सम्पूर्ण नवग्रह यंत्र ग्रहों के प्रतिकूल प्रभावों का घटाता और अनुकूल प्रभावों की वृद्धि करता है। आपकी जन्म कुंडली में कोई भी ग्रह प्रतिकूल हो या अनुकूल या आपको कोई समस्या बार-बार परेशान कर रही हो, अथवा मनोवांछित फल नहीं मिल रहा हो, चाह कर भी आप अपने कार्य में सफल नहीं हो पा रहे हों, हमेशा कार्य में कोई न कोई बाधा आती रहती हो, इन सबके के निवारण हेतु अद्भुत है संपूर्ण नवग्रह यंत्र। सभी इन नवग्रहों के बुरे प्रभावों को दूर करने के लिए नवग्रह यंत्र सबसे अच्छा विकल्प है । इस विशेष ताबीज ने नौ ग्रह (सूर्य, चन्द्रमा, मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि, राहू और केतु) का हानिकारक प्रभाव नकारना में मदद करता है और लाभकारी सफलता हासिल होती है। यह सभी नौ ग्रहों के लिए एक संयुक्त यंत्र है और नौ भागो में, एक-एक देवता हर ग्रह का प्रतिनिधित्व करने के साथ हर एक में विभाजित है। ऐसी स्थिति में नवग्रह यंत्र को चल या अचल प्रतिष्ठा करके धारण करने से अथवा पूजन करने से नवग्रहों का शीघ्र ही अनुकूल फल प्राप्त होने लगता है।यंत्र का मुख पूर्व या उतर की दिशा की तरफ रखे, तथा यंत्र स्वच्छ और पवित्र स्थान पर रखे। जहा यन्त्र रखा है उसके चारो तरफ चन्दन के बिंदु लगा देवे। सर्वप्रथम प्रात: स्नानादि कर बिना कुछ खाए यंत्र के सम्मुख बैठकर दीपक जला दें। दीपक प्रज्वलित करने के बाद श्रध्दापूर्वक धूप जला करके पुष्प अर्पित करें। पुष्प अर्पित करने के बाद आसन बिछा दें और वहीं बैठ कर नवग्रह स्तोत्र का पाठ करें। तत्पश्चात नवग्रह मन्त्र का 108 बार जाप करे नवग्रह मन्त्र :- “आदित्याय, सोमाय, मंगलाय, बुधाय्चागुरु, शुक्रा, शानिबेस्चा, राहावे केतवे नम:।” यह प्रयोग करने से आपके जीवन में खुशहाली आएगी, आपके कार्य बनने लगेंगे, आप हर तरह से अपने जीवन में उमंग महसूस करेंगे और समृद्धि, सफलता, अच्छा स्वास्थ्य, योग और ध्यान के लिए शक्तिशाली यंत्र है। शान्त एक मौलिक नियम यह भी है कि जिस ग्रह पर पाप प्रभाव पड़ रहा हो उसको बलवान किया जाना अभीष्ट है, उससे सम्बन्धित रत्न आदि धारण किया जाय अथवा यंत्र रखकर वैदिक मंत्रों द्वारा अनुष्ठान किया जाये।
सम्पूर्ण नवग्रह यंत्र
09
Sep