सबके लिए हो मंगलमय नव वर्ष का एक एक पल,
भविष्य स्वर्णिम और सुखद हो,
सबके लिए हो उज्ज्वल कल,
आप सभी को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।
आज हम आप सभी के सामने लेकर आये हैं मेष राशि वालो का वर्ष 2023 का वार्षिक राशिफल और ये नया साल सबके लिए नई उम्मीदें लेकर आया है। नयी प्रगति के रास्ते तय करने के लिए हम अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ रहे है। मेष राशि वालो के लिए यह वर्ष बहुत ही सुखद और बहुत ही अच्छे और स्वर्णिम अवसर इस पूरे वर्ष पर्यन्त लेकर आएगा।
अब सबसे पहले बात कर लेते हैं आपके राशि स्वामी मंगल की। चूंकि मंगल ग्रहों के सेनापति हैं, बहुत डेरिंग है और मंगल हर रिस्की काम करने के लिए उद्यत रहते हैं। कोई भी काम जो आसानी से सिंपल कोई भी आम व्यक्ति नहीं कर पाता है। मंगल जिनका स्वामी होता है वो व्यक्ति उस काम को कर गुजरता है। अब वर्ष पर्यन्त मंगल आपके वृषभ राशि से लेकर धनु राशि तक गोचर भ्रमण करेंगे और मंगल 10 मई से लेकर 1 जुलाई तक नीच की राशि कर्क में विराजमान रहेंगे। यानि आपके सुख स्थान में जाकर विराजमान रहने वाले हैं। मंगल का सुख स्थान में नीच का होकर बैठना थोडा सा इस समय आपके अग्रेशन, गुस्से को बढ़ा सकता है। थोडा सा शांति से अपने मुद्दों को सुलझाने का प्रयास करें। हालंकि आपकी पावर अगर आप सही दिशा में लगाएंगे तो इसके बेहतरीन परिणाम भी आपको देखने को मिलेंगे। मंगल चूंकि नीच के हैं तो इस समय आपको यात्रा करते समय भी सावधानी की आवश्यकता रहेगी क्योंकि वाहन दुर्घटना की संभावना है। रक्त विकार आपको हो सकते हैं। इसके प्रति आपको थोडा सा सतर्क और सावधान भी रहना है। इस समय कोई भी कार्य आप जल्दबाजी में ना करें तो आपके लिए बेहतर रहेगा।
अब मंगल 16 नवम्बर से लेकर 20 नवंबर तक वृश्चिक राशि में स्वग्रही हो जाएंगे और चूंकि मंगल अपनी ही राशि में स्वग्रही होकर आपके अष्टम भाव में जाकर बैठेंगे। इस समय आपके गुप्त धन की प्राप्ति के स्त्रोत खुलते हुए दिखाई देंगे। गुप्त शत्रु आपके इस समय समाप्त हो जायेंगे। जीवन के प्रत्येक पथ पर आप विजय की प्राप्ति करते हुए दिखाई देंगे। अपने काम को सिस्टमैटिक और मोहक ढंग से आप पूर्ण करने का प्रयास करेंगे। इस समय अधिकारियों से आपके सम्बन्ध बहुत अधिक और अच्छे होंगे। इस समय उच्च प्रशासनिक पदों पर आसीन लोगों को अपने जॉब से रिलेटेड कोई शुभ समाचार प्राप्त होते हुए दिखाई देंगे।
अब आ जाते हैं वर्ष के प्रारंभ की कुण्डली पर यानि 1 जनवरी 2023 में ग्रहों की स्थिति कैसी रहेगी।
सबसे पहले बात करें राहू की, तो राहू और चंद्र का ग्रहण योग वर्ष के प्रारंभ में देखने को मिलेगा। मंगल जो जोकि आपकी राशि स्वामी है वे अपने से एक घर आगे जाकर विराजमान होंगे तो मंगल का अपने से एक घर आगे जाकर बैठना बहुत अच्छा आपके लिए | आपको सामाजिक मान सम्मान की प्राप्ति करेंगे। आपका वर्चस्व और प्रभाव क्षेत्र इस समय बढ़ता हुआ दिखाई देगा। सूर्य बुध का बुधादित्य योग वर्ष के प्रारंभ में आपकी राशि में बन रहा है और नवम भाव में ये योग बन रहा है। पाकिस्तानी योग आपको आपके लिए बहुत अधिक भाग्यवर्धक रहेगा। वहीं शनि शष नामक महापुरूष योग बनाते हुए मकर राशि में वक्री होकर वर्ष के प्रारंभ में विराजमान रहेंगे। शुक्र के साथ इनकी युति भी एक तारीख को देखने को मिलेगी। गुरू स्वग्रही होकर मीन राशि में विराजमान है और केतु आपके सप्तम भाव में तुला राशि में सम जो उनकी राशि है उसमें विराजमान रहेंगे तो ये वर्ष के प्रारंभ की कुण्डली है। अब वर्ष की शुरुआत में ही एक सबसे बड़ा राशि परिवर्तन होने जा रहा है जोकि शनि का राशि परिवर्तन करके हमारी कुण्डली के अन्दर शनि, गुरू और राहू का प्रभाव हमारे जीवन पर बहुत अधिक रहता है क्यों क्योंकि ये ग्रह बहुत लंबे समय तक एक ही स्थान में विराजमान रहते हैं और बहुत धीमी गति से चलते हैं। शनि की धीमी गति होती है। इसीलिए वो करीबन ढ़ाई वर्ष तक एक स्थान में विराजमान रहते हैं और वर्ष के प्रारंभ में तो शनि मकर राशि में वक्री होकर विराजमान थे, पर 17 जनवरी को शनि राशि परिवर्तन करते हुए मकर से कुम्भ राशि में प्रवेश कर जायेंगे और मार्गी हो जायेंगे। कुंभ राशि शनि की मूल त्रिकोण की राशि है और वहां जाकर शनि आपके लाभ में वृद्धि करेंगे। अब 17 जनवरी वर्ष 2023 को कुम्भ में प्रवेश करेंगे और 29 मार्च वर्ष 2025 तक शनि कुम्भ राशि में ही विराजमान रहने वाले हैं। अब मेष राशि वालो को ना तो शनि की साढ़ेसाती है न शनि की ढैया है तो वैसे भी शनि की अगर साढ़े साती या ढैया हो तो थोड़े से रिजल्ट डिफरेंट देखने को मिलते हैं। कुछ कठिनाइयाँ भी हमारे कर्म पथ पर आती है। हमारे जीवन में हम कई समस्याओं का सामना करते हैं परन्तु राशिवाले तो वैसे ही रिलैक्स हो जाएँ क्योंकि उनकी राशि में ना तो उनको ढैया है न ही साती की स्थिति है।
अब शनि जब कुम्भ राशि में जाकर बैठेंगे तो वे अपनी तृतीय दृस्टि से आपके लग्न पर दृष्टिपात करेंगें। यानि लग्न को देखेंगे। उसके बाद में इनकी शनि की सप्तम दृष्टि आपके पंचम भाव पर पड़ेगी और दशम दृष्टि आपके अष्टम भाव पर पड़ने वाली है। शनि की ये जो दृष्टियां होती है आप सभी जानते हैं कि शनि की दृष्टियां अच्छी नहीं होती है और शनि जहाँ बैठते हैं उस स्थान को बढ़ाते हैं तो सबसे पहले तो लाभ की स्थितियों को शनि वर्ष पर्यन्त आपके बनाए रखेंगे। उत्तरोत्तर उसमे वृद्धि होगी | इस समय आपको कोई आकस्मिक कोई आपने इन्वेस्टमेंट किया और जल्दी से आप लाभ प्राप्त करना चाहते हैं तो उसके भी आपको बहुत अच्छे और सफलतादायक परिणाम अपने जीवन में देखने को मिलेंगे। कोई भी इन्वेस्टमेंट करें थोड़ा सा सोच समझ कर अगर सिस्टमैटिक ढंग से आप कोई इन्वेस्टमेंट करेंगे तो उसमें भी आपको लाभ प्राप्त होगा। परन्तु शनि की दृष्टियाँ चूंकि अच्छी नहीं होती इसीलिए थोड़ा सा अपने पर्सनैलिटी के भाव पर शनि दृष्टि डाल रहें हैं तो इस समय आपको अपने अग्रेशन गुस्से पर कंट्रोल करना पड़ेगा क्यूंकि शनि व्यक्ति को थोड़ा सा स्ट्रेट फॉरवर्ड बनाता है। आपकी राशि स्वामी भी मंगल हैं तो मंगल और शनि का संयुक्त प्रभाव आपको और ज्यादा डेयरिंग थोड़ा सा अग्रेसिव बना सकता है। इसीलिए इस समय आपको शांति से और धैर्य से अपने मुद्दों को सुलझाना है क्योंकि अगर आपने जल्दबाजी की, क्रोध और आवेश में कोई भी काम किया तो निश्चित रूप से बने बनाये काम आपके बिगड़ सकते हैं।
शनि की सप्तम दृष्टि चूंकि आपके पंचम भाव पर पड़ रही है इसलिए मेष राशि वाले स्टूडेंट्स को कहना चाहेंगे कि इस समय पढ़ाई में डिस्ट्रक्शन आपका नहीं होना चाहिए। जितना इमानदारी से आप अपनी पढ़ाई को करेंगे उतनी ही इमानदारी से आपको उसके परिणाम भी प्राप्त होंगे। इसीलिए इस समय अपनी पढ़ाई पर पूरा कॉन्सन्ट्रेशन बनाये रखें। थोड़ा सा डिस्ट्रैक्शन इस समय हो सकता आपका मन भ्रमित हो सकता है। दूसरी चीज़ों की तरफ आपका ध्यान अधिक केन्द्रित रहेगा। इसीलिए ये समय आपके लिए बहुत ज्यादा आवश्यक है कि आप पढ़ाई में मेहनत करके अपनी पढ़ाई पर विशेष रूप से ध्यान दें। साथ ही गर्भवती महिलाएं अगर हैं तो उनको भी इस साल थोड़ा सा ध्यान देने की आवश्यकता है। हालाँकि हम यह नहीं कह रहें हैं की आपको संतान की प्राप्ति नहीं होगी। संतान प्राप्ति होगी पर शनि की सप्तम दृष्टि आपके पंचम भाव पर पड़ रही है। इसीलिए मिसकैरेज के चांसेज रह सकते हैं। लापरवाही आपको बिल्कुल नहीं करनी है। अपने स्वास्थ्य का विशेष रूप से और खान पान का विशेष रूप से ध्यान रखने की आवश्यकता रहेगी। वहीं शनि की दशम दृष्टि आपके अष्टम भाव पर पड़ रही है। अब ये अष्टम स्थान का कारक ग्रह शनि है और शनि अपने स्थान पर दृष्टिपात करें तो अष्टम भाव को ठीक करेगा। वैसे भी सिक्स्थ, ऐठथ और ट्वेल्थ हाउस अच्छे नहीं माने जाते और अगर किसी क्रूर ग्रह की दृष्टि उन पर पड़ रही है तो उन स्थानों को वो थोडा ठीक ही करते तो डेली रूटीन की लाइफ आपके इस समय ठीक होती हुई दिखाई देगी। इस समय आपके गुप्त शत्रु समाप्त हो जायेंगे। कोई अटका हुआ पैसा अगर आपका है तो वो पैसा आपको वापस मिल जाएगा। ऋण से आपको मुक्ति मिलेगी। इस समय फाइनेंशियल कंडीशन आपकी इम्प्रूव होती हुई दिखाई देगी और बहुत मैनेज तरीके से आप अपने कार्यों को पूर्ण करने का प्रयास करेंगे उसमे काफी हद तक आप सफलता भी हासिल करेंगे।
अब आते 21 अप्रेल पर क्यूंकि गुरु का राशि परिवर्तन 21 अप्रैल को होने जा रहा है। गुरु आपके भाग्य स्थान और द्वादश भाव के स्वामी हैं और द्वादश भाव में वर्ष के प्रारंभ में वे स्वग्रही होकर विराजमान हैं। 21 अप्रैल तक गुरु आपके ट्वेल्थ हाउस में बैठे हैं तो अप्रैल तक की जो सिचुएशन है उसमें आपको विदेशों से बहुत अच्छा लाभ प्राप्त होगा। अगर विदेशी कंपनियों के साथ मिलकर आप कोई काम करना चाहते हैं, व्यापार करना चाहते हैं तो उसमें भी आपको लाभ की प्राप्ति होगी। मैनेजमेंट के फील्ड से जुड़े हुए लोगों को प्रमोशन इंक्रीमेंट मिलने के चांसेस बनेंगे। सामाजिक मान सम्मान में इस समय वृद्धि होगी। गुरू अध्यात्म के देवता माने गए हैं तो आध्यात्मिक कार्यों पर इस समय आपका खर्च होता हुआ दिखाई देगा। फिर जब 21 अप्रैल से पहले गुरु आपके ट्वेल्थ हाउस में बैठेंगे तो गुरु की पंचम दृष्टि आपके सुख स्थान पर पड़ेगी जो कि आपके सुखों में वृद्धि करेगी। इससे पहले आप कोई भी प्रोपर्टी का लेन देन का कार्य करना चाहें तो वो आपका हो जाएगा। नए घर का सपना आपका पूरा होगा। फाइनेंशियल कंडीशन आपकी इस समय इम्प्रूव होती हुई दिखाई देगी। वहीं गुरु की सप्तम दृष्टि आपके रोग भाव पर पड़ेगी जो कि आपके रोगों में फायदा आपको दिलवाएगी और गुरु की नवम दृष्टि आपके अष्टम भाव पर पड़ेगी जो कि आपके रोजमर्रा की रूटीन लाइफ को बैलेंस करती हुई दिखाई देगी। 21 अप्रैल को जब गुरु आपकी राशि में आ जाएंगे, गुरु आपकी राशि में आकर बहुत अच्छे परिणाम आपको देंगे।
परन्तु इस समय राहू आलरेडी आपकी राशि में बैठा है और गुरु राहू के साथ में आकर बैठेंगे। हालांकि गुरू अपने से एक घर आगे जाकर बैठेगा। भाग्येश अपने से पंचम जाकर बैठेंगे तो गुरु का अपने से पंचम भाग्येश का अपने अपने से पंचम जाकर बैठना और ट्वेल्थ हाउस के लार्ड का अपने से एक घर आगे जाकर बैठना बहुत अच्छा पर, चूंकि राहु के साथ में युति है तो गुरू राहू का चांडाल योग भी आपको इस साल देखने को मिलेगा और ये योग आपका 21 अप्रैल से लेकर 30 अक्टूबर तक रहेगा। जब तक राहू अपना राशि परिवर्तन नहीं करते हैं तब तक ये योग आपको देखने को मिलेगा और शनि की तीसरी दृष्टि भी इस योग पर पड़ेगी। आपके लग्न पर पड़ेगी , गुरू पर पड़ेगी और राहू पर पड़ेगी तो ये जो टाइम पीरियड है ये आपको मिक्स रिजल्ट देने वाला है। हालांकि गुरू जब भी केंद्र में बैठते हैं तो वो बहुत अच्छे रिजल्ट देता है। लग्न में गुरु के रिजल्ट और भी अच्छे और बेस्ट मिलते हैं। पर चूंकि राहू के साथ में चांडाल योग है, शनि की तीसरी दृष्टि पड़ रही है इसलिए वो परिणाम आपको नहीं मिलेंगे जो आपको गुरु के मिलने चाहिए तो इस समय आपको कर्मप्रधान बनना है। कोई भी काम जल्दबाजी में ना करना है। भ्रम की स्थितियों से बाहर निकलें। कोई भी कार्य में डरने की आवश्यकता नहीं है। कॉन्फिडेंस लेवल आपको इस समय बनाए रखना है, भ्रमित नहीं होना है। किसी की बातों में आपको नहीं आना है। जल्दी से किसी पर भरोसा नहीं करना है। कोई अजनबी आपको आकर कहता है कोई बड़ा प्रपोजल अगर आपको आपकी प्रोफेशनल लाइफ में मिलता है तो जल्दी से आपको फैसला नहीं लेना है। पहले उसके बारे में पूरी जांच पड़ताल कर ले। उसके बाद ही किसी नतीजे पर पहुंचे। गुरु की दृष्टियाँ बहुत मंगलकारी होती है और जब वे आपके लग्न में यानी आपकी राशि में आ जाएंगे। चूंकि ये जो आपको राशिफल दें रहें हैं वो लग्न और राशि दोनों के अकॉर्डिंग है। यानि आपकी राशि और लग्न दोनों पर समान रूप से प्रभावशाली है। इसीलिए आपको लग्न भी कभी कभी बोल रहें हैं राशि भी कभी कभी बोल रहें हैं तो आप दोनों के हिसाब से इस राशिफल को देख सकते हैं। अब गुरु जब आपकी राशि में आएंगे तो गुरु की दृष्टियाँ बहुत अच्छी होती हैं तो गुरु की पंचम दृष्टि आपके पंचम भाव पर, गुरु की सप्तम दृष्टि आपके सप्तम भाव पर और नवम दृष्टि आपके भाग्य स्थान पर पड़ेगी तो शानदार परिणाम इन तीनों स्थानों के भी आपको देखने को मिलेंगे। विद्यार्थी वर्ग के लिए यह समय बहुत अच्छा रहेगा परंतु शनि की दृष्टि के साथ, गुरु की दृष्टि पड़ रही है तो थोड़ा सा प्रयासों में तेजी लाएं। तो चूंकि शनि की दृष्टि अच्छी नहीं, गुरु की दृष्टि अच्छी तो ये थोड़ा सा बैलेंस भी कर रही है तो दिक्क़तें बहुत अधिक नहीं आएगी। परंतु हां आपने अगर लापरवाही की आपने अपना डिस्ट्रक्शन कहीं और लगाया, आपका ध्यान कई दूसरी चीजों की तरफ गया तो निश्चित रूप से शनि की दृष्टि गुरु की दृष्टि पर हावी हो जाएगी। इसीलिए आपको अपने कर्तव्य का पालन करना है यानि पढ़ाई आपका कर्म हैं आपको पहले अपने लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए उसकी तरफ आगे बढ़ना है।
लव रिलेशनशिप
जो लव रिलेशनशिप में है उनके लिए ये समय बहुत ही अच्छा रहेगा। हालाँकि विरोध आपको अपने पारिवारिक सदस्यों का कभी कभी झेलना पड़ेगा। पर आपको अपने घरवालों को अपने विवाह के लिए अपने इस प्रेम के लिए स्वीकृति दिलवा ही देंगे। वहीं इस समय दाम्पत्य जीवन से जुड़े हुए जो भी आपके मतभेद हैं वो खत्म हो जाएंगे। दाम्पत्य जीवन और अधिक सुखमय बनेगा। अगर आप अविवाहित हैं तो वर्ष 2023 में आपके विवाह का सपना जरुर पूरा हो जाएगा तो जो युवक युवतियां अपनी शादी के लिए प्रयास कर रहे हैं उनके लिए ये साल बहुत ही अच्छा रहने वाला है। आपके विवाह की परिणिति हो जाएगी और दाम्पत्य जीवन का आप भरपूर सुख प्राप्त करेंगे एवं इस समय आपको अपने लाइफ पार्टनर से अच्छा लाभ भी प्राप्त होगा। यदि आप दोनों वर्किंग हैं, अच्छा काम साथ में करें तो आपको अपने लाइफ पार्टनर के अपने जीवन में आने से आपका भाग्योदय होता हुआ दिखाई देगा।
अब गुरु की दृष्टि अपने ही स्थान पर पड़ रही है। यानि भाग्य स्थान पर पढ़ रही है शानदार ये समय आपके लिए रहने वाला है। विदेश यात्रा का सपना तो आपका पूरा हो जाएगा। छोटी छोटी कई विदेश यात्राएं आपस में करते हुए दिखाई देंगे | इस समय आपके जीवन में मांगलिक कार्यक्रमों की रूपरेखा बहुत बनेगी। मांगलिक कार्य बहुत संपन्न इस साल आपके होते हुए दिखाई देंगे। मानव सेवा जैसे कार्यों में संलग्न रहेंगे। आप धर्म, कर्म जैसे कार्यो में आपकी रूचि बढ़ती हुई दिखाई देगी और उस वजह से आपका सामाजिक मान सम्मान भी बढ़ेगा। वहीं जो उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थी हैं जो स्टूडेंट हैं उनके लिए यह समय बहुत ही शानदार रहने वाला है। अगर आप आउट ऑफ इंडिया जाकर अपनी पढ़ाई को आगे बढ़ाना चाहते हैं। कोई विशेष डिग्री लेना चाहते हैं |
तो उसके लिए भी ये समय आपके लिए बहुत ही अनुकूल और लाभदायक परिस्थितियां उत्पन्न करेगा और इस साल आपका यह सपना पूरा हो जाएगा। अब ये तो हुई गुरु की बात। गुरु राहु का चांडाल योग भी हमने आपको बताया की ये 30 अक्टूबर तक बनने वाला है क्यूंकि 30 अक्टूबर को राहू चेंज हो जाएंगे। तब ये योग खत्म हो जाएगा और उसके बाद आपको यानि जो नवंबर और दिसंबर का माह है उस समय आपको गुरू के बैटर बेस्ट परिणाम देखने को मिलेंगे। सबसे बेहतरीन परिणाम आपको उस समय गुरू के देखने को मिलेंगे। चूंकि ये चंडाल योग खत्म हो जाएगा। अब राहू इस समय आपकी राशि में बैठा है और ये साल राहु के हिसाब से आपके लिए अच्छा नहीं था। अनायास भय होना हर काम को करने से पहले नर्वसनेस, एंग्जाइटी की पता नहीं मैं काम कर पाऊंगा या नहीं, ये काम उसे होगा या नहीं। एक डर आपके अंदर जो था अब वो डर खत्म हो जाएगा। आप बहुत रिलैक्स हो जाएंगे क्योंकि राहू 30 अक्टूबर को आपके ट्वेल्थ हाउस में चले जाएंगे। दूर चले जाएंगे और राहू के रिजल्ट अच्छे मिलते हैं। धर्म कर्म के कार्यों में वे खर्च करवाएंगे और ऐसे ऐसे कार्यों में कौन व्यक्ति खर्च नहीं करना चाहता? यात्राएं करवाएंगे परंतु यात्रा आपके लिए सुखद मंगलमयी होगी। शुभ उद्देश्य से आपकी यात्रा संपन्न होगी तो ये साल का मोटा मोटा हमने आपको बताया। मेष राशि वालों का कि ये वर्ष 2 हज़ार 23 आपके लिए कैसा जाने वाला है। अब हम आपको ये जो राशिफल दे रहा हूँ ये गोचर की स्थितियों के आधार पर दे रहा हूँ। आज की जो चलित कुण्डली बनती है उसमें ग्रहों की स्थितियां बदलती हैं। उसके आधार पर ये राशिफल हमारे द्वारा दिया जा रहा है। पर आप जानना चाहते हैं कि आपके जन्म कुण्डली और गोचर को मिलाकर वर्ष 2023 कैसा रहेगा क्योंकि आपकी जो पर्सनल जन्म कुण्डली है उसका प्रभाव आपके जीवन पर सबसे अधिक देखने को मिलता है।
उपाय
आपकी राशि स्वामी है मंगल तो आपको हनुमान जी की पूजा आराधना जरूर करनी चाहिए।
रोजाना आप हनुमान चालीसा का पाठ करके अपने घर से बाहर निकलें और जब भी हनुमान चालीसा का पाठ शुरू करें उससे पहले जय श्री राम आपको 11 बार बोल के उसके बाद ये पाठ करना है क्योंकि हनुमान जी जब तभी प्रसन्न होते हैं जब उनके प्रभु श्री राम का नाम उनसे पहले लिया जाता है तो ये जरुर करें।
इसके अलावा मंगलवार के दिन हनुमान जी को रोट चढ़ायें उसमें गुड़ डालें और वो प्रसाद हनुमान जी को चढ़ाकर मंदिर में वो प्रसाद बांट ले। थोड़ा प्रशाद खुद भी ग्रहण करें।
इसके अलावा चूंकि शनि की दृष्टि अच्छी नहीं होती है, इसीलिए आपको शनि के दान जरूर करने चाहिए। एक काम आप जरुर करें।
पीपल के वृक्ष के नीचे सरसों के तेल का दीपक शनिवार से शनिवार आपको जरुर जलाना चाहिए। अगर आप ये काम मंगलवार को भी कर सकें तो बहुत ही अच्छा इससे शनि की दृष्टि अशांत होगी और बेहतर रिजल्ट मिलेंगे।
इसके अलावा आपको अपने घर के आस पास स्वच्छता का ध्यान रखना अपनी पर्सनल हाइजीन का ध्यान रखना है। चूंकि गुरु और राहू का चांडाल योग बन रहा है, इसीलिए गुरू और राहू चांडाल योग निवारण यंत्र को अपने पूजा कक्ष में स्थापित करें।
सूर्यास्त के पश्चात राहू के बीज मंत्र का जाप आपको जरुर करना चाहिए और चूंकि राहू के दोष को बुध दूर करते हैं, इसीलिए गणेश जी की पूजा आराधना जरुर करें।
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