श्री बगुलामुखी यंत्र
बगुलामुखी यंत्र :- माता बगुलामुखी को कलयुग में बहुत शक्तिशाली देवी के रूप में जाना जाता है। जिनकी कृपा से कार्यों में आने वाली विघ्न बाधाएं दूर होतीं हैं, संकट टल जाते हैं तथा साहस, पराक्रम आदि की प्राप्ति होती है बगुलामुखी यंत्र का प्रयोग मां बगुलामुखी का आशिर्वाद प्राप्त करने के लिए किया जाता है। तथा आज भी अनेक जातको की श्री बगुलामुखी यंत्र के विधिवत प्रयोग से विभिन्न प्रकार की मनोकामनाएं सिद्ध हुई हैं। श्री बगुलामुखी यंत्र के साथ की जाने वाली मां बगुलामुखी की पूजा के साथ-साथ बहुत से ज्योतिषी श्री बगुलामुखी यंत्र के प्रयोग का परामर्श भी देते हैं तथा इस यंत्र के माध्यम से भी मां बगुलामुखी के साथ प्रगाढ़ संबंध स्थापित करके उनकी कृपा प्राप्त की जा सकती है। ज्योतिषी यह मानते हैं कि श्री बगुलामुखी यंत्र के विधिवत प्रयोग के साथ कुछ अन्य विशेष प्रकार के उपाय करने से अनेक जातकों के विभिन्न प्रकार के दोषों एवं कष्टों का निवारण हो सकता है तथा उन्हें अपने जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में अनेक प्रकार के शुभ फल तथा लाभ प्राप्त हो सकते हैं। वैदिक ज्योतिषी श्री बगुलामुखी यंत्र के प्रयोग का परामर्श नये कार्यों को शुरु करने के लिए तथा उनमें सफलता प्राप्त करने के लिए, कार्यों में आने वाली विघ्न बाधाओं को दूर करने के लिए, पराक्रम, साहस तथा युद्ध में विजय प्राप्त करने के लिए, शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने के लिए, न्यायालय आदि में चल रहे मुकद्दमों में अनुकूल निर्णय प्राप्त करने के लिए, चुनाव आदि में विजय प्राप्त करने के लिए, श्री बगुलामुखी कृपा तथा अन्य बहुत सी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए देते हैं तथा इस यंत्र को विधिवत स्थापित करने वाले तथा इसकी विधिवत पूजा करने वाले जातक अपने जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में अनेक लाभ के अवसर प्राप्त करने में सफल होते हैं। श्री बगुलामुखी यंत्र को स्थापित करने से प्राप्त होने वाले लाभ उस जातक को पूर्ण रूप से तभी प्राप्त हो सकते हैं जब उसके द्वारा स्थापित किया जाने वाला श्री बगुलामुखी यंत्र शुद्धिकरण, प्राण प्रतिष्ठा तथा ऊर्जा संग्रह की प्रक्रियाओं के माध्यम से विधिवत बनाया गया हो तथा विधिवत न बनाए गए श्री बगुलामुखी यंत्र को स्थापित करना कोई विशेष लाभ प्रदान नहीं होता। किसी भी श्री बगुलामुखी यंत्र की वास्तविक शक्ति इस यंत्र को श्री बगुलामुखी मंत्रों द्वारा प्रदान की गई शक्ति के अनुपात में ही होती है तथा इस प्रकार जितने अधिक मंत्रों की बगुलामुखी के साथ किसी श्री बगुलामुखी यंत्र को ऊर्जा प्रदान की गई हो, उतना ही वह श्री बगुलामुखी यंत्र शक्तिशाली होगा। किसी भी श्री बगुलामुखी यंत्र को लाभ प्रदान करने के लिए कम से कम 11,000 श्री बगुलामुखी मंत्रों की सहायता से ऊर्जा प्रदान की जानी चाहिए, तथा बिना ऊर्जा के संग्रह वाला श्री बगुलामुखी यंत्र धातु के एक टुकड़े के समान ही होता है, जिसे 60 रूपये के मूल्य में प्राप्त किया जा सकता है। यहां पर यह बात ध्यान देने योग्य है कि श्री बगुलामुखी यंत्र को विधिवत बनाने की प्रक्रिया में इस यंत्र को ऊर्जा प्रदान करने वाला चरण सबसे अधिक महत्वपूर्ण है तथा यदि ऊर्जा संग्रहित करने की इस प्रक्रिया को यदि विधिवत तथा उचित प्रकार से न किया जाए तो कोई विशेष फल प्रदान करने में सक्षम नही होगा। किसी भी श्री बगुलामुखी यंत्र के भली प्रकार से कार्य करने तथा जातक को लाभ प्रदान करने के लिए इस यंत्र को विधिवत बनाया जाना अति आवश्यक है। किन्तु एक ऐसे श्री बगुलामुखी यंत्र की, जिसे किसी व्यक्ति विशेष के लिए संकल्पित करके अकेले ही यंत्र को ऊर्जा प्रदान की गई हो, किसी ऐसे श्री बगुलामुखी यंत्र के साथ बिल्कुल भी तुलना नहीं की जा सकती जिसे सैंकड़ों अन्य श्री बगुलामुखी यंत्रों के साथ बिना किसी विशेष संकल्प के उर्जा प्रदान करने की चेष्टा की गई हो क्योंकि इनमें से प्रथम श्रेणी का श्री बगुलामुखी यंत्र विधिवत बनाया गया तथा उत्तम फल प्रदान करने में सक्षम है जबकि दूसरे यंत्र को उचित विधि से नहीं बनाया गया है ऊर्जा प्रदान करने के अतिरिक्त प्रत्येक श्री बगुलामुखी यंत्र को विशिष्ट विधियों के माध्यम से शुद्धिकरण, किसी व्यक्ति विशेष को ही अपने शुभ फल प्रदान करने की क्षमता प्रदान करने वाली प्रक्रिया से किया जाता है तथा अंत में जिससे यह यंत्र अपने फल देने में सक्षम हो जाता है। इसलिए अपने लिए श्री बगुलामुखी यंत्र स्थापित करने से पहले सदा यह सुनिश्चित करें कि आपके द्वारा स्थापित किया जाने वाला श्री बगुलामुखी यंत्र उपरोक्त सभी प्रक्रियों में से निकलने के बाद विधिवत केवल आपके लिए ही बनाया गया है। विधिवत बनाया गया श्री बगुलामुखी यंत्र प्राप्त करने के पश्चात आपको इसे अपने ज्योतिषि के परामर्श के अनुसार अपने घर में पूजा के स्थान अथवा अपने बटुए अथवा अपने गले में स्थापित करना होता है। उत्तम फलों की प्राप्ति के लिए श्री बगुलामुखी यंत्र को मंगलवार वाले दिन स्थापित करना चाहिए तथा घर में स्थापित करने की स्थिति में इसे पूजा के स्थान में स्थापित करना चाहिए। श्री बगुलामुखी यंत्र की स्थापना के दिन नहाने के पश्चात अपने यंत्र को सामने रखकर 11 या 21 बार श्री बगुलामुखी मंत्र का जाप करें तथा तत्पश्चात अपने श्री बगुलामुखी यंत्र पर थोड़े से गंगाजल अथवा कच्चे दूध के छींटे दें, मां बगुलामुखी से इस यंत्र के माध्यम से अधिक से अधिक शुभ फल प्रदान करने की प्रार्थना करें, तथा तत्पश्चात इस यंत्र को इसके लिए निश्चित किये गये स्थान पर स्थापित कर दें। तथा इस यंत्र से निरंतर शुभ फल प्राप्त करते रहने के लिए आपको इस यंत्र की नियमित रूप से पूजा करनी है। प्रतिदिन स्नान करने के पश्चात अपने श्री बगुलामुखी यंत्र की स्थापना वाले स्थान पर जाएं तथा इस यंत्र को नमन करके 11 या 21 श्री बगुलामुखी मंत्रों के उच्चारण के पश्चात अपने इच्छित फल को इस यंत्र से मांगें। यदि आपने अपने श्री बगुलामुखी यंत्र को अपने बटुए अथवा गले में धारण किया है तो स्नान के बाद इसे अपने हाथ में लें तथा उपरोक्त विधि से इसका पूजन करें तथा अपना इच्छित फल इससे मांगें। अपने पास स्थापित किए गये श्री बगुलामुखी यंत्र की नियमित रूप से पूजा करने से आपके और आपके श्री बगुलामुखी यंत्र के मध्य एक बगुलामुखीशाली संबंध स्थापित हो जाता है जिसके कारण यह यंत्र आपको अधिक से अधिक लाभ प्रदान करता है।