वृक्षों का देव स्वरूप एक दृष्टि
GOD OF TREE
वसुदेव सुतम् देवम् ,
कंस चाणूर मर्दनम्
देवकी परमानन्दम् ,
कृष्णम वन्दे जगद्गुरुम ॥
अतसी पुष्प संकाशम् ,
हार नूपुर शोभितम्
रत्न कंकण केयूरम् ,
कृष्णम वन्दे जगद्गुरुम ॥
कुटिलालक संयुक्तम् ,
पूर्णचन्द्र निभाननम्
विलसत् कुण्डलधरम,
कृष्णम वन्दे जगद्गुरुम ॥
मंदार गंध संयुक्तम् ,
चारुहासम् चतुर्भुजम्
बर्हि पिंछाव चूडांगम् ,
कृष्णम वन्दे जगद्गुरुम ॥
उत्फुल्ल पद्म पत्राक्षम् ,
नील जीमूत सान्निभम्
यादवानाम् शिरो रत्नम् ,
कृष्णम वन्दे जगद्गुरुम ॥
रुक्मिणी केळी संयुक्तम् ,
पीताम्बर सुशोभितम्
अवाप्त तुलसी गन्धम् ,
कृष्णम् वन्दे जगद्गुरुम ॥
गोपिकानाम् कुचद्वन्द्व कुम्कुमाकित वक्षसम्
श्रीनिकेतम् महेष्वासम् ,
कृष्णम वन्दे जगद्गुरुम ॥
श्री वत्साङ्कम् महोरस्कम् वनमाला विराजितम्
शंख चक्र धरम देवम् ,
कृष्णम वन्दे जगद्गुरुम ॥
कृष्णाष्टक मिदम् पुण्यम् प्राथरुथाय यः पठेत
कोटि जन्म कृतम् पापम् स्मरणेन विनश्यति ॥
*ॐ नमो श्रीकृष्णाय नमः ।*
*ॐ नमो नारायणाय नमः ॥*
*वृक्षों का देव स्वरूप एक दृष्टि
श्रीमाली जी के अनुसार भारतीय संस्कृति में वृक्षों को काटना हिंसा है। इनमें देवात्मा होती है। सनातन संस्कृति में वृक्षों की पूजा होती है ।
अभिषेक , दीपदान , सुत्रबंधन , अक्षत-रोली-चन्दन-पुष्पों आदि से पूजन किया जाता है और परिक्रमा की जाती है।GOD OF TREE
1) *पीपल*
योगिराज भगवान् श्री कृष्ण श्रीमद भगवत गीता जी में कहते हैं :
” *वृक्षेषु अश्वस्था* : ” अर्थात ” वृक्षों में मैं पीपल हूँ” |GOD OF TREE
पीपल विष्णु वृक्ष है | पीपल के नीचे श्राद्ध क्रिया, गायत्री जप, कथा, स्तोत्र आदि संपन्न किये जाते हैं | पीपल का पेड़ काटने या कटवाने से पितर दोष लगता है…GOD OF TREE
इसके साथ ही प्रेतात्माओ का शाप भी लगता है जो रात को पीपल पर निवास करती हैं… (इसीलिए रात्री के समय पीपल की पूजा नहीं होती )
सूर्योदय के बाद पीपल पर माता लक्ष्मी का निवास मन गया है… पीपल की पूजा बृहस्पति और शनि दोषों से मुक्ति के लिए भी की जाती है |GOD OF TREE
2) *बरगद*
वट शिव वृक्ष है | प्रलय के समय मुकुंद ने अक्षय वट पर विश्राम किया था | यह अक्षय वट प्रयाग में है | महिलाएं वट सावित्री की पूजा करती हैं सौभाग्य के वरदान के लिए | वट वृक्ष जटाधारी भगवान् शिव का ही रूप है |GOD OF TREE
3) *कमल*
माता लक्ष्मी का निवास होता है | यह एक ऐसा पुष्प है जो अपने गुणों के कारण प्रत्येक देवी देवता को प्रिय है |
4) *नारियल*
श्री देवी (माँ लक्ष्मी) ही बस्ती हैं | नारियल एक ऐसा फल है जो प्रत्येक देवी देवता को प्रिय है… इसे पौराणिक ग्रंथो में “कल्प वृक्ष” का नाम दिया गया है… शक्ति पूजा में और किसी अनुष्ठान में यह विशेष रूप से प्रयोग में लाया जाता है |GOD OF TREE
5) *बिल्व*
वृक्ष में लक्ष्मी जी का निवास है… ऋग्वेद के “श्री सूक्तं” के अनुसार माता लक्ष्मी की कठोर तपस्या के परिणाम स्वरुप ही बिल्व वृक्ष उत्पन्न हुआ… ”
“वनस्पतिस्तव वृक्शोथ बिल्व: “…
इसीलिए यह वृक्ष, इसके पत्ते और फल भगवान् शिव को अत्यंत प्रिय हैं | बिल्व पत्र महादेव के विग्रह की शोभा हैं | शास्त्रानुसार संध्या के समय बिल्व वृक्ष के नीचे दीप दान करने वाला व्यक्ति मृत्योपरांत शिवलोक को ही जाता है अर्थात उसकी सद्गति निश्चित होती है | देवी कात्यायनी की पूजा भी में भगवान् राम ने बिल्व पत्रों का प्रयोग किया था | GOD OF TREE
6) *रुद्राक्ष*
शिव वृक्ष है | इसके बीजो से बनी माला पूजा में प्रयुक्त होती है | रुद्राक्ष भगवान् शंकर का श्रृंगार हैं |
7) *तुलसी*
वृंदा देवी हैं | तुलसी के स्पर्श, दर्शन, सेवन से जन्म-जन्मान्तरों के पाप कर्मों का नाश होता है | यह भगवान् विष्णु को अत्यंत प्रिय है |कोई भी अनुष्ठान या पूजा कार्य संपन्न करने के लिए तुलसी पत्र का होना आवश्यक माना गया है | वर्ष भर तुलसी में जल अर्पित करना एवं सायंकाल तुलसी के नीचे दीप जलाना अत्यंत श्रेष्ठ माना जाता है |
कार्तिक मास में तुलसी के समक्ष दीपक जलाने से मनुष्य अनंत पुण्य का भागी बनता है एवं उसे माँ लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है क्योंकि तुलसी में साक्षात माता लक्ष्मी का निवास माना गया है |GOD OF TREE
8) *धान*
“धान्य देवी” अर्थात “माता अन्नपूर्ण” का ही रूप हैं| प्रत्येक पूजा में अक्षत ( चावलों के साबुत दाने ) का प्रयोग होता है|
9) *नीम*
शीतला देवी रहती हैं जो रोगों से रक्षा करती हैं | देश भर में शीतला देवी के मंदिरों में नीम के वृक्ष सहजता से मिल जाते हैं| GOD OF TREE
10) *आम*
आम के वृक्षों पर यक्ष किन्नर विहार करते हैं|
11) *आंवला*
विष्णु और लक्ष्मी माँ का प्रिय है | कार्तिक मास में आंवले की परिक्रमा और पूजा होती है| GOD OF TREE
12) *कैंथ* और *जामुन*
के वृक्ष गणपति गणेश को प्रिय हैं और इनके फल गणेश पूजा में अर्पित किये जाते हैं|
” *कपित्थ जम्बू फल चारु भक्षणं* “|
13) *केला*
बृहस्पति दोषों से मुक्ति पाने हेतु केले की पूजा की जाती है|GOD OF TREE
14) *आक* और *पलाश*
सूर्य वनस्पति है और पलाश चन्द्र वनस्पति ..
. सूर्य और चन्द्र के दोषों से मुक्ति पाने हेतु ज्योतिष में इन वनस्पतिओं का प्रयोग्किया जाता है |GOD OF TREE
वनस्पतियाँ विधाता का वरदान हैं | इनकी मधुरिमा को बने रखने के लिए वेद मंत्र है…
” *मधुमान्नोवनस्पते* : “|
वृक्षों में देवात्मा होती है | वृक्षारोपण एक धार्मिक अनुष्ठान है | वृक्षों में खिले हुए पुष्पों की गंध और फलो के रसात्मक तत्वों को पाकर देवता तृप्त होते हैं | इसीलिए पूजा स्थलों के परिसर में पुष्प और फलदार वृक्ष लगाये जाते हैं | फूलो, फलो अथवा हरे भरे वृक्षों को काटने पर महापाप लगता है| और इसके विपरीत वृक्षारोपण से व्यक्ति महापुण्य का भागीदार होता है…!GOD OF TREE
Note: Daily, Weekly, Monthly and Annual Horoscope is being provided by Pandit N.M.Srimali Ji, almost free. To know daily, weekly, monthly and annual horoscopes and end your problems related to your life click on (Kundli Vichleshan) or contact Pandit NM Srimali Whatsapp No. 9929391753,E-Mail- [email protected]