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कर्क राशि मार्च 2023 राशिफल in Hindi |Kark Rashi Cancer March 2023 Horoscope | Nidhi Shrimali

कर्क राशि मार्च 2023 राशिफल in Hindi

आप सभी को भारतीय नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं। आज हम लेकर आये है  मार्च माह के कर्क राशि वालो के मासिक राशिफल की जानकारी और ये माह बहुत ही विशेष है क्यूंकि इस माह में दो बड़े पर्व आ रहे हैं। पहला पर्व होली का जिसका हमें साल भर से इन्तजार रहता है। रंगों के माध्यम से हम हमारे सभी द्वेष भाव गिले शिकवे भूलकर सभी को रंग लगाते हैं और ये रंग हमारे जीवन में बने रहें। यही हम प्रभु से प्रार्थना भी करते हैं। ये रंगो का पर्व हमें बहुत कुछ सिखाता है कि हमें हमारे जीवन में किसी भी बैर को किसी भी शत्रु को अपने जीवन में नहीं पालना चाहिए। शत्रुता अपने मन में किसी के लिए नहीं रखनी चाहिए और रंग अगर हमारे जीवन में ना हों तो हमारा जीवन ही सूना हो जाएगा। दूसरा बड़ा पर्व चैत्र नवरात्रि का आ रहा है। जिस दिन भारतीय नववर्ष की भी शुरुआत हो जाएगी, अब इन दो पर्वों की तिथि कौन सी है और और कौन कौन से त्योहार इस माह में आने वाले हैं, उसके बारे में जान लेते हैं। 4 मार्च को प्रदोष व्रत रखा जाएगा। 6 मार्च को होलिका दहन का पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जाएगा और 7 मार्च को पूर्णिमा और धुलंडी का पर्व मनाया जाएगा। 15 मार्च को शीतला अष्टमी का पर्व मनाया जाएगा। 22 मार्च को चैत्र नवरात्रि का पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जाएगा। हिन्दू नववर्ष भी इसी दिन से प्रारंभ होने वाला है और साथ ही गुड़ी परवा का पर्व भी इसी दिन मनाया जाएगा। 23 मार्च को चैतीचांद का पर्व मनाया जाएगा। 30 मार्च को रामनवमी आ रही है और 31 मार्च को चैत्र नवरात्रे समाप्त हो जाएंगे।

अब ये महीना ग्रहों की स्थिति के हिसाब से किस प्रकार से खास है, उसके बारे में जान लेते हैं। सबसे पहले बात करते हैं ग्रहों की राजा सूर्य की जो कि वर्तमान में अपनी अति शत्रु राशि कुम्भ में विराजमान हैं और 15 मार्च को वे मीन राशि में प्रवेश कर जाएंगे। वहीं बुध ग्रह की अगर बात करें तो वे वर्तमान में कुंभ राशि में विराजमान हैं और 16 मार्च को वे मीन राशि में प्रवेश करेंगे। 31 मार्च को वे पुनः मेष राशि में प्रवेश कर जाएंगे। मंगल ग्रह की बात करें तो वे वर्तमान में अपनी मित्र राशि वृषभ में विराजमान हैं और 13 मार्च को वे अपनी अति शत्रु राशि मिथुन में प्रवेश कर जाएंगे। गुरु ग्रह की बात करें तो वे इस पूरे माह अपनी खुद की राशि मीन स्वग्रही होकर विराजमान रहेंगे। शुक्र ग्रह वर्तमान में उच्च के होकर मीन राशि में विराजमान हैं और 12 मार्च को वे अपनी मित्र राशि मेष में प्रवेश करेंगे। शनि ग्रह की बात करें तो वे इस पूरे माह स्वग्रही होकर अपनी मूल त्रिकोण की राशि कुम्भ में विराजमान रहेंगे। राहू ग्रह की बात करें तो वे इस पूरे माह मेष राशि चूकिं उनकी सम राशि है और केतू उनकी सम राशि तुला में इस पूरे माह विराजमान रहने वाले हैं तो ये है उनकी ग्रह गोचर की स्थिति। अब इन ग्रहों की स्थितियों का क्या इफेक्ट आपके इस माह पर पड़ेगा उसके बारे में जान लेते हैं

सबसे पहले राशिफल की शुरुआत करते हुए हम आपको बताना चाहते  है कि ये जो हम आपको राशिफल प्रदान कर रहे है , ये चंद्र गणनाओं पर आधारित रहता है और आपकी राशि और लग्न दोनों के हिसाब से आप इसे देख सकते हैं। समान रूप से प्रभावशाली भी है। चलिए अब सबसे पहले आपकी राशि स्वामी पर आते हैं जो कि चंद्रमा चंद्रमा मन मस्तिष्क का कारक ग्रह होता चंद्रमा बहुत चंचल होता है। बहुत कम समय में यानि लगभग ढ़ाई दिनों में ही अपनी चाल परिवर्तित कर देता है। एक स्थान से दूसरे स्थान में चला जाता है यानि एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश कर जाता है तो आपकी भी चंचल प्रवृति जरूर है। परंतु इस बार चंद्रमा आपको। आपके कार्यों में सफलता जरुर दिलवाएगा क्योंकि गुरु की पंचम दृष्टि आपकी राशि पर आपके लग्न पर पड़ती है जो कि पर्सनैलिटी का भाव है इसमें भ्रमित होने का कोई स्थान नहीं है। अपने कार्य को कुशलता पूर्वक आप सम्पन्न करते हुए दिखाई देंगे। अपने आस पास के लोगों के साथ तालमेल बॉन्डिंग बहुत अच्छी रहेगी, जिससे प्रोफेशनल लाइफ में आपको विषेश लाभ भी देखने को मिलेगा क्यूंकि बॉस आपको एक लीडर की तरह ट्रीट करेंगे और एक टीम वर्क करने का आपको मौका देंगे और ऐसे मौकों की तलाश हर व्यक्ति को रहती है क्योंकि हर व्यक्ति उन्नति के रास्ते पर आगे बढ़ना चाहता है तो चंद्रमा के रिजल्ट इस माह आपको प्रोफेशनल लाइफ के हिसाब से तो बहुत खास मिलने ही वाले हैं, पर उसके साथ साथ पर्सनल लाइफ में भी आपके रिश्तों में अच्छा तालमेल और सामंजस्य देखने को मिलेगा।

अब द्वितीय भाव पर आ जाते है लेकिन द्वितीय भाव की अगर हम बात करे तो द्वितीयेश है सूर्य और सूर्य आधे माह तक 15 मार्च को चेंज हो जायेंगे तो आधे माह तक वे अपने ही घर को सप्तम दृष्टि से देखेंगे। क्योंकि सूर्य द्वितीय और तृतीय अपने से सप्तम जाकर बैठ है। पर यहाँ पर शनि सूर्य के साथ बैठा है तो शनि की दृष्टि भी धनभाव पर पड़ेगी और सूर्य की ओर शनि की दृष्टियां न्यूट्रल हो जायेगी। लेकिन वैसे तो सूर्य भी क्रूर ग्रह है और दृष्टिपात करेंगे तो और जहां पर सूर्य की दृष्टि सूर्य का तेज कितना तेज प्रकाश कितना तेज है। बहुत तेजवान ग्रह माने जाते हैं तो उनकी दृष्टि भी वैसी ही होती परन्तु अपने ही घर को अगर वे देखेंगे तो अपने घर का भला ही करेंगे। शनि की दृष्टि अच्छी नहीं होती है तो ये दोनों दृष्टियां एक साथ मिलकर न्यूट्रल होती हुई दिखाई देगी और सूर्य की दृष्टि का लाभ आपको जरूर देखने को मिलेगा। धन में निरंतर वृद्धि के पूर्ण योग बने हुए हैं। इस समय कार्य द्रुत गति से संपन्न होते हुए दिखाई देंगे। जो काम आप हाथ में लेंगे उसमें आप अच्छी सफलता प्राप्त करेंगे। हालाँकि आधे माह तक पिता पुत्र के बीच में वैचारिक मतभेद रह सकते हैं। जब तक शनि और सूर्य साथ में बैठे क्योंकि इन दोनों की आपस में शत्रुता होती है। ये भी पिता पुत्र हैं। इसीलिए पिता के साथ मतभेद से आपको इस टाइम पीरियड के दौरान बहुत ज्यादा बचकर रहना है। केयरफुल रहना आपके पिता आपका अच्छा ही चाहते हैं इसलिए उनकी बातों की अवज्ञा बिल्कुल भी ना करें। कुटुम्ब में मान सम्मान मिलेगा। वर्क प्लेस पर बड़ी अपॉर्च्युनिटी आपके लिए इस समय खड़ी दिखाई देगी। अब सूर्य जब 15 मार्च के बाद में आपके भाग्य स्थान में जाकर विराजमान होंगे तब वे गुरु के साथ में युति करते हुए दिखाई देंगे और सूर्य और गुरु की युति आपको बिस्तर से सम्बंधित कार्यों में बहुत अच्छी सफलता दिलवाएगी। जो युवक युवतियां इस समय गवर्नमेंट जॉब की तैयारी करना चाहते हैं या उसके एंट्रेंस एग्जाम देने या रिजल्ट का इंतजार करने और रिजल्ट आने या एग्जाम होना है तो वो सभी परिस्थितियां आपके लिए बहुत ही सकारात्मक होती हुई दिखाई देंगी। सूर्य आपके धनेश और धन भाव का स्वामी अपने से अष्टम जाकर बैठेगा और इस समय जब अपने से अष्टम सूर्य बैठेंगे तो आपको बहुत केयरफुल रहना होगा। निवेश करते समय सावधानी रखें। गुरु के साथ है इसलिए समझदारी से ही निर्णय लेंगे। पर फिर भी आपको एक दो किसी अनुभवी व्यक्तियों की सलाह लेनी ही चाहिए या फिर अपने घर के बुजुर्गों की सलाह ले। अपने माता पिता का आशीर्वाद लेकर उनसे सलाह मशविरा करके कोई भी निर्णय पर पहुंचे या नहीं। जल्दबाजी में किसी भी प्रकार का निर्णय आपको नहीं लेना है। बस इससे बचकर आपको चलना है।

अब आते हैं तृतीय स्थान पर तृतीय भाव की अगर  बात करे तो तृतीय हैं बुध और बुध जाकर बैठे शनि और सूर्य के साथ मैं देखे ये जो टाइम पीरियड बुध का है क्योंकि बुध 16 मार्च तक यहां पर रहने वाले 16 मार्च को चेंज होंगे और आपके भाग्य स्थान में आएंगे। पर 16 मार्च तक का जो समय रहेगा। बुध का वो समय इतना अच्छा नहीं है क्योंकि बुध 100 में ग्रह है और बुध के साथ कौन बैठा है? सूर्य और शनि और ये दोनों ही क्रूर ग्रह हैं। दो क्रूर ग्रहों के बीच में सौम्य  ग्रह फंस गया है। इस समय आपको अपने छोटे भाई बहनों से किसी भी प्रकार के मतभेद में नहीं पड़ना है। उनके साथ एक अच्छा तालमेल बनाकर चलें। पैतृक संपत्ति संबंधी विवादों को उकेरने का प्रयास न करें या बड़ा ना बनाएं क्योंकि वे आपके लिए नेगेटिव ही निकलेंगे। ऐसे विवादों का निपटारा आपके पक्ष में नहीं जायेगा। अगर ये समय आपके लिए सही नहीं है तो ऐसे कार्यों में संलग्न होने से भी आपको बचना चाहिए। इस समय कोई भी इम्पोर्टेन्ट या बड़ा काम आपको नहीं करना। किसी भी कंट्रोवर्सी में पॉलिटिक्स में आपको नहीं फसना हैं। बहुत ज्यादा आपको केयरफुल होकर चलना पड़ेगा। राजनीति से जो। वे लोगों को भी इस समय अपनी वाणी पर संयम करते हुए आगे बढ़ना। ऐसा कोई भी बयान आपको नहीं देना है जिससे आपको ट्रोल किया जाए और आप उसे अपनी ही वाणी के चक्कर में अपने ही शब्दों के फेर में फंस जाएं। इसीलिए बहुत संभलकर रहने में ही बुद्धिमानी है। चूंकि बुध बुद्धि के दाता ग्रह हैं, बुद्धि के स्वामी गणेश जी का हाथ बुध के ऊपर है। बुध के अधिपति देवता गणेशजी हैं और बुध 16 मार्च को चीन हो जाएंगे। चीन जो कि कहां बैठेंगे गुरु और सूर्य के साथ में युति करके बैठेंगे। जब बुध गुरु और सूर्य की युति होगी यह युति आपके लिए शानदार रिजल्ट वाली होगी क्योंकि यहां पर भाग्येश, धनेश और पराक्रमेश की युति होगी और यहां पर बुध और गुरु की दृष्टि भी पराक्रम भाव पर पड़ेगी। यानि जो राजनीति से जुड़े हुए हैं उनको कोई भी इम्पॉर्टेंट डिसीजन लेना है। कोई भी बड़े काम करने या फिर कोई ऐसे ऐसा ऐक्शन लेना है जो आपके लिए हितकर हो। आपके भविष्य के लिए सकारात्मक है तो ये सभी एक्शन आपको लेने हैं। 16 मार्च के बाद क्यूंकि वो समय आपके लिए उत्तम परिणाम दायक रहेगा। छोटे भाई बहनों से भी आपको पूर्ण साथ प्राप्त होगा। पैतृक संपत्ति संबंधी निपटारा अब इस समय होता हुआ दिखाई देगा तो आधे माह तक आपको शांत रहना। उसके बाद आप अपने मनचाहे कार्यों में संलग्न हो सकते हैं। यदि आप लेखनी का कोई काम करते हैं, शिक्षण व्यवसाय से जुड़े हुए उनके लिए यह समय शानदार परिणाम वाला रहेगा क्योंकि गुरु के साथ बुध और सूर्य की युति आपको अद्वितीय परिणामों से अवगत करवाए कि आपको अद्वितीय सफलताएं दिलवाएगी। वहीं गवर्नमेंट जॉब से जुड़े हुए लोगों के लिए भी ये समय बहुत ही शानदार रहने वाला है क्योंकि इस समय सूर्य भी गुरु के साथ बैठेंगे। बुध भी गुरु के साथ में बैठेंगे और तीनों की ये जो युति है ये आपके मार्ग के भटकाव की स्थितियों को रोड़ों को हटाते हुए आपको सफलता दिलवाने में सहायक साबित होगी तो बुध के रिजल्ट आपको पराक्रम भाव के हिसाब से बहुत ही सकारात्मक और अच्छे बेहतरीन देखने को मिलेंगे। अब बुध चूंकि आपके खर्चे भाव के स्वामी यानी ट्वेल्थ हाउस के लॉर्ड हैं और ट्वेल्थ हाउस के लॉर्ड अपने से नवम जाकर बैठे हैं। बुध का अपने से नवम जाकर बैठना बहुत अच्छा खर्चों में कमी लेकर आएगा। एक अच्छा तालमेल देखने को मिलेगा पर यहां पर आपको इस बात का ध्यान रखना है कि आपको इस समय ना तो किसी से कोई बड़ा उधार लेना है न किसी को बड़ा उधार देना है क्योंकि इस समय आपका किया गया कर्म आपको मुश्किलों में डाल सकता है। कर्ज की स्थिति आपके जीवन में बढ़ सकती है और अगर आपने किसी को उधार दिया है तो पैसा फंस सकता है तो ऐसी प्रक्रियाओं से जितना हो सके आपको परहेज रखने का आपको जरुरी है और परहेज आपको रखना भी चाहिए। 16 मार्च को जब बुध चेंज हो जाएंगे और गुरु के साथ में सूर्य के साथ में युति करके विराजमान होंगे। तब वे अपने खर्च भाव के स्वामी अपने से दशम जाकर बैठेंगे। तो इस समय आपके कार्य क्षेत्र में आप अच्छी उपलब्धियां हासिल करेंगे। अधिकारियों का साथ और सहयोग आपको भरपूर मिलेगा। व्यापारी वर्ग व्यापार में अच्छा लाभ प्राप्त करेंगे। कुछ बड़ी योजनाओं को आप क्रियान्वित करते हुए दिखाई देंगे तो यह समय बुध के हर तरीके से अच्छे रिजल्ट लेकर आएगा। परंतु आपको कुछ सावधानियों के साथ आगे बढ़ना पड़ेगा।

आगे बढ़ते हैं और जान लेते हैं तो सुख स्थान के बारे में सुख स्थान की बात करें तो सुखेश हैं शुक्र और सुख स्थान में बैठे हैं केतु शुक्र की अगर पोजीशन देखें तो शुक्र महीने के प्रारंभ में आपके भाग्य स्थान में जाकर विराजमान होते हुए दिखाई देंगे और शुक्र बैठेंगे गुरु के साथ यहां पर गुरु के साथ जो शुक्र की युति होगी वो बहुत ही अच्छी और देखने लायक रहेगी। आपके कार्य इस समय द्रुत गति से संपन्न होते हुए दिखाई देंगे। हालांकि शुक्र अपने से अष्टम जरूर बैठेंगे पर गुरु के साथ उनके रिजल्ट आपको अच्छे मिलेंगे। अगर आपको शुक्र से रिलेटेड कोई काम करते हैं। कोई पार्टनर कोई बड़े ब्रैंड का पार्लर आप चला रहे हैं। कोई चेन पार्टनर आपका है या कोई चेन, रेस्त्रां, चेन और होटेल्स के मालिक हैं तो निश्चित रूप से ये समय आपके लिए उन्नतिदायक और तरक्की दायक रहेगा। परंतु इस समय आपके पार्टनर के साथ आपको तालमेल बनाकर चलना है क्योंकि यह समय केतू के साथ में जो शुक्र के परिणाम दिलाने वाला है वो थोड़ा सा आपको इस समय मिसअंडरस्टैंडिंग हो सकती है और वर्क प्लेस पर आपकी पार्टनरशिप में थोड़ी सी खटास पड़ सकती है। इसलिए संभल कर रहें। विद्यार्थी वर्ग के लिए यह समय बहुत ही अच्छा रहेगा और खासकर जो कला वर्ग के छात्र हैं। उनके लिए यह समय बहुत अच्छा रहेगा। क्योंकि शुक्र और गुरू की युति होगी तो पढ़ाई में आ रही दिक्कतें खत्म हो जाएगी और आपको रिजल्ट और भी अधिक बेहतर और अच्छे देखने को मिलेंगे। अब शुक्र चूंकि आपके सुखेश होने के साथ साथ लाभ भाव के स्वामी हैं और लाभेश अपने से 11वें जाकर बैठा हैं। शुक्र का अपने से 11वां 12 तारीख तक जाकर बैठना आपके लिए बहुत ही अच्छे परिणाम लेकर आएगा। हालांकि इस समय ग्यारवें भाव में शुक्र गुरु के साथ में युति कर रहे हैं तो जो लोग कोई अपना खुद का स्टार्टअप शुक्र से रिलेटेड खोलना चाहते हैं, चाहे वो टिफिन सर्विस तो ट्रावेल बिजनेस तो फूड का बिज़नस हो, होटल व्यवसाय हो, रेस्त्रां हो या फिर कोई कला से संबंधित कार्य हो, उसमें आपको निश्चित रूप से सफलता मिलेगी क्योंकि लाभेश शुक्र अपने से बिहार में जाकर बैठेंगे पर उसके बाद 12 तारीख के बाद का समय न तो किसान के हिसाब से अच्छा है, न ही आपके लाभ भाव के हिसाब से। कारण क्योंकि शुक्र जाएंगे राहू के साथ में और आपके कर्म भाव में बैठेंगे। शनि की तीसरी दृस्टि, शुक्र और राहु के जड़त्व योग पर बनेगी और ये योग आपके लिए इतना अच्छा नहीं है। इसीलिए इस समय आपको कोई भी कार्य करने से पहले बहुत सावधानी रखनी है। कुछ छोटे छोटे आपके खर्चे भी आ सकते हैं पर इन खर्चो को बड़ा बनाने का प्रयास बिल्कुल भी न करें। बजट देखकर आपको इस समय चलना है। मां के साथ वाद विवाद की स्थितियों से भी आपको इस समय बचना होगा। वहीं लाभेश अपने से बारवे बैठेगी। राहु के साथ में जड़त्व योग बनाएगा। जड़त्व योग पर शनि की दृष्टि पड़ेगी तो ये समय आपको लाभ की स्थिति में भी प्रेशर ला सकता है। इसीलिए इस समय जो भी निवेश करें जो भी कार्य करें उसमें सोच समझ कर आगे बढ़ें। कोई भी बड़ा निवेश करने से बचें। रुटीन में चल रहे कार्यों को ही पूर्ण करने का प्रयास करें।

अब आते हैं पंचम भाव पर, पंचम भाव की बात करते हैं तो आपकी कुण्डली के अंदर मंगल योगकारक है क्योंकि पंचमेश भी है और कर्मेश है और कर्मेश और पंचमेश मंगल लाभ भाव में जाकर विराजमान हो रहे मंगल का लाभ भाव में जाकर बैठना। वो भी आधे माह तक यानि 13 तारीख तक मंगल आपके लाभ भाव में बैठेंगे और वहां पर भी बहुत अच्छे रिजल्ट देंगे क्योंकि पंचमेश का लाभ में जाकर बैठना करियर को लेकर कोई शुभ समाचार दिलवा सकता है। संतान से संबंधित शुभ समाचारों की प्राप्ति हो सकती है। खासकर जो साइंस के स्टूडेंट हैं, उनके लिए ये समय बहुत ही अच्छा रह सकता है और तकनीकी शिक्षा से जुड़े हुए छात्रों के लिए भी ये समय बहुत ही शानदार और सुखद परिणामों से भरा रहेगा क्यूंकि यह समय मंगल के रिजल्ट को और अधिक बेहतर बनाएगा। अब 13 तारीख को जब मंगल आपके ट्वेल्थ हाउस में जाकर खर्च भाव में आकर बैठेंगे तो इस समय तो वो थोड़ा सा खर्चो को नियंत्रित करेंगे क्योंकि क्रूर ग्रह है तो मंगल अगर उसमें बैठे हैं तो ठीक रिजल्ट पर। चूंकि सुखेश अपने से नवम जाकर बैठेंगे तो वे आपके भाग्य में भी उत्तरोत्तर वृद्धि करेंगे। कार्यों को निर्विघ्न संपन्न करवाएंगे। दिक्क़तें परेशानियां जीवन में थोड़ी सी कम होती हुई दिखाई देगी और मंगल के बेहतरीन रिजल्ट आपको इस समय देखने को मिलेंगे। थोड़ा सा निवेश करते समय मैने पहले भी बताया आपको सावधानी के साथ आगे बढ़ना है। विद्यार्थी वर्ग के लिए यह समय अच्छा रहेगा। भाग्य आपका साथ देगा कोई टेक्निकल प्रोग्रेस आपकी होती हुई दिखाई देगी और उससे संबंधित आपको शुभ समाचारों की प्राप्ति भी होगी। तो मंगल के रिज़ल्ट आपको पंचम भाव के हिसाब से बहुत ही अच्छे मिलेंगे। अब मंगल चूंकि कर्म भाव के स्वामी हैं और कर्मेश अपने से एक घर आगे जाकर बैठे बहुत बढ़िया और उसके बाद में कर्मेश अपनी तृतीय जाकर बैठेंगे तो भी बढ़िया तो मंगल के रिजल्ट कर्म भाव के हिसाब से बहुत अच्छे रहेंगे। पर यहाँ पर आपको बता दूं कि शुक्र राहु का जो जड़त्व योग बन रहा है वो कहीं न कहीं थोड़ा सा काम में भटकाव की स्थितियां ला सकता है। कई अधिकारियों के साथ मनमुटाव पैदा कर सकता है। कहीं कुछ काम आपके अटक सकते हैं। कुछ कठिनाइयाँ जरूर आ सकती है पर आपके हौसले चूंकि बुलंद हैं, आप रिस्क लेने की क्षमता रखते हैं। इसीलिए आपको अपने कार्यों में सफलता जरूर अर्जित करेंगे। मंगल के कारण आपको बहुत ही अच्छी और अप्रत्यासित सफलता इस समय देखने को मिलेगी और जो भी काम आप हाथ में लेंगे उसे पूरा करके ही दम लेंगे। यानी आप अपने टारगेट को सुनिश्चित करते हुए अपने जीवन में आगे बढ़ेंगे।

अब आते हैं आपके रोग भाव पर अब रोग भाव की बात कर लेते हैं। रोग भाव के स्वामी हैं गुरु और गुरु अपने से चतुर्थ जाकर बैठे हैं। गुरु का अपने से चतुर्थ में जाकर बैठना बहुत ही अच्छा परन्तु। पर यहां पर यदि मैं देखूं तो राहू की नवम दृष्टि रोग भाव पर पड़ रही है। गुरु चरबी से रिलेटेड गैस्टिक प्रॉब्लम से रिलेटेड नाक से रिलेटेड जुखाम से रिलेटेड कमर से रिलेटेड दर्द देता है और ह्रदय से संबंधित समस्याएं भी गुरु से रिलेटेड होती है और अस्थमा, एंग्जाइटी और श्वसन क्रिया से संबंधित जो भी प्रॉब्लम है वो गुरु के अधिकार क्षेत्र में आती है। इसलिए इन समस्याओं से संबंधित रोगियों को विशेष रूप से ध्यान देने की आवश्यकता है। बहुत ज्यादा अनर्गल प्रयास कर के अपने रोग को बढाने का प्रयास बिल्कुल भी ना करें। क्योंकि अगर ऐसा किया तो दिक्कत और ज्यादा बढ़ सकती है। शत्रु आपका कुछ नहीं बिगाड़ पाएंगे। हालाँकि कोशिश जरूर करेंगे परन्तु आपके हौसलों के दम पर आप अपने शत्रुओं पर विजय जरूर प्राप्त करेंगे। वहीं गलत मित्रों की संगति में भ्रमित होने का प्रयास बिल्कुल भी ना करें। इस समय ऐसी दोस्ती आयेगी। आपकी लाइफ में जो कि आपको भ्रमित करने का प्रयास करे। ऐसे दोस्तों से थोड़ा सा आपको बचकर रहने की आवश्यकता है। अब गुरु चूंकि भाग्येश है और भाग्य स्थान में स्वग्रही होकर बैठा है बहुत शानदार। पहले तो गुरु और शुक्र की युति भी बहुत अच्छी रहेगी और उसके बाद सूर्य, बुध और गुरू इन तीनों की युति से आपका भाग्य आपका साथ देगा और युवक युवतियों के लिए ये समय कल्याण कारी रहने वाला है और खासकर जब सूर्य और बुध दोनों ही आपके भाग्य स्थान में आ जाएंगे, उसके बाद का समय तो बहुत ही शानदार आपके लिए रहेगा। धर्म कर्म के कार्यों में आपकी रुचि बढ़ेगी। धार्मिक यात्रा संपन्न हो सकती है और मित्रों का साथ और सहयोग आपको भरपूर मिलेगा।

अब आते हैं आपके सप्तम भाव पर सप्तम भाव की बात कर लेते हैं। सप्तम भाव की अगर बात करे तो सप्तमेश शनि जो कि अपने से एक घर आगे जाकर बैठे अष्टम भाव में मूलमंत्र होकर बैठा है। लाइफ पार्टनर का पूरा सहयोग आपको जरूर मिलेगा। अगर कभी कभी आपको फाइनैंशली उनसे मदद लेनी पड़ सकती है तो वो आपकी मदद के लिए हर समय तत्पर रहेंगे। घर में छोटी मोटी दिक्कत खत्म हो जाएगी और एक परिवार एक बॉन्डिंग में बनता हुआ दिखाई देगा। व्यापारी वर्ग के लिए भी यह समय बहुत ही अच्छा है। व्यापार में कुछ नई योजनाओं का क्रियान्वयन कर सकते हैं। वहीं नौकरी पेशा लोगों के लिए भी यह समय बहुत ही बढ़िया रहने वाला है। नौकरी में आपको शुभ समाचारों की प्राप्ति होगी और अपने कार्यों में आप सफलता जरूर अर्जित करेंगे। आपकी कोई खोई हुई वस्तु भी इस समय आपको पुनः प्राप्त हो सकती है जिससे आपके मन में प्रसन्नता के भाव उत्पन्न होंगे। अब शनि के साथ में आकर बैठेंगे। अष्टम भाव में सूर्य और बुध आदि माता के दोनों यहाँ पर शनि के साथ में युति करके बैठेंगे। इस समय आपको बहुत ज्यादा केयरफुल होकर चलना है। हालाँकि ये समय देखे ऋण। अष्टम भाव का स्वामी अपने ही घर में स्वग्रही होकर बैठा है तो गुप्त धन की प्राप्ति के स्त्रोत आपको इस समय मिल सकते हैं। अचानक कहीं से लाभ प्राप्त हो सकता है जिसकी आप कल्पना नहीं की थी और ये लाभ आपके लिए बहुत ही शानदार और उत्तम परिस्थितियां उत्पन्न करेगा। आपके मनोबल को बढ़ाता हुआ दिखाई देगा। तो ये था कर्क राशि वालो का मार्च माह का मासिक राशिफल |

शुभ तारीखे :-  3 से 10 तारीख, 13 तारीख, 14 तारीख, 17 तारीख, 18 तारीख, 21 से 27 तारीख और 31 तारीख।

अशुभ तारीखे :-  1 तारीख, 2 तारीख, 11 तारीख, 12 तारीख, 15 तारीख, 16 तारीख, 19 तारीख, 20 तारीख, 28 तारीख, 30 तारीख |

शुभ रंग :-  सफेद क्रीम लाइट, येलो, लेमन येलो

उपाय

  • पूर्णिमा का व्रत आप जरूर रखें।
  • सोमवार के दिन चांदी के पात्र में पानी में शक्कर मिलाकर पीपल के पेड़ में जरूर अर्पित करें।
  • मून स्टोन रत्न चांदी के अंदर बनवाकर आपको जरूर अपने गले या फिर अंगूठी के रूप में धारण करना चाहिए।
  • वहीं रात्रि में चंद्रमा को अर्घ्य आपको जरूर देना चाहिए।

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