छह मुखी रूद्राक्ष
रुद्र का मतलब भगवान शिव से लिया जाता है,और अक्ष का मतलब होता है धुरी,भगवान शिव जो योगी के रूप में समाधिस्थ है भगवान शिव के प्रिय रुद्राक्ष में स्वयं शिव का अंश होता है, रुद्राक्ष को शिवाक्ष,शर्वाक्ष,भ- ावाक्ष,फलाक्ष,भूतन- ाशन,पावन,हराक्ष, नीलकंठ,तृणमेरु,शिव- प्रिय, अमर और पुष्पचामर भी कहते हैं : दो मुखी रुद्राक्ष को शिव शक्ति का रूप माना जाता है । इस रुद्राक्ष को शिव और शक्ति के भक्त पहन सकते है । इसको धारण करने से घर में सुख शांति और धन धन्य की परिपूर्णता रहती है । यह रुद्राक्ष अर्धनारीश्वर का रूप है । औरतो के लिए अत्ति कल्याण कारी होता है । दो मुखी रुद्राक्ष देवता स्वरुप है,पापो को दूर करने वाला और अर्धनारीइश्वर स्वरुप है -दो मुखी रुद्राक्ष को “ॐ नमः “का जाप कर के धारण करे दो मुखी रुद्राक्ष को शिव और पार्वती का स्वरुप माना गया है | इसको धारण करने से घोर हत्या के पाप का नाश होता है | यह चित्र एकाग्रता, मानसिक शांति, आध्यात्मिक शांति तथा कुण्डलिनी जाग्रत करने के लिए अचूक है|