एकाक्षी नारियल
एकाक्षी नारियल नारियल रेशेनुमा ज़डों से आवृत्त होता है। इन ज़डों को हटा देने पर अधिकांश नारियलों पर तीन काले रंग की बिन्दु जैसी आकृति दिखाई देती है, इनमें से दो नेत्रों तथा एक मुख का परिचायक होती है। किसी-किसी नारियल में एक नेत्र और एक मुख के रूप में मात्र दो ही निशान होते हैं, इसे “एकाक्षी नारियल” कहते हैं। इसे घर में रखना अत्यंत शुभ माना जाता है। यद्यपि इसकी उपलब्धता दुर्लभ होती है लेकिन प्रयास करने पर यह प्राप्त हो जाता है। एकाक्षी नारियल को लाल कप़डे में लपेटकर, सिंदूर और कुंकुम आदि से पूजा करनी चाहिये। जिस घर में एकाक्षी नारियल की पूजा होती है, वहाँ लक्ष्मी जी की कृपा होती है, अन्न व धन की कभी कमी नहीं आती। व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर पूजा की जाये तो व्यवसाय की वृद्धि होती है। मान्यता के अनुसार ये नारियल साक्षात लक्ष्मी का रूप होता है। इसे घर में रखने से ही कई प्रकार की समस्याएं स्वत: ही दूर हो जाती है। एकाक्षी नारियल के कुछ प्रयोग इस प्रकार हैं- 1- गर्भवती स्त्री यदि प्रसव के पूर्व एकाक्षी नारियल को सूंघे तो प्रसव आसानी से होता है। 2- जिस घर में एकाक्षी नारियल की पूजा होती है, उस घर के लोगों पर तांत्रिक क्रियाओं का प्रभाव नहीं होता है। 3- यदि मुकद्में में विजय प्राप्त करनी हो तो रविवार के दिन एकाक्षी नारियल पर विरोधी का नाम लिख कर उस पर लाल कनेर का फूल रख दें और जिस दिन न्यायालय जाएं वह फूल साथ ले जाएं। फैसला आपके पक्ष में होगा। 4- जिस घर में एकाक्षी नारियल होता है वहां स्वयं लक्ष्मी वास करती हैं एवं उस परिवार के सदस्यों को मान-सम्मान, प्रतिष्ठा व यश प्राप्त होता है। 5- वन्ध्या स्त्री(जिसे संतान न हो रही हो) ऋतु स्नान के बाद एकाक्षी नारियल को धो कर उसका पानी पिलाया जाए तो संतान होने की संभावना बढ़ जाती है।
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