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|धनतेरस |
दीप जले तो रोशन आपका जहान हो, पूरा आपका हर एक अरमान हो
माँ लक्ष्मी जी की कृपा बनी रहे आप पर, इस धनतेरस पर आप बहुत धनवान हो
इस बार धनतेरस का शुभ मुहूर्त – प्रदोष काल – शाम 5:30 से 8:04 तक | स्थिर लग्न – सायं 6:10 से 8:१० तक |
इस बार धनतेरस dhanteras दिनाक 5 नवम्बर 2018 को आएगी | और यह प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाता है | इसी दिन से दीपावली के पंच दिवसीय पर्व शुरू होते है | इस दिन भगवान धन्वन्तरी की पूजा आराधना कर उनसे आरोग्य और अच्छे स्वाश्थ्य की कामना की जाती है | प्रचलित कथा अनुसार इस दिन समुद्र मंथन से आयुर्वेद के जनक भगवान धन्वन्तरी अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे | इस पर उन्होंने देवताओं को अमृतपान कराकर अमर कर दिया था | साथ ही इस दिन को धन के देवता कुबेर के जन्मदिन के रूप में भी मनाया जाता है | इसलिए इस दिन सोने चांदी के आभूषण और बर्तन , नयी वस्तुएं आदि खरीदना अत्यधिक शुभ माना जाता है साथ ही इस दिन यम का दीपक जलाने का विधान है ताकि मृत्यु के देवता यमराज की कृपा हम पर बनी रहे और हमारे परिवार में इस जन्म और अगली सात पीड़ियों तक किसी की अकाल मृत्यु न हों |
इस दिन पूजा करने के लिए सर्वप्रथम एक बजोट रखें उस पर स्वस्तिक बना कर भगवान गणेश जी की मूर्ति स्थापित करें | उन्हें पंचामृत से स्नान कराकर शुद्ध जल से स्नान करवाए फिर इन्हें स्थापित करें | उसके पश्चात उन्हें धुप दीप , नैवैध्य , ताम्बुल और दूर्वा चढ़ाकर “ ॐ गं गणपतये नमः “ का जाप करते हुए उनका आह्वान करें | कुमकुम , रोली , अक्षत चड़ा कर उनकी पूजा करें | उसके पश्चात भगवान धन्वन्तरी की मूर्ति या तस्वीर न हो तो एक सुपारी पर मोली बांधकर मन ही मन उनके प्रतिरूप का आह्वान करते हुए उसे स्थापित करें | इसके पश्चात धन के देवता कुबेर की मूर्ति स्थापित कर उनका इस मंत्र से आह्वान करें और उनके धुप दीप नैवैद्य के रूप तुलसी दल चढ़ाएं क्योंकि उन्हें औषधीय चढ़ाना अतिप्रिय है और मंत्र का उच्चारण इसके पश्चात् धन देवता कुबेर की मूर्ति स्थापित कर उनका इस मंत्र से आह्वान करें और उनके ऊपर धुप दिप नैवैद्य चढ़ायें | और कुमकुम आदि से पूजा करें | अब अंत में मिटटी का दीपक रखें | जिसे हम यम का दीपक कहते है | वह दीपक दक्षिण दिशा में मुँह होना चाहिए | उसमें तेल डालें और जोत जलाएं | अब उसमें एक सफेद कोड़ी डालें ध्यान रहे की दीपक बुझे नहीं | अब उसे घर के मुख्य द्वार पर रखें | दिया बुझने पर उसमे से कोड़ी निकाल कर घर तिजोरी में रखें |
धनतेरस dhanteras का पर्व कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाता है। इस दिन दिपावली का पांच दिवसीय त्यौहार शुरू होता है।
प्रचलित कथा के अनुसार इस दिन समुद्र मंथन से आयुर्वेद के जनक भगवान धन्वन्तरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। इस पर उन्होने देवताओं को अमृतपान कराकर अमर कर दिया था। इसको लेकर आयु और स्वस्थता की कामना हेतु धनतेरस पर भगवान धवंतरि का पूजन किया जाता है।
पंडित एन एम श्रीमाली के अनुसार इसी दिन भगवान धवंतरि पूजन भी किया जाता है। शाम के समय दीपक जलाकर घर, दुकान को सजाया जाता है। इसके साथ ही मंदिर गौशाओ, नदी के घाट, तालाब एवं बगीचे में भी दीपक जलाएं जाते है। इस अवसर पर तांबे, पीतल, चांदी के गृह उपयोगी नवीन बर्तन व आभूषण भी खरीदते है। बदलते समय के अनुसार अब लोगों की पंसद और जरूरत दोनों बदल गई है। जिसके कारण धनतेरस के दिन अब बर्तनों ओर आभूषणों के अलावा, वाहन, मोबाइल आदि भी खरीदे जाने लगे है।
जातकों जाने धनतेरस dhanteras पर्व का महत्व
धनतेरस dhanteras पर्व पर भगवान धन्वन्तरि की पूजन किया जाता है। कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन ही धन्वन्तरि का जन्म हुआ था। इसलिए इस तिथि को धनतेरस के नाम से जाना जाता है। धन्वन्तरि जब प्रकट हुए थे तो उनके हाथों में अमृत से भरा कलश था। भगवान धन्वन्तरि जो चिकित्सा के देवता भी है। उनसे स्वास्थ्य और सेहत की कामना के लिए संतोष रूपी धन से बडा कोई धन नहीं है।
वहीं दूसरी ओर भगवान धन्वन्तरि कलश लेकर प्रकट हुए थे। इसलिए ही धनतेरस पर्व के अवसर पर बर्तन खरीदने की परम्परा हैं। अंत: में पंडित निधि श्रीमाली के अनुसार ये दिन खरीददारी के लिए बहुत ही शुभ होता है। इस दिन खरीदी गई कोई भी वस्तु लंबे समय तक शुभ फल प्रदान करती है।
पंडित एन एम श्रीमाली के अनुसार धनतेरस dhanteras के दिन समृद्वि प्राप्त करने के लिए किया गया। कोई भी उपाय असरदार होता हैं। धनतेरस के दिन किसी भी शुभ समय में किया जाए तो घर में स्थिर लक्ष्मी का निवास होता है।
जाने जातकों धनतेरस पर किए जाने वाले उपाय
धार्मिक स्थल पर लगाए केले का पौधा-
धनतेरस dhanteras पर्व के दिन किसी भी धार्मिक स्थल पर केले के दो पौधे लगाए साथ ही इन पौधों की सार संभाल करें। इसके साथ ही इन पौधों के पास कोई भी एक सुगंधित पौधा जरूर लगाएं। केले का पौधा जैसे जैसे विशाल होगा। इसके साथ ही आपके आर्थिक लाभ रास्ते प्रशस्त होंगे।
मोर की मिट्टी की करें पूजा-
धनतेरस dhanterasपर्व के दिन पूजा के समय किसी ऐसे स्थान की मिट्टी जहां मोर नाचा हो लाकर पूजा करें। इस मिट्टी को लाल कपडे में बांधकर तिजोरी में रखने से घर पर हमेशा लक्ष्मी की कृपा दृष्टि बनी रहती है।
धनतेरस पर्व पर गाय के लिए जरूर निकाले भोजन-
धनतेरस व दीपावली के पर्व के दिन घर की रसोई में जो भोजन बनता है। उस भोजन में से सर्वप्रथम कुछ भाग गाय के लिए जरूर निकालना चाहिए। जिससे घर में लक्ष्मी का निवास रहता है।
माँ लक्ष्मी जी को अर्पित करें लौंग-
धनतेरस पर्व पर लक्ष्मी पूजन के बाद लक्ष्मी या किसी भी देवी को लौंग अर्पित करें। यह उपाय दीपावली के दिनों में रोज करें। इस उपाय से आर्थिक लाभ होगा।
निर्धन लोगों को दान करे सफेद चीजें-
धनतेरस पर्व पर सफेद पदार्थ एवं चीजें जैसे कपडे, आटा आदि निर्धन लोगों को दान करे। जिससे आर्थिक लाभ के योग बनते है।
घर पर लाए चांदी के लक्ष्मी जी व गणेश-
धनतेरस के पर्व पर घर में गणेश व लक्ष्मी जी की चांदी की प्रतिमाएं लाना शुभ माना गया। इस दिन यह प्रतिमाएं लाने से धन, सफलता व उन्नति बढती है।
धनतेरस पर्व पर करे कुबेर को प्रसन्न-
धनतेरस पर्व के दिन धूप, दीप, नैवैद्ध से पूजन करने के बाद इस मंत्र का जाप करें। इस मंत्र का जाप करने से भगवान कुबेर बहुत खुश होते हैं। जिससे धन और वैभव की प्राप्ति होती है।
यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धन-धान्य अधिपतये
धन-धान्य समृद्धि मे देहि दापय स्वाहा
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