एकमुखी रुद्राक्ष अत्यंत दुर्लभ होता है |यह साक्षात शिव का स्वरूप हैं इसे धारण करने से समस्त पापों व समस्याओं से छुटकारा मिलता है। एक मुखी रूद्राक्ष का प्रतिदिन पूजन करने से या शरीर में धारण करने से आत्म-विश्वास व असीम ऊर्जा की प्राप्ति होती है। लोगों के प्रति मन में कल्याणकरी भावना जाग्रत होती हैं। एक मुखी रूद्राक्ष को गले में लाल घागे में धारण करने से सूर्य से जनित दोष भी शान्त हो जाते हैं। एक मुखी रुद्राक्ष को परब्रह्म माना जाता है | इसे साक्षात् भगवान शिव का ही रूप माना जाता है, इसमें स्वयं भगवान शिव ही विराजते हैं | एक मुखी के विषय में कहा गया है कि इसके दर्शन-मात्र से ही मानव का कल्याण हो जाता है,जिस घर में यह होता है उस घर में लक्ष्मी विशेष रूप से विराजती हैं |एक मुखी रुद्राक्ष सर्वोत्तम, सर्वमनोकामना-सिद्- ि, फलदायक और मोक्षदाता है | इसे सभी रुद्राक्षों में श्रेष्ठ माना गया है | इसे धारण करने से सभी प्रकार के अनिष्ट दूर हो जाते हैं, चाहे वह परिस्थितिवश हों अथवा दुश्मन-जनित | एकमुखी रुद्राक्ष को पूजने से मनवांछित फल प्राप्त होता है | जिसके गले में या पूजन में एक मुखी रुद्राक्ष है उस व्यक्ति के शत्रु खुद ही परास्त हो जाते हैं | एक मुखी रुद्राक्ष धारण करने से अवश्य ही पुण्य उदय होता है || एक मुखी रुद्राक्ष मानसिक शांति देकर मानव के समस्त पाप तथा संकट हर लेता है|
एक मुखी रुद्राक्ष धारण करने मात्र से ही गंभीर पापों से मुक्ति मिलकर, मन शांत होकर, इन्द्रियां वश में होकर व्यक्ति ब्रह्म ज्ञान की प्राप्ति की तरफ अग्रसर हो जाता है | शरीर में हाई BP इसके धारण करने से धीरे धीरे नियंत्रित होने लगता है और कम दवाई से ही BP शांत रहता है | सभी रुद्राक्षों में एक मुखी रुद्राक्ष को सर्वोत्तम स्थान दिया गया है | इसके धारण करने से शत्रुओं के षड़यंत्र से बचा जा सकता है और भक्ति, मुक्ति, युक्ति एवं धन लक्ष्मी की प्राप्ति में भी यह रुद्राक्ष सहायक है
मंत्र :-
वैसे तो एक मुखी रुद्राक्ष को धारण करने का मंत्र “ॐ ह्रीं नमः” है लेकिन शिव का पंचाक्षर बीज मंत्र “ॐ नमः शिवाय” से भी कोई भी रुद्राक्ष धारण किया जा सकता है | इस रुद्राक्ष को धारण करने के पश्चात् नित्य प्रति “ॐ नमः शिवाय” की पाँच माला जाप करने भर से इसका प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है |