मकर सक्रांति – PANDIT NM SHRIMALI
Punya Kaal Muhurta = 15:30 to 18:11
Duration = 2 Hours 41 Mins
Sankranti Moment = 15:30
Mahapunya Kaal Muhurta = 15:30 to 15:54
Duration = 0 Hours 24 Mins
14 जनवरी -एक अद्भुत दुर्लभ संयोग- सूर्य देव का पुत्र शनि के घर आगमन…. प्रिय मित्रों,इस साल मकर संक्रांति 14 जनवरी को है क्योंकि इस दिन सूर्य देव सुबह 7 बजकर 38 मिनट पर मकर राशि में प्रवेश कर रहे हैं। संयोग की बात है कि इस दिन शनिवार का दिन है। शनिवार के दिन मकर संक्रांति का होना एक दुर्लभ संयोग है। 14 जनवरी, शनिवार को मकर संक्राति है। ये मुख्य रूप से सूर्यदेव की पूजा का पर्व है। ज्योतिष के अनुसार, मकर संक्रांति पर सूर्यदेव को प्रसन्न करने के लिए कुछ विशेष उपाय किए जाएं तो सौभाग्यशाली समय प्राप्त हो सकता है और किस्मत चमक सकती है। जिन लोगों की कुंडली में का दोष हो वे यदि मकर सक्रांति पर सूर्य यन्त्र को स्थापित कर उसकी पूजा करें तो उससे सूर्य दोष कम होगा और लाभ की प्राप्ति होगी। मकर सक्रांति के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए तथा सूर्य यन्त्र को गंगा जल से स्नान कराकर गाय के दूध से पवित्र करना चाहिए क्योंकि गाय का दूध पवित्र होता है जिससे यन्त्र भी पवित्र होगा और फिर उसकी पूजा करते समय सूर्य मंत्र का जाप करने से सूर्य देवता प्रसन्न होते है| मंत्र- ऊं घृणि सूर्याय नम: मकर संक्रांति की सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि कामों से निपट कर सूर्य को अर्घ्य दें। अब पूर्व दिशा की ओर मुख करके कुश के आसन पर बैठकर रुद्राक्ष की माला से इस मंत्र का जाप करें। मंत्र- ऊं आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्नो सूर्य: प्रचोदयात् सूर्य को तांबे के लोटे से अर्घ्य दें। पानी में कुंकुम तथा लाल रंग के फूल भी मिलाएं तो और भी शुभ रहेगा। अर्घ्य देते समय ऊं घृणि सूर्याय नम: मंत्र का जाप करते रहें। इस प्रकार सूर्य को अर्घ्य देने से मन की हर इच्छा पूरी हो सकती है। ज्योतिष के अनुसार, तांबा सूर्य की धातु है। मकर संक्रांति पर तांबे का सिक्का या तांबे का चौकोर टुकड़ा बहते जल में प्रवाहित करने से कुंडली में स्थित सूर्य दोष कम होता है। इसके साथ-साथ लाल कपड़े में गेहूं व गुड़ बांधकर दान देने से भी व्यक्ति की हर इच्छा पूरी हो सकती है। मकर संक्रांति पर गुड़ एवं कच्चे चावल बहते हुए जल में प्रवाहित करना शुभ रहता है। अगर सूर्यदेव को प्रसन्न करना हो तो पके हुए चावल में गुड़ और दूध मिलाकर खाना चाहिए। ये उपाय करने से भी सूर्यदेव प्रसन्न होते हैं और शुभ फल प्रदान करते हैं। मकर संक्रांति पर दान करने का विशेष महत्व है। धर्म शास्त्रों के अनुसार, इस दिन किए गए दान का पुण्य सौ गुना होकर प्राप्त होता है। अगर आप चाहते हैं कि भाग्य आपका साथ दे तो इस दिन कंबल, गर्म वस्त्र, घी, दाल-चावल की कच्ची खिचड़ी आदि का दान करें। गरीबों को भोजन करवाएं तो और भी जल्दी आपकी मनोकामना पूरी होगी। साल की 12 संक्रांतियों में से मकर संक्रांति का सबसे ज्यादा महत्व है क्योंकि इस दिन सूर्य देव मकर राशि में आते हैं और इसके साथ देवताओं का दिन शुरु हो जाता है। इसलिए मकर संक्रांति के दिन स्नान, दान और पूजन का बड़ा ही महत्व है। लेकिन इन सबसे ज्यादा महत्व है सूर्य देव का अपने पुत्र शनि के घर में आना। इस साल मकर संक्रांति पर कुछ ऐसा संयोग बना है जिससे सूर्य और शनि दोनों को एक साथ खुश किया जा सकता है और यह ऐसा संयोग है जो कई वर्षों के बाद बना है। ज्योतिषशास्त्र में शनि महाराज को मकर और कुंभ राशि का स्वामी बताया गया है। ऐसे में शनिवार के दिन शनि की राशि में सूर्य का आगमन शनि महाराज को अनुकूल और शुभ बनाने के लिए बहुत ही अच्छा रहेगा। इस साल 26 जनवरी से मकर राशि वालों की साढ़ेसाती भी शुरु होने वाली है ऐसे में इनके लिए शनि को खुश करने का यह बहुत ही अच्छा मौका है। मकर राशि के अलावा इस साल ऋषभ और कन्या राशि को ढाया शुरू होगी तथा मेष और सिंह को ढाया ख़त्म होगी और तुला राशि को साढ़े साती ख़त्म होगी। ऐसे में इन राशि वालों को इस मकर संक्रांति के मौके पर शनि महाराज को खुश करने के लिए कुछ आसान से उपाय जरूर करने चाहिए। जिनकी शनि की दशा चल रही है उन्हें भी यह उपाय करना चाहिए | मकर संक्रांति के दिन उड़द दाल में खिचड़ी बनाकर दान करें और स्वयं भी भोजन करें। ज्योतिष शास्त्र में शनिदेव को न्याय का देवता माना गया है क्योंकि मनुष्यों को उनके अच्छे-बुरे कर्मों का दंड शनिदेव ही देते हैं। 26 जनवरी 2018 से शनि वृश्चिक से धनु राशि में प्रवेश रहेगा। वक्री होने के कारण 21 जून को पुन: वृश्चिक में आएगा फिर मार्गी होकर 26 अक्टूबर से धनु में प्रवेश करेगा। शनिवार के दिन शनि की राशि में सूर्य का आगमन शनि महाराज को अनुकूल और शुभ बनाने के लिए बहुत ही अच्छा रहेगा |