शुक्र गृह दोष निवारण पूजा :- शुक्र गृह दोष निवारण के लिए सूर्योदय के समय दुर्गा देवी की पूजा करनी चाहिए तथा श्रीसूक्त का पाठ करना चाहिए। और देवी की वंदना या दुर्गा चालीसा का पाठ करना चाहिए। शुक्र के मूल मंत्र का जप सूर्योदय के समय 16,000 जप 40 दिन में करना चाहिए। मंत्र :- ओम “द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम:”। हीरा, सोना, चांदी, चावल, मिश्री, दूध, सफेद वस्त्र, सफेद फूल, सुगंधित दही, सफेद घोड़ा, सफेद चंदन का दान करना चाहिए। अरुणोदय काल में शुक्रवार व्रत एवं दुर्गा पूजा करनी चाहिए। तथा छ: मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। शुक्र के उपाय :- शुक्र गृह, ग्रहों में सबसे चमकीला है और प्रेम का प्रतीक है। इस ग्रह के पीड़ित होने पर ग्रह शांति के लिए सफेद रंग का घोड़ा दान करना चाहिए। रंगीन वस्त्र, रेशमी कपड़े, घी, सुगंध, चीनी, खाद्य तेल, चंदन, कपूर का दान शुक्र ग्रह की विपरीत दशा में सुधार लाता है। शुक्र से सम्बन्धित रत्न का दान भी लाभप्रद होता है। इन वस्तुओं का दान शुक्रवार के दिन संध्या काल में किसी युवती को देना उत्तम रहता है। शुक्र ग्रह से सम्बन्धित क्षेत्र में परेशानी आ रही है तो इसके लिए शुक्रवार के दिन व्रत करना चाहिए। मिठाईयां एवं खीर कौओं और गरीबों को देना चाहिए। ब्राह्मणों एवं गरीबों को घी-भात खिलाना चाहिए। अपने भोजन में से एक हिस्सा निकालकर गाय को खिलाना चाहिए। शुक्र से सम्बन्धित वस्तुओं जैसे – सुगंध, घी और सुगंधित तेल का प्रयोग नहीं करना चाहिए। वस्त्रों के चुनाव में अधिक विचार नहीं करना चाहिए। काली चींटियों को चीनी खिलानी चाहिए। शुक्रवार के दिन सफेद गाय को आटा खिलाना चाहिए। किसी काणे व्यक्ति को सफेद वस्त्र एवं सफेद मिष्ठान्न का दान करना चाहिए। किसी महत्त्वपूर्ण कार्य के लिए जाते समय 10 वर्ष से कम आयु की कन्या का चरण स्पर्श करके आशीर्वाद लेना चाहिए। अपने घर में सफेद पत्थर लगवाना चाहिए। किसी कन्या के विवाह में कन्यादान का अवसर मिले तो अवश्य करना चाहिए। शुक्रवार के दिन गौ-दुग्ध से स्नान करना चाहिए। शुक्र के दुष्प्रभाव निवारण के लिए किए जा रहे उपायो हेतु शुक्रवार का दिन, शुक्र के नक्षत्र (भरणी, पूर्वा-फाल्गुनी, पुर्वाषाढ़ा) तथा शुक्र की होरा में अधिक शुभ होते हैं।
शुक्र गृह दोष निवारण पूजा
07
Sep