जानिए सितम्बर माह के व्रत त्यौहार – Festivals of September
Festivals of September गुरु माँ निधि जी श्रीमाली ने बताया है की सितंबर में अनेक व्रत- त्योहारों की धूम रहेगी। इस माह में कृष्ण जन्माष्टमी, गणेश चतुर्थी, बाबा रामदेव, तेजाजी महाराज, ऋषिपंचमी, हरतालिका तीज, उबछठ सहित बछवारस और गोगानवमी, हल षष्टी, श्रीमाली समाज. का अणगा मेला सहित अनेक व्रत-पर्व शामिल है। Festivals of September
सितम्बर के व्रत त्यौहार
07 – सितम्बर – श्री कृष्ण जन्माष्टमी
08 – सितम्बर – गोगा नवमी।
11 – सितम्बर – बछबारस
17 – सितम्बर – बाबा की बीज और विश्वकर्मा जयंती
18 सितम्बर – हरतालिका तीज
19 – सितम्बर – गणेश चतुर्थी
20 – सितम्बर – ऋषि पंचमी
23 – सितम्बर – राधाष्टमी
28 – सितम्बर – अनंत चतुर्दशी
29 – सितम्बर – श्राद्ध पूर्णिमा
जन्माष्टमी पर्व
जन्माष्टमी को लेकर असमंजस है। बड़े मंदिरों व गुरु माँ निधि जी श्रीमाली के अनुसार उदया तिथि को ही माना जाता है। कृष्ण जन्माष्टमी लगातार दो दिन पड़ रही है और चूंकि अष्टमी तिथि 06 सितंबर 2023 को दोपहर 03:37 बजे शुरू होगी और 07 सितंबर को शाम 04:14 बजे समाप्त होगी, इसलिए यह दोनों दिन मनाई जाएगी गृहस्थ लोग 6 को और वैष्णव सम्प्रदाय के लोग 7 को जन्माष्टमी का पर्व मनाएंगे गुरु माँ निधि जी श्रीमाली के अनुसार हिंदू पंचांग में उदयातिथि मतलब सूर्य उदय से जो तिथि होती है उसे ही माना जाएगा। 7 को सूर्योदय से दोपहर तक अष्टमी व रोहिणी नक्षत्र रहेगा, जो रात तक मान्य होगा। Festivals of September
08 सितम्बर को गोगानवमी पर्व
गोगा नवमी वाल्मीकि समाज का एक प्रसिद्ध त्योहार है, इस दिन वाल्मीकि समाज के आराध्य गोगा देव यानी की जाहरवीर का जन्मोत्सव होता है. इस दिन विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है और नागों की पूजा भी होती है. इस दिन लोग व्रत रखकर गोगा देव से अपनी संतान की लंबी उम्र की कामना करते हैं, उसकी सुख समृद्धि और संतान सुख प्राप्ति के लिए भी यह व्रत किया जाता है. Festivals of September
18 सितम्बर को हरतालिका तीज
हरतालिका तीज में भगवान शिव और माता पार्वती की विधिवत पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
हरतालिका तीज व्रत इस साल कई शुभ संयोग में रखा जाएगा। तीज के दिन रवि योग के साथ इंद्र योग बन रहा है। गुरु माँ निधि जी श्रीमाली के अनुसार, इन योग में व्रत रखने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। Festivals of September
२० को ऋषिपंचमी
२० सितम्बर को ऋषिपंचमी के दिन को अनेक समाजो में रक्षाबंधन के रूप में भी मनाया जाता है
ऋषि मुनि और पितरो के लिए सरोवर पर तर्पण करने की भी परम्परा है पुरे साल महिलाओ द्वारा भूलवश किये गए कार्यो का प्रायश्चित मांगते हुए तर्पण करने के साथ ही श्रीमाली समाज में महिलाओ द्वारा उसी दिन मणिचे के आटे का हलवा , तोरु की सब्जी और दही का सेवन भी किया जायेगा
बाबा की बीज 17 व दशमी 25 को
बाबा रामदेव की बीज 17 सितम्बर को मानाने के साथ ही 25 को बाबा की दशमी मनाई जाएगी बीज और दशमी तक करीब 5 लाख से ज्यादा बाबा के जातरू मसूरिया मंदिर स्थित गुरु बालीनाथ जी की समाध के दर्शन करेंगे Festivals of September
28 सितम्बर अनंत चतुर्दशी
भादों में शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को अनंत चतुर्दशी का त्योहार मनाया जाता है. इस दिन जगत के पालनहार और लक्ष्मी पति भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और अनंत सूत्र हाथों में बांधे जाते है.इस त्योहार का हिंदू धर्म में खास महत्व है. इसे की जगहों पर अनंत चौदस भी कहा जाता है. भगवान गणपति को 10 दिन घर में विराजमान करने के बाद उनका विसर्जन अनंत चतुर्दशी के दिन ही किया जाता है.इस खास दिन पर श्रीहरि विष्णु के अनंत रूप की पूजा की जाती है. Festivals of September
सितम्बर माह के अंत में होगी श्राद्ध पक्ष की शुरुआत
पितृपक्ष की शुरुआत भाद्रपद माह की पूर्णिमा तिथि से होती है और अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि पर इसका समापन होता है। पितृपक्ष यानी श्राद्ध का हिंदू धर्म में विशेष महत्व होता है। गुरु माँ निधि जी श्रीमाली ने बताया कि पितृपक्ष की शुरुआत इस साल 29 सितंबर 2023 से हो रही है। इसका समापन 14 अक्टूबर को होगा। पितृपक्ष के दौरान पूर्वजों को श्रद्धापूर्वक याद करके उनका श्राद्ध कर्म किया जाता है। पितृपक्ष में पितरों को तर्पण देने और श्राद्ध कर्म करने से उनको मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दौरान न केवल पितरों की मुक्ति के लिए श्राद्ध किया जाता है, बल्कि उनके प्रति अपना सम्मान प्रकट करने के लिए भी किया जाता है। पितृपक्ष में श्रद्धा पूर्वक अपने पूर्वजों को जल देने का विधान है। Festivals of September
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