भगवान शिव की तीसरी आँख का रहस्य – Secret of Lord Shiva’s Third Eye
Secret of Lord Shiva’s Third Eye भगवान शिव की तीसरी आँख का रहस्य गुरु माँ निधि श्रीमाली जी ने बताया है की भगवान शिव की तीसरी आंख के बारे में सभी जानते हैं कि जब जब भोलेनाथ ने अपनी तीसरी आंख खोली है तब तब सृष्टि का विनाश हुआ है या फिर ये भी कहा जा सकता है कि भगवान शिव अपनी तीसरी आंख अधिक क्रोधित होने पर ही खोलते हैं. इसका सबसे बड़ा उदहारण कामदेव है. किस तरह कामदेव ने भगवान शिव की तपस्या को भंग किया था और कैसे वो शिव जी के क्रोध का शिकार हुए थे ये जग जाहिर है. भोले नाथ की तीसरी आंख को उनकी दिव्य दृष्टि भी कहा जाता है. यह भी मान्यता है कि भगवान शंकर अपनी तीसरी आंख से आत्मज्ञान प्राप्त करते हैं. भगवान शिव के तीसरे नेत्र उत्पत्ती की कहानी
गुरु माँ निधि श्रीमाली जी ने बताया है की महाभारत के छठे खंड के अनुशासन पर्व में यह जानकारी दी गई है Secret of Lord Shiva’s Third Eye भगवान शिव की तीसरी आँख का रहस्य कि भगवान भोलेनाथ को तीसरी आंख कैसे मिली थी. पौराणिक कथा में उल्लेख है गुरु माँ निधि श्रीमाली जी ने बताया है की कि एक बार भगवान शिव और माता पार्वती के बीच हुई बातचीत के बारे में नारद जी बताते हैं. इसी बातचीत में तीन आंखों का रहस्य छिपा है.
Secret of Lord Shiva’s Third Eye भगवान शिव की तीसरी आँख का रहस्य इस कहानी के बारे में नारद जी बताते हैं कि एक बार की बात है भगवान शिव हिमालय पर्वत पर एक सभा कर रहे थे, जिसमें सभी देवता, ऋषि-मुनि और ज्ञानीजन उपस्थित थे. तभी उस सभा में माता पार्वती आईं और उन्होंने अपने मनोरंजन के लिए खुद के दोनों हाथों को भगवान शिव की दोनों आंखों पर रख दिये. जैसे ही माता पार्वती ने भगवान शिव की आंखों को ढका, सृष्टि में अंधेरा हो गया. ऐसा लगा मानो सूर्य देव की कोई अहमियत ही नहीं है. गुरु माँ निधि श्रीमाली जी ने बताया है की इसके बाद धरती पर मौजूद सभी प्राणियों में खलबली मच गई. संसार की ये हालत देख कर भगवान शिव व्याकुल हो उठे और उसी समय उन्होंने अपने अपने माथे पर एक ज्योतिपुंज प्रकट किया, जो भगवान शिव की तीसरी आंख बन कर सामने आई. बाद में माता पार्वती के पूछने पर भगवान शिव ने उन्हें बताया कि अगर वो ऐसा नहीं करते तो संसार का नाश हो जाता, क्योंकि उनकी आंखें ही जगत की पालनहार हैं. Secret of Lord Shiva’s Third Eye भगवान शिव की तीसरी आँख का रहस्य
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