भगवान शिव का प्रिय मास श्रावण Shraawan Maas
Shraawan Maas श्रावण मास में समस्त सृष्टि का कार्यभार भगवान शिव के पास होता है। इस मास में शिव पृथ्वी पर अपने ससुराल भी आते हैं और इसलिए उनकी कृपा पाने के लिए यह उत्तम महीना है। श्रावण में शिव जलाभिषेक का कई गुना पुण्य प्राप्त होता है।भगवान शिव का प्रिय मास श्रावण Shraawan Maas
Shraawan Maas भगवान शिव का प्रिय मास श्रावण Shraawan Maas भगवान शिव आशुतोष हैं। आशुतोष अर्थात जो तुरंत प्रसन्न होते हैं। भगवान शिव भक्तों की पुकार पर तुरंत उनके कष्टों को दूर करते हैं। उनकी कृपा होने पर रास्ते के सारे विघ्न दूर हो जाते हैं और इसलिए उन्हें देवों के देव महादेव कहा गया है। श्रावण मास शिव आराधना का महीना है। इस मास में जो उनकी आराधना करता है उसे वे मनचाहा वरदान देते हैं। भगवान शिव ने स्वयं अपने श्रीमुख से सनतकुमार से कहा है कि मुझे 12 महीनों में श्रावण विशेष रूप से प्रिय है। इस मास की विशेषता है कि इसमें कोई भी दिन ऐसा नहीं जाता जब कोई व्रत न पड़ता हो।भगवान शिव का प्रिय मास श्रावण Shraawan Maas
एक पौराणिक कथा है कि जब सनत कुमारों ने भगवान शिव से श्रावण मास प्रिय होने का कारण पूछा तो भगवान ने बताया कि देवी सती ने योगशक्ति से शरीर त्याग करने से पहले महादेव को हर जन्म में पति रूप में पाने का प्रण किया था। जब माता सती का दूसरा जन्म पार्वती के रूप में हुआ तो उन्होंने श्रावण मास में ही निराहार रहकर कठोर व्रत करके शिव को प्राप्त किया। तभी से यह मास उन्हें प्रिय हो गया। इसके अतिरिक्त कहते हैं कि मरकंडू ऋषि के पुत्र मार्कण्डेय ने लंबी आयु पाने के लिए इसी मास में तप किया था और शिव की कृपा प्राप्त की थी।भगवान शिव का प्रिय मास श्रावण Shraawan Maas
शिव से मिली शक्तियों के कारण यमराज भी उनके सम्मुख नतमस्तक हो गए थे। माना यह भी जाता है कि श्रावण मास में ही भगवान शिव पृथ्वी पर अवतरित होकर अपने ससुराल गए थे और वहां उनका स्वागत जलाभिषेक से किया गया था। कहते हैं हर श्रावण मास में शिव अपने ससुराल जाते हैं और पृथ्वीवासियों के लिए यह उनकी कृपा पाने का उत्तम समय होता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार ही श्रावण मास में समुद्र मंथन किया गया था। मंथन से जो हलाहल विष निकला उसे भगवान शंकर ने कंठ में समाहित कर लिया और नीलकंठ कहलाए। विष के प्रभाव को कम करने के लिए सभी देवताओं ने उन्हें जल अर्पित किया और तभी से शिवलिंग पर जल चढ़ाने का विशेष महत्व हो गया।भगवान शिव का प्रिय मास श्रावण Shraawan Maas
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