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होली का महत्व 2023 – Importance of Holi 2023

Importance of Holi 2023

Importance of Holi 2023

Importance of Holi 2023 :- आप सभी को होली के विशेष पर्व की हार्दिक शुभकामनाए। रंगों का पर्व होली बुराई पर अच्छाई की विजय के रूप में सच्चाई और भक्ति की विजय के रूप में इस पर्व को देखा जाता है। सौहार्द और एकता का प्रतीक इस पर्व को माना जाता है क्योंकि इस दिन  हम सभी वैमनस्य भूलकर एक दूसरे को गले लगाते हैं और रंगों के द्वारा एक दूसरे के साथ होली खेलते हैं। यह पारिवारिक रिश्तों को मजबूत करने वाला पर्व भी है क्योंकि परिवार एक साथ इकट्ठा होकर एक दूसरे को रंग लगाकर गली मोहल्ले में हम हमारे आस पड़ोस में मित्रों के साथ मैं इस रंगों के पर्व को खेलते हैं और व्यक्ति के जीवन में रंग बहुत जरूरी है। रंग विहीन व्यक्ति अपने जीवन में कहीं पर भी आगे नहीं बढ़ पाता जीवन बहुत निराशा जनक हो जाता है। इसीलिए रंगों के इस पर्व को हम रंगों को हमारे जीवन में आने के आगमन के रूप में भी देखते हैं।

होलिका दहन क्यों किया जाता है

गुरु माँ निधि श्रीमाली जी ने बताया है की धर्म में होलिका दहन का भी अपना एक विशेष महत्व होता है और इसके पीछे एक कथा भी प्रचलित है। होलिका दहन से पहले होलिका की पूजा करना और कथा को पढ़ना काफी शुभ माना जाता है। कहते हैं कि इससे ग्रह दोषों का निवारण होने के साथ ही घर में सुख-समृद्धि का वास होता है।  भगवान श्री विष्णु के कई भक्त हुए जिनमें से एक भक्त का नाम प्रहलाद था। प्रहलाद का जन्म असुर कुल में होने के कारण प्रहलाद के पिता राजा हिरण्यकश्यप को विष्णु भगवान के प्रति अपने पुत्र की आस्था बहुत खटकती थी। लेकिन प्रहलाद को ये गुण अपनी मां कयाधु से मिले होने की वजह से वह अन्य चीजों की परवाह किये बिना केवल भगवान की भक्ति में लगा रहता था। लाख समझने के बाद जब प्रहलाद ने भक्ति नहीं छोड़ी तो पिता हिरण्यकश्यप ने उसे बहुत सी यातनाएं दीं। लेकिन हर बार भगवान विष्णु की कृपा से प्रहलाद बच जाता था। सभी तरकीबें अपनाने के बाद अंत में हिरण्यकश्यप ने प्रहलाद को मारने के लिए अपनी असुरी बहन होलिका का सहारा लिया। होलिका को अग्नि में न जलने का वरदान प्राप्त था। इसलिए हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका की गोद में पुत्र प्रहलाद को बैठा दिया तथा उनके चारों तरग अग्नि जला दी। लेकिन होलिका को आग में न जलने का वरदान होने के बाद भी वह उस आग में भस्म हो गई। वहीं भगवान विष्णु के लिए सच्ची भक्ति होने के कारण उस अग्नि में से प्रहलाद सुरक्षित निकल आया। उसी समय से धुलन्डी से एक दिन पहले होलिका का दहन करने की इस प्रथा की शुरुवात हुई। इसलिए बुराई पर अच्छाई की विजय की इस कथा को होलिका दहन से पूर्व पढ़ने से जीवन के कष्टों से मुक्ति मिलती है। Importance of Holi 2023

होली कब मनाई जाएगी

गुरु माँ निधी श्रीमाली जी के अनुसार इस बार यह पर्व 06 मार्च 2023 को मनाया जाएगा और 07  मार्च 2023 को धुलंडी यानि रंगों की होली खेली जाएगी। 06 मार्च को होलिका दहन का पर्व आता है और रंगों के इस पर्व के एक दिन पहले यानी  06  मार्च को ही डंडा रोहण किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि डंडा रोहण  प्रहलाद का प्रतीक है   यह जग जाहिर है कि इस दिन भक्ति की जीत हुई थी और आसुरी शक्तियों का नाश हुआ था। इस पर्व को हम इसलिए भी मनाते हैं कि इस दिन हम हमारे सभी विकारों को होलिका की अग्नि में दहन कर  और हमारी अच्छाइयों को आत्मसात करते हुए हमारे जीवन में आगे बढें।  

होलाष्टक प्रारम्भ

गुरु माँ निधि श्रीमाली जी ने बताया है की होली का यह जो पर्व होता है इसकी तैयारियां बहुत दिन पहले से शुरू हो जाती है। गोबर के उपलों से होलिका दहन की होलिका बनाई जाती है। गोबर लकड़ी इन सब को मिक्स करके हम होलिका बनाते हैं। साथ ही इस दिन डंडा रोहण भी होलिका के बीच में किया जाकर वह प्रहलाद का प्रतीक माना जाता है। अब वह आठ दिन पहले होलाष्टक प्रारंभ हो जाता है और इस बार 27 फरवरी 2023 से होलाष्टक प्रारंभ  हो रहे होलाष्टक के दौरान कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य नहीं किए जाते। 06 मार्च 2023 को होलाष्टक समाप्त हो जाएंगे और ये टाइम पीरियड होली के रंगों में रंगने का है। कोई भी यज्ञोपवीत गृह प्रवेश शादी सगाई जैसे कोई भी मांगलिक आयोजन इस अवधि के दौरान नहीं किए जाते हैं। Importance of Holi 2023

होलिका दहन की सामग्री

 होलिका दहन की तैयारियां जरूर करनी चाहिए और हर व्यक्ति को लगभग  सभी सामग्री का  पता होता  है। कुमकुम रोली मोली चावल  इसके अलावा कच्चा सूत और नारियल आपको जरूर होलिका दहन के दिन अपने पूजा की थाली के अंदर रखना चाहिए। कच्चा सूत जब भी आप होलिका दहन के लिए जाएं तो होलिका जलाने से पहले पहले उस कच्चे सूत को होलिका के चारों तरफ आपको बांध दें। इस दिन गेहूं की बालियां या फिर सप्तधान  जो कि फ्रेश होने चाहिए या फिर साबुत मूंग  ये भी आपको अपनी पूजा में शामिल करने चाहिए। Importance of Holi 2023

होलिका दहन  में गेहू की बलिया जलाने की प्रथा

ऐसी प्रथा है कि किसान शीत ऋतु की जो फसल होती है उसके बाद में  नई फसल को उगाने की तैयारी करता है और खेतों में ये फसल लहराए वृद्धि और समृद्धि इस फसल को हम मानते हैं। इसीलिए इस दिन गेहूं की बालियां जलाई जाती है ताकि उनकी फसल अच्छी हो और सुख समृद्धि में वृद्धि हो।  घर में भी अन्न धन के भंडार भरे रहे  इन उद्देश्य से भी इन गेहूं की बालियों को होलिका दहन की अग्नि में प्रवाहित किया जाता है यानि जलाया जाता है सेका जाता है और उसके बाद हम उसे अपने घर ले आते हैं   Importance of Holi 2023

 शुभ मुहूर्त

गुरु माँ निधी श्रीमाली जी के अनुसार 06  मार्च को फाल्गुन मास की पूर्णिमा सोमवार शाम 4.18 से प्रारंभ होगी और 07  मार्च मंगलवार शाम 6.10 बजे पर समाप्त हो जाएगी। जबकि पूर्वी भारत के कुछ राज्यों में पूर्णिमा 2 दिन प्रदोष व्यापिनी रहेगी. सोमवार को ही शाम 4.18 बजे से भद्रा शुरू होने से जो अगले दिन सूर्योदय पूर्व सुबह 5.14 बजे तक रहेगी. शास्त्रानुसार भद्रा मध्यरात्रि से आगे उषाकाल के नजदीक चल जाए तो होलिका पर्व भद्रा में प्रदोष काल में मनाया जाना चाहिए. राजस्थान में धुलंडी का पर्व 7 मार्च मंगलवार को मनाया जाएगा. होलिका दहन के लिए शुभ मुहूर्त 6 मार्च 2023 को शाम 6:26 बजे से लेकर 6:38 बजे तक है तो ये है 06  मार्च होलिका दहन का दिन होली के पर्व का दिन जिस दिन हम हमारी सभी बुराइयों को होलिका दहन के अग्नि में जलाते हैं हमारे होलिका दहन की अग्नि के फेरे लेते हुए हमारे मन की मनोकामनाओं को बोलते हैं जिससे होलिका माता का आशीर्वाद प्राप्त हो और हमारी सभी बुराइयों का नाश हो अच्छाइयां हमारे जीवन में प्रवेश करें और हमारी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हों|

होली के दिन करे ये उपाय

  1. घर की सुख-समृद्धि और धन के लिए परिवार के प्रत्येक सदस्य को होलिका दहन में घी में भिगोई हुई दो लौंग, एक बताशा और एक पान का पत्ता अवश्य चढ़ाना चाहिए। साथ ही होली की 11 परिक्रमा करते हुए होली में सूखे नारियल की आहुति दे देनी चाहिए।
  2. होली की रात सरसों के तेल का चौमुखी दीपक घर के मुख्य द्वार पर लगाएं व उसकी पूजा करें। इसके बाद भगवान से सुख-समृद्धि की प्रार्थना करें। मान्यता के अनुसार ऐसा करने से हर प्रकार की बाधा का निवारण होता है।
  3. होली पर किसी गरीब को भोजन अवश्य कराएं। माना जाता है कि ऐसा करने से आपकी मनोकामनापूरी हो जाती है।
  4. अगर आप अपनी नौकरी, बिजनेस या करियर से संतुष्ट नहीं है या आपको कड़ी मेहनत के बाद भी सफलता हासिल नहीं मिल पा रही है तो इसके लिए होलिका दहन के दिन  पूजा के दौरान नारियल को अग्नि में डाल दें. इसके बाद सात बार होलिका की परिक्रमा करें

होलिका दहन के दिन विशेष पूजा का आयोजन

इस होलिका दहन के दिन हमारे संस्थान में एक विशेष पूजा का आयोजन किया जा रहा है अगर आपके घर का कोई व्यक्ति नजर दोष से पीड़ित है आपके व्यापार में बाधाये आ रही है , आपके कोई कार्य पूर्ण नही हो पा रहे है अडचने आ रही है , किसी भी सदस्य को बार बार नजर लग रही है , घर में या व्यापर में नकारात्मक ऊर्जा है तो इस पूजा से नजर दोष से होने वाली परेशानी से मुक्त हो जायेगे ये पूजा हमारे गुरु माँ निधि श्रीमाली जी एवं विद्वान् पंडितो द्वारा सम्पन्न करवाई जाएगी अगर आप भी इस पूजा में हिस्सा लेकर अपने नाम से पूजा करवना चाहते है आज ही संपर्क करे :- 9571122777  

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