माला और उसके प्रकार
भगवान नाम जाप का सर्वश्रेष्ठ आधार माला को माना जाता है. माला का उपयोग प्राय: सभी धर्मो और देशो में देखा जाता है. कहा जाता है की गौतम बुद्ध के जन्म के समय में 108 ज्योतिषि उनका भाग्य बतलाने के लिए बुलाये गए थे और माला के मनके इसी बात का प्रतीक है. विभिन्न मंत्रो की सिद्धि अलग-अलग माला पर की जाती है. जैसे :- – लक्ष्मी प्राप्ति के लिए कमलगट्टा, वैजन्ती, स्फटिक व मूंगा की माला से मंत्र जाप करे. – विद्या प्राप्ति के लिए स्फटिक की माला रुद्राक्ष की माला से सरस्वती मंत्र का जाप करे. – उत्तम वर प्राप्ति के लिए रुद्राक्ष की माला से मंत्र का जाप करे. – उत्तम व सुसंस्कारित पत्नी पाने के लिए स्फटिक की माला से मंत्र का जाप करे. – महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने के लिए रुद्राक्ष की माला से मंत्र का जाप करे. जिससे घर में सुख शांति का वातावरण बना रहे और आपका स्वास्थ्य भी उत्तम बना रहे. – बगला मुखी मंत्र का जाप हल्दी माला से करने पर शत्रु नष्ट होते है. और हल्दी की माला वृहस्पति जाप के लिए भी अति उत्तम है. – रुद्राक्ष की माला गले में धारण करने से ह्दय रोग और ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है. रुद्राक्ष माला शिव पूजा के लिए उत्तम मानी जाती है. तुलसी, चन्दन, स्वर्ण, मुक्ता, प्रवाल माला से करोडो गुना अधिक फल रुद्राक्ष की माला से प्राप्त होता है. अकाल मृत्यु योग को टालने की अभूतपूर्व शक्ति इस माला में होती है. रुद्राक्ष की माला से शिव और शक्ति का जाप किया जा सकता है. क्योकि रुद्राक्ष और स्फटिक शिव और शक्ति का प्रतीक है. इससे स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है. मन में भी शांति बनी रहती है. रुद्राक्ष के साथ सोने के दाने रुद्राक्ष की शक्ति में वृद्धि करते है. धारक को रुद्राक्ष के गुणों के साथ-साथ शांति और समृद्धि की प्राप्ति भी होती है. – जिस मनुष्य को गुस्सा ज्यादा आता है तो वह मोती या वैजन्ती माला को धारण करे, यह माला गुस्सा शांत कर व्यक्ति को शांतिप्रिय बनाती है. – मोती की माला धारण करने से मन स्थिर व पुत्र प्राप्ति के लिए उपयोगी है. – नवग्रह की शांति के लिए नवरत्न की माला धारण करे इससे मानसिक शांति की भी प्राप्ति होती है. – संतान प्राप्ति के लिए पुत्र जीवा की माला से मंत्र जाप करना चाहिए. – सफ़ेद चन्दन की माला का उपयोग शांति पुष्टि कर्मो और श्री राम, विष्णु व अन्य देवता की उपासना में उपयोगी है. इसको धारण करने से शरीर में ताजगी व स्फूर्ति का संचार होता है. – देवी जाप के लिए लाल चन्दन की माला का उपयोग सर्वोत्तम माना गया है. मंगल शांति के लिए लाल चन्दन की माला धारण करना लाभदायक रहता है. – विष्णु प्रिया तुलसी की माला विष्णु अवतार राम व कृष्ण जी की उपासना के लिए सर्वोत्तम है. शरीर और आत्मा की शुद्धि के लिए इस माला को धारण करना उत्तम और श्रेष्ठकर है. – मंगल गृह की शांति के लिए मुंगे की माला धारण करना व हनुमान जी की साधना के लिए मुंगे की माला से ही मंत्र का जाप करना श्रेष्ठ है. – स्फटिक की माला धारण करने से ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है. शक्ति प्रतीक स्फटिक लक्ष्मी, सरस्वती, दुर्गा जाप के लिए उत्तम है. गायत्री मंत्र के लिए यह सर्वोत्तम है. देवी की आराधना के लिए स्फटिक की माला से मंत्र जाप करने पर मंत्र शीघ्र सिद्ध हो जाते है. – हकीक माला को धारण करने से भाग्य वृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है. इससे भुत- प्रेत, बाधा, दुर्भाग्य, और कई बुराइयों को नाश करने की विशेष शक्ति होती है. कोई भी माला को धारण करने से पहले अभिमंत्रित करवा लेवे. जिससे आपको उचित लाभ और शुभकारी परिणाम मिल सके. साधक को अपनी जाप वाली माला को कभी किसी और को नहीं देना चाहिए, न ही दिखानी चाहिए. और न ही उसे गले में धारण करना चाहिए. माला से गौमुखी में ही मंत्र जाप करना चाहिए. और मंत्र जाप के बाद माला को गौमुखी ही रखना चाहिए.
आप का हर दिन मंगलमयी हो आप स्वस्थ रहे, सुखी रहे ।
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