Astro Gyaan|Astrology Tips|Featured, Astro Gyaan, Astro Gyaan|Astrology Tips|Featured|Jeevan Mantra, Astro Gyaan|Astrology Tips|Featured|Jeevan Mantra|jems and stone|Numerology|Palm Reading

1 मई 2023 मोहिनी एकादशी Hindi blog | Mohini Ekadashi ki Vrat Katha aur Mahatva | Mohini Gyaras

1 मई 2023 मोहिनी एकादशी Hindi blog

ज्योतिष एक विज्ञान है और इसे गहराई से समझा जाए तो जीवन में बदलाव संभव है। तो आइये हम करेंगे आपकी हर समस्या का समाधान आप सभी को मोहिनी एकादशी की हार्दिक शुभकामनाये। बैसाख मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोहिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। सृष्टि को असुरों से बचाने के लिए भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप धारण किया था। इसीलिए इस एकादशी को हम मोहिनी एकादशी के नाम से जानते हैं। यह एकादशी समस्त पाप और दुखों का नाश करने वाली और सौभाग्य और धन का आशीर्वाद देने के लिए जानी जाती है। इस एकादशी के दिन जो भक्त भगवान विष्णु की पूजा आराधना कर भगवान विष्णु के मोहिनी रूप का ध्यान करता है, उसे वैकुण्ठ में स्थान प्राप्त होता है। इस साल ये मोहिनी एकादशी 1 मई को आने वाली है। इस एकादशी का इतना माहात्म्य है कि इस एकादशी के बारे में भगवान श्री कृष्ण ने धर्मराज युधिष्ठिर को बताया था और इसकी एक विशेष कथा भी है। सरस्वती नदी के किनारे बहुत सालों पूर्व भद्रावती नामक नगरी में एक द्युतिमान नामक चंद्रवंशी राजा राज करता था और वह धन धान्य से संपन्न् और पुण्यवान धनपाल नामक वैश्य भी उसी राज्य में रहता था। वह अत्यंत दयालु और भगवान विष्णु का भक्त था। उसने नगर में भोजनशाला प्याऊ, कुएँ, सरोवर, धर्मशालाएं बनाई थी। सड़कों पर आम जामुन, नीम आदि के वृक्ष भी लगवाए थे। उसके पाँच पुत्र थे। सुमना, सदबुद्धि, मेधावी सुकृति और द्रव्य बुद्धि पाँचवा पुत्र धृष्ट बुद्धि महापापी था। वह पितरों में नहीं मानता था। वेश्याओं दुराचारी मनुष्यों की संगति में रहता था, परायी स्त्री का भोग विलास करता था। जुआ खेलता था, मांस मदिरा का सेवन करता था और अनेक प्रकार के कुकर्मों से वह अपने पिता के धन को नष्ट करता जा रहा था। इन्हीं कारणों का कारणों से पिता ने त्रस्त होकर एक बार उसे घर से बाहर निकाल दिया। घर से बाहर निकलने के बाद में वह कपड़े और गहने बेचकर अपना जीवन यापन करने लगा। जब उसके पास कपड़े और गहने भी नहीं बचे तो वो चोरी, लूटपाट और डकैती करने लगा। इससे राजा ने उसे कई बार कारावास में डाला और राजा ने उसके पिता की तरफ देखकर उसे बार बार क्षमा भी किया, परंतु वह अपनी आदतों से लाचार था और वह अपने कुकर्मों को नहीं छोड़ रहा था। तब राजा ने त्रस्त होकर वैश्या पुत्र को नगर से बाहर निकाल फेंका। फिर वह जंगल में रहने लगा। वहां पर वो बिल्कुल अकेला रहने लगा और जानवरों को मार मार कर वह खाने लगा और धीरे धीरे अपने जीवन से त्रस्त हो गया और वह धीरे धीरे अपने जीवन यापन के लिए पशु पक्षियों को मारता गया। उसके मन में कुछ घृणा के भाव आने लगे कि में बिल्कुल अकेला हूं। मेरा परिवार मेरे साथ नहीं है। मैं अपनी नगरी से बाहर निकल चुका हूं। और मेरे पास कुछ भी नहीं है। एक यह विचार करता हुआ वहां कौण्डिल्य ऋषि के आश्रम में जा पहुंचा। उस समय वैशाख मास चल रहा था और कौण्डिल्य ऋषि गंगा स्नान कर कर आ रहे थे। उन गंगा की बूंदों का उसके शरीर पर दृष्ट बुध्दी के शरीर पर वह होने लगी और उसे सद्बुद्धि आ गई। वह हाथ जोड़कर ऋषि के सामने खड़ा हो गया और उसने पूछा हे मुनि! मैंने अपने जीवन में बहुत पाप किये है और मैं अब इन पापों से मुक्ति प्राप्त करना चाहता हूं। आप के पास क्या मेरे इन पापों का कोई उपाय है जिससे मैं इन पापों से मुक्ति प्राप्त कर सकूं। कौण्डिल्य ऋषि को उस पर दया आ गई और उन्होंने उसे मोहिनी एकादशी के व्रत के बारे में बताया। उसके बाद उस दृष्ट बुध्दि ने मोहिनी एकादशी का व्रत रखा और भगवान विष्णु की भक्ति करने लगा। अंत में उसके पापों का शमन हुआ और वह विष्णु लोक को प्राप्त हुआ। तो ये कथा कहने और सुनने मात्र से और मोहिनी एकादशी के व्रत मात्र से हजार गोदान के बराबर पुण्य फल की प्राप्ति होती है। इसीलिए मोहिनी एकादशी का व्रत प्रत्येक विष्णु भक्त को और प्रत्येक व्यक्ति को जरूर करना चाहिए।

उपाय

  • मोहिनी एकादशी के दिन सभी कार्यो से निवृत्त होकर स्नान आदि कर ले। उसके बाद भगवान विष्णु की विधि विधान से पूजा आराधना जरुर करें |
  • श्रीमद् भगवत कथा का पाठ जरूर करें। इससे आपको शुभ फलों की प्राप्ति होगी।
  • मोहिनी एकादशी के दिन दूध में थोडा सा केसर डाल कर भगवान विष्णु पर अभिषेक भी करना चाहिए। इससे सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है।
  • इस दिन भगवान विष्णु और माँ लक्ष्मी को खीर का नैवेद्य जरूर चढ़ाएं और उसमें तुलसी पत्र जरूर डालें। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि तुलसी की पत्ती आप एक दिन पहले ही तोड़ लें। यानि एकादशी की तिथि शुरू होने के पश्चात तुलसी को तोड़ना वर्जित माना जाता है।
  • भगवान विष्णु को पीले रंग के फूलों के अलावा वस्त्र भी अर्जित अर्पित करें। इससे आपके घर में सुख शांति बनी रहेगी।
  • मोहिनी एकादशी के दिन शाम को तुलसी के पौधे के सामने घी का दीपक जरूर जलाएं। इसके साथ ही इसकी 11 परिक्रमा जरूर करें
  • मोहिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु के बीज मंत्र ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप जरूर करें। इससे जातक को शुभ फलों की प्राप्ति होती है। हर कार्य में सफलता मिलती है। पापो का शमन हो, मोक्ष की प्राप्ति होती है

Note: Daily, Weekly, Monthly and Annual Horoscope is being provided by Pandit N.M.Shrimali Ji, almost free. To know daily, weekly, monthly and annual horoscopes and end your problems related to your life click on (Kundali Vishleshan) or contact Pandit NM Shrimali  Whatsapp No. 9929391753, E-Mail- [email protected]
Connect with us at Social Network:-

Contact : +918955658362 | Email: [email protected] | Click below on Book Now
Subscribe on YouTube – Nidhi Shrimali

Related Posts