आठ मुखी रुद्राक्ष अष्टदेवियों का प्रतिनिधि है तथा भगवान गणेश का रूप है. इस रूद्राक्ष की सत्तारूढ़ देवता भगवान गणेश जो भी बाधाओं की हटानेवाले यानी विघ्नहर्ता के रूप में जाने जाते है. इसलिए इस रूद्राक्ष के पहनने से भगवान गणेश के आशीर्वाद के कारण विफलताओं का सामना कभी नहीं करना पड़ता है । आठ मुखी रुद्राक्ष ज्ञान, विद्या को प्रदान करने वाला होता है.इसे धारण करने से व्यक्ति में इन्द्रीयों को नियंत्रित करने की शक्ति प्राप्त होती है तथा भूत,प्रेत जैसी बाधाओं का भय समाप्त होता है. आठ मुखी को धारण करने से द्वेष, ईर्ष्या जैसे भाव दूर होते हैं. मन में आस्था तथा सात्विक विचारों का प्रवाह होता है.आठ मुखी रूद्राक्ष से अपने जीवन की बाधाओं के सभी प्रकार को हटाने में मदद करता है इसे पहनने से मन एकाग्र रहता है भटकाव से मुक्ति मिलती है. मुकदमे में विजय प्राप्त होती है. दुर्घटना एवं शत्रुओं से रक्षा होती है. अष्ट मुखी रुद्राक्ष को विनायक अर्थात विध्नहर्ता माना जाता है. इसे धारण करने वाले व्यक्ति पर किसी भी प्रकार के तांत्रिक क्रियाओं का असर नहीं होता है.असाध्य रोगों से मुक्ति तथा मान सम्मान में वृद्धि करता है. राहु के बुरे प्रभावों से मुक्ति हेतु इसे धारण कर सकते हैं फेफड़ों की बीमारी, पैर का दर्द, चर्मरोग, मोतियाबिंद, श्वास रोग इत्यादि में नियंत्रण करता है. प्रोस्ट्रेट एवं पिताश्य के इलाज में उपयोगी होता है
आठ मुखी रुद्राक्ष
09
Sep