चार मुखी रुद्राक्ष
चार मुखी रूद्राक्ष को ब्रह्मा तथा देवी सरस्वती का प्रतिनिधि माना गया है. बुध इनके संचालक है इस कारण यह चार मुखी रूदाक्ष शिक्षा के क्षेत्र में खूब सफलता प्रदान करता है.चार मुखी रुद्राक्ष बुध के हानिकारक प्रभाव को समाप्त करने और देवी सरस्वती को प्रसन्न करने के लिए है उत्तम है. यह तार्किक और संरचनात्मक सोच को नियंत्रित करता है. एवं एक स्वस्थ मन और शरीर को प्राप्त करने में मदद करता है. यह मानसिक शक्ति, बुद्धि, ज्ञान, एकाग्रता और ज्ञान को बढ़ाने में मदद करता हैंचार मुखी रुद्राक्ष का उपयोग करने से दिमागी कमज़ोरी दूर होती है. सात्विक विचारों तथा धर्म के प्रति आस्था को बढ़ाता है. स्नायु तथा मानसिक रोगों से मुक्ति मिलती है चार मुखी रुद्राक्ष बच्चों का दिमाग तेज करता है. यह छात्रों के लिए बहुत लाभदायक है, स्मरण शक्ति को बढ़ाता है तथा विद्या अध्ययन करने की शक्ति प्रदान करता है. मानसिक रोगी के लिए भी उत्तम है.
चार मुखी रुद्राक्ष के लाभ
चार मुखी रुद्राक्ष संतान प्राप्ति में भी सहायता करता है | महाशिवपुराण के अनुसार चार मुखी रुद्राक्ष लम्बे समय तक धारण किया जाए और भगवान शिव के बीज मंत्र का पाठ किया जाए तो किसी जीव की हत्या के पाप से भी मुक्ति मिल सकती है | इस रुद्राक्ष के धारण करने से मन की एकाग्रता बढती है और कई प्रकार के अनुसन्धान एवं विज्ञान से सम्बंधित कार्यों में सफलता प्राप्त होने की उम्मीद रहती है | वेदों के व् धार्मिक ग्रंथों के अध्यन में इस रुद्राक्ष के धारण करने से सफलता प्राप्त होती है | वाणी में मिठास और दूसरों को अपना बनाने की कला व्यक्ति के अन्दर उत्पन होती है | शरीर के रोगों को दूर भगाने में भी यह रुद्राक्ष लाभकारी माना गया है | मोक्ष सहित चारों पुरुषार्थों की प्राप्ति इस रुद्राक्ष के धारण करने से हो जाती है | ज्योतिष की दृष्टि से बुद्ध ग्रह को इसका कारक माना गया है इसलिए लेखकों को व् विद्धया अध्यन करने वाले बालकों को इसे अवश्य धारण करना चाहिए | बुद्धि को तीव्र करता है और जीवन को श्रेष्ठ बनाने में सहायक होता है |
चार मुखी रुद्राक्ष को धारण करने का मंत्र
चार मुखी रुद्राक्ष को धारण करने का मंत्र “ॐ ह्रीं नमः” लिखा गया है लेकिन “ॐ नमः शिवाय” के जाप से भी इसे धारण करके सम्बंधित लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं |
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