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Tula Rashifal 2023 | तुला राशिफल 2023 | Tula Rashi – Libra Horoscope 2023 – Nidhi Shrimali

Libra Horoscope 2023

सबके लिए हो मंगलमय नववर्ष का एक एक पल,
भविष्य स्वर्णिम और सुखद हो सबके लिए हो उज्जवल।

सबसे पहले तो आप सभी को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें। आज नववर्ष का यानि वर्ष 2023 तुला राशि वालो का वार्षिक राशिफल लेकर आप सभी के सामने उपस्थित हुए हैं। तुला राशि वालों के लिए ये साल बहुत अच्छा और उन्नति दायक है। तुला राशि वालों के स्वामी हैं शुक्र और शुक्र जिसके स्वामी ग्रह होते हैं वो व्यक्ति बहुत आनन्दमय जीवन जीना पसंद करता है। भोग विलास यानी मूवी देखना, घूमना फिरना, अपने सभी ऐशो आराम को पूरा करना चाहता है। वो अपने जीवन में कला के क्षेत्र से भी जुड़ा होता है। क्रिएटिव काम करने में उसकी महारथ हासिल होती है। तुला राशि वाले वैसे भी इस साल बहुत रिलैक्स होने वाले है क्यूंकि साल के प्रारंभ में ही शनि की ढैया ख़त्म हो रही है। दो ढ़ाई साल से आप शनि की ढैया से पीड़ित थे और बहुत सारी समस्याएँ छोटे छोटे कार्यों में आपको देखने को मिल रही थी। अब वो समस्या आपके जीवन से दूर हो जाएगी और साल की शुरुआत में ही दूर हो जाएगी। इसीलिए पूरा वर्ष पर्यन्त आप के लिए बहुत ही अच्छा और सौभाग्य पूर्ण रहेगा।


तुला राशि के स्वामी शुक्र है और ये वृषभ और तुला दोनों राशि के स्वामी माने गए हैं। शुक्र कन्या राशि में नीच के प्रभाव दिखाते हैं और मीन राशि के अन्दर वे उच्च के प्रभाव दिखाते हैं। अगर सेंटर में शुक्र स्वग्रही या उच्च के होकर बैठे तो मालव्य नामक महापुरुष योग का भी निर्माण करते हैं। अब तो शुक्र की इस स्थिति के बारे में जानें तो 15 फरवरी से लेकर 12 मार्च तक वे अपनी उच्च की राशि मीन में विराजमान रहेंगे और आपके सप्तम भाव में आकर बैठेंगे। ये समय आपके लिए मान सम्मान और प्रसिद्धि दायक रहेगा क्योंकि शुक्र और गुरु इन दोनों ग्रहों की युति भी उस समय होगी। गुरु स्वग्रही और शुक्र उच्च के होकर बैठे हैं तो ये समय आपको अपने कार्य क्षेत्र में बड़ी और अच्छी सफलता दिलवाएगा। यदि आपकी कोई बड़ी होटल है या कोई युवा इस दिवस पर आप कोई बड़ा काम करते हैं तो आपका मैनेजमेंट बहुत तगड़ा रहेगा। इस समय लोग आपसे प्रभावित होंगे और आपसे सलाह लेकर अपने कार्यों को करने का प्रयास करेंगे। फिर आपकी राशि स्वामी शुक्र 6 अप्रैल से लेकर 2 मई तक वृषभ राशि में स्वग्रही होकर विराजमान रहेंगे। यानि सप्तम भाव में स्वग्रही होंगे। हालाँकि अष्टम भाव अच्छा नहीं माना जाता। शुक्र एक सौम्य ग्रह है और अष्टम भाव में बैठकर वो इतने अच्छे रिजल्ट नहीं देता। पर चूंकि खुद के घर में बैठा है तो शुक्र के रिजल्ट आपको अच्छे ही देखने को मिलेंगे। इस समय यात्रायें बहुत अधिक संपन होंगी और जैसे आपके यात्रा के सपने हैं कि मुझे यहाँ घूमना है, यहाँ जाना है वो सपने आपके इस समय पूर्ण होते हुए दिखाई देंगे। इस समय आपके कार्यों में आप थोड़े से निजी होते हुए दिखाई देंगे, लेकिन शुक्र थोड़ा सा व्यक्ति को भोग विलासी बनाता है और कर्तव्य से थोड़ा सा विमुख भी करता है | तो आपको आलस्य को अपने जीवन से हटा देना है। त्याग देना है क्यूंकि इस अच्छे अवसर का आप तभी लाभ प्राप्त कर पाएंगे जब आप अपने जीवन में आलस से मुक्ति पा सकेंगे।


अब 3 नवम्बर से लेकर 30 नवंबर तक शुक्र नीच के होकर कन्या राशि में यानि आपके द्वादश भाव में विराजमान होंगे और ये समय आपको शुक्र के अच्छे परिणाम नहीं देगा क्यूंकि कन्या राशि के अन्दर जब शुक्र नीच के होंगे तो वे कहीं न कहीं पारिवारिक कलह पति पत्नी के बीच में टकरार कुछ बहुत अधिक हो जाना जिससे कर्ज की स्थितियां खड़ी हो जाना और ये कोई एसेंशियल नहीं है वो आपके केवल मनचाहे क्योंकि आपका मन बस में नहीं है। आपने कपडे खरीद लिए जूलरी खरीद ली, कॉस्मेटिक खरीद लिया। कई बाहर घूमने फिरने पर खर्च कर लिया। यानि आपने जो बची हुई धनराशि है उस सबको गंवा दिया खर्च कर दिया तो ऐसी परिस्थितियां आपको जरुर देखने को मिलेगी। इस समय लेडीस को भी थोडा सा शुक्र से सम्बंधित समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। अत अपने स्वास्थ का विशेष रूप से ध्यान रखें। पीसीओडी या पीरियड जैसी प्रॉब्लम का सामना आपको करना पड़ सकता है। तो ये है आपके राशि स्वामी की वर्ष पर्यन्त रहेगी।


शनि का राशि परिवर्तन


अब 3 नवंबर से लेकर 30 नवंबर तक आप थोडा सा केयरफुल रहिये। बाकी ये साल आपको शुक्र के बहुत ही अच्छे रिजल्ट देगा। अब आते हैं तीन मुख्य बड़े ग्रहों पर जो कि इस साल राशि परिवर्तन करने जा रहे और इन ग्रहों का प्रभाव हमारे जीवन पे बहुत गहरा देखने को मिलता है क्यूंकि ये एक ही स्थान पर बहुत लम्बे समय तक विराजमान रहते हैं। इन तीनों ग्रहों में सबसे पहला ग्रह शनि जो कि सबसे बड़ा साल का राशि परिवर्तन करने जा रहा है। यानी साल की शुरुआत में ही 17 जनवरी को शनि राशि परिवर्तन करते हुए मकर राशि से अपनी मूल त्रिकोण की राशि कुम्भ में प्रवेश कर जाएंगे और वहां पर शनि बहुत ही अच्छे रिजल्ट देंगे की स्वग्रही होकर बैठेंगे। वैसे भी आप सभी जानते हैं कि शनि जहां बैठते हैं उस स्थान को बढ़ाते हैं तो अगर हम आपकी बात करें । यानी तुला राशि की बात करें तो शनि आपकी कुण्डली में योगकारक ग्रह भी है। आपके सुख स्थान और पंचम भाव के स्वामी हैं। यानि एक केन्द्र और एक त्रिकोण के स्वामी और त्रिकोण में स्वग्रही होकर विराजमान हो रहे है। वैसे ये मैंने देखा है कि राशि से जब भी शनि पंचम जाता है तो वो थोड़े से मिक्स रिजल्ट देते। यानि इतने अच्छे रिजल्ट नहीं देते। पर चूंकि अपनी मूल त्रिकोण की राशि में हैं, अपने ही घर में बैठ रहें हैं तो शनि के रिजल्ट इतने खराब भी नहीं मिलेंगे। ये समय आपके सुखों में वृद्धि करेगा। माता के साथ आपके संबंध और अधिक प्रगाढ़ होंगे। अगर मनमुटाव की स्थितियां चल रही है तो वो खत्म हो जायेगी एवं उनसे आर्थिक लाभ भी इस समय प्राप्त होता हुआ दिखाई देगा। सामाजिक मान सम्मान में आपकी बढोत्तरी होगी। सुखों में आपकी बढोत्तरी होगी। इस समय जो भी कार्य आप हाथ में लेंगे उस कार्य में अधिकारी भी आप के साथ खड़े होंगे। यानि आपके उस कार्य में वो हेल्प करते हुए दिखाई देंगे जिससे वो कार्य आपका शीघ्रता शीघ्र पूर्ण हो जाएगा।

अब शुक्र चूंकि आपके पंचम भाव के स्वामी और पंचम भाव में स्वग्रही है तो ये समय आपको पंचम भाव के हिसाब से भी अच्छे रिजल्ट देगा। यानि जो बच्चे जो छात्र छात्राएं पढ़ाई कर रहे हैं। न्याय संबंधी कोई पढ़ाई में आप संलग्न हैं। कोई लक्ष्य आपने निर्धारित कर रखा है तो ये समय आपको इस पढ़ाई में सक्सेस दिलवाएगा। वहीं क्लैट के स्टूडेंट्स से उनका सलेक्शन इस साल हो सकता है। अपने प्रयासों को तेज कर लीजिए। मैं हमेशा बोलती हूं कि ग्रह भी उन्हीं लोगों का साथ देते हैं जो कि कर्म प्रधान बनते हैं। इसीलिए अपने आपको कर्म प्रधान बनाएंगे। मेहनत अधिक करेंगे तो रिजल्ट आपको निश्चित तौर पर ग्रहों की तरफ से मिले जाएंगे और शुक्र के रिजल्ट तो इस साल बहुत अच्छे आपको मिलेंगे। इस समय आप साहित्य से संबंधित क्षेत्रों में अच्छी उन्नति करते हुए दिखाई देंगे। संतान की तरफ से भी आपको इस समय शुभ समाचारों की प्राप्ति होगी। आपके पंचम भाव में आकर बैठे हैं और ये दृष्टियाँ वर्ष पर्यंत आपके तृतीय सप्तम और दशम दृष्टियां आपके सप्तम स्थान आपके लाभ भाव और आपके द्वितीय भाव पर पड़ती हुई दिखाई देंगी।


सबसे पहले तृतीय दृष्टि की बात करें तो सप्तम भाव में तो राहु बैठे हैं। राहु पर शनि की दृष्टि और सप्तम भाव पर शनि की दृष्टि पड़ रही है। आपसी तालमेल में कमी या ईगो की प्रॉब्लम होना आप कुछ बोलना चाहते हैं। आपके लाइफ पार्टनर से आपकी ट्यूनिंग नहीं बैठ पा रही है। वो आपकी बातों को अदर वाइस ले रहे हैं या फिर वैचारिक मतभेद आप दोनों के बीच में आ गया है। इसलिए खिचाव की स्थिति उत्पन्न होगी। ऐसी संभावना बन सकती है परंतु लव रिलेशनशिप वालों के लिए समय अच्छा रहेगा। अब व्यापार में भी जो लोग किराणे के व्यापारी हैं या फिर किसान वर्ग हैं, उनको थोड़ा सा ध्यान रखना है। इस समय फूंक फूंककर कदम रखना है। जल्दबाजी में कोई भी निर्णय नहीं लेना है क्योंकि आप क्रोध में या भ्रमित होकर अगर कोई भी रिजल्ट कोई भी निर्णय लेंगे तो वो निर्णय आपके इतने अच्छे नहीं जाएगा। उस पर आपको पछताना पड़ सकता है।


अब अगर सप्तम दृष्टि की बात करें तो वो लाभ भाव पर पड़ रही है और लाभ भाव पर शनि की दृष्टि पड़ने के कारण ये दृष्टि आपके लाभ में कहीं न कहीं नुकसान की स्थितियां ला सकती है। कही न कहीं लाभ को फलक्चुएट करती हुई दिखाई दे सकती है। इसीलिए थोड़ा सा अपनी बचत योजनाओं पर आपको ध्यान देना है। निवेश करते समय आपको बहुत केयरफुल रहना है कि आपको कहां निवेश करना है और कहां नहीं करना है। किसी की बातों में आकर अपना पैसा कहीं पर भी मत कहिए ना किसी को उधार दे ना किसी से उधार ले। ऐसी प्रॉपर्टी के साथ आपको नव वर्ष में आगे बढना पड़ेगा तभी आप सफलता को प्राप्त कर पाएंगे। इस समय मांगलिक कार्यक्रम आपके घर में जरुर संपन्न होंगे परन्तु उनमें भी छोटी छोटी चीजों को लेकर कुछ कठिनाई आ सकती है। आपको सजगता से ही अपने कार्यों को पूर्ण करना पड़ेगा।


अब शनि की दशम दृष्टि आपके द्वितीय स्थान पर पड़ रही है जो के कुटुम्ब का भाव है और यहां पर कुटुम्ब के साथ संबंध बिगड़ सकते हैं। किसी रिश्तेदार के साथ तनातनी का वातावरण बन सकता है। मिसअंडरस्टैंडिंग क्रिएट हो सकती है। आप किसी के लिए अच्छा सोचने जा रहे हैं परंतु वो व्यक्ति आपकी बातों को गलत वे में ले रहा है। तब भी झूटे आरोप, झूठे लांछन या मानहानि की संभावना इस समय बनती हुई दिखाई देगी। रोजमर्रा का लाभ भी फ्लक्चुएट होता हुआ दिखाई देगा। धनागमन की प्रक्रियाओं में टकराव की स्थितियां बन सकती हैं तो इन चीजों के प्रति आपको थोडा सा सावधान होकर ही चलना पड़ेगा।


गुरु का राशि परिवर्तन


अब दूसरा राशि परिवर्तन जो कि बहुत महत्वपूर्ण ग्रह है। सौम्य ग्रह देवताओं के गुरु देवगुरु बृहस्पति हैं वो 21 अप्रैल को राशि परिवर्तन करने जा रहे हैं। अब तक वे सप्तम भाव में स्वग्रही होकर विराजमान थे और अब वे आपके सप्तम भाव में प्रवेश कर जाएंगे। आपके लिए यानि तुला राशि के लिए गुरू तृतीयेश और गुरू शस्शेष हैं। यानि पराक्रम भाव और रोग भाव के स्वामी हैं और सप्तम भाव में जाकर विराजमान हो रहे हैं। गुरु का सप्तम भाव में जाकर बैठना बहुत अच्छा क्यूंकि गुरू केन्द्र में बहुत अच्छे रिजल्ट देता है तो उसके अंदर बैठे हैं। गुरु विवाह में आ रही बाधाओं को। करेंगे। चूंकि शनि की तीसरी दृष्टि पड़ रही थी पर गुरू सप्तम भाव में जाकर इस दृष्टि का तोड़ निकालेंगे। यानि कठिनाइयां आएंगी परंतु विवाह में आ रही बाधा दूर अवश्य होगी। इस साल आपको अपने शादी से संबंधित शुभ समाचार जरूर प्राप्त होंगे। दाम्पत्य जीवन में भी मिसअंडरस्टैंडिंग चलेगी पर समय रहते ही आप स्थितियों पर नियंत्रण प्राप्त करते हुए दिखाई देंगे।


अब गुरू चूंकि पराक्रम भाव के स्वामी हैं, अपने से पंचम जाकर बैठ रहे हैं। बहुत अच्छे रिजल्ट आपको पराक्रम भाव के भी देखने को मिलेंगे। इस समय पराक्रम में वृद्धि भाई बहनों का साथ और सहयोग प्राप्त होगा। आपकी इच्छाएं मनोकामनाएं इस वर्ष पूर्ण होती हुई दिखाई देगी। यह समय आपके कलात्मक क्षेत्रों में आपको प्रसिद्धि दिलवाएगा। राजनीति में अटके काम आपकी द्रुत गति से संपन्न होंगे। इस समय जो भी यात्राएं आप करेंगे वो आपके लिए सुखद और मंगलमय रहेगी। गुरु चूंकि रोग भाव के भी स्वामी अपने से एक घर आगे जाकर बैठे हैं तो रोगों में भी आपको उत्तरोत्तर लाभ प्राप्त होता हुआ दिखाई देगा। शत्रु पक्ष आपसे भयभीत रहेंगे। आप अपने जीवन के प्रत्येक क्षण में और प्रत्येक क्षेत्र में अच्छी सफलताएं हासिल करेंगे। आपकी समझदारी और मैनेजमेंट इतना अच्छा होगा कि अब सभी कार्यों को सुव्यवस्थित ढंग से पूर्ण कर लेंगे। तो किसी को अवसर ही नहीं मिलेगा। आपके कार्यों में किसी भी प्रकार का व्यवधान डालने का। इस ऋण से भी आपको मुक्ति मिलेगी। अगर कोई लोन चल रहा है या किसी को किसी से आपने उधार दे रखा है तो इस समय आप का वो उधार चुकता हो जाएगा और ऋण से भी आपको मुक्ति मिल जाएगी।


अब गुरु की दृष्टियों पर आते हैं गुरु की दृष्टियों की अगर बात करें तो पंचम दृष्टि आपके लाभ भाव पर पड़ रही है जो कि शनि की दृष्टि को बैलेंस करती हुई दिखाई दे रही है तो लाभ की स्थितियां जहां खर्चे होंगे वापस वहां पर लाभ की स्थितियों की भरपाई हो जाएगी। यानी आपने कई खर्च किए और कोई अटकी हुई योजना या वो चल निकली और उससे वापस आपको पैसा प्राप्त हो गया। इन्हें कहीं न कहीं से आपके धन संबंधी समस्याओं का निवारण हो जाएगा। आपका मनी फ्लो चलता रहेगा और उस वजह से आपको किसी भी प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।


अब गुरु की सप्तम दृष्टि आपके लग्न पर पड़ रही है तो गुरु की सप्तम दृष्टि आपकी पर्सनैलिटी के भाव पर पड़ेगी। वो आपकी पर्सनालिटी को और अधिक पावरफुल और एक गूढ़ता एक आपमें समझदारी इंटेलिजेंसी इसमें बढ़ती हुई दिखाई देगी। आप अपने कामों को बहुत समझदारी से हेंडल करेंगे। ददिहाल से आपके रिलेशन बहुत अच्छे और सुदृढ़ होते हुए दिखाई देंगे। गुरु की नवम दृष्टि की बात करते हैं तो नौ दृस्टि आपके पराक्रम भाव पर पड़ेगी जो कि आपके पराक्रम में वृद्धि करती हुई दिखाई देगी तो और अगर गुरु की दृष्टियों की बात करें तो ये समय आपके गुरु की दृष्टियों के हिसाब से बहुत ही अच्छा रहेगा और वर्ष पर्यंत भाई बहनों से सुख भाई बहनों का सहयोग आर्थिक स्थिति सुदृढ़ बिगड़े काम बनने शुरू होंगे। पर्सनैलिटी बहुत दमदार हो जाएगी। पावरफुल हो जाएगी। लोग आपसे सलाह लेकर अपने कार्यों को करने का प्रयास करेंगे और लाभ की स्थितियां भी अच्छी रहेगी। तो ये तो थे गुरू के रिजल्ट |


अब गुरू बैठें हैं राहू की साथ में और उसमें गुरु राहु चांडाल योग भी बन रहा है जो कभी कभी अटकाव की समस्या भी ला सकता है। शनि की तीसरी दृष्टि गुरू और राहु दोनों पर पड़ रही है जोकि इस योग को और प्रबल कर रही है। इसलिए जल्दबाजी में आपको निर्णय नहीं लेना है। समझदारी से अपने डिसीजंस और कोई भी काम अपना कविकळी ना करें। सोच समझ कर शांति से बैठ कर उस काम के बारे में पूरा लेखा जोखा उसका देखें। उसके बारे में पूरा विचार विमर्श करें। फिर आगे बढ़ें। साथ ही जल्दबाजी में कान के कच्चे होकर अपने जीवनसाथी के साथ मदभेद ना बढाएं। क्योंकि इसमें भड़काने वाले लोगों की कमी नहीं रहेगी। लोग आप पर आपको जरूर भरने का प्रयास करेंगे। आपको भड़काने का प्रयास करेंगे पर आपको अपने और अपने जीवनसाथी के बीच में किसी को नहीं आने देना है।


राहू का राशि परिवर्तन


अब 30 अक्टूबर पर आते है 30 अक्टूबर को राहू राशि परिवर्तन कर रहें है और जो गुरु राहु का चांडाल योग बन रहा है वो खत्म हो जाएगा और राहू आपके सिस्टम भाव में चले जाएंगे। अब तक सप्तम भाव में बैठकर व्यापार में विषय लेकर आ रहे थे और गुरु जब आये तो चांडाल योग के कारण और दिक्कतें परेशानियां छोटे छोटे कामों में प्रोब्लम होना ऐसी स्थितियां बन रही थीं। पर राहू सिक्स्थ हाउस में शानदार परिणाम आपको देंगे। इस समय रिस्की काम ट्रेडिंग से संबंधित अगर आप कोई काम करते हैं, रिस्की कामों में हाथ डालते हैं, लॉटरी का काम करते हैं। शेयर मार्केट शेयर मार्केट का काम करते हैं या फिर अगर आप लिकर से संबंधित कोई भी काम कर रहे ऑलरेडी आपका कोई बिजनेस है तो निश्चित रूप से ये वर्ष आपके लिए शुभ ही शुभ समाचार लेकर आएगा।

काम को अच्छी पहचान और अच्छी ग्रोथ इस समय मिलती हुई दिखाई देगी। वहीं राहू आपके शत्रुओं का भी नाश करेगा। आपके खर्चों को भी बैलेंस करेगा। ऋण से मुक्ति दिलवा देगा। स्वास्थ में थोडा सा आपको ध्यान रखना है। इन्फेक्शन से संबंधित समस्याएं हो सकती है इसलिए थोडा सा उसके प्रति सावधान रहें। तो ये मोटे मोटे तौर पर तुला राशि वालो का वर्ष 2023 का वार्षिक राशिफल है।


2023 के उपाय जो आपके जीवन को और अधिक उन्नति दायक और प्रगति दायक बनाएंगे। सबसे पहले तो शनि की दृष्टि अच्छी नहीं होती। इसलिए शनि के उपाय जरूर करें।

  • मछलियों को दाना आपको जरूर डालना चाहिए।
  • वही आपको चीटियों को आटे के अंदर शक्कर मिलाकर जरूर खिलानी चाहिए।
  • पशु पक्षियों के लिए अन्न और जल की व्यवस्था जरूर करें।
  • अब कहीं आपको अपने आस पास डॉग शेल्टर होम दिख जाएं तो वहां पर अपने हिसाब से अपनी सुविधा अनुसार अपने बजट के अकॉर्डिंग दान जरुर करें।
  • रविवार के दिन भैरव देवता के मंदिर के दर्शन करें और वहां पर एक नारियल सूखा नारियल जरूर प्रदाय करायें। यानी वहां पर चढ़ाएं।
  • शुक्र को भी अपने राशि स्वामी को भी मजबूत करना पड़ेगा और इसके लिए शुक्रवार के दिन आपको श्रीयंत्र मेरू श्रीयंत्र हो तो बहुत अच्छा, आप अपने पूजा कक्ष में स्थापित करें या फिर अपने व्यावसायिक स्थल पर उत्तर पूर्व दिशा में स्थापित करें और श्री सूक्त का रोजाना उसके सामने बैठकर पाठ करें।
  • शुक्रवार के दिन मीठी चीजों से परहेज करें। शुक्रवार के दिन वैभव लक्ष्मी का अगर हो सके तो व्रत जरुर करें। इसके साथ ही मां दुर्गा के मंदिर के दर्शन भी आपको जरुर करने चाहिए।

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