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जानिए कैसे हुए शिव जी के 108 नामों की उत्पत्ति एवं नाम जपने के लाभ -108 names of Lord Shiva

जानिए कैसे हुए शिव जी के 108 नामों की उत्पत्ति एवं नाम जपने के लाभ – 108 names of Lord Shiva

108 names of Lord Shiva गुरु माँ निधि जी श्रीमाली ने बताया है की भगवान शिव   जिन्हें महादेव या भोलेनाथ के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म के प्रमुख देवताओं में से एक हैं। भगवान शिव अपनी अपार शक्तियों के लिए ब्रह्मांड में जाने जाते हैं। भोलेनाथ अपने भक्तों के बीच कई नामों से प्रसिद्ध है। गुरु माँ निधि जी श्रीमाली के अनुसार शिव को ब्रह्मांड में संहारक और पुनर्स्थापक दोनों के रूप में जाना जाता है। भगवान शिव को समर्पित बड़ी संख्या में हिंदू मंदिर पूरे भारत में स्थित हैं। भगवान से आशीर्वाद लेने के लिए दूर-दूर से भक्त इन मंदिरों में आते हैं। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान शिव के अलग-अलग 108 नाम हैं।  भगवान शिव के 108 नाम, मनोकामना पूर्ति के लिए सावन में इनका जप जरूर करें इनका जाप करने से भोलेनाथ की कृपा मिलती है। भक्त को सुख मिलता है और कष्ट दूर होते हैं। सावन में शिवजी के 108 नामों का जाप बेहद फलदायी माना गया है। 108 names of Lord Shiva

भगवान शिव के 108 नाम   

ॐ भोलेनाथ नमः, ॐ कैलाश पति नमः ,ॐ भूतनाथ नमः ,ॐ नंदराज नमः , ॐ नन्दी की सवारी नमः ,ॐ ज्योतिलिंग नमः ,ॐ महाकाल नमः ,ॐ रुद्रनाथ नमः ,ॐ भीमशंकर नमः ,ॐ नटराज नमः ,ॐ प्रलेयन्कार नमः ,ॐ चंद्रमोली नमः ॐ डमरूधारी नमः ॐ चंद्रधारी नमः ॐ मलिकार्जुन नमः ॐ भीमेश्वर नमः ॐ विषधारी नमः ॐ बम भोले नमः ॐ ओंकार स्वामी नमः ॐ ओंकारेश्वर नमः ॐ शंकर त्रिशूलधारी नमः ॐ विश्वनाथ नमः ॐ अनादिदेव नमः ॐ उमापति नमः ॐ गोरापति नमः ॐ गणपिता नमः ॐ भोले बाबा नमः ॐ शिवजी नमः ॐ शम्भु नमः ॐ नीलकंठ नमः ॐ महाकालेश्वर नमः ॐ त्रिपुरारी नमः ॐ त्रिलोकनाथ नमः ॐ त्रिनेत्रधारी नमः ॐ बर्फानी बाबा नमः ॐ जगतपिता नमः ॐ मृत्युन्जन नमः ॐ नागधारी नमः ॐ रामेश्वर नमः ॐ लंकेश्वर नमः ॐ अमरनाथ नमः ॐ केदारनाथ नमः ॐ मंगलेश्वर नमः ॐ अर्धनारीश्वर नमः ॐ नागार्जुन नमः ॐ जटाधारी नमः ॐ नीलेश्वर नमः ॐ गलसर्पमाला नमः ॐ दीनानाथ नमः ॐ सोमनाथ नमः ॐ जोगी नमः ॐ भंडारी बाबा नमः ॐ बमलेहरी नमः ॐ गोरीशंकर नमः ॐ शिवाकांत नमः ॐ महेश्वराए नमः ॐ महेश नमः ॐ ओलोकानाथ नमः ॐ आदिनाथ नमः ॐ देवदेवेश्वर नमः ॐ प्राणनाथ नमः ॐ शिवम् नमः ॐ महादानी नमः ॐ शिवदानी नमः ॐ संकटहारी नमः ॐ महेश्वर नमः ॐ रुंडमालाधारी नमः ॐ जगपालनकर्ता नमः ॐ पशुपति नमः ॐ संगमेश्वर नमः ॐ दक्षेश्वर नमः ॐ घ्रेनश्वर नमः ॐ मणिमहेश नमः ॐ अनादी नमः ॐ अमर नमः ॐ आशुतोष महाराज नमः ॐ विलवकेश्वर नमः ॐ अचलेश्वर नमः ॐ अभयंकर नमः ॐ पातालेश्वर नमः ॐ धूधेश्वर नमः ॐ सर्पधारी नमः ॐ त्रिलोकिनरेश नमः ॐ हठ योगी नमः ॐ विश्लेश्वर नमः ॐ नागाधिराज नमः ॐ सर्वेश्वर नमः ॐ उमाकांत नमः ॐ बाबा चंद्रेश्वर नमः ॐ त्रिकालदर्शी नमः ॐ त्रिलोकी स्वामी नमः ॐ महादेव नमः ॐ गढ़शंकर नमः ॐ मुक्तेश्वर नमः ॐ नटेषर नमः ॐ गिरजापति नमः ॐ भद्रेश्वर नमः ॐ त्रिपुनाशक नमः ॐ निर्जेश्वर नमः ॐ किरातेश्वर नमः ॐ जागेश्वर नमः ॐ अबधूतपति नमः ॐ भीलपति नमः ॐ जितनाथ नमः ॐ वृषेश्वर नमः ॐ भूतेश्वर नमः ॐ बैजूनाथ नमः ॐ नागेश्वर नमः 108 names of Lord Shiva

कैसे हुए शिव जी के 108 नामों की उत्पत्ति

 गुरु माँ निधि जी श्रीमाली के अनुसार, जब भगवान विष्णु क्षीरसागर में योग निद्रा में थे जब उनकी नाभि से एक कमलयुक्त परमपिता ब्रह्मा की उत्पत्ति हुई। इसके बाद कई वर्षों तक ब्रह्मा जी विष्णु जी के जागने की प्रतीक्षा करने लगे। एक दिन भगवान शिव अग्निमय ज्योतिर्लिंग के रूप में परमपिता के साथ प्रकट हुए तो ब्रह्मा जी ने उन्हें नमस्कार नहीं किया। लेकिन तभी भगवान विष्णु जाग गए हैं और उन्हें प्रणाम किया। तब परमपिता को भगवान शिव के प्रताप से अवगत हुए। इसके बाद उन्होंने अपनी भूल मानी और शिव जी से क्षमा मांगी। इसके बाद भगवान शिव ने उन्हें सृष्टि के रचना का कार्यभार दिया और विष्णु जी को संसार के संचार करने को कहा। इस बात पर भगवान विष्णु ने कहा कि सृष्टि का नाश भी जरूरी है। तब भगवान शिव से खुद के ऊपर ये कार्यभार लेने का निर्णय लिया। ऐसे में भगवान ब्रह्मा ने शिवजी से कहा कि सृष्टि के आरंभ के पूर्व ही वह उन्हीं से उत्पन्न हो। 108 names of Lord Shiva

इस वार्तालाप के बाद ब्रह्मा और विष्णु जी तप में लीन हो गए। तप करने के बाद ब्रह्मदेव सृष्टि की रचना का संकल्प लिया। तभी वरदान के अनुसार उनके शरीर से भगवान शिव बालक के रूप में उत्पन्न हुए। जन्म लेते ही वह खूब जोर से रोने लगे। इस पर ब्रह्मा जी ने उनसे पूछा कि आखिर वह क्यों रो रहे हैं? तब बाल स्वरूप भगवान शिव ने कहा कि उनका कोई नाम नहीं है। तब ब्रह्मा जी ने उन्हें ‘रुद्र’ नाम दिया। लेकिन उनका रोना फिर भी नहीं रुका। तब ब्रह्मदेव ने उन्हें शर्व, भव, उग्र, पशुपति,ईशान और महादेव नाम दिया। लेकिन फिर भी बालक का रुदन नहीं रुका। इसके बाद ब्रह्मदेव ने 108 नामों से उनकी स्तुति की तब जाकर वह शांत हुए। तब से ये 108 नाम सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है। 108 names of Lord Shiva

भगवान शिव के 108 नामों को जपने का  तरीका

इन नामों का जाप कभी भी स्थिर मन से किया जा सकता है। इसे सुबह साफ कपड़े और शांत मन से करना सबसे अच्छा होता है। आप 108 नामों का जाप करके शिवलिंग का अभिषेक भी कर सकते हैं। यह भी बेहद फायदेमंद होगा। आप हर हर महादेव भी कह सकते हैं। श्रावण मास भगवान शिव को समर्पित होता है। नाम जप के लिए सोमवार भी अनुकूल रहता है। इसके साथ महाशिवरात्रि के दिन इन नामों को जपना बेहतर परिणाम देने वाला होता है। 108 names of Lord Shiva

भोलेनाथ के 108 नाम जपने के लाभ 

  • भोलेनाथ के 108 नाम जाप से उनका प्रेम और आशीर्वाद प्राप्त होता है। जिससे साधक अपनी कामना की पूर्ति करके जीवन में सफलता-सुख-शांति प्राप्त करता है। 
  • भगवान शिव के प्रिय वार सोमवार को रुद्राक्ष की माला से उनके 108 नाम का जप करने से सुख, अपार धन, संपदा, अखंड सौभाग्य और प्रसन्नता में वृद्धि होती है। 
  •  भगवान शिव के १०८ नाम का जाप शक्ति और ऊर्जा को वर्धित कर सकता है। यह आपको अधिक सक्रिय, दृढ़ और स्वस्थ बना सकता है।
  •  नाम जाप से मानसिक तनाव को कम करने में मदद मिल सकती है। इससे आपका मन शांत, स्थिर और समझदार रहता है।
  •   भगवान शिव के नामों का जाप आध्यात्मिक प्रगति को प्रोत्साहित कर सकता है। यह आपके अंतरंग अनुभवों को समृद्ध कर सकता है।
  •  भगवान शिव के नामों का जाप आपके शारीरिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद कर सकता है और विभिन्न रोगों का निवारण कर सकता है।
  •  भगवान शिव के नाम जप से आप अपने जीवन के कष्टों से मुक्ति प्राप्त कर सकते हैं और स्थितियों को आसानी से सामना कर सकते हैं। 108 names of Lord Shiva

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इस साल अधिकमास होने के कारण श्रावण मास 2 महीने तक रहेगा अर्थात भगवान् शिव की भक्ति के लिए अधिक समय मिलेगा 19 साल बाद ऐसा संयोग बनने से श्रावण मास का महत्व ओर अधिक बढ़ गया हर साल की तरह इस साल भी हमारे संस्थान में महारुद्राभिषेक का आयोजन किया जा रहा है अगर आप भी भगवान् शिव की कृपा पाना चाहते है तो इस महारुद्राभिषेक में हिस्सा लेकर अपने नाम से रुद्राभिषेक करवाए यह रुद्राभिषेक गुरु माँ निधि जी श्रीमाली एवं हमारे अनुभवी पंडितो द्वारा विधि विधान से एवं उचित मंत्रो उच्चारण के साथ सम्पन्न होगा आज ही रुद्राभिषेक में हिस्सा लेकर भगवान् शिव का विशेष आशीर्वाद प्राप्त करे एवं किसी भी अन्य दिन किसी भी प्रकार की पूजा , जाप एवं भगवान् शिव के महामृत्युंजय का जाप करवाना चाहते है तो हमारे संस्थान में संपर्क करे
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