में रखें, गंगाजल से धोकर हनुमानजी के चरणों का सिंदुर से मस्तिष्क पर तिलक करें एवं ऊ हनुमंते नम: का 108 बार मंत्र जाप करें एवं धारण करें। Machh Mani
(4) वास्तु दोष निवारण के लिए रात को कच्चे दूध में डुबो कर रखें,सुबह गंगा जल से धोकर शिवलिंग पर रखकर दुध एवं जल का अभिषेक करें, घरके मुख्य द्वार पर टांग दे। Machh Mani
(5) जब भी हमे या बच्चो को घर के किसी कमरे या कोने मे अनजान वस्तु / छाया का अहसास हो, तो वहां पर कांच के बर्तन मे दो मच्छ मणि पानी मे रखने से नरात्मक ऊर्जा दूर होकर सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह कुछ ही मिनटों मे हो जाएगा। Machh Mani
(6) किडनी रोग, पेट रोग, निराशा, राहु गृह के शुभ प्रभाव बढ़ाने के लिए, काल सर्प दोष, केमद्रुम दोष, ग्रहण दोष, गुरु चांडाल दोष, नारात्मक जिद्दीपन, शरीर मे थकावट, नजर दोष, ऊपरी बाधा व व्यापार बंधन के लिए मच्छ मणि को साबुत नमक के पानी मे भिगो कर राहु मंत्र (ॐ रां राहवे नमः) से 108 बार अभिमंत्रित कर धारण करना चाहिए। Machh Mani
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