गुरु का राशि परिवर्तन
नमस्कार, स्वागतम् वेलकम।
गुरु के बारे में कौन नहीं जानता और गुरु का प्रभाव बहुत अधिक हमारे जीवन पर देखने को मिलता है। जिस प्रकार शनि और राहु हमारे जीवन को प्रभावित करते हैं उसी प्रकार गुरु भी हमारे जीवन को बहुत अधिक प्रभावित करते हैं क्योंकि गुरु लगभग एक वर्ष तक एक राशि में विराजमान रहते हैं तो इतने लंबे समय तक बैठने वाले ग्रहों में इनकी संख्या मानी जाती है और गुरु का प्रभाव इसलिए भी है क्योंकि गुरु ज्ञान के कारक ग्रह माने गए हैं। साथ ही वैवाहिक जीवन से भी गुरु ग्रह को जोड़ा जाता है और संतान के कारक ग्रह भी गुरु माने जाते हैं। आध्यात्मिकता से गुरु हमें जोड़ते हैं। वहीं जीवन के ऐश्वर्य, प्रसिद्धि सम्मान, मान इन सभी को गुरु ग्रह से देखा जाता है और अगर किसी की कुण्डली में गुरु ग्रह बहुत ही अच्छे और बहुत उच्च के स्वगृही होकर हंस नामक महापुरुष योग बनाते हुए बहुत अच्छी पोजीशन में बैठे हों तो वो व्यक्ति को जीवन में सबकुछ देते हैं। ज्ञान देते हैं, सुखी दाम्पत्य जीवन देते हैं, अच्छी संतान देते हैं और मान सम्मान प्रसिद्धि सब कुछ देते हैं। गुरु का राशि परिवर्तन 21 मार्च 2023 in Hindi
गुरु ग्रह धनु और मीन राशि के स्वामी ग्रह हैं और ये कर्क राशि में उच्च और मकर राशि में नीच के परिणाम दिखाते हैं। अब गुरु ग्रह की अगर हम बात करें तो इसकी पंचम सप्तम और नवम दृष्टि बहुत ही अच्छी और कल्याणकारी होती है। यानि गुरु की दृष्टियों को बहुत अच्छा देखा गया। परंतु गुरु जहां बैठा है उस घर की स्थान हानि भी करते हैं। तो ये है गुरु का प्रभाव तो आप समझिए कुंडली के अंदर गुरु का बहुत गहरा प्रभाव जुड़ा होता है। व्यक्ति के पूरे जीवन में हर अंतराल में गुरु अपना प्रभाव जरूर दिखाते हैं। गुरु की महादशा 16 वर्ष की होती है और 26 से लेकर 24, 44 वर्ष तक गुरु का प्रभाव हमारे जीवन पर अत्यधिक देखने को मिलता है। अब ये जो गुरु का राशि परिवर्तन है ये हमारे जीवन पर क्या इफेक्ट लेकर आएगा?
मेष राशि वालों को इसका क्या परिणाम देखने को मिलेगा? गुरु जो कि वर्तमान में अपनी खुद की राशि मीन में स्वग्रही होकर विराजमान है। 21 अप्रेल को रात्रि 08:43 बजे पर वे राशि परिवर्तन कर लेंगे और वे अपनी मित्र राशि मेष में प्रवेश कर जाएंगे। परंतु यहां पर देखने लायक बात ये है कि मेष राशि में ऑलरेडी राहू विराजमान है और गुरु जब मेष राशि में चले जाएंगे तब राहू के साथ चाण्डाल योग का भी निर्माण करेंगे। इसीलिए सभी राशियों के लिए 30 अक्टूबर तक का समय ध्यान देने लायक रहेगा। बहुत संभल कर चलने वाला होगा। अब 1 मई वर्ष 2024 तक गुरु मेष राशि में ही विराजमान रहने वाले हैं। यानि गुरु की में मानें तो एक वर्ष का ये अंतराल है। ये गुरु मेष राशि में तय करेंगे। गुरु का राशि परिवर्तन 21 मार्च 2023 in Hindi
अब राशि है ग्रहों के सेनापति मंगल की और यहां पर जाकर बैठेंगे गुरु राहु के साथ और बनाएंगे चांडाल योग | तो सबसे पहले ही बात कर लेते हैं। आज मेष राशि वालों की , मेष राशि वालो को इस गुरु के राशि परिवर्तन का क्या इम्पैक्ट देखने को मिलेगा और क्या गुरु के रिजल्ट प्रभावित होते हुए क्या घटनाएं घटित होंगी और क्या गुरु के रिजल्ट आपके जीवन में किस प्रकार के परिणाम लेकर आएंगे? किस प्रकार से आपको प्रभावित करेंगे ये सारी जानकारी अब हम आपको देंगे। अब के यहां गुरु बैठ गए। मेष राशि में मंगल जो कि सेनापति ग्रह एक क्रूर ग्रह है, उसके घर में और वहां पर गुरु बैठ है। राहु के साथ और राहु के साथ यहां पर गुरु ने बनाया चांडाल योग। अब शनि जो कि 17 जनवरी को कुम्भ राशि में प्रवेश कर गया है और शनि की तीसरी दृष्टि अपना मेष राशि पर और उसमें बैठे राहु पर पड़ रही थी। अब जैसे ही गुरु राशि परिवर्तन कर आपकी राशि में आएंगे तब शनि की तीसरी दृष्टि गुरू पर भी पड़ेगी और राहू पर भी पड़ेगी और यहां पर शनि की दृष्टि होने की वजह से गुरु वो रिजल्ट नहीं दे पाएंगे जो उन्हें देने चाहिए और ये स्थिति बनी रहेगी। 30 अक्टूबर तक आपको थोड़ा सा सावधानी के साथ अपने जीवन में आगे बढ़ना है क्योंकि जब भी राहू कहीं पर बैठते हैं तो वे शनि की तरह इंपैक्ट दिखाते हैं और जब शनि की दृष्टि पड़ेगी तो ये और भी अधिक प्रबल हो जाएंगे।
गुरु चूंकि साथ में बैठे हैं, चांडाल योग बन रहा है और गुरु पर भी शनि की दृष्टि हितकारी नहीं है। शनि की दृष्टि वैसे भी किसी भी जगह पर हितकारी नहीं होती है। तो अब यहां पर में गुरु राहु के चांडाल योग की बात करें तो कहीं न कहीं आपको निर्णय लेने में सावधानी रखनी चाहिए। व्यक्ति कहां पर भ्रमित होता है? जब उसे लगता है कि मैं ये काम करूं या नहीं। मैं इस काम को करने से मुझे लाभ होगा या नहीं। या फिर लोग उससे कह रहे हैं कि इस काम को मत कर पर वो उस काम को कर डालता है तब वो भ्रम की स्थितियों में आ जाता है और राहू ये ही काम करते हैं। भ्रमित करने का गुरु राहु का ये जो चांडाल योग है ये प्रयासों के बाद भी काम में असफलता दिलवा सकता है। इसीलिए इस योग के दुष्परिणाम से बचने के लिए आपको बस अपने विवेक और बुद्धि का इस्तमाल करना है। ना तो भ्रमित होना ना और अपने निर्णय लेना यानि निर्णय लेने लेते समय आपको बहुत अधिक सावधानी रखनी पड़ेगी। निर्णय लेते समय आपको ये ध्यान रखना है कि ये निर्णय मेरे लिए उचित है या नहीं। क्या मुझे निर्णय लेने चाहिए या नहीं। इस समय आप सोच समझ कर डिसीजन लेंगे तो सफलता पाएंगे अन्यथा नुकसान की स्थितियों को ज्यादा पाएंगे तो थोड़ा सा इस समय आपको गुरु के रिजल्ट इम्पैक्ट होते हुए दिख सकता है। पर 30 अक्टूबर के बाद का समय आपके लिए अच्छा रहेगा क्यूंकि मेष राशि में गुरु का बैठना या पर केन्द्र में गुरु बैठा है और यहाँ पर गुरु जब आपके केन्द्र में बैठे हैं, लग्न के अन्दर आकर बैठे हैं तब गुरु आपको अच्छे रिजल्ट देंगे क्योंकि गुरु के रिजल्ट केन्द्र में अच्छे मिलते हैं। पर फिर भी बहुत ज्यादा रिश्तों में केयरफुल रहें। खासकर ददिहाल के रिश्तों में सामाजिक मान सम्मान को बनाये रखने के लिए आपको जो प्रयास करना पड़े वो करें समझदारी रखें। धैर्य के साथ अपने कार्यों को करें। जल्दबाजी में कोई भी डिसीजन ना लें। दो लोगों से पूछकर अनुभवी व्यक्ति से पूछकर कार्य करें। बस इस बात का ध्यान रखें। गुरु का राशि परिवर्तन 21 मार्च 2023 in Hindi
अब गुरु की दृष्टियाँ पर आयें तो गुरु की पंचम दृष्टि आपके पंचम भाव पर पड़ रही है। गुरु की सप्तम दृष्टि आपके सप्तम भाव पर पड़ रही है और गुरु की नवम दृष्टि आपके भाग्य स्थान पर पड़ रही है। यहाँ पर राहू चूंकि साथ में बैठा और राहु की दृष्टियां भी गुरु की तरफ पंचम, सप्तम, नवम होती है पर राहु की दृष्टि अच्छी नहीं होती। पर गुरु की दृष्टि अच्छी होती तो यहाँ पर एक बैलेंस दिखाई दे रहा है। दृष्टियों के मामले में तो गुरु के रिजल्ट खुल कर आपको 30 अक्टूबर के बाद मिलने वाले हैं। अब विद्यार्थी वर्ग को अपनी परीक्षा में अपने मेहनत का फल जरूर प्राप्त होगा। पर कई बार ऐसी भ्रम की स्थितियां जरूर बनेगी जिसमें आपको लगेगा कि मैं क्या करूँ। असमंजस की स्थिति आपकी लाइफ में होगी। पर यहाँ पर आपको अपने टीचर और आपके पैरंट्स से पूछ कर काम करना है। कोई भी कार्य जल्दबाजी में न करें। शांति से करें। अगर आप ज्यादा टेंशन में आएंगे तो जल्दबाजी में गलत निर्णय ले बैठेंगे तो विद्यार्थी वर्ग के लिए समय सोच समझ कर आगे बढ़ने का है। संतान के मामले में भी आपको कठिनाईयां जरुर आएगी। जो दम्पति संतान प्राप्ति की अभिलाषा रखते हैं या आइवीएफ करा रहे हैं उनको थोड़ी मुश्किलें जरुर झेलने को देखने को मिलेगी। परन्तु चूंकि गुरु की दृष्टि भी है इसलिए अंततः रिजल्ट आपके लिए सकारात्मक रहेगा। गुरु की सप्तम दृष्टि जब सप्तम भाव पर पड़ेगी तो विवाह में कुछ मिसअंडरस्टैंडिंग चलेगी। उतार चढ़ाव चलेगा पर विवाह में आ रही बाधाएं दूर हो जाएंगी। फाइनली आपको अपना जीवनसाथी जरूर मिलेगा। मैनेजमेंट के कार्यों में चुनौतियां जरूर आएगी पर आप उन चुनौतियों को स्वीकार कर अपने जीवन में आगे बढ़ेंगे और अपने लक्ष्य को हासिल करने में सफल होंगे।
गुरु की नवम दृष्टि आपके भाग्य स्थान पर रहेगी और यहाँ पर वो आपके भाग्य को चमकाती हुई दिखाई देगी। इस समय आपके अटके हुए सभी कार्य पूरे होंगे। कामों में अटकाव की समस्या खत्म हो जाएगी और आध्यात्मिक कार्यों में आपका मन अधिक लगेगा। वैसे भी गुरू आध्यात्मिक आध्यात्म के देवता हैं और स्प्रिचुअलिटी से हमें जोड़ते हैं। अब यहाँ पर गुरु की नवम दृष्टि जोकि भाग्य स्थान पर पड़ रही है जो कि स्प्रिचुअलिटी का भी स्थान है वो आपको आध्यात्म की तरफ जरुर मुड़ेगा और आपका मन आध्यात्म में शांति पायेगा और ऐसे कार्यों में मन लगना भी चाहिए। बस अति न हो इस बात का ध्यान रखें क्योंकि आपके गृहस्थ के जीवन के कर्तव्यों को भी आपको निभाना है। अब 30 अक्टूबर के बाद का जो समय है तब गुरु खुलकर आयेंगे क्योंकि चांडाल योग खत्म हो जायेगा और राहू आपके ट्वेल्थ हाउस में चले जायेंगे | 30 अक्टूबर के बाद गुरु खुल कर आपको बहुत ही अच्छे और सकारात्मक परिणामों की तरफ ले जाएंगे और इन सभी क्षेत्रों में चार विद्यार्थी वर्ग छह संतान की तरफ सोच है। वैवाहिक जीवन हो चाहे आपका व्यापार हो या फिर आपसे भाग्य संबंधी काम हो या फिर आपके धार्मिक कार्य हों। इन सब में आपको निश्चित रूप से सफलता प्राप्त होगी। गुरु का राशि परिवर्तन 21 मार्च 2023 in Hindi
उपाय
- चूंकि ये गुरु राहु चांडाल योग बन रहा है इसीलिए आपको पशु पक्षियों की सेवा करनी चाहिए। चींटियों को दाना डालें। पशु पक्षियों को दाना पानी की व्यवस्था करें।
- साथ ही आपको शनिवार के दिन मछलियों को भी दाना डालना है।
- गुरू के कुछ उपाय आपको जरुर करने चाहिए। पानी में हल्दी मिक्स करके आप उससे स्नान जरुर करें। कम से कम ये कार्य आपको गुरूवार से गुरूवार जरुर करना है।
- इसके अलावा हल्दी गणेश आते हैं। उन हल्दी गणेश को पेन्डेन्ट के रूप में अपने गले में धारण कर लें। इससे गुरु के रिज़ल्ट आपको और भी अधिक बेहतरीन मिलेगे और गुरु की कृपा सदेव आप पर बनी रहेगी। आपके मान सम्मान और प्रसिद्धि में वृद्धि होगी।
- इसके साथ ही रोजाना हो सके तो विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ आपको जरुर करना चाहिए। सप्त धान का दान आपको जरुर करें। इससे गुरु राहु का जो चांडाल योग बन रहा है इसका इम्पैक्ट आपके जीवन में कम हो जाएगा और आपको अपने जीवन में गुरु के और अच्छे और पॉजिटिव रिजल्ट मिलना प्रारंभ हो जाएंगे।
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