जानिए मंगला गौरी व्रत का महत्व ,पूजा विधि ,नियम एवं उपाय – Mangala Gauri Vrat
Mangala Gauri Vrat गुरु माँ निधि जी श्रीमाली ने बताया जिस तरह से सावन में पड़ने वाले प्रत्येक सोमवार के दिन का विशेष महत्व होता है, ठीक उसी तरह से सावन के मंगलवार दिन को भी महत्वपूर्ण माना गया है. सावन का मंगलवार मां मंगला गौरी की व्रत-पूजा के लिए समर्पित होता है. सावन में पड़ने वाले सभी मंगलवार को महिलाएं मंगला गौरी व्रत रखती हैं. Mangala Gauri Vrat
मंगला गौरी व्रत का महत्व
गुरु माँ निधि जी श्रीमाली के अनुसार मंगला गौरी का व्रत सुहागिन महिलाएं और कुंवारी कन्याएं दोनों ही कर सकती हैं. सुहागिन महिलाएं यदि इस व्रत को करती हैं तो उन्हें अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है, पति की आयु लंबी होती है, वैवाहिक जीवन में प्रेम बढ़ता है और संतान सुख की प्राप्ति होती है. वहीं कुंवारी कन्याएं यदि इस व्रत करे तो उनके शीघ्र विवाह के योग बनते हैं, विवाह में आ रही अड़चने दूर होती है और मनचाहा वर मिलता है. साथ ही मंगला गौरी व्रत से कुंडली में मंगल दोष भी दूर हो जाता है. Mangala Gauri Vrat
मंगला गौरी व्रत पूजा विधि
1. मंगलवार के दिन सुबह जल्दी उठें और स्नान आदि करने के बाद व्रत का संकल्प लें।
2. इसके बाद अपने घर के मंदिर को अच्छे से साफ कर लें और मां पार्वती और भगवान शिव की प्रतिमा समर्पित करें। इसके बाद मां पार्वती को लाल रंग के वस्त्र अर्पित करें।
3. फिर आटे का दीपक बनाकर दिया जलाएं। साथ ही उनकी पूजा अर्चना विधि विधान के साथ पूजा करें। इस व्रत को सभी पूजन सामग्री रख लें।
4. सभी पूजन सामग्री जैसे 16 की संख्या जैसे पान, सुपारी, लौंग, इलायची, फल, पान, लड्डू सुहाग की सामग्री और चूड़ियां। इसके अलावा पांच प्रकार के मेवे और सात प्रकार का अन्न भी रख लें।
5. इसके बाद मंगला गौरी व्रत की कथा सुनें। पूजा के बाद घर परिवार के लोगों को प्रसाद दें और जरूरतमंद लोगों को धन अनाज का दान करें। Mangala Gauri Vrat
मंगला गौरी व्रत के जरूरी नियम
- मंगला गौरी व्रत के दिन क्रोध ना करें और किसी को अपशब्द भी नहीं कहें.
- व्रत के दौरान साफ-सफाई और शुद्धता का विशेष ध्यान रखें.
- आप हर साल सावन माह में इस व्रत को कर सकते हैं. लेकिन अगर आप इस व्रत को किसी कारण छोड़ना चाहते हैं तो सावन महीने के अंतिम मंगलवार को इस व्रत का उद्यापन जरूर करें. उद्यापन के बिना व्रत पूर्ण नहीं होता है.
- इस बात का भी ध्यान रखें कि उद्यापन कम से कम पांच तक मंगला गौरी व्रत रखने के बाद ही करें.
- मंगला गौरी व्रत में पूजन सामग्रियों जैसे चूड़ी, सुपारी, पान, लौंग, फूल आदि की संख्या 16 में रहनी चाहिए.
- यदि आप अकेले 16 की संख्या में सामग्री अर्पित नहीं कर सकते हैं तो 16 महिलाएं एक साथ बैठकर पूजा कर सकती हैं. सभी 16 महिलाएं एक-एक कर माता को सुहान के सामान, फल, आटे के लड्डू आदि अर्पित करते रहें. Mangala Gauri Vrat
मंगला गौरी व्रत के लाभ
- मंगला गौरी व्रत के द्वारा, भक्त इष्ट देवी गौरी की कृपा प्राप्त कर सौभाग्य, सुख, और समृद्धि का आनंद उठा सकते हैं।
- इस व्रत का पूजन करने से पति की लंबी आयु और उनके दिल की इच्छा पूरी होने की कामना की जाती है।
- मांगलिक दोष से पीड़ित व्यक्ति को संतान सुख की प्राप्ति हो सकती है और पुत्र संतान की प्राप्ति में भी सहायक सिद्ध हो सकता है।
- इस व्रत के द्वारा, कुमारी कन्याएं एक शुभ वर प्राप्त करने की कामना करती हैं और विवाह हेतु सौभाग्य प्राप्त करती हैं।
- मंगला गौरी व्रत का अनुष्ठान परिवार में एकता और शांति का संरक्षण करता है और परिवार के सदस्यों के बीच में सद्भाव को बढ़ावा देता है।
- गौरी माँ को प्रसन्न करने से भगवान शिव का आशीर्वाद मिलता है और भक्त की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। Mangala Gauri Vrat
गुरु माँ निधि जी श्रीमाली द्वारा बताये गए मंगला गौरी व्रत के उपाय
- सावन के मंगलवार को मंगला गौरी व्रत रखा जाता है. उस दिन आप माता मंगला गौरी की विधिपूर्वक पूजा करें. उसके बाद श्री मंगला गौरी मंत्र ओम गौरीशंकराय नम: का जाप करें. मां मंगला गौरी के आशीर्वाद से मंगल दोष शांत होगा और विवाह में होने वाली देरी दूर होगी.
- कुंडली के मंगल दोष के कारण शादी में देरी होती है. मंगल दोष को दूर करने के लिए मंगलवार को रामचरितमानस के सुंदरकांड का पाठ करें. रुद्रावतार हनुमान जी के आशीर्वाद से मंगल दोष दूर होगा और शीघ्र विवाह का योग बनेगा.
- मंगल दोष के कारण परेशान हैं तो श्रावण मास के मंगलवार को मंगला गौरी और हनुमान जी की पूजा करें. मां मंगला गौरी और हनुमान जी को सिंदूर अर्पित करें. फिर उस सिंदूर को उनके पैरों से लगाकर माथे पर टीका लगाएं. ऐसा आपको प्रत्येक मंगलवार को करना चाहिए. मंगल दोष के खत्म होते ही परेशानियों का अंत होगा.
- मंगलवार को मां मंगला गौरी की पूजा करने के बाद किसी गरीब ब्राह्मण को लाल मसूर की दाल, लाल कपड़ा, लाल फूल आदि दान करें. ऐसा करने से भी मंगल दोष शांत होगा. मंगल के मजबूत होने से आपनके पराक्रम और साहस में वृद्धि होगी. संकटों का समाधान होगा
- मंगला गौरी व्रत वाले दिन सुबह स्नान और ध्यान के बाद माता गौरी की पूजा करें. उनको सुहाग की पिटारी या 16 श्रृंगार की वस्तुएं चढ़ाएं. उसके बाद मंगला गौरी व्रत की कथा सुनें. मां मंगला गौरी के आशीष से अखंड सौभाग्य मिलता है. पति की आयु लंबी होती है. Mangala Gauri Vrat
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