Mesh Rashi Aries November 2022
नमस्कार तो स्वागतम वेलकम। आज हम आपके सामने नवम्बर माह का मेष राशि वालो का मासिक राशिफल लेकर उपस्थित रही हूँ और इस माह में आने वाले सबसे पहले व्रत और त्योहारों के बारे में जान लेते हैं तो सबसे पहले 2 नवंबर को अक्षय नवमी यानी आंवला नवमी का पर्व मनाया जाएगा। 8 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा आयेगें। गुरु नानक जयंती भी इसी दिन मनाई जाएगी और पूर्णिमा के साथ साथ ये दिन रहता है। देवताओं की दीपावली का यानि देव दीपावली का ये समय होता है। 16 नवंबर को काल भैरव जयंती मनाई जाएगी तो ये कुछ विशेष व्रत और त्योहार हैं जो कि इस माह को बना रहे हैं। विशेष अब जान लेते हैं कि ग्रहों के हिसाब से ये माह कैसा रहने वाला है।
सबसे पहले बात करते हैं। ग्रहों के राजा सूर्य की जो कि वर्तमान में अपनी नीच की राशि तुला में विराजमान हैं और 16 नवंबर को यानी महीने के मिड में वे अपनी राशि वृश्चिक में प्रवेश कर जाएंगे। वहीं बुध ग्रह की बात करें तो वे वर्तमान में अपनी सम राशि तुला में विराजमान हैं और 13 नवंबर को अपनी शत्रु राशि वृश्चिक में प्रवेश करते हुए दिखाई देंगे। मंगल ग्रह जो कि वर्तमान में अपनी अति शत्रु राशि मिथुन में विराजमान है और आपकी राशि स्वामी भी है। वे 13 नवंबर को ही बुध के साथ ही राशि परिवर्तन करने जा रहे हैं। वे अपनी अति शत्रु राशि वृषभ में विराजमान हो जाएंगे। परंतु यहाँ पर वे वक्री हो रहे हैं। अब तक वे मिथुन में बैठे थे। पश्चगामी होकर वृषभ में वेपोरब प्रवेश करते हुए वक्री अवस्था में विराजमान होंगे। गुरु इस पूरे माह अपनी खुद की राशि मीन में स्वग्रही होकर विराजमान रहने वाले हैं। शुक्र की बात करें तो वे वर्तमान में अपनी राशि तुला में स्वगृही होकर विराजमान हैं और 11 नवंबर को वे अपनी शत्रु राशि वृश्चिक में प्रवेश कर जाएंगे। शनि ग्रह इस पूरे माह अपनी खुद की राशि मकर में स्वग्रही होकर विराजमान रहेंगे। राहू मेष में जो कि उनकी सम राशि और केतु तुला जो कि उनकी सम राशि है, इसमें पूरे माह विराजमान रहने वाले हैं तो ये है इस माह के ग्रह गोचर की स्थिति का हाल | अब जान लेते हैं कि ये माह आपके लिए कैसा रहने वाला है तो शुरू करते हैं। मेष राशि वालो का मासिक राशिफल।
सबसे पहले आते हैं आपकी राशि स्वामी पर | जो कि इस माह पश्चगामी होते हुए वक्री होकर मिथुन से वृषभ राशि में जाकर विराजमान हो रहे हैं। अगर आपकी कुण्डली की बात करें इस माह की ग्रह गोचर की कुण्डली की बात करें तो वे वर्तमान में आपके पराक्रम भाव में विराजमान हैं और 13 नवंबर को ही वे आपके पराक्रम भाव से आपके द्वितीय स्थान यानी धन भाव में आकर विराजमान होंगे और वहां पर वे वक्री हो जाएंगे। यदि क्रूर ग्रह कभी भी वक्री होते हैं तो वे अपना इफेक्ट और ज्यादा तेजी से दिखाते हुए दिखाई देते हैं। यानि उनका प्रभाव थोड़ा सा और अधिक क्रूर हो जाता है। अब आपकी राशि स्वामी मंगल ऐसे तो लग्नेश आपके यानि आपके पर्सनैलिटी के भाव के स्वामी हैं। अपने से एक घर आगे जाकर बैठा है परंतु मंगल चूंकि वक्री हो रहे हैं इसीलिए बहुत ज्यादा अपनी वाणी पर संयम और क्रोध पर नियंत्रण रखने की आवश्यकता है। जल्दबाजी में कोई भी काम ना करें। कई बार बनते बनते काम आपके बिगड़ सकते हैं। आप अपनी वाणी से अच्छे कार्यों को भी नेगेटिव में ले जाएंगे या फिर किसी से डील होने जा रही है। कोई इम्पोर्टेन्ट मीटिंग होने जा रही है तो इस समय आपको बहुत धैर्य से शांति से अपने मुद्दों को सुलझाना है। कोई भी डिसीजन जल्दी में नहीं लेना और क्रोध में तो कोई भी निर्णय आपको लेना भी नहीं चाहिए क्योंकि ये आपके निर्णय को गलत करेगा क्योंकि इस समय आप आवेश में हो और उस चक्कर में आपको नुकसान की स्थितियां देखने को मिल जाएगी तो थोड़ा सा अपनी पर्सनैलिटी पर ध्यान देंगे तो किसी भी प्रकार की समस्या न रिश्तों में होगी न प्रोफेशनल लाइफ से जुडी हुई समस्याओं का आपको सामना करना पड़ेगा।
अब मंगल चूंकि आपके लग्नेश होने के साथ साथ अष्टमेश भी है, अष्टमेश भी है तो अष्टम भाव के रिजल्ट भी मंगल के आपको अच्छे मिलेंगे क्यों? क्योंकि अष्टम भाव का स्वामी अपनी सप्तम जाकर अपने ही घर को देखेगा। हालाँकि मंगल की दृस्टि भी इस समय वक्रीय वे खुद वक्री है पर अपने ही घर को चूंकि वो देखेंगे तो वे आपका नुकसान नहीं करेंगे। इस समय केवल वाहन चलाते समय आपको ध्यान रखना है। थोडा सा केयरफुली आपको वाहन चलाना है। यात्रा करते समय अगर खुद ड्राइव। ना जाएं तो वो आपके लिए ज्यादा बेटर रहेगा। यातायात के संसाधनों का उपयोग करके ही आपको लंबी दूरी की यात्रा को तय करना चाहिए। इससे गुप्त धन की प्राप्ति के स्त्रोत खुलते हुए दिखाई देंगे। शत्रुओं का विनाश होगा। गुप्त शत्रु आपके कार्य में किसी भी प्रकार का व्यवधान डालने में असफल होते हुए भी दिखाई देंगे। ये समय ओर पर्सनैलिटी के हिसाब से तो आपके लिए शांत रहकर अपने मुद्दों को सुलझाने का है। परंतु चूंकि राशि स्वामी वक्री हो रहे हैं, इसीलिए आपको थोड़ा सा संभलकर ही रहना चाहिए पर ये समय आपके शत्रुओं का नाश करेगा। आपकी डिसीजन पावर को बढ़ाएगा। इस समय आपको गुप्त धन की प्राप्ति होगी।
चलिए आगे बढ़ते और सेकंड हाउस की बात करते हैं यानि द्वितीय भाव पर आ जाते हैं। द्वितीय भाव के स्वामी हैं। शुक्र और शुक्र वर्तमान में तो तुला राशि में विराजमान हैं और वहां पर वे अपनी खुद की राशि में बैठे हैं। यानि 11 नवम्बर तक का समय आपके लिए बहुत अच्छा है क्योंकि 11 नवम्बर तक वे आपके सप्तम भाव में जाकर बैठेंगे। सप्तम भाव में बहुत अच्छे रिजल्ट शुक्र के आपको देखने को मिलेंगे क्योंकि अपने ही घर में बैठे हैं। हालाँकि उसमें शुक्र कारको भावनाओं की भी प्रति लेकर आते हैं, पर फिर भी परिस्थितियां धन भाव के हिसाब से आपको अच्छी देखने को मिलेगी। इस समय आपके काम द्रुत गति से संपन्न होंगे। कामों में सारी दिक्कतें और परेशानियाँ सर्वदा के लिए समाप्त हो जाएगी। इस समय आप बहुत कॉंफिडेंट नजर आएंगे। आपके सहकर्मियों के साथ आपका तालमेल बहुत अच्छा रहेगा और बड़ी जिम्मेदारियां आपको अपने वर्क प्लेस पर निभाने को मिलेगी। यानि कुछ बड़े चैलेंजेज से भी आपको गुजरना पड़ेगा परन्तु ये आपको और अधिक मजबूत और सशक्त बनाएगा। कुटुम्ब में मान सम्मान में वृद्धि होगी। वाणी से आप सबको मोहित करते हुए नजर आएंगे परन्तु सेवंथ हाउस की अगर हम बात करें तो सेवंथ हाउस के हिसाब से शुक्र के रिजल्ट वैसे तो जो अविवाहित युवक युवतियां हैं उनके लिए तो बहुत अच्छा है। परन्तु विवाह में किसी न किसी प्रकार से मिसअंडरस्टैंडिंग उत्पन्न हो सकती है। वैवाहिक दंपतियों को एक दूसरे को लेकर चलना चाहिए। अब 11 नवंबर के बाद शुक्र आपके शत्रु स्थान में यानि अष्टम भाव में जाकर विराजमान होंगे और शुक्र का अष्टम जाकर बैठना इतने अच्छे रिजल्ट आपको नहीं देगा। हालांकि द्वितीय भाव का स्वामी अपने से सप्तम बटेगा तो धनलाभ की स्थितियां आपको यथावत देखने को मिलेगी। परन्तु इस समय लाइफ पार्टनर के साथ में किसी न किसी बात को लेकर बहस हो सकती है। मिसअंडरस्टैंडिंग का वातावरण उत्पन्न हो सकता है। थोड़ा सा केयरफुल होकर आपको चलना चाहिए |
अब आते हैं तृतीय भाव पर। तृतीय भाव की अगर बात करें तो तृतीय भाव के स्वामी हैं बुध और बुध आपके सम राशि यानि तुला राशि में सवंत है, उसमें जाकर विराजमान हैं। 13 नवंबर को बुध राशि परिवर्तन करते हुए आपके प्रेम भाव में जाकर विराजमान होंगे। बुध का अष्टम भाव में जाकर बैठना आपके लिए इतना अच्छा और कल्याण दायक नहीं होगा। अब तृतीय भाव यानी धन पराक्रम भाव के हिसाब से बुध के रिजल्ट इतने अच्छे नहीं होंगे कि पराक्रमेश अपने षस्टम जाकर बैठेंगे तो षस्टम भाव के रिजल्ट वे इतने अच्छे नहीं देंगे। थोड़ा सा आपको अपने भाई बहनों के साथ में डिस्प्यूट झेलना पड़ सकता है। विरोधाभास की स्थिति वैचारिक मतभेदों की स्थति आपको झेलनी पड़ सकती है। इस समय आपको बहुत केयरफुल होकर अपने भाई बहनों के साथ अपने रिश्ते को आगे बढ़ाना चाहिए। कर्म पथ पर भी कुछ समस्याएं आ सकती है। डेली रूटीन की लाइफ भी थोड़ी सी डिस्टर्ब होती हुई दिखाई देगी। इस समय जो काम अपने तय समय में सोचे हैं, मुझे काम करने हैं। उन कार्यों को करने में भी कुछ कठिनाई का सामना करना पड़ेगा। परंतु आपके हौसले अगर बुलंद हुए तो आप इन कठिनाइयों के बावजूद अपनी मंजिल को जरुर प्राप्त कर लेंगे क्योंकि व्यक्ति हमेशा कर्म प्रधान रहे तो वो भाग्य को भी मोडने का बल रखता है। इसीलिए आप आपको कर्म प्रधान बनते चले जाना है। अपने कर्तव्य का पालन निरंतर करते चले जाना |
अब सप्तम भाव की बात करते हैं। सप्तमेश अपने से तृतीय जाकर बैठें है। इस समय थोड़ा सा चीजों को भूल जाने जैसी प्रोबलम आपको हो सकती है। आपने कोई चीज़ रखी किसी जगह पर और फिर उसके बाद में आप भूल गए उसको भूले जा रहे परेशान हुए जा रहे हैं या फिर थोड़ा सा सिस्टम से संबंधित समस्याएं लोगों में आपको ज्यादा ध्यान रखना है। यानि बीपी, शुगर, थाइरॉयड या फिर कोई ब्लड क्लॉट हो जाना ऐसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती है। मांसपेशियों में दर्द होना नोस की वजह से कुछ प्रॉब्लम हो जाना ऐसी स्थितियां उत्पन्न हो सकती है। इसलिए बहुत ज्यादा संभलकर रहें। अपनी मानसिक स्थिति को थोड़ा सा सुद्रढ़ रखें। छोटी छोटी बातों पर विचलित होने की अपेक्षा अपनी मेंटल बैलेन्स को बनाये रखें। अगर आप ऐसा करेंगे तो दिक्कतें आपके जीवन में कम भी होगी और इसका फायदा आपको दूरगामी देखने को मिलेगा। वैसे इस समय आपको अपने विरोधियों से सावधान रहना रहना पड़ेगा क्योंकि शत्रु पक्ष आपके खिलाफ किसी न किसी प्रकार से व्यवधान आपके काम में डालने का प्रयास जरुर करेगा तो अपने शत्रुओं के प्रति थोड़ा सा सावधान रहें और रुपए पैसे से संबंधित लेन देन के कार्यों में थोड़ा सा सजग रहें।
अब आते हैं आपके सुख स्थान पर। सुख स्थान के स्वामी हैं चन्द्रमा जो इस समय सुखों में वृद्धि होगी। मां का साथ और सहयोग मिलेगा। एक इमोशनल बॉन्डिंग आपके परिवार के साथ आपकी बढती हुई दिखाई देगी। कोई भी काम जल्दबाजी में आपको नहीं करना है। परिवार को साथ में लेकर चलें। अगर आपको कोई कन्फ्यूजन है तो आप अपनी माँ से सलाह ले सकते हैं। उनके नाम से कोई निवेश करते हैं तो उसमें आपको बहुत अच्छा फायदा होगा। वर्क प्लेस पर आपको अधिकारियों का पूरा साथ और सहयोग मिलेगा। हालांकि एक टीमवर्क की तरह कार्य करना ही आपके लिए उचित रहेगा।
अब आते हैं आपके पंचम भाव पर | पंचम भाव के स्वामी हैं। सूर्य जो कि वर्तमान में नीच के होकर विराजमान हैं और ये समय आपके लिए इतना अच्छा नहीं आधा महीना यानि 16 नवंबर तक का जो टाइम पीरियड रहेगा वो आपके लिए इतना अच्छा और सुद्रढ़ नहीं रहेगा। क्योंकि इस समय आपके कर्म पथ पर आप कुछ भी करने जाएंगे। करियर में कुछ भी करने जाएंगे। उसमें दिक्कत आएगी। खासकर जो मेडिकल स्टूडेंट है, उनके लिए ये समय इतना अच्छा नहीं है। साइन्स के स्टूडेंट्स को भी नकारात्मक रिजल्ट मिल सकते हैं। परन्तु सूर्य 16 नवम्बर को अपनी राशि वृश्चिक में प्रवेश कर जाएंगे। आपके अष्टम भाव में जाकर विराजमान होंगे और जब वे अष्टम में जाकर बैठेंगे तो सूर्य के रिजल्ट आपको बहुत ही अच्छे और बेहतरीन देखने को मिलेंगे। इस समय समस्याएं खत्म होती हुई दिखाई देगी। अगर आप पर कोई लोन लोन हो गया है तो वो लोन भी आपको चुकता हो जाएगा। किसी को उधार दे रखा है तो वो व्यक्ति आपका उधार चुका कर जाएगा और यदि आपने किसी का उधार ले रखा है तो सही समय पर आप भी उसका उधार उसके रुपए उसको पुनः लौटा के रिलैक्स होते हुए दिखाई देंगे। इस समय धर्म कर्म के कार्यों में आपकी रुचि बढ़ेगी परन्तु जिसके कामो में हाथ डालने से आपको इस समय बचना चाहिए।
अब बढ़ते हैं आगे और सीधा आ जाते हैं आपके भाग्य स्थान पर | क्यूंकि भाग्य स्थान के स्वामी हैं गुरु जो कि आपके उसमें स्वग्रही होकर विराजमान हो रहे हैं। भाग्येश का अपनी चतुर्थ जाकर बैठना बहुत अच्छा फाइनेंशियल कंडीशन को ठीक करेगा। इस समय आपने अगर कोई काम तय समय में सोचे की मुझे काम पूरा करना है तो वो कार्य आप पूरा करके ही दम लेंगे। अधूरे पड़े हुए कार्यों की लिस्ट छोटी हो जाएगी और नए कार्यों के लिए आप। आप बना सकते हैं। इसमें अगर आप अपना खुद का कोई नया बिजनस शुरू करना चाहते हैं तो उसके लिए भी यह समय बहुत ही उपयुक्त बना हुआ है। वहीं जो युवक युवतियां नौकरी की तलाश कर रहे हैं, उनकी वो तलाश अब खत्म होती हुई दिखाई देगी और धर्म कर्म के कार्यों में भी आपकी रुचि इस बढ़ती हुई दिखाई देगी। घर में कोई धार्मिक अनुष्ठान भी हो सकता है।
अब गुरु चूंकि आपके टेंथ हाउस के स्वामी हैं स्वग्रही होकर बैठे हैं तो यदि आपको भी गुरु की महादशा चल रही है तो इस समय विदेश जाने का सपना आपका निश्चित तौर पर पूरा होगा। यदि वहां जाकर आप अपना व्यापार करना चाहते हैं या नौकरी करना चाहते हैं तो उसके लिए भी यह समय बहुत ही सपोर्टिंग आपके लिए रहने वाला है। इस समय आपको बचत योजनाओं में इनवेस्टमेंट करना चाहिए। रिस्की कामों में हाथ नहीं डालना चाहिए और आपका मैनेजमेंट इतना तगड़ा होगा कि आपके अधिकारी आपसे प्रसन्नचित होकर आपका प्रमोशन या इंक्रीमेंट आपको देते हुए दिखाई देंगे। यानि ओवरऑल गुरु के रिजल्ट आपको उस हिसाब से बहुत ही अच्छे और बेहतरीन देखने को मिलेंगे।
अब आते हैं शनि पर। शनि चूंकि आपके कर्म भाव में जाकर विराजमान हैं, कर्मेश स्वगृही होकर कर्म भाव में नामक महापुरुष योग बना रहे हैं और ये योग आपके ऊचाइयों को और बढ़ाएगा। इस समय अगर आप जुडिशरी से संबंधित कोई काम करते हैं यानी अगर आप वकालात कर रहे हैं या न्याय न्यायालय में किसी न किसी पद पर आप आसीन हैं। जज हैं तो इस समय आपकी प्रसिद्धि और अधिक बढ़ती हुई दिखाई देगी। आपके कार्य को चारों तरफ सराहा जाएगा। इस समय विद्यार्थी वर्ग अगर क्लैट की कोई परीक्षा दे रहा है तो उसका रिजल्ट आपके लिए बहुत ही फेवरेबल रहेगा। परंतु कर्म पथ पर आगे बढ़ते हुए अपने कर्म को निरंतर बढ़ाते रहें। मेहनत का फल आपको जरूर प्राप्त होगा। यह समय आपके पिता के द्वारा भी आपके लिए बहुत सपोर्टिव रहेगा।
अब शनि चूंकि आपके इलेवंथ हाउस के भी हैं तो वे लाभ भाव के स्वामी होकर अपने से बाहरवें जाकर बैठें हैं तो उसके अंदर यानी आपके कर्म भाव में जाकर विराजमान हो रहे हैं। इस समय आपके लाभ की स्थितियां हो सकती हैं तो अपने लाभ को संचित रखने के लिए आपको कुछ प्रयास अपनी तरफ से भी करने चाहिए। इस समय आपका वर्कलोड बढ़ेगा और कुछ ऐसे लोग आपके सर्कल में जुड़ेंगे जो कि आने वाले टाइम में आपको पूरा सपोर्ट आपके कार्यों में करते हुए आपको लाभ की स्थितियां दिलवाते हुए दिखाई देंगे। इस समय आपके काम में आप आगे बढ़ेंगे। अगर कोई बड़ी मशीनरी का काम है तो निश्चित रूप से आपको बड़ी सफलता उसमें देखने को मिलेगी।
शुभ तारीखे – 1 से 4 तारीख, 7 से 13 तारीख, 17 से 23 तारीख और 26 से 30 तारीख।
ध्यान देने योग्य तारीख – 5, 6, 14 से 16, 24 और 25 तारीखें।
शुभ रंग – काला, डार्क ब्ल्यू, रॉयल ब्लू कलर और भूरा |
उपाय
एक बार अनार के रस, गन्ने के रस, पंचामृत और शहद से रुद्राभिषेक भगवान शिव पर जरूर करना चाहिए।
मसूर की दाल बहते हुए जल में आपको प्रवाहित कर देनी चाहिए या फिर किसी मंदिर में जरुर दान करें।
सुन्दरकाण्ड और बजरंग बाण का पाठ इस माह आप जरूर करें।
मीठी तंदूरी रोटी का दान करने से मंगल की अशुभता दूर होती है |
शुक्रवार को मेवे से बनी बर्फी गाय को जरूर खिलाएं |