गुप्त नवरात्रि पर्व
प्रारंभ : 13 जुलाई (शुक्रवार) 2018 सुबह 8 :15 से दोपहर 3:10 तक शाम 6 :00 से रात्री 9 : 00 तक |
समापन : 21 जुलाई (शनिवार) 2018 |
“नवरात्र पूजा विधान”
आषाढ़ में आने वाली नवरात्र , गुप्त नवरात्री के नाम से जाने जाते हैं | देश के अधिकतर स्थानों में गुप्त नवरात्रों के बारे में बहुत से लोग नहीं जानते हैं | गुप्त नवरात्रों में माँ भगवती की पूजा की जाती है | इस नवरात्री में माँ भगवती यानि माँ दुर्गा के सभी 9 रूपों की पूजा नवरात्र के प्रथम दिन से अंतिम दिन तक की जाती है | अतः आइये देखते हैं इन दिनों में किस देवी की पूजा कब की जानी चाहिए
13 जुलाई (शुक्रवार) ,2018 : घट स्थापन एवं माँ शैलपुत्री पूजा
14 जुलाई (शनिवार) 2018 : माँ ब्रह्मचारिणी पूजा
15 जुलाई (रविवार) 2018 : माँ चंद्रघंटा पूजा
16 जुलाई (सोमवार) 2018: माँ कुष्मांडा पूजा
17 जुलाई (मंगलवार) 2018 : माँ स्कंदमाता पूजा
18 जुलाई (बुधवार) 2018 : माँ कात्यायनी पूजा
19 जुलाई (बृहस्पतिवार) 2018: माँ कालरात्रि पूजा
20 जुलाई (शुक्रवार) 2018 : माँ महागौरी पूजा, दुर्गा अष्टमी
21 जुलाई (शनिवार ) 2018: माँ सिद्धिदात्री, नवरात्री पारण
नवरात्रों में माँ भगवती की आराधना दुर्गा सप्तसती से की जाती है , परन्तु यदि समय का अभाव हो तो भगवान् शिव रचित सप्तश्लोकी दुर्गा का पाठ करना अत्यंत ही प्रभाव शाली होता है तथा इससे दुर्गा सप्तसती का सम्पूर्ण फल प्रदान भी होता है |
कुंजिका स्त्रोत साधना विधि
नवरात्रों में माता दुर्गा की साधना करने का अत्यंत उपयुक्त समय होता है | माता की कृपा प्राप्ति मे इनका भी बहुत महत्व है |
नवरात्रो मे कृपा प्राप्ति हेतु साधना
विधि वत साधना करने से लोगो के कष्ट दूर कर सकते है इससे माता की विशेष कृपा प्राप्त होती है किसी भूत प्रेत पीडित का इलाज कर सकते है कि सी भी प्रकार का दर्द दूर कर सकते है |
करने को तो षट् कर्म भी कर सकते है लेकिन लोक हित मे उनकी विधि बताना उचित नही है |
सामान्य वशीकरण मे कुछ खाने पीने की वस्तु को अभिमंत्रित करके किसी व्यक्ति खिला सकते है | और इससे बहुत चमत्कारी कार्य भी किये जा सकते है |
विधि ——- सिध्द कुंजिका स्त्रोत साधना में –
सुबह नहा धोकर स्वछ वस्त्र पहनकर पूरब की ओर मुह करके बैठे | बेठने से पहले सामने माता जी की फोटो या मूर्ति रखे |
सिध्दि प्राप्त करने के लिये संकल्प लें |
संकल्प मे स्पष्ट रूप से अपनी इच्छा , मनोकामना रखे जैसे धन , मान. ,यश ,वशीकरण मोहन आदि अपनी इच्छा अनुसार |
साधना नियत समय नियत स्थान पर करन चाहिए | यह साधना रात्रि के समय भी आकर सकते है |
प्राथमिक पूजन जैसे गुरू पूजन ,गणेश पूजन , इष्ट पूजन ,कुलदेव पूजन , पित्र पूजन , स्थान देव पूजन ,लोकपाल दिक्पाल पूजन , व ग्रह पूजन आदि सभी का पंचोपचार पूजन करे | तत्पश्चात ही माता का पूजन करे |
कृपा प्राप्ति हेतु प्रार्थना करे | और साथ ही श्री सिध्द कुंजिका स्त्रोत का 108 पाठ एक आसन यानि बीच में बिना उठे एक बार में जाप सम्पन्न करे | जो माता के भक्त है उनको माता की कृपा से जल्दी लाभ मिलेगा है |
इसका प्रयोग धन प्राप्ति के लिये भी कर सकते है | नौकरी व्यवसाय इंटरव्यू मे सफलता के लिये भी इसका प्रयोग कर सकते है | माता जी की कृपा से सब कार्य सिद्ध होगे |
सिध्द कुंजिका स्त्रोत से आप बहुत कुछ कर सकते है | नवरात्रि मे सबसे बेहतर करने कि लिये यदि कुछ है तो वो है कुंजिका स्त्रोत – |
इसके द्वारा समस्त कार्य समस्त इच्छाये पूरी हो जाती है | कुंजिका स्त्रोत का संकल्प किसी भी प्रकार की इच्छा के लिये ले सकते है |
कुंजिका स्त्रोत के जाप 108 बार प्रतिदिन करना चाहिए | तथा नौवे दिन यथा शक्ति हवन करन चाहिए |
वेसे तो आप किसी के लिये भी संकल्प ले सकते है लेकिन गृह शान्ति , रक्षा , सुरक्षा , भूत बाधा को नष्ट करने के लिये संकल्प लेना उचित होगा |
कुंजिका स्त्रोत का मूल पाठ –
सबसे पहले निम्न मंत्र की एक माला जाप करें या पाठ के साथ साथ एक एक पाठ करते रहे| यदि पाठ का संकल्प 108 से कम का लिया है तो पहले मंत्र का एक माला जाप कर ले , फिर पाठ करे |
” ॐ एें ह्रीम क्लीं चामुंडायै विच्चै ॐ ग्लौ हूं क्ली जूं सः ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चै ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा ” इसके बाद पाठ बोले
जाप के बाद पाठ माता के बाये हाथ मे समर्पित करे क्षमा याचना कर फिर ही प्रणाम करे|
जो साधक ना होकर साधारण गृहस्थी वाले है वे 11 , 21 पाठ ही करे इसके बाद अपनी इच्छा अनुसार पाठ आकर सकते है | माता के भक्तो के लिये कोई लिमिट नही है |
सभी मित्रो को गुप्त नवरात्री की हार्दिक शुभकामनायें